4 लेखक ने जापानियों के दिमाग में स्पीड का इंजन लगने की बात क्यों कही? - 4 lekhak ne jaapaaniyon ke dimaag mein speed ka injan lagane kee baat kyon kahee?

दिमाग में ‘स्पीड’ का इंजन लगने से वह दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकता है। जापान के लोग पूर्ण रूप से प्रतिस्पर्धा में हैं, वे किसी भी तरीके से उन्नति करके अमेरिका से आगे निकलना चाहते हैं। इसलिए उनका मस्तैिष्क सदा तनावग्रस्त रहता है। इस कारण वे मानसिक रोगों के शिकार होते हैं। लेखक ने जापानियों के दिमाग में ‘स्पीड’ का इंजन लगाने की बात इसलिए कही क्योंकि वे तीव्र गति से प्रगति करना चाहते हैं। महीने के काम को एक दिन में पूरा करना चाहते हैं इसलिए उनका दिमाग भी तेज़ रफ्तार से स्पीड इंजन की भाँति सोचता है।

4 लेखक ने जापानियों के दिमाग में स्पीड का इंजन लगने की बात क्यों कही है?

लेखक ने जापानियों के दिमाग में 'स्पीड' का इंजन लगाने की बात इसलिए कही क्योंकि वे तीव्र गति से प्रगति करना चाहते हैं। महीने के काम को एक दिन में पूरा करना चाहते हैं इसलिए उनका दिमाग भी तेज़ रफ्तार से स्पीड इंजन की भाँति सोचता है।

दिमाग में स्पीड का इंजन क्यों लगाया जाता है?

उत्तर:- जापानियों ने अमेरिका से प्रतिस्पर्धा के चक्कर में अपने दिमाग को और तेज दौड़ाना शुरु कर दिया ताकि जापान हर मामले में अमेरिका से आगे निकल सके। इसलिए लेखक ने जापानियों के दिमाग में 'स्पीड' का इंजन लगने की बात कही है।

स्पीड का इंजन लगाने का क्या अर्थ होता है?

Expert-verified answer वे महीने भर का काम एक दिन में पूरा करना चाहते हैं और तेज गति से प्रगति करना चाहते हैं। हर काम तेज गति करने कि प्रवृत्ति के कारण लेखक ने जापानियों के दिमाग में स्पीड इंजन लगा होने की बात कही है।

दिमाग का तनाव बढ़ने पर जापानी लोग क्या करते हैं?

<br> (iv) उनका मानसिक तनाव इतना बढ़ जाता है कि दिमाग का इंजन टूट जाता है। <br> उपर्युक्त तथ्यों के कारण, जापान में अस्सी प्रतिशत लोग मानसिक रोगों के शिकार है। . टी-सेरेमनी में शान्ति से बैठकर लगभग ड़ेढ घण्टे तक एक-एक बूंद करके चाय पीनी पड़ती है, जिससे दिमाग की रफ्तार शांत हो जाती है और मानसिक राहत निलती है।