आदमी का सामान कैसे निकालते हैं - aadamee ka saamaan kaise nikaalate hain

सीमन या स्पर्म के बारे में आपने सुना होगा, लेकिन सिर्फ सुनने के अलावा आप इसके बारे में और क्या जानती हैं? जैसा कि आप जानती हैं कि पुरुषों के जीवन में किशोरावस्था के साथ ही ऐसे बहुत से बदलाव होते हैं जैसे चेहरे और शरीर पर बाल उगना, आवाज का बदलना और सेक्सुअल अराउजल महसूस होना। लड़कों में एक और बड़ा बदलाव आता है और वह है शरीर द्वारा स्पर्म का प्रोडक्शन। यह रिप्रोडक्शन से जुड़ी एक प्रक्रिया होती है, जिसके लिए शरीर खुद को तैयार करने लगता है। 

स्पर्म या शुक्राणु पुरुषों के रीप्रोडक्टिव सिस्टम के वो एलिमेंट होते हैं, जो भविष्य में उनके बच्चे के निर्माण के लिए जरूरी होते हैं। हर सेक्शुअल एक्ट या मास्टरबेशन के बाद ये स्पर्म पुरुषों के शरीर से अकेले बाहर नहीं निकलते। दरअसल ऐसे में इनके जल्दी मर जाने का खतरा रहता है।इसलिए प्रकृति में एक ऐसा अरेंजमेंट बनाया है जिससे शुक्राणु एक सुरक्षित और न्यूट्रीशनल द्रव्य के साथ बाहर निकलते हैं। इसके चलते वो लंबे समय तक जीवित रह सकते हैं। इस लिक्विड को सीमेन या वीर्य कहा जाता है।

सीमेन या वीर्य पुरुषों के स्वास्थ्य और स्पर्म की सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी होता है। इतना तो आप समझ गए कि सीमेन जो सेक्स के दौरान इजेकुलेट होता है, उसमें स्पर्म पाए जाते हैं। लेकिन ये सीमेन इतना न्यूट्रीशनल क्यों होता है और इसके बारे में ऐसी कौन सी बातें हैं जो हमें मालूम होनी चाहिए ? चलिए बातें बताते हैं सीमेन से जुड़ीं कुछ इंटरेस्टिंग बातें।

Table of Contents

  • यह बहुत पौष्टिक होता है
  • यह बहुत कम मात्रा में रिलीज होता है
  • उम्र के साथ सीमेन की क्वालिटी भी बदलती है
  • प्री एजेक्युलेट एक अलग किस्म का लिक्विड होता है
  • सीमेन  बदबूदार नहीं होना चाहिए
  • महिलाएं पार्टनर के सीमेन से एलर्जिक हो सकती हैं

यह बहुत पौष्टिक होता है

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सुनने में थोड़ा अजीब लग सकता है पर यह सच है। सीमेन में  बहुत सारे न्यूट्रीशन से भरा होता है। दरअसल इसका मुख्य काम स्पर्म को सुरक्षित रखना और पोषण देना होता है। इसीलिए उनकी सुरक्षा और पोषण के लिए सीमेन में विटामिन सी, विटामिन B12, एस्कोरबिक एसिड, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम, सोडियम, साइट्रिक एसिड और सैकड़ों किस्म के प्रोटीन पाए जाते हैं। अलग से उन सभी की मात्रा बहुत कम होती है और अधिकतर यह पानी से बना होता है।

यह बहुत कम मात्रा में रिलीज होता है

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अवधारणा है कि ऑर्गेज्म या क्लाइमैक्स के दौरान पुरुष बहुत भारी मात्रा में सीमेन रिलीज करते हैं। लेकिन यह सच नहीं है।  औसत रूप से एक पुरुष एक इजेकुलेशन में दो से 5 मिलीमीटर ही सीमेन रिलीज करते हैं। यह लगभग एक छोटे चम्मच के बराबर मात्रा है। लेकिन इस छोटी सी मात्रा में करें 15 लाख से 20 करोड़ तक स्पर्म्स हो सकते हैं।

उम्र के साथ सीमेन की क्वालिटी भी बदलती है

यह सच है कि पुरुष अपनी सारी उम्र स्पर्म बना सकते हैं। लेकिन यह हमेशा अच्छी क्वालिटी के ऐसा जरूरी नहीं है। इस स्टडी के अनुसार 52 साल से अधिक उम्र के पुरुषों के स्पर्म एबनॉर्मल और विचित्र होते हैं। इस तुलना में इससे कम उम्र के लोग स्वस्थ और एक्टिव स्पर्म बनाते हैं। कम उम्र के पुरुष अधिक मात्रा में स्पर्म रिलीज करते हैं। 

20 से लेकर 30 साल तक की उम्र के बीच पुरुष सबसे अच्छी क्वालिटी और मात्रा में स्पर्म बनाते हैं लेकिन उम्र बढ़ने के साथ  यह क्वालिटी और समझा संख्या घटने लगती है।

प्री एजेक्युलेट एक अलग किस्म का लिक्विड होता है

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प्री एजेक्युलेट यानि प्रीकम पुरुषों के पेनिस से इससे उस वक्त रिलीज होता है, जब वो सेक्शुअली अराउज होते हैं।  यह सीमेन से कम मात्रा में निकलता है और इसमें स्पर्म नहीं होते, इसलिए इससे प्रेगनेंसी नहीं होती। लेकिन कई बार कुछ प्रीकम में स्पर्म अपनी जगह बना लेते हैं। इसीलिए यह ध्यान देना जरूरी है कि इस लिक्विड का भी कोई हिस्सा महिला के भीतर ना जाए अगर वह प्रेगनेंसी नहीं चाहती है।

फिर प्रीकम आखिर है क्या? दरअसल यह एक तरह का प्राकृतिक लुब्रिकेंट है जो सेक्सुअल एक्टिविटी के लिए प्राकृतिक रूप से रिलीज होता है। ट्रांसपेरेंट सा दिखने वाले इस लिक्विड से सेक्शुअल इंटरकोर्स ज्यादा आसान और स्मूदली होता है। इसके साथ ही यह बाद में आने वाले स्पर्म को फीमेल वैजाइना के एसिडिक एनवायरमेंट से बचाने की तैयारी करता है।

सीमेन  बदबूदार नहीं होना चाहिए

सीमेन की कोई तेज स्मेल नहीं होते और इसे बदबूदार नहीं होना चाहिए। इसके साथ ही यह भी जरूरी है कि ये पीला नहीं दिखना चाहिए। अगर ऐसा है तो यह किसी इंफेक्शन या बीमारी की निशानी हो सकती है। 

बदबूदार और पीला हरा दिखने वाला सीमेन सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिसीज यानि एसटीडी का संकेत हो सकता है। कई बार ऐसा भी होता है कि अगर प्रोस्टेट या यूरेथ्रा की कोई रक्त वाहिनी टूट जाती है तो वह सीमेन को पूरा या लाल रंग दे सकती है।

आमतौर पर इसमें हल्की अमोनिया का ब्लीच जैसी स्मेल आ  सकती है। इसके अलावा कई मामलों में इसकी स्मेल व्यक्ति के डाइट और अंदर चल रही केमिकल रिएक्शंस पर भी निर्भर करती।

महिलाएं पार्टनर के सीमेन से एलर्जिक हो सकती हैं

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चाहे ओरल सेक्स हो या वैजाइनल, अगर महिला के शरीर में सीमेन पहुंचकर एलर्जी पैदा कर रहा है तो इसका मतलब है कि आप अपने पार्टनर के सीमेन में मौजूद किसी न किसी केमिकल तत्व से एलर्जिक हैं। दरअसल इसकी असली वजह सीमेन में मौजूद प्रोटीन होते हैं जो किसी एलर्जिक रिएक्शन की शुरुआत करते हैं। इस कारण शरीर में सीमेन की एंट्री होते ही आप की एलर्जी एक्टिविटी बढ़ जाती है।

इसके अलावा ऐसा भी होता है कि महिला को किसी फूड आइटम या दवा से एलर्जी है। उसके पार्टनर में ऐसे किसी दवाई फूड आइटम का सेवन किया है तो उसके केमिकल पुरुष के सीमेन में भी आ सकते हैं। जब वह महिला के संपर्क में आए  तो उनकी एलर्जी शुरू हो जाएगी। 

हम उम्मीद करते हैं कि ये जानकारी आपके काम आएगी। ऐसी स्टोरी के लिए पढ़ते रहिये idiva हिंदी।

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पुरुष का सीमन कैसे निकलता है?

वीर्य यानी सीमेन एक तरल पदार्थ है, जो शरीर की दो मुख्य ग्रंथियों के स्त्राव से बनता है। अंडकोषों में शुक्राणु बनते हैं, जो पुरुष ग्रंथियों के स्त्राव से मिलकर वीर्य की रचना करते हैं। वीर्य का निर्माण ब्लड से नहीं होता है। सुश्रुत में लिखा है कि जो भोजन हम सेवन करते हैं, उससे रस तैयार होता है।

1 दिन में कितना स्पर्म बनता है?

एक सामान्य पुरुष में वीर्य इस हिसाब से एक महीने में एक व्यक्ति 15 ग्राम वीर्य और 10 दिन में 5 ग्राम वीर्य प्राप्त करता हैं. प्रतिदिन की बात करें तो मनुष्य अगर प्रतिदिन 700 से 800 ग्राम भोजन करेगा तो उसको महज आधा ग्राम वीर्य(Sperm) की प्राप्ति होती हैं.

आदमी का बीज कितना निकलता है?

मुझे ऐसा लगता है कि सेक्स के दौरान मेरा सीमन कम निकलता है। इलाज बताएं? जवाब: सीमन में स्पर्म यानी शुक्राणु की मात्रा 1 फीसदी से भी कम होती है। सीमन में 99 फीसदी सेमिनल वेसिकल्स (शुक्राशय) और प्रोस्टेट ग्लैंड का रस और शुक्राणु यानी स्पर्म 1 फीसदी से भी कम होता है।

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