अंधकार युगयूरोप में छठी शताब्दी के उत्तरार्ध के आरम्भ में शक्तिशाली रोमन साम्राज्य दो हिस्सों में बंट गया था। पश्चिमी भाग में, जिसकी राजधानी रोम थी, रूस और जर्मनी की ओर से बहुत बड़ी संख्या में स्लाव और जर्मन क़बीले के लोगों के आक्रमण हुए। वे आए तो थे लुटेरों के रूप में लेकिन कालांतर में वे यूरोप में विभिन्न जगहों पर बस गए और स्थानीय आबादी के साथ घुलमिल गए। इससे उस समय की सरकारों और उस क्षेत्र की भाषाओं पर भी बहुत प्रभाव पड़ा। इस अवधि में कई आधुनिक यूरोपीय राष्ट्रों की नींव पड़ी। प्राचीन रोमन साम्राज्य के पूर्वी हिस्से की राजधानी 'कुस्तुनतुनिया' थी। इसमें पूर्वी यूरोप के अलावा आधुनिक तुर्की तथा सीरिया के भी अधिकतर क्षेत्र शामिल थे। इस साम्राज्य का नाम बीज़न्टाईन साम्राज्य था और इसने रोमन साम्राज्य की कई परम्पराओं को क़ायम रखा, जिनमें शक्तिशाली सम्राट की परम्परा शामिल थी। लेकिन धार्मिक मत के मामले में इसने ग्रीक ऑर्थोडॉक्स चर्च को मान्यता दी जबकि पश्चिमी साम्राज्य ने कैथोलिक चर्च को, जिसका मुख्यालय रोम में था। यह बीज़न्टाईन शासकों और ऑर्थोडॉक्स चर्च के पादरियों का ही प्रभाव था कि रूस में ईसाई धर्म का प्रादुर्भाव हुआ। आधुनिक तुर्की और सीरिया ने भी, जो बीज़न्टाईन साम्राज्य में शामिल थे, ग्रीक ऑर्थोडॉक्स चर्च को ही स्वीकार किया। बीज़न्टाईन साम्राज्य बहुत विशाल और समृद्ध साम्राज्य था, और रोमन साम्राज्य के पतन के बाद भी एशिया से इसका व्यापार जारी रहा। इसने प्रशासन और संस्कृति की कई परम्पराओं की नींव रखी जो सीरिया की विजय के बाद अरबों ने अपना लीं। इसने प्राचीन ग्रीक (यूनान) और रोम की संस्कृति तथा अरब विश्व के बीच एक सेतु का कार्य किया और बाद में पश्चिम में ग्रीक ज्ञान के पुनरुत्थान में भी मदद दी। पन्द्रहवीं शताब्दी के मध्य तक कुस्तुनतुनिया पर तुर्कों की विजय के साथ ही इस साम्राज्य का पतन हो गया। Show पश्चिम में रोमन साम्राज्य के पतन के बाद कई शताब्दियों तक शहरों का नामो-निशान मिट गया तथा विदेश और आंतरिक व्यापार में भी बाधा पहुँची। इतिहासकारों ने पश्चिमी यूरोप के इस युग को 'अंधकार युग' की संज्ञा दी है। दसवीं और चौदहवीं शताब्दी के बीच पश्चिम यूरोप पुनः वैभवशाली बन गया। इस युग की एक मुख्य देन विज्ञान और शिल्पविज्ञान का विकास, नगरों की वृद्धि और इटली के पादुवा और मिलान जैसे कई शहरों में विश्वविद्यालयों की स्थापना थी। इन विश्वविद्यालयों ने नये ज्ञान और नई विचारधारा के विकास में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई जिससे यूरोप में पुनर्जागरण (रिनेसाँ) काल आया एक नये यूरोप का उदय हुआ। भौगोलिक खोजेंBihar Board Class 9th History Notes class – 9th subject – history lesson 1 – भौगोलिक खोजें भौगोलिक खोजें SabDekho.in महत्वपूर्ण तथ्य:- विश्व इतिहास में समुद्री यात्रा एवं भौगोलिक खोजो का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। प्रारंभिक काल में व्यापार मुख्यत: एक निश्चित मार्ग
से होता था। परंतु विश्व के कई ऐसे क्षेत्र थे जहां जन-जीवन तो विद्यमान था लेकिन से शेष विश्व से उनका जुड़ाव नहीं था। इसलिए व्यापार बढ़ाने के उद्देश से कालांतर में व्यापक स्तर पर भौगोलिक खोजें हुई । एक वाक्य में निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें- दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर प्रश्न 1. भौगोलिक खोजों का क्या तात्पर्य है ? इसने किस प्रकार की दूरियाँ घटाई ? उत्तर-विश्व की प्रारम्भिक सभ्यताओं के काल से ही
व्यापार एवं वाणिज्य आपसी सम्पर्क प्रश्न 2. भौगोलिक खोजों के कारणों की व्याख्या करें । उत्तर-विश्व की प्रारम्भिक सभ्यताओं के काल से ही व्यापार-वाणिज्य ही परस्पर सम्पर्क का प्रश्न 3. अंधकार युग से आप क्या समझते हैं ? अंधकार युग से बाहर आने में भौगोलिक खोजों ने किस प्रकार मदद की? उत्तर-मध्ययुग को अंधकार युग कहते हैं क्योंकि यह काल सामंती प्रवृत्तियों का काल था। प्रश्न 4. भौगोलिक खोजों के परिणामों का वर्णन करें । इसने विश्व पर क्या प्रभाव डाला ? उत्तर-भौगोलिक खोजों के परिणाम :
अंधकार युग से आप क्या समझते हैं अंधकार युग से बाहर आने में भौगोलिक खोज ने किस प्रकार मदद की?Solution : वैज्ञानिक उपकरणों ने भौगोलिक खोज को अनेक तरह से प्रभावित किया। वैज्ञानिक उपकरणों की सहायता से भौगोलिक खोजों में विस्तार हुआ, सरलता हुई। सबसे बड़ा योगदान कंपास का था, जिसके कारण सही दिशा का ज्ञान हो जाता था और जहाजों के भटकने की आशंका कम हो जाती थी।
अंधकार युग से आप क्या समझते हैं?1. इतिहासकारों ने पश्चिमी यूरोप के इस युग को 'अंधकार युग' की संज्ञा दी है। दसवीं और चौदहवीं शताब्दी के बीच पश्चिम यूरोप पुनः वैभवशाली बन गया। इस युग की एक मुख्य देन विज्ञान और शिल्पविज्ञान का विकास, नगरों की वृद्धि और इटली के पादुवा और मिलान जैसे कई शहरों में विश्वविद्यालयों की स्थापना थी।
अंधकार का युग क्यों कहा जाता है?Solution : मध्यकालीन यूरोप को अंधकार युग इसलिए कहा गया है कि यह काल सामंती प्रवृत्तियों का काल था। इस काल में न तो व्यापार-वाणिज्य गतिशील था और न ही धर्म का स्वरूप ही मानवीय था। पृथ्वी के बारे । में ज्ञान अत्यल्प था और अंधविश्वास से युक्त था।
भारतीय इतिहास में अंधकार युग क्या है?अभी हाल तक भारतीय इतिहास में अठारहवीं सदी को एक 'अंधकार युग' के रूप चित्रित किया जाता रहा था क्योंकि उस समय भारत में अव्यवस्था एवं अराजकता व्याप्त थी।
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