भारत कि प्रथम महिला शासक रजिया सुल्तान[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
जन्म : 19 नवंबर 1917 मृत्यु : 31 अक्टूबर 1984 इंदिरा गांधी का जन्म 19 नवंबर 1917 को इलाहाबाद में आनंद भवन में हुआ था। अपने दृढ़ निश्चय, साहस और निर्णय लेने की अद्भुत क्षमता के कारण इंदिरा गांधी को विश्व राजनीति में 'लौह महिला' के रूप में जाना जाता है। पिता जवाहरलाल नेहरू आजादी की लड़ाई का नेतृत्व करने वालों में शामिल थे। वही दौर रहा, जब 1919 में उनका परिवार बापू के सान्निध्य में आया और इंदिरा ने पिता नेहरू से राजनीति का ककहरा सीखा। मात्र 11 साल की उम्र में उन्होंने ब्रिटिश शासन का विरोध करने के लिए बच्चों की वानर सेना बनाई। 1938 में वे औपचारिक तौर पर इंडियन नेशनल कांग्रेस में शामिल हुईं और 1947 से 1964 तक अपने प्रधानमंत्री पिता नेहरू के साथ उन्होंने काम करना शुरू कर दिया। ऐसा भी कहा जाता था कि वे उस वक्त प्रधानमंत्री नेहरू की निजी सचिव की तरह काम करती थीं, हालांकि इसका कोई आधिकारिक ब्योरा नहीं मिलता। पिता के निधन के बाद कांग्रेस पार्टी में इंदिरा गांधी का ग्राफ अचानक काफी ऊपर पहुंचा और लोग उनमें पार्टी एवं देश का नेता देखने लगे। वे सबसे पहले लालबहादुर शास्त्री मंत्रिमंडल में सूचना एवं प्रसारण मंत्री बनीं। शास्त्रीजी के निधन के बाद 1966 में वे देश के सबसे शक्तिशाली पद 'प्रधानमंत्री' पर आसीन हुईं। एक समय ‘गूंगी गुड़िया’ कही जाने वाली इंदिरा गांधी तत्कालीन राजघरानों के प्रिवीपर्स समाप्त कराने को लेकर उठे तमाम विवाद के बावजूद तत्संबंधी प्रस्ताव को पारित कराने में सफलता हासिल करने, बैंकों का राष्ट्रीयकरण करने जैसा साहसिक फैसला लेने और पृथक बांग्लादेश के गठन और उसके साथ मैत्री और सहयोग संधि करने में सफल होने के बाद बहुत तेजी से भारतीय राजनीति के आकाश पर छा गईं। 1971 के युद्ध में विश्व शक्तियों के सामने न झुकने के नीतिगत और समयानुकूल निर्णय क्षमता से पाकिस्तान को परास्त किया और बांग्लादेश को मुक्ति दिलाकर स्वतंत्र भारत को एक नया गौरवपूर्ण क्षण दिलवाया। वर्ष 1975 में आपातकाल लागू करने का फैसला करने से पहले भारतीय राजनीति एक ध्रुवीय-सी हो गई थी जिसमें चारों तरफ इंदिरा ही इंदिरा नजर आती थीं। इंदिरा की ऐतिहासिक कामयाबियों के चलते उस समय देश में ‘इंदिरा इज इंडिया, इंडिया इज इंदिरा’ का नारा जोर-शोर से गूंजने लगा। राजनीति की नब्ज को समझने वाली इंदिरा मौत की आहट को तनिक भी भांप नहीं सकीं और 31 अक्टूबर, 1984 को उनकी सुरक्षा में तैनात दो सुरक्षाकर्मियों सतवंत सिंह और बेअंत सिंह ने उन्हें गोली मार दी। दिल्ली के एम्स ले जाते समय उनका निधन हो गया। वे वर्ष 1966 से 1977 और 1980 से 1984 के बीच प्रधानमंत्री रहीं। ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद वे सिख अलगाववादियों के निशाने पर थीं। 31 अक्टूबर 1984 को उनके दो सिख अंगरक्षकों ने ही उनकी हत्या कर दी। भारत की प्रथम महिला राष्ट्रपति कौन थे?हालांकि अलग-अलग श्रेणी की बात करे तो यह सम्मान नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन, प्रसिद्ध कलाकार सतीश गुजराल, उद्योगपति रघुपत सिंघानिया को प्रदान किया गया है ! प्रतिभा देवीसिंह पाटिल (जन्म १९ दिसंबर १९३४) स्वतन्त्र भारत के ६० साल के इतिहास में पहली महिला राष्ट्रपति तथा क्रमानुसार १२वीं राष्ट्रपति रही हैं।
भारत की दूसरी प्रधानमंत्री महिला कौन थी?जनवरी 1980 से वह योजना आयोग की अध्यक्ष रहीं। 14 जनवरी 1980 में वे फिर से प्रधानमंत्री बनीं। श्रीमती इंदिरा गांधी कमला नेहरू स्मृति अस्पताल, गांधी स्मारक निधि और कस्तूरबा गांधी स्मृति न्यास जैसे संगठनों और संस्थानों से जुडी हुई थीं। वे स्वराज भवन न्यास की अध्यक्ष थीं।
विश्व की पहली महिला प्रधानमंत्री कौन है?“सिरिमावो भंडारनायके” श्रीलंका की एक प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ और आधुनिक विश्व की पहली महिला प्रधानमंत्री थी। वह श्रीलंका की फ्रीडम पार्टी की नेता थी।
विश्व की पहली महिला राष्ट्रपति कौन है?Detailed Solution. दुनिया की पहली महिला राष्ट्रपति अर्जेंटीना की मार्मा एस्तेला 'इसाबेल' मार्टिनेज कार्टास डी पेरोन थी। वह 1974 से 1976 तक अर्जेंटीना की राष्ट्रपति थी। उनके पति राष्ट्रपति जुआन पेरोन के कार्यालय में मृत्यु हो जाने के बाद, इसाबेल 1 जुलाई, 1974 से 24 मार्च, 1976 तक राष्ट्रपति के रूप में सेवा प्रदान की थी।
|