भारत में किस प्रकार की जलवायु पाई जाती है और क्यों? - bhaarat mein kis prakaar kee jalavaayu paee jaatee hai aur kyon?

भारत में उष्ण कटिबन्धीय मानसूनी प्रकार की जलवायु पाई जाती है

भारत  की जलवायु:-  भारत एक उष्ण कटिबन्धीय मानसूनी जलवायु वाला देश है जिसमें मानसनी वर्षा जलवाय का प्रमुख आधार एवं महत्वपूर्ण निर्धारक कारक होती है।  इसलिए अधिकांश विद्वानों ने अपने वर्गीकरण के मूल आधार के रूप में देश में वर्षा के वितरण को ही चुना है।

भारत को जलवायु प्रदेशों में विभाजित करने वाले विद्वानों में ब्लेनफोर्ड, विलियमसन, क्लार्क, कोपेन, ट्रिवार्था, थोर्नथ्वेट, केण्ड्रयू, स्टाम्प, काजी अहमद आदि के नाम उल्लेखनीय हैं।

उन्नीसवी शताब्दी के अन्त में ब्लेनफोर्ड ने सर्वप्रथम भारत के जलवाय् प्रदेशों का विवरण प्रस्तुत किया था। उनके अनुसार, “जलवायु की दृष्टि से भारत सर्वाधिक विभिन्नता प्रस्तुत करने वाला देश है।”

भारतीय जलवायु का तात्पर्य एक वर्ष के सामान्य औसत से कहीं अधिक है। यद्यपि वर्षा के अधिकांश समय यहाँ सूर्य काफी ऊंचाई पर रहता है परन्तु फिर भी यहाँ तापमान यूरोप की अपेक्षा कई अंश ऊँचा रहता है।

विलियमसन और क्लार्क ने सन् 1931 में वार्षिक वर्षा के वितरण को अपने वर्गीकरण का मूल आधार मानकर भारत को 13 जलवायु विभागों में विभाजित किया था।

कोपेन ने सन् 1918 में वर्षा की मात्रा एवं वनस्पति के आधार पर अपना विभाजन प्रस्तुत किया तथा लम्बे-लम्बे वर्णनों के स्थान पर सांकेतिक चिन्हों का प्रयोग किया।

सन् 1936 में थोर्नथ्वेट ने भी कोपेन की भाँति सांकेतिक प्रणाली को अपनाकर भारत को जलवायु प्रदेशों में विभाजित किया है। इन्होंने वर्षा की मात्रा तथा वाष्पीकरण की मात्रा को अपने वर्गीकरण का प्रमुख आधार माना है। कोपेन की तुलना में थानथ्वेट विभाजन अधिक जटिल है।

ट्विार्था ने कोपेन के विभाजन में आवश्यक संशोधन कर भारत को 4 प्रमुख जलवायु विभागों में बॉटकर 7 उपविभागों में बाँटा है।

कोपेन का जलवायु विभाजन (Koppen’s Climatic Classification)

जर्मन के प्रख्यात जीवविज्ञानवेत्ता ब्लामिडिर कोपेन ने सन् 1918 में वनस्पति के आधार पर संसार के जलवायु प्रदेशों का वर्गीकरण प्रस्तुत किया जिसमें बाद में उन्होंने क्रमश: सन् 1931 और 1936 में महत्वपूर्ण संशोधन एवं परिवर्तन किये।

आवश्यक संशोधनों के उपरान्त कोपेन के इस वर्गीकरण को नवीनतम विश्लेषण की संज्ञा दी गयी। कोपेन ने वार्षिक एवं मासिक औसत तापमान तथा वर्षा की मात्रा को अपने वर्गीकरण के प्रमुख आधारों के रूप में चुना।

प्राकृतिक वनस्पति को जलवायु की पूर्ण अभिव्यक्ति के रूप में माना। कोपेन का मत था कि वाष्पीकरण और वर्षा की मात्रा वनस्पति की उपज और विकास को पूर्ण रूप से प्रभावित करती है।

अत: किसी स्थान की वनस्पति को देखकर जिस पर तापमान व वर्षा का स्पष्ट प्रभाव दृष्टिगोचर होता है, हम वहाँ की जलवायु का पता लगा सकते हैं। कोपेन के अनुसार, “जलवायु वनस्पति का सही मापदण्ड है।

कोपेन ने अपने वर्गीकरण में विस्तृत विवरणों के स्थान पर सांकेतिक अक्षरों का सत्र रूप में प्रयोग किया है।

कोपेन ने भारत को निम्नलिखित जलवायु विभागों में बाँटा है। सर्वप्रथम इन्होंने जलवायु के 5 वृहदखण्ड निर्धारित किये हैं जिन्हें अंग्रेजी के बड़े अक्षरों A, B, C, D और E द्वारा प्रकट किया है। इन वृहदखण्डों का वितरण निम्नलिखित है :

A- उष्ण कटिबन्धीय आर्द्र जलवायु

B- शुष्क जलवायु

c-  उष्ण शीतोष्ण आर्द्र जलवायु

D – उपध्रुवीय जलवायु

E- ध्रुवीय जलवायु

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भारत : जलवायु

Exercise ( अभ्यास )

प्रश्न-1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में दीजिए-

(क) मौसम क्‍या है ? यह ऋतु से किस प्रकार भिन्‍न है ?

उत्तर : हम देखते हैं कभी तेज धूप है कभी सामान्य दिन होता है कभी सर्दी होती है,तो कभी वर्षा होने लगती है| कभी-कभी ये सभी या इनमें से कुछ स्थितियां एक ही दिन में हमारे सामने आती हैं इस घटना को मौसम कहते हैं जैसे बारिश का मौसम,गर्म मौसम ,ठंडा मौसम आदि | जबकि जब एक ही तरह का मौसम अधिक समय तक लगभग 2 से 3 माह तक रहता है उसे ऋतु कहते हैं |

(ख) मौसम, ऋतु और जलवायु के तत्व क्या हैं ? जलवायु, ऋतु से किस प्रकार भिन्‍न है?

उत्तर : मौसम ऋतु और जलवायु के तत्व वायुदाब, तापमान, आर्द्रता हैं, ऋतुओं का चक्र जब कई वर्षों तक लगभग 30 से 35 वर्ष से अधिक तक लगातार एक समान रहता है तो मौसम की इस दशा को उस क्षेत्र की जलवायु कहते हैं जबकि ऋतु एक समान वातावरणीय स्थितियां दो-तीन महीने तक बनी रहती हैं तो इसे हम ऋतु कहते हैं |

(ग) जलवायु क्‍या है ? भारत में किस प्रकार की जलवायु पाई जाती है ?

उत्तर : ऋतुओं का चक्र जब कई वर्षों लगभग 30-35 वर्ष से अधिक समय तक लगातार एक समान रहता है तो मौसम की इस दशा को उस क्षेत्र की जलवायु कहते हैं, भारत में मानसूनी जलवायु पाई जाती है |

(घ) भारत में मुख्यतः कौन-कौन सी ऋतुएँ होती हैं ?

उत्तर : भारत में चार प्रमुख ऋतु होती हैं-
(1) दिसंबर से फरवरी तक ठंडा मौसम ( शीत ऋतु )
(2) मार्च से मई तक गर्म मौसम ( ग्रीष्म ऋतु )
(3) जून से सितंबर तक वर्षा का मौसम ( वर्षा ऋतु )
(4) अक्टूबर से नवंबर तक सामान्य मौसम ( शरद ऋतु )

(ड) मानसूनी हवाएँ क्‍या हैं ?

उत्तर : कर्क रेखा हमारे देश को लगभग दो बराबर भागों में विभाजित करती है इसके दक्षिण का भाग उष्ण कटिबंध गर्म जलवायु क्षेत्र जबकि उत्तर का भाग उपोष्ण कटिबंध कुछ गर्म क्षेत्र के अंतर्गत आता है इसलिए ग्रीष्म ऋतु में ऊंचाई वाले स्थानों को छोड़कर पूरे देश के स्थलीय भाग पर तापमान काफी अधिक रहता है किंतु अरब सागर तथा बंगाल की खाड़ी का तापमान कम रहता है | इस कारण नमी युक्त हवाये समुद्र से स्थल की ओर चलती हैं और अधिक वर्षा करती हैं |

इस स्थिति के विपरीत शीत ऋतु में उत्तरी क्षेत्र का तापमान काफी कम हो जाता है किंतु अरब सागर तथा बंगाल की खाड़ी का तापमान अपेक्षाकृत अधिक होता है | इस कारण अपेक्षाकृत शुष्क हवाएं स्थल से समुद्र की ओर चलने लगती हैं और कम वर्षा करती हैं, ऋतु के अनुसार दिशा परिवर्तन करने वाली इन हवाओं को मानसूनी हवाएं कहते हैं|

(च) भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों में अधिक वर्षा क्‍यों होती है ?

उत्तर : भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य तीन और पहाड़ों से घिरे हैं इस कारण जल वाष्पयुक्त बादल यहां से आगे नहीं बढ़ पाते हैं और पूरी तरह से स्वयं को जलवाष्प से खाली कर देते हैं| इससे भारत के उत्तरी पूर्वी राज्य में अधिक वर्षा होती है |

(छ) शीत ऋतु में उत्तर भारत में अधिक ठण्ड क्‍यों पड़ती है ?

उत्तर : शीत ऋतु में सूर्य की किरणें भारतीय भूभाग पर अपेक्षाकृत तिरछी पड़ती है जिससे यहां ठंड पड़ती है | दिन अपेक्षाकृत गर्म और रातें ठंडी होती हैं | पहाड़ों पर बर्फ जम जाती है, जिसके फलस्वरूप हवाएं चलने पर उत्तर भारत के मैदानों में शीतलहर चलती है | जिससे उत्तर भारत में अधिक ठंड पड़ती है |

प्रश्न-2. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

(क) शीत ऋतु में किसान रबी की फसलों की बुआई करते हैं।

(ख) उत्तर के मैदानों में ग्रीष्म ऋतु में चलने वाली शुष्क व गर्म हवाओ को लू कहते हैं।
(ग) मौसम और जलवायु के मूल तत्व एक ही होते हैं।
(घ) वायु में ऊष्मा या ठण्डक की मात्रा को तापमान कहते हैं।
(ड) भारत में वर्षा का वितरण असमान है।

प्रश्न-3. सही उत्तर के सामने बने वृत्त को काला कीजिए-

(क) विश्व में सबसे अधिक वर्षा वाला स्थान कौन सा है ?
(अ) मुम्बई
(ब) आसनसोल
(स) मॉसिनराम

(ख) दक्षिण-पश्चिमी मानसून के समय नमी युक्त हवाएं कहाँ बहती हैं ?
(अ) स्थल से समुद्र की ओर
(ब) समुद्र से स्थल की ओर
(स) पठार से मैदान की ओर से

(ग) उत्तर-पूर्वी मानसून द्वारा किस राज्य में सर्वाधिक वर्षा की जाती है ?
(अ) तमिलनाडु
(ब) गोवा
(स) महाराष्ट्र

(घ) भारत में सबसे कम वर्षा किस राज्य में होती है ?
(अ) गुजरात
(ब) राजस्थान
(स) हरियाणा

(ड.) कर्क रेखा के दक्षिण का भारतीय भाग किस कटिबंध में आता है ?
(अ) उष्ण कटिबंध
(ब) उपोष्ण कटिबंध
(स) शीत कटिबंध

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भारत में कौन सी जलवायु पाई जाती है और क्यों पाई जाती है?

भारत की जलवायु दक्षिण में उष्णकटिबंधीय है और हिमालयी क्षेत्रों में अधिक ऊँचाई के कारण अल्पाइन (ध्रुवीय जैसी)। एक ओर यह पुर्वोत्तर भारत में उष्ण कटिबंधीय नम प्रकार की है तो पश्चिमी भागों में शुष्क प्रकार की।

जलवायु क्या है भारत में किस प्रकार की?

एक पूर्वी जेट धारा जिसे उपोष्ण कटिबंधीय पूर्वी जेट धारा कहा जाता है गर्मी के महीनों में प्रायद्वीपीय भारत के ऊपर लगभग 14° उत्तरी अक्षांश में प्रवाहित होती है। भारत की जलवायु मानसूनी पवनों से बहुत अधिक प्रभावित है। ऐतिहासिक काल में भारत आने वाले नाविकों ने सबसे पहले मानसून परिघटना पर ध्यान दिया था।

कितने प्रकार की जलवायु पाई जाती है?

इसे सुनेंरोकेंतापमान के आधार पर पृथ्वी की जलवायु को तीन मुख्य वर्गों में रखा जा सकता है-उष्णकटिबंधीय, शीतोष्ण कटिबंधीय तथा ध्रुवीय । वर्षा के आधार पर शुष्क, आर्द्र, ऋतुवत् शुष्क तथा ऋतुवत् आर्द्र जलवायुविक प्रकारों की पहचान की जा सकती है ।