हिंदी व्याकरण में समास एक बहुत ही महत्वपूर्ण किरदार निभाता है। हर भाषा में शब्द-रचना की तीन विधियां हैं-उपसर्गों द्वारा शब्द-निर्माण, प्रत्ययों द्वारा शब्द-निर्माण तथा समास-द्वारा शब्द-निर्माण। आसान भाषा में समझा जाए तो समास संक्षेप करने की एक प्रक्रिया है। इस ब्लॉग में अब हम तीसरी विधि-‘समास द्वारा शब्द-निर्माण’ तथा Samas in hindi के विषय में अध्ययन करेंगे। आइए जानते हैं Samas in Hindi के बारे में विस्तार से इस ब्लॉग के द्वारा। Show
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समास की परिभाषाअलग अर्थ रखने वाले दो शब्दों या पदों (पूर्वपद तथा उत्तरपद) के मेल से बना तीसरा नया शब्द या पद समास या समस्त पद कहलाता है तथा वह प्रक्रिया जिसके द्वारा ‘समस्त पद’ बनता है, समास-प्रक्रिया कही जाती है। Source – Quora
समास की विशेषताएंSamas in hindi की निम्नलिखित विशेषताएँ नीचे दी गई हैं-
जरूर देखें : मुहावरे समास-विग्रहसमस्त पद के दोनों पदों को अलग-अलग किए जाने की प्रक्रिया समास-विग्रह कही जाती है। पदों को अलग-अलग करते समय दोनों पदों के बीच के विभक्ति/कारकीय-चिह्नों को भी जोड़ दिया जाता है; जैसे- ‘डाकगाड़ी समस्त पद का विग्रह होगा-‘डाक के लिए गाड़ी’ अर्थात दोनों पदों के बीच के कारकीय-चिह्न ‘के लिए’, जिसका लोप कर दिया गया था, उसे पुनः यथास्थान लगा दिया गया है। अन्य उदाहरण देखिए-
समास-विग्रह प्रक्रिया के दौरान दोनों पदों को अलग-अलग किया जाता है तथा दोनों के बीच कोई न कोई कारकीय-चिह्न भी लगा दिया जाता है, अत: समास-विग्रह वह प्रक्रिया है, जिसमें किसी समस्तपद के दोनों पदों को अलग-अलग किया जाता तथा समस्त पद बनाने से पहले जिन कारकीय-चिन्हों या अंशों का लोप कर दिया गया था, उन्हें पुन: जोनों पदों के साथ जोड़ दिया जाता है। जरूर देखें : Avyay संधि तथा समास में अंतरसंधि का संबंध किसी शब्द की दो ध्वनियों के बीच मेल से होता है। इसमें पहली, दूसरी अथवा दोनों ध्वनियों में परिवर्तन हो जाता है जबकि समास-प्रक्रिया का संबंध दो शब्दों के मेल से नया शब्द बनाने के साथ है। समास-प्रक्रिया में अर्थ की दृष्टि से दो भिन्न शब्द परस्पर मिलते है तथा किसी नए शब्द की रचना करते हैं। इसी तरह ‘संधि’ के अंतर्गत किसी शब्द की दो ध्वनियां परस्पर मिलती है तो समास’ में दो शब्दों का मेल होता है। Samas in Hindi की संपूर्ण जानकारी नीचे दी गई है। तो आइए देखें Samas in Hindi- जरूर देखें : Paryayvachi Shabd समास के भेदSamas in Hindi के निम्नलिखित भेद होते है-
द्वंद्व समास
अन्य उदाहरण
अव्ययीभाव समासजिस समास का पहला पद कोई अव्यय (अविकारी शब्द) होता है, उस समास को अव्ययीभाव समास कहते हैं: जैसे- ‘यथासमय’ समस्तपद ‘यथा’ और ‘समय’ के योग से बना है। इसका पूर्वपद ‘यथा’ अव्यय है और इसका विग्रह होगा- ‘समय के अनुसार। अन्य उदाहरण
कर्मधारय समासकर्मधारय समास के दोनों पदों के बीच दो तरह के संबंध हो सकते हैं-विशेषण-विशेष्य तथा उपमेय-उपमान* । वस्तुतः उपमान भी उपमेय की विशेषता बताने का ही कार्य करता है। विशेषण-विशेष्य संबंध वाले कर्मधारय समास इस प्रकार हैं:
अन्य उदाहरण
उपमेय-उपमान संबंध वाले कर्मधारय समास इस संबंध में पूर्वपद के स्थान पर कभी उपमेय आता है तो कभी उपमान; जैसे
*उपमेय-उपमान- ‘उसके नेत्र मृग के समान हैं’ इस वाक्य में नेत्रों’ की उपमा ‘मृग’ से दी गई है। यहाँ ‘नेत्र’ उपमेय हैं तथा उपमान। जिस वस्तु व्यक्ति को उपमा दी जाती है, उसे ‘उपमेय’ तथा जिस वस्तु व्यक्ति से दी जाती है, उसे ‘उपमान’ कहते हैं। देखिए कुछ उदाहरण –
अन्य उदाहरण
द्विगु समास
अन्य उदाहरण
बहुव्रीहि समास‘बहुव्रीहि समास’ वह समास है, जिसके दोनों पद गौण होते हैं। वस्तुत: बहुव्रीहि समास में न तो पूर्वपद प्रधान होता है और न ही उत्तरपद। बल्कि इसके दोनों पद परस्पर मिलकर किसी तीसरे बाहरी पद के बारे में कुछ कहते हैं और यह तीसरा पद ही ‘प्रधान हाता है । उदाहरण के लिए, त्रिलोचन शब्द की रचना पर ध्यान दीजिए। यह शब्द ‘त्रि’ तथा ‘लोचन’ दो पदों से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है-तीन नेत्र। यदि इस शब्द का यही विग्रह किया जाए तो विशेषण (तीन) तथा विशेष्य। (लोचन) होने के कारण यह कर्मधारय समास का उदाहरण होगा तथा यदि विग्रह ‘तीन लोचनों का समाहार’ किया जाए तो यह द्विगु समास का उदाहरण होगा। किंतु यदि इसका विग्रह किया जाए -तीन हैं नेत्र जिसके अर्थात महादेव तो यही उदाहरण बहुव्रीहि समास का हो जाएगा; क्योंकि इस विग्रह में ‘त्रि’ तथा ‘लोचन’ दोनों पद मिलकर तीसरे पद ‘महादेव’ की विशेषता बता रहे हैं। अन्य उदाहरण
तत्पुरुष समास
तत्पुरुष समास की रचनाहिंदी में तत्पुरुष समास की रचना तीन तरह से हो सकती है, जैसे- 1. संज्ञा • संज्ञा के मेल से; जैसे- राजा का पुत्र -=राजपुत्र, उद्योग का पति = उद्योगपति, सिर का दर्द =सिरदर्द आदि। 2. संज्ञा + विशेषण के मेल से; जैसे- धर्म से भ्रष्ट = धर्मभ्रष्ट, भय से मुक्त=भयमुक्त, दान में वीर =दानवीर आदि। 3. संज्ञा + कृदंत के मेल से; जैसे- रेखा से अंकित = रेखांकित, स्व द्वारा रचित = स्वरचित, तुलसी द्वारा कृत = तुलसीकृत आदि। आप देख सकते हैं कि तीनों ही प्रकार से बने तत्पुरुष समासों के पूर्वपद गौण तथा विशेषण का प्रकार्य करने के कारण व्याकरणिक कोटि की दृष्टि से विशेषण हैं। वस्तुतः विशेषण का कार्य विशेष्य के अर्थ क्षेत्र को सीमित करना होता है। इस दृष्टि से ‘दानपात्र’ (संज्ञा + संज्ञा) समस्तपद का पूर्वपद ‘दान’ उत्तरपद ‘पात्र’ के अर्थ को ‘दान’ तक ही सीमित कर रहा है, जिसका अर्थ है-पात्र केवल दान का है, किसी अन्य का नहीं। इसी तरह ‘आनंदमग्न’ (संज्ञा विशेषण) समस्तपद का पहला पद ‘आनंद’ ‘मग्न’ के अर्थ-क्षेत्र को सीमित कर रहा है जिसका अर्थ है कोई व्यक्ति केवल आनंद में मग्न है किसी अन्य कार्यकलाप में नहीं। इसी तरह ‘तुलसीकृत’ (संज्ञा + कृदंत) समस्तपद का पहला पद ‘तुलसी’ अपने उत्तरपद ‘कृत’ के अर्थ-क्षेत्र को सीमित कर रहा है जिसका अर्थ है कि कोई वस्तु केवल ‘तुलसी’ के द्वारा कृत है, किसी अन्य के द्वारा नहीं। तत्पुरुष समास के भेदतत्पुरुष समास के अंतर्गत दो प्रकार के समास आते हैं- (क) कारकीय-चिह्न युक्त तत्पुरुष समास (क) कारकीय-चिह्न युक्त तत्पुरुष समास-जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है इस वर्ग के तत्पुरुष समासों के दोनों पदों के बीच कोई न कोई कारकीय-चिह्न (कर्ता तथा संबोधन कारक को छोड़कर) अवश्य आता है तथा समस्तपद बनाते समय इनका लोप कर दिया जाता है और विग्रह करते समय उन्हें पुनः जोड़ दिया जाता है; जैसे-कष्टसाध्य = कष्ट से साध्य, बाढ़ पीड़ित=बाढ़ से पीड़ित आदि। कारकीय-चिह्नों के आधार पर तत्पुरुष समास के निम्नलिखित भेद सामने आते हैं- (i) कर्म तत्पुरुष (चिह्न-को) (i) कर्म तत्पुरुष (चिह्न-‘को’)
(ii) करण तत्पुरुष (चिह्न-‘से’/के द्वारा’)
(iii) संप्रदान तत्पुरुष (चिह्न- के लिए)
(iv) अपादान तत्पुरुष ( चिन्ह-‘से’ अलग होने के अर्थ में)
(v) संबंध तत्पुरुष (चिह्न-‘का, के, की’)
(vi) अधिकरण तत्पुरुष (चिह्न-‘में, ‘पर’)
कारकीय-चिह्न रहित तत्पुरुष समासइस वर्ग में दो तरह के समास आते हैं – (i) जिन समासों का पहला पद कोई ‘निषेधवाची अव्यय’ शब्द होता है तथा विग्रह करते समय (हिंदी में) पूर्वपद के स्थान पर न अव्यय जोड़ दिया जाता है; जैसे-‘असभ्य’ समस्तपद का विग्रह होगा-‘न सभ्य। यह समास नञ् तत्पुरुष समास कहलाता है। (ii) दूसरे वे तत्पुरुष समास हैं जिनके दोनों पदों के बीच विशेषण-विशेष्य का अलावा उपमेय-उपमान का संबंध है तथा विग्रह करते समय उत्तरपद की विशेषता में सहयोग देनेवाले शब्द समूह को जोड़ दिया जाता है। इस वर्ग मे दो समास आते हैं-कर्मधारय तथा द्विगु समास; जैसे-
आइए, कारकीय-चिह्न रहित तत्पुरुष समास के सभी भेदों को क्रमशः उदाहरण सहित समझते हैं– (i ) नञ् तत्पुरुष समास संस्कृत में तत्पुरुष समास का एक भेद ऐसा भी था जिसका पूर्वपद कोई निषेधवाची अव्यय शब्द होता था। ऐसे तत्पुरुष समास को नञ् तत्पुरुष समास कहा जाता था। हिंदी में भी नञ् तत्पुरुष समास के अनेक उदाहरण मिलते हैं; जैसे- ‘अनिद्रा’, ‘असभ्य’, ‘नालायक’, ‘नास्तिक’, ‘अनादर’ आदि। इन शब्दों में क्रमश: ‘अ’, ‘ना’, ‘अन्’ निषेधवाची अव्यय शब्द आरंभ में आ रहे हैं। इस समास का विग्रह करते समय पूर्वपद के स्थान पर न अव्यय जोड़ दिया जाता है; जैसे-
अन्य उदाहरण
विभिन्न समासों में अंतरसमास के विभिन्न भेदों में अंतर को नीचे विस्तार से समझाया गया है- 1. कर्मधारय तथा द्विगु समास में अंतर
उदाहरण
2. द्विगु तथा बहुव्रीहि समास में अंतर
उदाहरण
MCQsप्रश्न 1. समास का शाब्दिक अर्थ क्या होता है– उत्तर (A) प्रश्न 2. इन में से कौन सा अव्ययीभाव पद है– उत्तर (C) प्रश्न 3. निम्न में कौन सा कर्मधारय समास है उत्तर (C) प्रश्न 4. गजानन में कौन सा समास हैप्रश्न उत्तर (B) प्रश्न 5. देवासुर में कौन सा समास है? उत्तर (D) प्रश्न 6. वनगमन में कौन सा समास है? उत्तर (C) प्रश्न 7. पंचतंत्र में कौन सा समास है? उत्तर (C) प्रश्न 8. देशभक्ति कौन सा समास
है? उत्तर (B) प्रश्न 9. कौन सा बहुव्रीहि समास का उदाहरण है– उत्तर (C) प्रश्न 10.
त्रिलोचन में कौन सा समास है? उत्तर (C) प्रश्न 11. चौराहा में कौन सा समास है? उत्तर (D) प्रश्न
12. दशमुख में कौन सा समास है– उत्तर (B) प्रश्न 13. महादेव में कौन सा समास है? उत्तर (C) प्रश्न
14. विशेषण और विशेष्य के योग से कौन सा समास बनता है– उत्तर (C) प्रश्न 15. किस शब्द में द्विगु समास है– उत्तर (C) प्रश्न 16. किसमें सही सामासिक पद है– उत्तर (B) प्रश्न 17. द्विगु समास का उदाहरण है? उत्तर (D) प्रश्न 18. इनमें से द्वंद्व समास का उदाहरण है– उत्तर (D) प्रश्न 19. अव्ययीभाव समास का एक उदाहरण यथाशक्ति का सही विग्रह क्या होगा? उत्तर
(C) प्रश्न 20. पाप-पुण्य में कौन सा समास है? उत्तर (B) समास पर अधिकतर पूछे जानें वाले प्रश्न उत्तर नीचे दिए गए हैं: 1. परमाणु शब्द में कौनसा समास होता है? उत्तर-कर्मधारय समास 2.वातावरण का विग्रह और समास होगा? उत्तर-वात का आवरण- तत्पुरूष 3. ‘मनोज’ शब्द में कौनसा समास है? उत्तर- बहुव्रीहि समास 4. काली मिर्च शब्द में कौन सा समास है? उत्तर- कर्मधारय 5. ‘हिमतनया’ शब्द में कौन-सा समास है? उत्तर- बहुव्रीहि समास 6. ‘क्रीडाक्षेत्र’ शब्द का सही विग्रह क्या है? उत्तर- क्रीड़ा के लिए क्षेत्र 7. ‘पर्णकुटी’ शब्द का समास है? उत्तर- तत्पुरुष 8. ‘मृत्युंजय’ शब्द में प्रयुक्त समास है? उत्तर- बहुव्रीहि 9. देशप्रेम में समास है? उत्तर- तत्पुरुष 10. आस-पास शब्द में कौन सा समास है? उत्तर- द्वंद्व 11. राजसभा शब्द में कौनसा समास है? उत्तर- तत्पुरुष 12. नवरत्न में कौन सा समास है? उत्तर- द्विगु 13. देवालय में कौनसा समास है? उत्तर- तत्पुरुष 14. अनायास में कौन-सा समास है? उत्तर- अव्ययीभाव 15. जिस समास में दोनों पद प्रधान हों, वह कहलाता है? उत्तर- द्वन्द्व समास 16. चन्द्रशेखर में कौनसा समास है? उत्तर- बहुव्रीहि 17. नेत्रहीन किस समास का उदाहरण है? उत्तर- तत्पुरुष 18. खरा-खोटा शब्द में कौनसा समास है? उत्तर- द्वन्द्व 19. सपरिवार में कौन-सा समास है? उत्तर- बहुव्रीहि 20. शरणागत शब्द में कौनसा समास है? उत्तर- तत्पुरुष 21. घनश्याम में कौन सा समास है? उत्तर- बहुव्रीहि 22. नरोत्तम में कौन सा समास है? उत्तर- सo तत्पुरुष(अधिकरण तत्पुरुष) 23. चिड़ीमार में कौन सा समास है? उत्तर- द्वितीया तत्पुरुष 24. मृत्युंजय में कौन सा समास है? उत्तर- बहुव्रीहि 25. सप्तसिंधु में कौन सा समास है? उत्तर- द्विगु 26. अनुरुप में कौन सा समास है? उत्तर- अव्ययीभाव 27. यज्ञशाला में कौन सा समास है? उत्तर- तत्पुरुष 28. पापमुक्त में कौन सा समास है? उत्तर- तत्पुरुष 29. प्रतिकूल में कौन सा समास है? उत्तर- अव्ययीभाव 30. प्रधानमंत्री में कौन सा समास है? उत्तर- बहुव्रीहि 31. ‘तिरंगा’ में कौन-सा समास है? उत्तर- द्विगु 32. ‘देव जो महान है’ यह किस समास का उदाहरण है? उत्तर- कर्मधारय 33. ‘चौराहा’ शब्द में कौन-सा समास है? उत्तर- द्विगु 34. “राजपुत्र” में कौन-सा समास है? उत्तर- तत्पुरुष 35. ‘योगदान’ में कौन-सा समास है? उत्तर- तत्पुरुष 36. अगोचर में कौन-सा समास है? उत्तर- तत्पुरुष 37. ‘दशानन’ में कौन-सा समास है? उत्तर- बहुव्रीहि 38. चक्रपाणि में कौन सा समास है? उत्तर- बहुव्रीहि 39.साग-पात में कौन सा समास है? उत्तर- कर्मधारय 40. शताब्दी शब्द में कौन सा समास होता है? उत्तर- द्विगु 41. अव्ययीभाव समास का उदाहरण है? उत्तर- भरपेट 42.bस्वर्णघट का समास-विग्रह है? उत्तर- स्वर्ण का घट 43. शाखामृग शब्द में समास है? उत्तर- बहुव्रीहि 44. रेलगाड़ी शब्द का सही समास-विग्रह है? उत्तर- रेल पर चलने वाली गाड़ी 45. पर्णकुटी शब्द में समास है? उत्तर- तत्पुरुष 46. चतुर्भुज में कौन-सा समास है? उत्तर- बहुव्रीहि 47. मतदाता शब्द में समास है? उत्तर- तत्पुरुष 48. नरेश शब्द का समास विग्रह होगा? उत्तर- नरों का ईश 49. विद्यार्थी में कौन-सा समास है? उत्तर- तत्पुरुष 50. तत्पुरुष समास में प्रधान पद माना जाता है? उत्तर- उत्तरपद सम्बंधित टॉपिक्स
FAQsसमास कितने प्रकार के होते हैं? अव्ययीभाव समास महाकवि कौन सा समास है? कर्मधारय समास समास के कितने पद होते हैं? समास में दो पद होते हैं। एक-एक शब्द में कौन सा समास है? अव्ययीभाव समास महाकाव्य समस्त पद में कौन सा समास है? कर्मधारय समास दोपहर में कौन सा समास होगा? द्विगु समास
कर्मधारय समास देशांतर में कौन सा समास है? तत्पुरुष समास
तत्पुरुष समास कितने प्रकार के होते हैं? कर्म तत्पुरुष समास, करण तत्पुरुष समास, सम्प्रदान तत्पुरुष समास, अपादान तत्पुरुष समास, सम्बन्ध तत्पुरुष समास, अधिकरण तत्पुरुष समास आदि। उम्मीद है कि आपको इस ब्लॉग से Samas in Hindi के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। यदि आप भी विदेश में पढ़ाई करना चाहते हैं, तो आज ही हमारे Leverage Eduएक्सपर्ट के साथ 30 मिनट का फ्री सेशन 1800 57 2000 पर कॉल करके बुक करें। 68 में कौन सा समास होता है?अड़सठ में कौन सा समास है ? अड़सठ का समास-विग्रह क्या है?. 29 में कौन सा समास है?29 (उन्तीस) एक संख्या है और यह संख्या का बोध कराता है इसके लिए 29 में द्विगु समास है।
31 में कौन सा समास है?(31) इक़टीस में संख्यावाचक द्विगु समास है! अजातशत्रु में कौन सा समास है? कुछ विद्वान कहते हैं कि पहला पद संख्या है तो द्विगु समास होता है । इसमें पहला पद संख्या है ।
61 में कौन सा समास है?61 में द्वंद्व समास - Answers of Question.
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