उत्तर - भरत ने सपने में देखा कि समुद्र सूख गया । चन्द्रमा धरती पर गिर पड़े । वृक्ष सूख गए । राजा दशरथ को एक राक्षसी खींचकर ले जा रही है । वे रथ पर बैठे हैं । रथ गधे खींच रहें हैं ।
प्रश्न-4 भरत को संदेश कब मिला?
उत्तर - जिस समय भरत मित्रों को अपना सपना सुना रहे थे ठीक उसी समय अयोध्या से घुड़सवार दूत वहाँ पहुँचे । तभी भरत को संदेश मिला ।
प्रश्न-5 क्या भरत का मन ननिहाल में लग रहा था?
उत्तर - भरत का मन ननिहाल में नहीं लग रहा था । उनका मन वहाँ से उचट गया था । वे अयोध्या पहुँचने को उतावले थे ।
प्रश्न- 6 केकयराज ने भरत को कितने रथों और सेना के साथ विदा किया?
उत्तर - केकयराज ने भरत को सौ रथों और सेना के साथ विदा किया ।
प्रश्न- 7 भरत अयोध्या कितने दिनों में पहुँचे?
उत्तर - भरत अयोध्या आठ दिनों में पहुँचे ।
प्रश्न- 8 भरत को अयोध्या पहले जैसी क्यों नहीं लगी?
उत्तर - भरत को अयोध्या पहले जैसी इसलिए नहीं लगी क्योंकि चारों तरफ शांति थी ।
प्रश्न- 9 किसने किससे कहा?
i. “मैं नहीं जानता कि उसका अर्थ क्या है? पर सपने से मुझे डर लगने लगा है ।”
भरत ने अपने संगी साथियों से कहा ।
ii. “पुत्र तुम्हारे पिता चले गए हैं । वहाँ जहाँ एक दिन हम सबको जाना है ।”
कैकेयी ने भरत से कहा ।
प्रश्न-10 भरत क्या सुनते ही शोक में डूब गए?
उत्तर- यह सुनते ही भरत शोक में डूब गए कि उनके पिता राजा दशरथ का निधन हो गया है ।
प्रश्न-11 राजा दशरथ के मुँह कौन से अंतिम तीन शब्द निकले?
उत्तर- राजा दशरथ के मुँह से अंतिम तीन शब्द निकले – हे राम! हे सीते! हे लक्ष्मण!
प्रश्न-12 राम ने कोई अपराध नहीं किया था फिर भी उन्हें वनवास क्यों जाना पड़ा?
उत्तर - राम ने कोई अपराध नहीं किया था फिर भी उन्हें वनवास जाना पड़ा क्योंकि कैकयी ने महाराजा दशरथ से प्रार्थना की थी कि राम को चौदह वर्ष का वनवास हो और भरत को राजगद्दी दी जाए ।
प्रश्न- 13 किसने किससे कहा?
i. “उठो पुत्र! यशस्वी कुमार शोक नहीं करते । तुम्हारा इस प्रकार दुःखी होना उचित नहीं है ।”
कैकेयी ने भरत से कहा ।
ii. “उन्होंने मेरे लिए कोई सन्देश दिया?”
भरत ने कैकेयी से कहा ।
iii. “नहीं अंतिम समय में उनके मुँह से केवल तीन शब्द निकले ।”
कैकेयी ने भरत से कहा ।
iv. “महाराज ने उन्हें वनवास दे दिया है । चौदह वर्ष के लिए । सीता और लक्ष्मण भी राम के साथ गए हैं ।”
कैकेयी ने भरत से कहा ।
v. “परन्तु वनवास क्यों? भ्राता राम से कोई अपराध हुआ है?”
भरत ने कैकेयी से कहा ।
vi. “उठो पुत्र राजगद्दी सम्भालो ।”
कैकेयी ने भरत से कहा ।
vii. “यह तुमने क्या किया, माते! ऐसा अनर्थ!”
भरत ने कैकेयी से कहा ।
viii. “तुमने पाप किया है, माते! इतना साहस कहाँ से आया तुममें?”
भरत ने कैकेयी से कहा ।
ix. “मैं राजपद नहीं ग्रहण करूँगा । तुमने ऐसा सोचा कैसे?”
भरत ने कैकेयी से कहा ।
x. “आप भी सुन लें । मेरी माँ ने जो किया है, उसमें मेरा कोई हाथ नहीं है ।”
भरत ने सभासदों से कहा ।
प्रश्न-14 सुध-बुध लौटने पर भरत कहाँ गए?
उत्तर- सुध-बुध लौटने पर भरत रानी कौशल्या के महल की ओर गए ।
प्रश्न-15 कौशल्या को किस बात का दुःख था?
उत्तर- कौशल्या को इस बात का दुःख था कि कैकेयी ने राज लेने का जो तरीका अपनाया वह अनुचित और निर्मम था ।
प्रश्न-16 शत्रुघ्न को क्या पता चल गया था?
उत्तर - शत्रुघ्न को पता चल गया था कि कैकेयी के कान किसने भरे ।
प्रश्न-17 भरत और शत्रुघ्न किस बात पर मंत्रणा कर रहे थे?
उत्तर - भरत और शत्रुघ्न राम को वापस लाने पर मंत्रणा कर रहे थे ।
प्रश्न-18 मुनि वशिष्ठ आयोध्या का राजसिहांसन रिक्त क्यों नहीं देखना चाहते थे?
उत्तर - मुनि वशिष्ठ आयोध्या का राजसिहांसन रिक्त इसलिए नहीं देखना चाहते थे क्योंकि खाली सिहांसन के खतरों से वे परिचित थे ।
प्रश्न- 19 किसने किससे कहा?
i. “मैं राम के पास जाऊँगा । उन्हें मनाकर लाऊँगा । प्रार्थना करूँगा कि वो गद्दी संभालें । मैं दास बनकर रहूँगा ।”
भरत ने सभासदों से कहा ।
ii. “पुत्र तुम्हारी मनोकामना पूरी हुई । तुम जो चाहते थे, हो गया । राम अब जंगल में हैं । अयोध्या का राज तुम्हारा है ।”
रानी कौशल्या ने भरत से कहा ।
iii. “राम मेरे प्रिय अग्रज हैं । मैं उनका अहित सोच भी नहीं सकता । मैं निरपराध हूँ ।”
भरत ने रानी कौशल्या से कहा ।
iv. “वत्स!तुम राजकाज संभाल लो।पिता के निधन और बड़े भाई के वन गमन के बाद यही उचित है ।”
मुनि वशिष्ठ ने भरत से कहा ।
v. “मुनिवर, यह राज्य राम का है । वही इसके अधिकारी हैं । मैं यह पाप नहीं कर सकता । हम सब वन जाएँगे । और राम को वापस लाएँगे ।”
भरत ने मुनि वशिष्ठ से कहा
प्रश्न-20 अयोध्या की सेना का क्या नाम था?
उत्तर- अयोध्या की सेना का चतुरंगिणी नाम था ।
प्रश्न-21 गंगा यमुना के संगम पर किसका आश्रम था?
उत्तर- गंगा यमुना के संगम पर महर्षि भरद्वाज का आश्रम था ।
प्रश्न-22 राम को वापस लाने वन कौन-कौन गए?
उत्तर - राम को वापस लाने वन भरत, मंत्रिगण, सभासद, गुरु वशिष्ठ और नगरवासी गए ।
प्रश्न-23 राम महर्षि भरद्वाज के आश्रम में क्यों नहीं रहना चाहते थे?
उत्तर - राम महर्षि भरद्वाज के आश्रम में नहीं रहना चाहते थे ताकि महर्षि को असुविधा ना हो ।
प्रश्न-24 पर्णकुटी कहाँ बनाई गई?
उत्तर - पर्णकुटी एक पहाड़ी पर बनाई गई ।
प्रश्न-25 निषादराज गुह ने गंगा पार करने के लिए कितनी नाव जुटायी?
उत्तर - निषादराज गुह ने गंगा पार करने के लिए पाँच सौ नाव जुटायी ।
प्रश्न-26 निषादराज गुह को सेना देखकर क्या संदेह हुआ?
उत्तर - निषादराज गुह को सेना देखकर संदेह हुआ कि कहीं राजमद में आकर भरत राम पर आक्रमण करने तो नहीं जा रहें ।
प्रश्न-27 भरत को राम का समाचार किनसे पता चला?
उत्तर - भरत को राम का समाचार महर्षि भरद्वाज से पता चला ।
प्रश्न- 28 किसने किससे कहा?
i. “भेंट के लिए सेना के साथ आने का औचित्य?”
लक्ष्मण ने राम से कहा ।
ii. “भैया, भरत सेना के साथ इधर आ रहे हैं । लगता है वे हमें मार डालना चाहते हैं । ताकि एकछत्र राज कर सकें ।”
लक्ष्मण ने राम से कहा ।
iii. “भरत हम पर हमला नहीं करेगा । कभी नहीं । वह हम लोगों से भेंट करने आ रहा होगा ।”
राम ने लक्ष्मण से कहा ।
प्रश्न-29 भरत की पॉँव की गति अचानक क्यों बढ़ गई?
उत्तर- भाई से मिलने की उत्कंठा में भरत की पॉँव की गति अचानक बढ़ गई ।
प्रश्न-30 भरत को पहाड़ी पर किसकी छवि दिखी?
उत्तर- भरत को पहाड़ी पर राम की छवि दिखी ।
प्रश्न-31 राम-भरत मिलाप का वर्णन कीजिए ।
उत्तर - राम शिला पर बैठे हुए थे । भरत दौड़ कर राम के चरणों में गिर पड़े । राम ने भरत को उठा कर सीने से लगा लिया ।
प्रश्न-32 भरत किस बात के लिए साहस नहीं जुटा पा रहे थे?
उत्तर - भरत इस बात के लिए साहस नहीं जुटा पा रहे थे की वे भाई राम को किस प्रकार सुचना दें कि पिता दशरथ नहीं रहें ।