हमारे देश की ________ विविधता हमारा एक भाषायी _______ है IThis question was previously asked in Show CTET Paper 1 - 21st Dec 2021 (English-Hindi-Sanskrit) View all CTET Papers >
Answer (Detailed Solution Below)Option 2 : भाषिक, संबल Free 10 Questions 10 Marks 10 Mins जब किसी देश या समाज में अलग-अलग भाषा प्रयोग में ली जाती है तो उसे भाषा भाषाई विविधता कहा जाता है। भाषा में भाषायी विविधता का उदाहरण इसी तरह से देखा जा सकता है कि हमारे संविधान में 22 भाषाओ को शामिल किया गया है। इसके अतिरिक्त देश में कई अन्य भाषाओ का भी प्रयोग किया जाता है।
अतः हम कह सकते हैं कि हमारे देश की भाषिक विविधता हमारा एक भाषायी संबल है I Last updated on Oct 25, 2022 Detailed Notification for CTET (Central Teacher Eligibility Test) December 2022 cycle released. The last date to apply is 24th November 2022. The CTET exam will be held between December 2022 and January 2023. The written exam will consist of Paper 1 (for Teachers of class 1-5) and Paper 2 (for Teachers of classes 6-8). Check out the CTET Selection Process here. Candidates willing to apply for Government Teaching Jobs must appear for this examination. भारत
दुनिया के उन अनूठे देशों में से एक है जहां भाषाओं में विविधता की विरासत है। भारत के संविधान ने 22 आधिकारिक भाषाओं को मान्यता दी है। बहुभाषावाद भारत में जीवन का मार्ग है क्योंकि देश के विभिन्न भागों में लोग अपने जन्म से ही एक से अधिक भाषा बोलते हैं और अपने जीवनकाल के दौरान अतिरिक्त भाषाओं को सीखते हैं। - हालांकि आधिकारिक तौर पर यहाँ 122 भाषाएं हैं, भारत के लोगों के भाषाई सर्वेक्षण में 780 भाषाओं की पहचान की गई है, जिनमें से 50 पिछले पांच दशकों में विलुप्त हो चुकी हैं। संविधान
की अनुसूची में शामिल भाषाएँ संविधान के द्वारा मान्यता प्राप्त बाईस भाषाओं में असमिया, बंगाली, बोडो, डोगरी, गुजराती, हिन्दी, कश्मीरी, कन्नड़, कोंकणी, मैथिली, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, नेपाली, उड़िया, पंजाबी, संस्कृत, संथाली, सिंधी, तमिल, तेलुगू और उर्दू को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया है।
विशेष दर्जा प्राप्त भाषाएँ इनमें से तीनों भाषाओं संस्कृत, तमिल और कन्नड़ को भारत सरकार द्वारा विशेष दर्जा और श्रेष्ठ प्राचीन भाषा के रूप में मान्यता दी गई है। इन श्रेष्ठ प्राचीन भाषाओं का 1000 वर्ष से अधिक का लिखित और मौखिक इतिहास है। इन की तुलना में, अंग्रेजी काफी नवोदित है क्योंकि इसका मात्र 300 साल का इतिहास है।
अन्य भाषाएँ इन अधिसूचित और प्राचीन भाषाओं के अलावा, भारत के संविधान में अल्पसंख्यक भाषाओं के संरक्षण के लिए मौलिक अधिकार के रूप में एक अनुच्छेद को शामिल किया गया है। इसमें कहा गया है कि "भारत के किसी भी क्षेत्र और किसी भी भाग में रहने वाले नागरिकों के किसी भी वर्ग की विशिष्ट भाषा, लिपि या अपनी स्वयं की संस्कृति को संरक्षित करने का अधिकार होगा।". भारत की भाषा नीति और इतिहास साभार : विशनाराम माली Thanks for sharing, PDF file ready to download now Sorry, in order to download PDF, you need to share it
Download Contact Us103 B5/6, Second Floor Himalika Commercial Complex, Dr. Mukherjee Nagar, Delhi -110009; Email : gs4hindi [at] gmail [dot] com भाषायी विविधता का क्या अभिप्राय?भाषायी विविधता (Language Diversities) भारत एक बहुभाषी देश है। भारत में जनसंख्या, प्रजाति, धर्म तथा संस्कृति के आधार पर ही विभिन्नता नहीं पाई जाती बल्कि भाषा की दृष्टि से भी अनेक भिन्नतायें विद्यमान हैं। भाषायी सर्वेक्षणों से यह ज्ञात हुआ है कि यहाँ लगभग 179 भाषायें एवं 544 बोलियाँ (dilects) प्रचलित हैं।
भारत में भाषाई विविधता क्या है उल्लेख कीजिए?इनमें असमिया, बांग्ला, गुजराजी, हिन्दी, कन्नड़, कश्मीरी,मलयालम, मराठी, उड़िया, पंजाबी, संस्कृत, तमिल, तेलुगु, उर्दू सिंधी, नेपाली, मणिपुरी, कोंकणी, बोडो, मैथिली, डोगरी और संथाली शामिल हैं। यहाँ की भाषाओं को विभिन्न लिपियों में लिखा जाता है जो भारत की विविधता का द्योतक है। लिपि से आशय शब्द या वर्ण लिखने के तरीके से है।
विविधता में भाषा की क्या भूमिका है?वस्तुतः मनुष्य भाषा का व्यवहार स्वयं से ही बातचीत करने के लिए नहीं करता, भाषा एक से अधिक मनुष्यों के बातचीत करने का माध्यम है। इसीलिए एक व्यक्ति विभिन्न परिस्थितियों में अपनी बोली में चाहे जितना परिवर्तन कर ले, वह जिस समाज में रहता है उसमें उसकी बोली अवश्य समझी जायेगी और इसी ढंग से वह दूसरों की बोली को भी समझेगा।
सांस्कृतिक विविधता का अर्थ क्या है?सांस्कृतिक विविधता का क्या अर्थ है? जब हम यह कहते हैं कि भारत एक महान सांस्कृतिक विविधता वाला राष्ट्र है तो हमारा तात्पर्य यह होता है कि यहाँ अनेक प्रकार के सामाजिक समूह एवं समुदाय निवास करते हैं। यह समुदाय सांस्कृतिक चिह्नों जैसे, भाषा, धर्म, पंथ, प्रजाति या जाति द्वारा परिभाषित किए जाते हैं।
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