बिहार दिवस कब और क्यों मनाया जाता है - bihaar divas kab aur kyon manaaya jaata hai

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बिहार दिवस हर साल 22 मार्च को मनाया जाता है।[1] यह बिहार राज्य के गठन को चिह्नित करता है। इसी दिन अंग्रेजों ने 1912 में बंगाल से बिहार को अलग कर एक राज्य बनाया था।[2][3] इस दिन बिहार में सार्वजनिक अवकाश होता है।[4] मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जब बिहार में सत्ता संभाली तो उन्होंने 22 मार्च को बिहार दिवस मनाने को ऐलान किया। इसका मुख्य मकसद अपने राज्य की विशिष्टताओं की दुनियाभर में ब्रांडिंग तथा बिहारी होने पर गर्व करना है।

  1. "बिहार दिवस विशेष: ऐसे अस्तित्व में आया अपना बिहार, ...जानें". MPost (अंग्रेज़ी में). 2022-03-22. अभिगमन तिथि 2022-03-22.
  2. "Stage set for 105th Bihar Diwas". मूल से 24 March 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 30 October 2019.
  3. "Bihar Diwas: Sunidhi Chauhan to perform at Gandhi Maidan on Mar 22". मूल से 15 March 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 30 October 2019.
  4. "Bihar Diwas marks public Holiday in Bihar". news.biharprabha.com. अभिगमन तिथि 22 March 2014.

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  • सीएस1 अंग्रेज़ी-भाषा स्रोत (en)

डीएनए हिंदी : हर साल 22 मार्च को बिहार दिवस(Bihar Diwas) मनाया जाता है. यह दिन बिहार राज्य के बनने की स्मृतियों से जुड़ा हुआ है. 1912 में इसी दिन बिहार को बंगाल से हटकर स्वतंत्र राज्य का दर्जा मिला था. 

अंग्रेज सरकार ने दिया था बिहार को स्वतंत्र राज्य का दर्जा 
1912 में देश आज़ाद नहीं हुआ था. अंग्रेज सरकार ने शासन में सहूलियत के लिए बंगाल से अलग हटाकर बिहार राज्य(Bihar State) का निर्माण किया था. 22 मार्च 1912 को ब्रिटिश इंडिया के तत्कालीन गवर्नर लार्ड हार्डिंग्स ने इंग्लैंड के सम्राट जार्ज पंचम के आदेश के अनुसार बंगाल राज्य को विभाजित कर  बिहार और असम राज्यों के गठन की अधिसूचना ज़ारी की थी. अंग्रेजों द्वारा बनाए गए इस नए राज्य में तब पांच प्रमंडल थे. ये पांच प्रमंडल भागलपुर, पटना, तिरहुत, छोटानागपुर और उड़ीसा थे.  1936 में उड़ीसा(Odisha) को अलग राज्य का दर्जा दिया गया. इस बिहार में पुरुलिया और इस्लामपुर ज़िला भी शामिल था जिसे  1956 में बिहार राज्य पुनर्गठन की सिफारिश पर वापस पश्चिम बंगाल का हिस्सा बना दिया गया. आख़िरी बार बिहार विभाजन 2000 में हुआ था जब बिहार के दक्षिणी 18 ज़िलों को मिलाकर झारखंड राज्य बनाया गया था. 

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कैसे मनाया जाता है बिहार दिवस ? 
हर साल राज्य सरकार 22 मार्च(Bihar Diwas) को बड़े धूमधाम से मनाती है. इस दिन राज्य भर में छुट्टी की घोषणा होती है. इस साल 22 मार्च को बिहार राज्य 110 साल का हो गया. 

Neha Upadhyay | नवभारतटाइम्स.कॉमUpdated: Mar 22, 2022, 10:55 AM

Bihar Diwas 2022: हर साल बिहार सरकार एक नोटिफिकेशन जारी करती है जिसमें 22 मार्च को बिहार दिवस के रूप में मनाने के लिए पब्लिक हॉलिडे घोषित किया जाता है।

बिहार दिवस कब और क्यों मनाया जाता है - bihaar divas kab aur kyon manaaya jaata hai
Bihar Diwas: 22 मार्च को मनाया जाता है बिहार दिवस।

हाइलाइट्स

  • 1912 में बंगाल से अलग होकर अस्तित्व में आया था बिहार।
  • 2022 में गठन के 110 साल पूरे कर रहा है बिहार।
  • 22 मार्च को हर साल मनाया जाता है बिहार दिवस।

भारत के स्वर्णिम इतिहास का साक्षी और सीता और गुरु नानक देव जैसे व्यक्तित्व की जन्मस्थली बिहार, केवल एक राज्य मात्र नहीं है। यह स्थान है वेदों और प्राकृतिक सौंदर्य का। ऐतिहासिक स्थल, उपजाऊ भूमि और विभिन्नताओं से भरा यह राज्य अपने आप में अनोखा है और इसे अनोखे राज्य के गठन को उत्सव के रूप में मनाने के लिए बिहार दिवस का आयोजन किया जाता है। बिहार एक ऐसा राज्य है जो हर साल कई प्रतियोगी परीक्षाओं में अपनी सेवा देता है।

बिहार दिवस इतिहास (Bihar Diwas History)
1912 में अंग्रेजो ने बंगाल प्रांत से अलग करके बिहार को एक नई पहचान दी थी और 2022 में बिहार अपने गठन के 110 सालों को पूरा कर रहा है। बिहार दिवस (Bihar Diwas) हर साल बिहार राज्य के गठन के प्रतीक के तौर पर 22 मार्च को मनाया जाता है। इस दिन अंग्रेजों ने 1912 में बंगाल से राज्य का निर्माण किया था। बिहार दिवस पर हर साल बिहार में सार्वजनिक अवकाश यानी पब्लिक हॉलिडे होता है।

बिहार दिवस की शुरुआत बिहार सरकार द्वारा नीतीश कुमार के कार्यकाल में बड़े पैमाने पर की गई थी। इतना ही नहीं बिहार दिवस भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, बहरीन, कतर, संयुक्त अरब अमीरात, त्रिनिदाद और टोबैगो और मॉरीशस जैसे देशों में भी बड़े पैमाने पर मनाया जाता है।

हर साल बिहार सरकार एक नोटिफिकेशन जारी करती है जिसमें 22 मार्च को बिहार दिवस के रूप में मनाने के लिए पब्लिक हॉलिडे घोषित किया जाता है। यह हॉलिडे राज्य और केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आने वाले सभी कार्यालयों और कंपनियों पर लागू होता है और साथ ही स्कूलों में छात्रों द्वारा भाग लेने वाले विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करके भी इस दिन को मनाया जाता है।

बिहार की स्थापना
बिहार का इतिहास बहुत पुराना है लेकिन 1912 में बंगाल के विभाजन के कारण बिहार एक राज्य के रूप में अस्तित्व में आया। 1935 में उड़ीसा इससे अलग कर दिया गया। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान बिहार के चंपारण के विद्रोह को, अंग्रेजों के खिलाफ बगावत फैलाने में महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक गिना जाता है। स्वतंत्रता के बाद बिहार का एक और विभाजन हुआ और सन 2000 में झारखंड राज्य इससे अलग कर दिया गया। भारत छोड़ो आंदोलन में भी बिहार की गहन भूमिका रही।

बिहार एक प्रमुख शैक्षणिक केंद्र
आपने भारत का इतिहास पढ़ते समय भारत में शिक्षा के विषय में अवश्य सुना होगा। एक समय बिहार शिक्षा के प्रमुख केंद्रों में गिना जाता था। नालंदा विश्वविद्यालय, विक्रमशिला विश्वविद्यालय और ओदंतपुरी विश्वविद्यालय प्राचीन बिहार के गौरवशाली अध्ययन केंद्र थे। हालांकि कई कारणों से वर्तमान में बिहार की शिक्षा प्रणाली बेहद खस्ता हालत में है लेकिन प्रयास यही है कि इस एक बार फिर प्रमुख शैक्षणिक केंद्र बना कर स्वयं को मातृभूमि के कर्ज से मुक्त कर लिया जाए। राज्य की शिक्षा व्यवस्था खस्ताहाल होने के कारण भी आज बिहार के युवा देश के कई प्रतियोगी परीक्षाओं में अपना परचम लहरा कर बिहार को गौरवान्वित कर रहे हैं।

बिहार का राज्य गीत
बिहार का राज्य गीत है 'मेरे भारत के कंठहार, तुझको शत्‌-शत्‌ वंदन विहार'। इस गीत को ऑफिशियल तौर पर मार्च 2012 में अपनाया गया था। इस राज्य गीत को प्रख्यात बांसुरी वादक हरिप्रसाद चौरसिया और प्रसिद्ध संतूर वादक शिवकुमार शर्मा ने सुरों से सजाया है। इस गीत को शब्द दिए हैं मशहूर कवि सत्यनारायण ने।

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Web Title : Hindi News from Navbharat Times, TIL Network

22 मार्च बिहार दिवस क्यों मनाया जाता है?

बिहार दिवस इतिहास (Bihar Diwas History) बिहार दिवस (Bihar Diwas) हर साल बिहार राज्य के गठन के प्रतीक के तौर पर 22 मार्च को मनाया जाता है। इस दिन अंग्रेजों ने 1912 में बंगाल से राज्य का निर्माण किया था। बिहार दिवस पर हर साल बिहार में सार्वजनिक अवकाश यानी पब्लिक हॉलिडे होता है।

बिहार दिवस का महत्व क्या है?

डीएनए हिंदी : हर साल 22 मार्च को बिहार दिवस(Bihar Diwas) मनाया जाता है. यह दिन बिहार राज्य के बनने की स्मृतियों से जुड़ा हुआ है. 1912 में इसी दिन बिहार को बंगाल से हटकर स्वतंत्र राज्य का दर्जा मिला था. 1912 में देश आज़ाद नहीं हुआ था.

बिहार दिवस सबसे पहले कब मनाया गया था?

किसने शुरू ही बिहार दिवस मनाने की परंपरा भले ही साल 1912 से बिहार का अस्तित्व एक अलग राज्य के तौर पर बन चुका था, लेकिन बिहार दिवस मनाने की परंपरा की शुरुआत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की। सत्ता संभालने के पांच साल के बाद ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहल की और साल 2010 में पहली बार बिहार दिवस का आयोजन किया।

बिहार का राष्ट्रीय दिवस कब मनाया जाता है?

यह दिवस हर साल 22 मार्च को मनाया जाता है। यह बिहार राज्य के गठन का प्रतीक है। इस दिन, बिहार को ब्रिटिश सरकार द्वारा बंगाल से अलग करके 1912 में बनाया गया था।