भारत में जनसंख्या वृद्धि से आप क्या समझते हैं? - bhaarat mein janasankhya vrddhi se aap kya samajhate hain?

जनसंख्या वृद्धि किसी भी क्षेत्र में लोगों की संख्या बढ़ने को कहा जाता है। पूरे दुनिया में मनुष्य की जनसंख्या हर साल लगभग 8.3 करोड़ या 1.1% की दर से बढ़ती जा रही है। वर्ष 1800 को पूरे विश्व की जनसंख्या लगभग एक अरब थी, जो 2017 तक बढ़ कर 7.6 अरब हो गई है। आगे भी इसकी संख्या में बढ़ाव की ही उम्मीद है और ये अंदाजा लगाया गया है कि 2030 के मध्य तक ये आबादी 8.6 अरब हो जाएगी और 2050 तक 9.8 अरब तक हो जाएगी। 2100 तक इसकी आबादी 11.2 अरब तक हो सकती है।

इतिहास[संपादित करें]

18वीं सदी के दौरान जब औद्योगिक क्रांति शुरू हुई तो पश्चिमी देशों में बहुत ही तेजी से जनसंख्या वृद्धि शुरू हो गई थी। इस जनसंख्या वृद्धि के कारण को जानने के लिए ब्रिटिश वैज्ञानिक थॉमस मैककियोन (1912-1988) ने खोज शुरू किया था। उसने इस खोज से प्राप्त जानकारी का प्रकाशन मॉडर्न राइज़ ऑफ पॉप्युलेशन में किया।

देश अनुसार वृद्धि दर[संपादित करें]

यूनाइटेड नेशन के अनुसार 1990 और 2010 के मध्य विश्व की जनसंख्या में 30% या 1.6 खरब मनुष्यों की वृद्धि हुई है। इस वृद्धि में सबसे आगे भारत (35 करोड़) और चीन (19.6 करोड़) हैं। प्रतिशत के हिसाब से यह संख्या सबसे ज्यादा संयुक्त अरब अमीरात में 315% और कतर में 271% है।

सबसे अधिक जनसंख्या वाले देशों का जनसंख्या वृद्धि दर
स्थान देश जनसंख्या
2010
जनसंख्या
1990
वृद्धि (%)
1990–2010
  विश्व 6,89,58,89,000 5,30,64,25,000 30.0%
1
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चीन
1,34,13,35,000 1,14,51,95,000 17.1%
2
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भारत
1,22,46,14,000 87,37,85,000 40.2%
3
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अमेरिका
31,03,84,000 25,33,39,000 22.5%
4
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इंडोनेशिया
23,98,71,000 18,43,46,000 30.1%
5
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ब्राज़ील
19,49,46,000 14,96,50,000 30.3%
6
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पाकिस्तान
17,35,93,000 11,18,45,000 55.3%
7
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नाइजीरिया
15,84,23,000 9,75,52,000 62.4%
8
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बांग्लादेश
14,86,92,000 10,52,56,000 41.3%
9
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रूस
14,29,58,000 14,82,44,000 -3.6%
10
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जापान
12,80,57,000 12,22,51,000 -4.7%

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

  • जनसंख्या घनत्व
  • जनसंख्या नियंत्रण
  • विश्व जनसंख्या दिवस‌‌

सन्दर्भ[संपादित करें]

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

जनसंख्या वृद्धि से क्या समझते है?

जनसंख्या वृद्धि किसी भी क्षेत्र में लोगों की संख्या बढ़ने को कहा जाता है। पूरे दुनिया में मनुष्य की जनसंख्या हर साल लगभग 8.3 करोड़ या 1.1% की दर से बढ़ती जा रही है। वर्ष 1800 को पूरे विश्व की जनसंख्या लगभग एक अरब थी, जो 2017 तक बढ़ कर 7.6 अरब हो गई है।

जनसंख्या वृद्धि से आप क्या समझते हैं भारत में अधिक जनसंख्या के कारणों की व्याख्या करें?

जनसंख्या वृद्धि का एक प्रमुख कारण जीवन प्रत्याशा का बढ़ना है। मृत्यु-दर में कमी होने से जीवन प्रत्याशा में भी वृद्धि होती है। जन्म-दर एवं मृत्यु-दर दो ऐसे कारक हैं जो जीवन प्रत्याशा को प्रभावित करते है। भारत में सन् 1921 में जीवन प्रत्याशा 20 वर्ष थी जो वर्तमान में बढ़कर 63 वर्ष हो गयी है।

भारत में जनसंख्या वृद्धि का क्या स्वरूप है?

लैंसेट अध्ययन के अनुसार, वर्ष 2048 में भारत की जनसंख्या विश्व सर्वाधिक होने का अनुमान लगाया गया है जो वर्ष 2017 की 1.38 बिलियन जनसंख्या से बढ़कर लगभग 1.6 बिलियन हो जाएगी। वर्ष 2100 में भारत की जनसंख्या 1.09 बिलियन अनुमानित की गई है। अध्ययन के अनुसार, वर्ष 2100 में भारत विश्व का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश होगा।

जनसंख्या वृद्धि के प्रभाव क्या है?

जनसंख्या के धनात्मक वृद्धि के सकारात्मक प्रभाव किसी क्षेत्र या विश्व के लिए लाभकारी होता है। सकारात्मक प्रभाव बढ़ती जनसंख्या किसी क्षेत्र के लिए समस्या उतपन्न नहीं करती बल्कि वर्तमान समस्याओ और आनेवाली समस्याओ को समाधान करती है। कुछ देश जनसंख्या को समस्या के रूप में नहीं बल्कि संसाधन के रूप में अपनाया है।