74 संविधान संशोधन का नाम क्या है? - 74 sanvidhaan sanshodhan ka naam kya hai?

Explanation : 74वां संविधान संशोधन 1 जून, 1993 से लागू हुआ था। नगरपालिकाओं की स्थिति को मजबूत करने तथा इन्हें संवैधानिक दर्जा देने का सर्वप्रथम प्रयास वर्ष 1989 में 65वां संविधान संशोधन विधेयक के अंतर्गत किया गया, परंतु राजनीतिक अस्थिरता के कारण यह वर्ष 1991 में पी वी नरसिम्हा राव सरकार द्वारा पास कराया गया, जिसे लोकसभा और राज्यसभा ने दिसंबर, 1992 में पारित कर दिया। राष्ट्रपति की स्वीकृति इस विधेयक को 20 अप्रैल, 1993 को मिली और यह विधेयक 74वां संविधान संशोधन अधिनियम वर्ष 1992 के नाम से जाना गया।....अगला सवाल पढ़े

Tags : संविधान प्रश्नोत्तरी

Useful for : UPSC, State PSC, IBPS, SSC, Railway, NDA, Police Exams

Web Title : 74va Samvidhan Sanshodhan Kab Hagu Hua

भारतीय संविधान का 74वां संशोधन (74 Amendment of the Indian Constitution )

  • नगरों में स्थानीय स्वशासन को मजबूत करने व उसे सक्रिय बनाने के लिए 1992 में संविधान का 74वाँ संविधान संशोधन संसद द्वारा पारित कर एक कानून बनाया गया जो 1 जून 1993 से लागू हुआ। इस कानून के तहत शहरी निकायों में तीन तरह की संस्थाएं कार्य करेगी।
  • 74वां संविधान संशोधन द्वारा नगरीय संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा दिया गया है।
  • 74वें संविधान संशोधन द्वारा संविधान में भाग 9(A)जोड़ा गया, जिसका शीर्षक नगरीय निकाय रखा गया। जिसके अंतर्गत 243(P) से 243(ZG) तक अनुच्छेद जोडे गए , तथा 12वीं अनुसूची जोडी गई , जिस में कुल 11 बिषय हैं, जिन पर नगरीय निकाय कानून बना सकती हैं।

नगरीय निकाय से संबंधित अनुच्छेद:

अनुच्छेद 243 त (P) - परिभाषा 

अनुच्छेद 243 थ (Q) - नगर पालिकाओं का गठन 

अनुच्छेद 243 द (R) - नगर पालिकाओं की संरचना 

अनुच्छेद 243 ध (S) - वार्ड समितियों आदि का गठन और संरचना 

अनुच्छेद 243 न (T) - स्थानों का आरक्षण 

अनुच्छेद 243 प (U)- नगर पालिकाओं की अवधि आदि 

अनुच्छेद 243 फ (V) - सदस्यता के लिए निरर्हताएँ 

अनुच्छेद 243 ब (W) - नगरपालिकाओं आदि की शक्तियाँ , प्राधिकार और उत्तदायित्व 

अनुच्छेद 243 भ (X) - नगरपालिकाओं द्वारा कर अधिरोपित करने की शक्ति और उनकी निधियाँ 

अनुच्छेद 243 म (Y)- वित्त आयोग 

अनुच्छेद 243 य (Z) - नगरपालिकाओं के लेखाओं की संपरीक्षा 

अनुच्छेद 243 य क (ZA) - नगरपालिकाओं के लिए निर्वाचन 

अनुच्छेद 243 य ख (ZB) - संघ राज्य क्षेत्रों का लागू होना 

अनुच्छेद 243 य ग (ZC) - इस भाग का कतिपय क्षेत्रों को लागू न होना 

अनुच्छेद 243 य घ (ZD)- ज़िला योजना के लिए समिति 

अनुच्छेद 243 य ङ (ZE) - महानगर योजना के लिए समिति 

अनुच्छेद 243 य च (ZF) - विद्यमान विधियों पर नगर पालिकाओं का बना रहना 

अनुच्छेद 243 य छ(ZG) - निर्वाचन सम्बन्धी मामलों में न्यायालयों के हस्तक्षेप का वर्णन

12 वीं अनुसूची के 18 विषय

  1. नगरीय योजना, जिसमें शहरी योजना भी हैं
  2. भू उपयोग नियमन व भवन निर्माण
  3. आर्थिक एवं सामाजिक विकास की योजनाएं
  4. सड़के एवं पुल
  5. घरेलू, औद्योगिक एवं वाणिज्यिक प्रयोजन के जल प्रबन्धन
  6. सार्वजनिक स्वास्थ्य, स्वच्छता, सफाई एवं कचरा प्रबन्धन
  7. अग्निशमन सेवाएं
  8. नगरीय व वानिकी पर्यावरण संरक्षण एवं पारिस्थितिकी तन्त्र का प्रबंधन
  9. समाज के विशिष्ट आवश्यकता वाले कार्य के हितों का संरक्षण
  10. गंदी बस्ती सुधार व उन्नयन कार्यक्रम
  11. शहरी निर्धनता निवारण कार्यक्रम
  12. सार्वजनिक उद्यान, खेल मैदान इत्यादि विकसित करना
  13. सांस्कृतिक, शैक्षणिक एवं सौन्दर्यपरक पहलुओं का विस्तार
  14. श्मशान, कब्रिस्तान, विद्युत् शवदाह, गृहों का प्रबंधन
  15. काजी गृहों का प्रबंधन
  16. जन्म मृत्यु पंजीयन
  17. रोड़ लाइट, पार्किंग बस स्टाफ जैसी सार्वजनिक सुविधा का विस्तार
  18. वधशालाओं एवं चमड़ा उद्योग का विनियमन

भारतीय संविधान के अन्य अनुच्छेद एवं संशोधन 

42nd Amendment Act in Hindi

Supreme Court of India in Hindi

Maulik Adhikar

44th Amendment Act in Hindi

73rd Amendment Act in Hindi

Article 143 in Hindi

74 वां संविधान संशोधन अधिनियम क्या है | 74rd Amendment Act In Hindi: नगरों में स्थानीय स्वशासन को मजबूत करने व उसे सक्रिय बनाने के लिए 1992 में संविधान का 74 वाँ संविधान संशोधन संसद द्वारा पारित कर एक कानून बनाया गया जो 1 जून 1993 से लागू हुआ. इस कानून के तहत शहरी निकायों में तीन तरह की संस्थाएं कार्य करेगी.

74 वां संविधान संशोधन अधिनियम 74rd Amendment Act In Hindi

Contents show

1 74 वां संविधान संशोधन अधिनियम 74rd Amendment Act In Hindi

1.1 74 वां संविधान संशोधन अधिनियम में क्या प्रावधान हैं – 74th constitutional amendment act

1.2 74वा संविधान संशोधन क्यों किया गया?

1.3 74वें संविधान संशोधन के उद्देश्य

1.4 74वें संविधान संशोधन के पीछे सोच

1.5 स्थानीय स्वशासन क्यों जरूरी है?

1.6 Read More

74 संविधान संशोधन का नाम क्या है? - 74 sanvidhaan sanshodhan ka naam kya hai?
74 संविधान संशोधन का नाम क्या है? - 74 sanvidhaan sanshodhan ka naam kya hai?

प्रथम- नगर, पंचायत जिसे राजस्थान में नगर पालिका का नाम दिया गया. 10 हजार से 1 लाख तक की आबादी वाले कस्बों में इसकी स्थापना की जाती हैं, जिसका प्रमुख चेयरमैन कहलाता हैं. जनसंख्या का यह आधार समय समय पर परिवर्तनीय हैं.

द्वितीय- सामान्यतः एक लाख से 3 लाख तक की जनसंख्या वाले शहरों में नगर परिषद की स्थापना की जाती हैं. इसे कई वार्डों में बाँट दिया जाता हैं. प्रत्येक वार्ड से एक पार्षद का जनता द्वारा सीधे निर्वाचन किया जाता हैं. नगर परिषद के प्रमुख को अध्यक्ष या सभापति कहते हैं.

तृतीय- 3 लाख से अधिक जनसंख्या वाले बड़े शहरों में नगर निगम की स्थापना की जाती हैं. इसका प्रमुख मेयर या महापौर कहलाता हैं. इनका चुनाव प्रत्यक्ष या परोक्ष विधि जो भी, राज्य सरकार के विधान द्वारा निर्धारित की गई हैं. द्वारा किया जाता हैं. इनका कार्यकाल सामान्यत 5 वर्ष का होता हैं. किन्तु अविश्वास प्रस्ताव से समय पूर्व भी इन निर्वाचित मंडलों को भंग किया जा सकता हैं.

74 वां संविधान संशोधन अधिनियम में क्या प्रावधान हैं  – 74th constitutional amendment act

74 वें संविधान संशोधन में यह प्रावधान किया गया है कि 6 माह की अवधि में चुनाव करवाया जाना राज्य सरकार का एक संवैधानिक दायित्व रहेगा. शहरी निकायों के कार्यों एवं शक्तियों में वृद्धि के लिए संविधान की 12 वीं अनुसूची में 18 विषय सम्मिलित किये गये हैं, जो इस प्रकार हैं.

  1. नगरीय योजना, जिसमें शहरी योजना भी हैं
  2. भू उपयोग नियमन व भवन निर्माण
  3. आर्थिक एवं सामाजिक विकास की योजनाएं
  4. सड़के एवं पुल
  5. घरेलू, औद्योगिक एवं वाणिज्यिक प्रयोजन के जल प्रबन्धन
  6. सार्वजनिक स्वास्थ्य, स्वच्छता, सफाई एवं कचरा प्रबन्धन
  7. अग्निशमन सेवाएं
  8. नगरीय व वानिकी पर्यावरण संरक्षण एवं पारिस्थितिकी तन्त्र का प्रबंधन
  9. समाज के विशिष्ट आवश्यकता वाले कार्य के हितों का संरक्षण
  10. गंदी बस्ती सुधार व उन्नयन कार्यक्रम
  11. शहरी निर्धनता निवारण कार्यक्रम
  12. सार्वजनिक उद्यान, खेल मैदान इत्यादि विकसित करना
  13. सांस्कृतिक, शैक्षणिक एवं सौन्दर्यपरक पहलुओं का विस्तार
  14. श्मशान, कब्रिस्तान, विद्युत् शवदाह, गृहों का प्रबंधन
  15. काजी गृहों का प्रबंधन
  16. जन्म मृत्यु पंजीयन
  17. रोड़ लाइट, पार्किंग बस स्टाफ जैसी सार्वजनिक सुविधा का विस्तार
  18. वधशालाओं एवं चमड़ा उद्योग का विनियमन

राजस्थान में शहरी स्थानीय शासन के इन तीन स्तरों के अलावा कुछ विशेष अभिकरण छावनी बोर्ड, टाउन एरिया कमेटी, अनुसूचित क्षेत्र समितियाँ आदि कार्य भी करते हैं.

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74वा संविधान संशोधन क्यों किया गया?

अनेक राज्यों में अलग-अलग कारणों की वजह से स्थानीय निकाय बेअसर होने के साथ ही साथ कमजोर हो गए थे। इसीलिए भारत के संविधान में एक और संशोधन किया गया। अनियमित हो चुके स्थानीय निकायों की वजह से नियमित चुनाव नहीं हो पा रहे थे साथ ही लंबे समय तक कार्यप्रणाली अस्त व्यस्त चल रही थी। 

इसके अलावा कर्तव्यों या फिर अधिकारों का सही प्रकार से पालन भी नहीं हो पा रहा था जिसके परिणाम के अंतर्गत शहरी स्थानीय निकाय एक स्वायत्तशासी गवर्नमेंट की जीवंत लोकतंत्रिक इकाई के तौर पर कारगर तरीके से वर्क नहीं कर पा रहे थे।

इस प्रकार से समस्याओं को देखते हुए संविधान संशोधन के अंतर्गत टोटल 3 प्रकार की पालिकाओं का गठन किया गया है। जैसे कि ग्रामीण से शहरी इलाके में परिवर्तित हो रहे क्षेत्रों के लिए नगर पंचायत, छोटे शहरी इलाकों के लिए नगर परिषद और बड़े शहरों के लिए नगर निगम इत्यादि।

74वें संविधान संशोधन के उद्देश्य

नीचे जानिए 74 वे संविधान संशोधन के उद्देश्य क्या है।

  • 74 वें संविधान संशोधन के उद्देश्य में इंडिया में मौजूद नगर पंचायत, नगर परिषद, नगर निगम और नगर पालिका के अधिकारों में एक समानता लाना शामिल है।
  • लोगों के द्वारा किए जाने वाले कामों में जनप्रतिनिधियों का भी पूरी तरह से सहयोग हो साथ ही पॉलीटिकल प्रोसेस में निर्णय लेने का अधिकार भी रहे।
  • निश्चित समय में प्रदेश इलेक्शन आयोग के अंतर्गत इलेक्शन हो सके और जो भी नगर प्रशासन निर्वाचित हो वह 6 महीने से ज्यादा समय अवधि तक बना रहे ताकि डेवलपमेंट में जनप्रतिनिधियों के द्वारा बनाई जाने वाला नीति निर्माण के अनुसार ही काम हो।
  • ऐसी जनता जो समाज की कमजोर जनता है उन्हें भी प्रतिनिधित्व मिले। इसके लिए अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग की महिलाओं को भी नगर प्रशासन में आरक्षण प्राप्त हो।
  • हर राज्य में मौजूद स्थानीय नगर निकायों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए राज्यों के द्वारा वित्त आयोग का गठन किया जाए जो स्टेट गवर्नमेंट और स्थानीय नगर निकायों के बीच पैसे के हस्तांतरण के सिद्धांतों को परिभाषित करें ताकि स्थानीय निकायों को समय पर पैसे प्राप्त हो सके और वह सही प्रकार से काम को करवाने के लिए पेमेंट रिलीज कर सके।
  • सभी लेवल पर पूरी तरह से पारदर्शिता लाना भी 74 वें संविधान संशोधन के उद्देश्य में शामिल है।

74वें संविधान संशोधन के पीछे सोच 

  1. आखिर 74 वें संविधान संशोधन को करने के पीछे कौन सी सोच है, आइए अब इसके बारे में जानते हैं।
  2. 74 वें संविधान संशोधन अधिनियम को लागू करके गवर्नमेंट ने नगर मैनेजमेंट को संवैधानिक दर्जा दिया है।
  3. 74 वे संविधान संशोधन अधिनियम के अंतर्गत जितने भी नगर निगम, नगर परिषद, नगर पंचायत और नगर पालिका है, उन सभी को जो अधिकार प्राप्त हुए हैं उसमें एक समानता लाई गई है।
  4. इस संविधान संशोधन अधिनियम के अंतर्गत नागरिक कार्यकलापों में लोकल जनता भी हिस्सेदारी ले इस बात को सुनिश्चित किया गया है, साथ ही डिसीजन लेने की प्रोसेस तक नगर में रहने वाली लोकल जनता की पहुंच को भी बढ़ाया गया है।
  5. अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों को साथ ही अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को परसेंटेज के आधार पर प्रतिनिधित्व प्राप्त हो सके, इसके लिए उन्हें आरक्षण भी दिया गया है ताकि वह आरक्षण की वजह से पद प्राप्त कर सके और समाज के मुख्यधारा में शामिल हो सके।
  6. गवर्नमेंट के द्वारा किए गए 74 वे संविधान संशोधन के द्वारा नगर में स्थानीय स्वशासन को और भी स्ट्रांग करने के भरपूर प्रयास किए गए हैं।

स्थानीय स्वशासन क्यों जरूरी है?

समाज के जो अंतिम व्यक्ति हैं उन्हें भी स्थानीय स्वशासन की वजह से ही भागीदारी प्राप्त हो सकेगी और उन्हें भी मुख्यधारा में आने का मौका मिलेगा। स्थानीय लोगों को अपने आसपास के इलाके की परिस्थितियों के बारे में अच्छी जानकारी होती है, साथ ही उन्हें वहां की समस्याओं के बारे में भी पता होता है।

इसलिए वह अच्छी तरह से जन कल्याणकारी निर्णय ले सकते हैं। महिलाओं को स्थानीय स्वशासन में तकरीबन एक तिहाई आरक्षण भी दिया जाता है, जिसकी वजह से उन्हें भी मुख्यधारा में आने का मौका प्राप्त होता है। स्थानीय स्वशासन की वजह से ही भारत की जो विविधता होती है उसे और भी सम्मान प्राप्त होता है।

यह भी पढ़े-

  • स्थानीय स्वशासन का अर्थ व निबंध
  • भारत में नगरीय स्वशासन नगर प्रशासन
  • राज्य प्रशासन क्या है विशेषताएं व प्रधान
  • क्रिप्स मिशन 1942 का इतिहास

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74 वें संविधान संशोधन का नाम क्या है?

Detailed Solution. 74 वाँ संवैधानिक संशोधन अधिनियम, 1992 शहरी स्थानीय स्वशासन से संबंधित है। यह नगरपालिकाओं को संवैधानिक दर्जा देने के लिए नगरपालिका अधिनियम के रूप में भी जाना जाता है और उन्हें संविधान के न्यायसंगत हिस्से के तहत लाया गया है।

74 वें संविधान संशोधन कब हुआ?

इस संशोधन के माध्यम से संविधान में 'भाग 9क' जोड़ा गया एवं यह 1 जून, 1993 से प्रभावी हुआ। 74वें संविधान संशोधन द्वारा संविधान में 12वीं अनुसूची जोड़ी गई जिसके अंतर्गत नगरपालिकाओं को 18 विषयों की सूची विनिर्दिष्ट की गई है।

73 व 74 वॉ संविधान संशोधन क्या है?

इसमें कहा गया है कि प्रत्येक नगर पालिका में प्रत्यक्ष चुनाव द्वारा भरे जाने वाले सीटों की कुल संख्या में से कम से कम एक तिहाई (अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों की संख्या सहित) महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी और ऐसी एक नगर पालिका में विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों को रोटेशन द्वारा सीटें आवंटित ...

73 व 74 संविधान संशोधन कब लागू हुआ?

संविधान (73वां संशोधन) अधिनियम 1992 में पारित किया गया था और यह 24 अप्रैल 1993 को लागू हुआ था।