52 shakti peeth name list in hindi – ५२ शक्ति पीठ नाम लिस्ट इन हिंदी: Show
देवी भागवत पुराण में १०८ , कालिका पुराण में छब्बीस , शिवचरित्र में इक्यावन , दुर्गा सप्त सटी और तंत्रचूड़ामणि , में शक्ति पीठोंके की संख्या ५२ बताई है , लेकिन आमतौर पर ५१ शक्ति पीठ मने जाते है. हिंदू धर्म के अनुसार जहा सटी देवी के शरीर के अंग गिरे वहा वहा शक्ति पीठ बन गयी। ये अत्यंत पावन तीर्थ कहलाते है. भगवन शकंर ने यज्ञकुंड से सती के शरीर को कंधे पर उठा लिया और दुःख से यहाँ वह घूमने लगे। उसके बाद संपूर्ण धरती को इस समस्या से बचने के लिये जग के पालनकर्ता भगवन विष्णु के चक्र से सती के शरीर को काटा गया। उसके बाद सती के शरीर के टुकड़े ५२ जगह पर गिराय। जहा जहा टुकड़े गिरे वह स्थान को ५२ शक्तिपीठ कहलाते है.यहाँ पर हम आपको ५२ शक्ति पीठ की पूरी लिस्ट देने वाले है.
तो यहाँ पर 52 shakti peeth name list in hindi | ५२ शक्ति पीठ नाम लिस्ट इन हिंदी इस पोस्ट को समाप्त कर रहे हे. हमने ५२ शक्ति पीठ कोन कोनसे है ये बताया है. अगर आपको भी ५२ शक्ति पीठ के नाम चाहिए तो आपको यहाँ पर पूरी लिस्ट मिलेगी. इस पोस्ट से आप ५२ शक्ति पीठ के बारेमे जानकारी प्राप्त कर सकते है. आप इस पोस्ट को आखरीतक पढ़े. और अपने दोस्तोंको शेयर करे. 52 शक्तिपीठ में शक्ति के तौर पर मां दुर्गा की उपासना की प्राचीन परम्परा रही है. पूरे भारत उपमहाद्वीप में उन्हें विविध नामों और भिन्न विधियों से पूजा जाता है. पौराणिक आख्यानों के आधार पर इन पूजा स्थलों को शक्तिपीठ कहा जाता है. कुछ पुराणों में 51 शक्तिपीठ तो कुछ में 52 शक्तिपीठ का वर्णन मिलता है. प्रख्यात पुस्तक तंत्र चुड़ामणि में मां के 51 शक्तिपीठों का ही वर्णन मिलता है.
52 शक्तिपीठ के बारे में जो कथा कही जाती है, प्रमुखता से शिव पुराण में उसका विशद विवरण मिलता है. इस कथा के अनुसार सती ने तपस्या करके शिव को वर रूप में प्राप्त किया लेकिन प्रजापति दक्ष इस विवाह से प्रसन्न नहीं थे. कालान्तर में उन्होंने कनखल नामक स्थान पर जो हरिद्वार में स्थित है, एक यज्ञ का आयोजन करवाया. बृहस्पति सर्व नामक इस यज्ञ में उन्होंने सभी देवताओं को बुलाया लेकिन शिव का अपमान करने के लिए जमाता या जमाई होने के बावजूद उन्हें निमंत्रण नहीं भेजा. सती अपने पिता के यज्ञ समारोह में जाने के लिए व्याकुल हो उठी और शिवजी के मना करने के बावजूद यज्ञ में हिस्सा लेने गई. उन्होंने अपने पिता से शिवजी को आमंत्रित न करने और यज्ञ में हिस्सा ने देने का कारण पूछा तो प्रजापति दक्ष ने शिवजी का अपमान किया. अपने पति के अपमान से क्षोभ ग्रस्त देवी सती ने योगाग्नि ने अपना शरीर की आहूति दे दी. इस समाचार को सुनते ही शिवजी को प्रचंड क्रोध आ गया और उन्होंने गणों सहित यज्ञ का विनाश कर दिया और वे शोकग्रस्त होकर सती के पार्थिव शरीर के साथ विचरण करने लगे. उनके शोक और क्रोध से पूरा ब्रह्मांड त्राहि—त्राहि करने लगा. तब भगवान श्री हरि विष्णु ने भगवान शिव को शोक मुक्त और शांत करने के लिए अपने सुदर्शन चक्र से सती के पार्थिक शरीर को 52 हिस्सों में विभाजित कर दिया. यह 52 हिस्से 52 अलग स्थानों पर गिरे और जहां यह गिरे उस स्थान पर मां सती की पूजा 52 शक्तिपीठ के तौर पर होने लगी. 52 शक्तिपीठ की सूची List of 52 Shaktipeethयहां नीचे दी गई सूची में इन 52 शक्तिपीठ का संक्षिप्त वर्णन किया गया हैं.
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भारत के 51 शक्तिपीठ कौन कौन से हैं?माता के 51 शक्तिपीठ, जानें दर्शन करने कहां-कहां जाना होगा. 1 . हिंगलाज शक्तिपीठ कराची से 125 किमी उत्तर-पूर्व में स्थित है हिंगलाज शक्तिपीठ। ... . 2 . शर्कररे (करवीर) ... . 3 . सु्गंधा-सुनंदा ... . 4 . कश्मीर-महामाया ... . 5 . ज्वालामुखी-सिद्धिदा ... . 6 . जालंधर-त्रिपुरमालिनी ... . 7 . वैद्यनाथ- जयदुर्गा ... . 8 . नेपाल- महामाया. वैष्णो देवी में सती का कौन सा अंग गिरा था?यहां देवी सती की आंख गिरी थी यहां देवी महिष मर्दिनी कहलाती हैं. देवी सती की नासिका गिरी थी सुगंध बांग्लादेश में शिकारपुर बरिसल से 20 किमी दूर सोंध नदी के किनारे. यहां देवी सुनंदा कहलाती हैं.
भारत में कितने सिद्ध पीठ हैं?देवी पुराण के मुताबिक 51 शक्तिपीठ में से कुछ विदेश में भी स्थापित हैं। इनमें भारत में 42, पाकिस्तान में 1, बांग्लादेश में 4, श्रीलंका में 1, तिब्बत में 1 तथा नेपाल में 2 शक्तिपीठ हैं। जानकारों के अनुसार महामाया आदिशक्ति की जाग्रत शक्तियों वाले स्थान सिद्ध शक्ति पीठ कहे जाते हैं।
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