सभापतियों की सूची
बिहार एवं उड़ीसा विधान परिषद् के सभापति एवं इनके कार्यकाल | ||
सभापति | सभापतित्व काल | |
1 | माननीय सर वाल्टन मोड़े | 1921 |
2 | माननीय डा. सच्चिदानन्द सिन्हा | जुलाई, 1921 नवम्बर, 1922 |
3 | माननीय खान बहादुर ख्वाजा मु. नूर | 1922 - 1929 |
4 | माननीय बाबू निरसू नारायण सिंह | 1930 - 1932 |
5 | माननीय बाबू रजनधारी सिंह | 1933 - 1936 |
बिहार विधान परिषद् के सभापति एवं इनके कार्यकाल | ||
1 | माननीय राजीव रंजन प्रसाद | 23 जुलाई, 1937 से 6 सितंबर,1948 |
2 | माननीय श्यामा प्रसाद सिंह | 7 सितम्बर, 1948 से 11 मई, 1952 |
3 | माननीय नईमा खातून हैदर (संविधान की धारा 184 (1) के अन्तर्गत) | 12 मई, 1952 से 15 मई, 1952 |
4 | माननीय श्यामा प्रसाद सिंह | 15 मई, 1952 से 6 मई, 1958 |
5 | माननीय रामेश्वर प्रसाद सिंह (संविधान की धारा 184 (1) के अन्तर्गत) | 4 अप्रील, 1959 से 7 अप्रील, 1959 |
6 | माननीय राय ब्रज राज कृष्णा (संविधान की धारा 184 (1) के अन्तर्गत) | 7 अप्रील, 1959 से 6 मई, 1962 |
7 | माननीय राधा गोविन्द प्रसाद (संविधान की धारा 184 (1) के अन्तर्गत) | 7 मई, 1962 से 10 सितम्बर, 1962 |
8 | माननीय रावणेश्वर मिश्र | 11 सितम्बर, 1962 से 6 मई, 1964 |
9 | माननीय कुमार गंगा नन्द सिंह (संविधान की धारा 184 (1) के अन्तर्गत) | 7 मई, 1964 से 24 सितम्बर, 1964 |
10 | माननीय थियोडोर बोदरा (संविधान की धारा 184 (1) के अन्तर्गत) | 24 सितम्बर, 1964 से 30 अगस्त, 1965 |
11 | माननीय देवशरण सिंह | 30 अगस्त, 1965 से 6 मई, 1968 |
12 | माननीय थियोडोर बोदरा (संविधान की धारा 184 (1) के अन्तर्गत) | 7 मई, 1968 से 16 मई, 1972 |
13 | माननीया रामप्यारी देवी (संविधान की धारा 184 (1) के अन्तर्गत) | 17 मार्च, 1972 से 6 मई, 1972 |
14 | माननीय अनिल कुमार सेन (संविधान की धारा 184 (1) के अन्तर्गत) | 7 मई, 1972 से 5 जून, 1972 |
15 | माननीय अब्दुल गफूर | 5 जून, 1972 से 2 जुलाई, 1973 |
16 | माननीय डा. राम गोविन्द सिंह (संविधान की धारा 184 (1) के अन्तर्गत) | 2 जुलाई, 1973 से 5 जनवरी, 1975 |
17 | माननीय महेन्द्र प्रसाद (संविधान की धारा 184 (1) के अन्तर्गत) | 5 जनवरी, 1975 से 18 मार्च, 1975 |
18 | माननीय डा. राम गोविन्द सिंह (संविधान की धारा 184 (1) के अन्तर्गत) | 7 जनवरी, 1975 से 18 मार्च, 1975 |
19 | माननीय कृष्णकान्त सिंह (संविधान की धारा 184 (1) के अन्तर्गत) | 18 मार्च, 1975 से 19 मार्च, 1975 |
20 | माननीय डा. राम गोविन्द सिंह (संविधान की धारा 184 (1) के अन्तर्गत) | 19 मार्च, 1975 से 6 मई, 1976 |
21 | माननीय सुश्री राजेश्वरी सरोज दास (संविधान की धारा 184 (1) के अन्तर्गत) | 7 मई, 1976 से 6 मई, 1980 |
22 | सभापति एवं उप-सभापति के दोनों पद रिक्त | 7 मई, 1980 से 13 जून, 1980 |
23 | माननीय शामू चरण तुविद (संविधान की धारा 184 (1) के अन्तर्गत) | 14 जून, 1980 से 24 जुलाई, 1980 |
24 | माननीय पृथ्वी चन्द किस्कू | 25 जुलाई, 1980 से 12 जनवरी, 1985 |
25 | सभापति एवं उप-सभापति के दोनों पद रिक्त | 13 जनवरी, 1985 से 17 जनवरी, 1985 |
26 | माननीय राजेश्वरी सरोज दास (संविधान की धारा 184 (1) के अन्तर्गत) | 18 जनवरी, 1985 से 29 जनवरी, 1985 |
27 | माननीय अरुण कुमार | 5 जुलाई, 1985 से 3 अक्तूबर, 1986 |
28 | माननीय डा. उमेश्वर प्रसाद वर्मा (संविधान की धारा 184 (1) के अन्तर्गत) | 4 अक्तूबर, 1986 से 18 जनवरी, 1990 |
29 | माननीय डा. उमेश्वर प्रसाद वर्मा | 19 जनवरी, 1990 से 6 मई, 1994 |
30 | माननीय डा. रघुवंश प्रसाद सिंह (संविधान की धारा 184 (1) के अन्तर्गत) | 7 मई, 1994 से 5 अप्रील, 1995 |
31 | माननीय प्रो. जाबिर हुसेन (संविधान की धारा 184 (1) के अन्तर्गत) | 6 अप्रील, 1995 से 25 जुलाई, 1996 |
32 | माननीय प्रो. जाबिर हुसेन | 26 जुलाई, 1996 से 6 मई, 2000 |
33 | माननीय प्रो. जाबिर हुसेन (संविधान की धारा 184 (1) के अन्तर्गत) | 7 मई, 2000 से 29 जून, 2000 |
34 | माननीय प्रो. जाबिर हुसेन | 30 जून, 2000 से 15 अप्रील, 2006 |
35 | माननीय प्रो. अरुण कुमार (संविधान की धारा 184 (1) के अन्तर्गत) | 16 अप्रील, 2006 से 4 अगस्त, 2009(अप.) |
36 | माननीय ताराकान्त झा | 4 अगस्त, 2009 से 6 मई, 2012 |
37 | माननीय अवधेश नारायण सिंह | 8 अगस्त, 2012 से 8 मई, 2017 |
वर्तमान में बिहार विधान परिषद के सभापति कौन हैं?
बिहार विधान परिषद.
बिहार विधान परिषद के प्रथम सभापति कौन है?
सभापतियों की सूची.
बिहार विधान सभा परिषद के सभापति कब बने?
7 फरवरी, 1921 को जब बिहार-उड़ीसा विधान परिषद् अस्तित्व में आई तो सर वाल्टर मॉडे प्रथम सभापति मनोनीत हुए। 28 मार्च, 1936 को बिहार के लिए अलग विधान परिषद् गठन किए जाने का आदेश हुआ ।
बिहार में विधान परिषदों की संख्या कितनी है?
बिहार पुनर्गठन अधिनियम, 2000 द्वारा बिहार के 18 जिलों तथा 4 प्रमंडलों को मिलाकर 15 नवम्बर, 2000 ई. को बिहार से अलग कर झारखंड राज्य की स्थापना की गई और बिहार विधान परिषद् के सदस्यों की संख्या 96 से घटाकर 75 निर्धारित की गई।