26 नवंबर को क्या दिवस मनाया जाता है? - 26 navambar ko kya divas manaaya jaata hai?

Constitution Day 2021: संविधान दिवस मनाने का उद्देश्य देश के युवाओं के बीच में संविधान के मूल्यों को बढ़ावा देना जागरूकता फैलाना है.

26 नवंबर को क्या दिवस मनाया जाता है? - 26 navambar ko kya divas manaaya jaata hai?

क्यों मनाते हैं 26 नवंबर को संविधान दिवस (साकेंतिक तस्वीर)

आजाद भारत के पन्नों में 26 नवंबर बेहद ही खास दिन है. इस दिन को संविधान दिवस (Constitution Day) के रूप में मनाया जाता है. संविधान 26 नवंबर 1949 में पूरी तरह तैयार हो चुका था लेकिन दो महीने इंतजार करने के बाद इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया था. भारत का संविधान देश के हर नागरिक को आजाद भारत में रहने का समान अधिकार देता है. इस दिन को मनाने का उद्देश्य देश के युवाओं के बीच में संविधान के मूल्यों को बढ़ावा देना जागरूकता फैलाना है. भारत का संविधान बनाने में डॉ. बी आर अंबेडकर की अहम भूमिका रही है.  26 नवंबर को राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप में भी जाना जाता है.

26 नवंबर को पहले कानून दिवस के तौर पर मनाया जाता था. इसकी वजह ये थी कि 1930 में कांग्रेस लाहौर सम्मेलन में पूर्ण स्वराज की प्रतिज्ञा को पास किया गया था, इसी घटना की याद में कानून दिवस (Law day) मनाया जाता था.उसके बाद सामाजिक न्याय मंत्रालय ने 19 नवंबर 2015 को भारत सरकार द्वारा यह फैसला लिया गया कि 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाएगा. सविंधान के बारे में लोगों के बीच जागरूकता फैलाने और संवैधानिक मूल्यों के बारे में बताने और प्रचार करने का फैसला लिया गया था.

संविधान को बनने में लगे थे इतने दिन

संविधान बनने में 2 वर्ष, 11 माह 18 दिन लगे थे यह 26 नवंबर, 1949 को पूरा हुआ था. 26 जनवरी, 1950 को भारत गणराज्य का यह संविधान लागू हुआ था. संविधान की असली कॉपी प्रेम बिहारी नारायण रायजादा द्वारा लिखी गई थी. बेहतरीन कैलीग्राफी के जरिए इटैलिक अक्षरों में लिखी गई है. संविधान की असली प्रतियां हिंदी और इंग्लिश दो भाषाओं में लिखी गई थीं. आज भी भारत की संसद में हीलियम भरे डिब्बों में सुरक्षित तरीके से रखा गया है.

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संविधान बनाने का मकसद

देश में रहने वाले सभी धर्म के लोगों के बीच एकता, समानता बनी रहे इसलिए सविंधान को बनाया गया ताकि सभी लोगों को बिना किसी भेदभाव के उनका अधिकार मिले. भारत के संविधान में प्रस्तावना (preamble) लिखी गई है जिसे भारतीय संविधान का परिचय पत्र कहा जाता है. इस प्रस्तावना में भारत के सभी नागरिकों के लिए न्याय, स्वतंत्रता, समानता को सुरक्षित करती है और लोगों के बीच भाई चारे को बढावा देती है.

भारतीय संविधान की प्रस्तावना

हम भारत के लोग, भारत को एक सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को

न्याय, सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक,

विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता,

प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त करने के लिए तथा,

उन सबमें व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखण्डता सुनिश्चित करनेवाली बंधुता बढाने के लिए,

दृढ संकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख 26 नवंबर, 1949 ई0 को एतद द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं.”

Constitution Day 2021: भारतीय संविधान की ये विशेषता है कि ये विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान है। इस दिन को राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप में भी याद किया जाता है।

भारत के नागरिक अपने संविधान को बहुत सम्मान देते हैं। ऐसे में क्या आप जानते हैं कि 26 नवंबर का दिन हमारे संविधान और देश के लिए कितना अहम है?

दरअसल 26 नवंबर 1949 को ही संविधान सभा ने हमारे संविधान को विधिवत तरीके से अपनाया था। हालांकि इसे लागू 26 जनवरी 1950 को किया गया था।

यही वजह है कि हर साल 26 नवंबर को देश संविधान दिवस मनाता है। इस दिन को राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप में भी याद किया जाता है। भारतीय संविधान की ये विशेषता है कि ये विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान है। इसके कुछ हिस्से अमेरिका, जर्मनी, यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया, आयरलैंड, कनाडा और जापान के संविधान से लिए गए हैं।

हमारे संविधान में देश के नागरिकों के मौलिक अधिकारों, कर्तव्यों और सरकारी तंत्र के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है। इसमें ये बताया गया है कि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल और मुख्यमंत्री की क्या शक्तियां हैं और किस तरह से विधानपालिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका काम करती है।

देश में जब भी संविधान का जिक्र होता है तो डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का नाम भी जरूर याद किया जाता है। वे हमारे देश के संविधान निर्माता के रूप में हमेशा अमर रहेंगे। संविधान सभा ने डॉ भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता वाली एक समिति को ही ये काम सौंपा था कि वह संविधान का मसौदा तैयार करें। ऐसे में संविधान तैयार करने में 2 साल 11 महीने और 18 दिन का समय लगा था।

संविधान लिखने वाली सभा में 299 सदस्य थे और इस सभा के पहले अध्यक्ष भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद थे। भारत का संविधान 25 भागों, 470 अनुच्छेदों और 12 सूचियों में बंटा हुआ है।

Constitution Day 2021 : हर भारतीय नागरिक के लिए हर साल 26 नवंबर का दिन बेहद खास होता है। दरअसल यही वह दिन है जब देश की संविधान सभा ने मौजूदा संविधान को विधिवत रूप से अपनाया था। यह संविधान ही है जो हमें एक आजाद देश का आजाद नागरिक की भावना का एहसास कराता है। जहां संविधान के दिए मौलिक अधिकार हमारी ढाल बनकर हमें हमारा हक दिलाते हैं, वहीं इसमें दिए मौलिक कर्तव्य में हमें हमारी जिम्मेदारियां भी याद दिलाते हैं। हर वर्ष 26 नवंबर का दिन देश में संविधान दिवस के तौर पर मनाया जाता है। 26 नवंबर को राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप में भी जाना जाता है। 

26 नवंबर, 1949 को ही देश की संविधान सभा ने वर्तमान संविधान को विधिवत रूप से अपनाया था। हालांकि इसे 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया था। 

कब और क्यों लिया गया संविधान दिवस मनाने का फैसला
साल 2015 में संविधान के निर्माता डॉ. आंबेडकर के 125वें जयंती वर्ष के रूप में 26 नवंबर को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने इस दिवस को 'संविधान दिवस' के रूप में मनाने के केंद्र सरकार के फैसले को अधिसूचित किया था। संवैधानिक मूल्यों के प्रति नागरिकों में सम्मान की भावना को बढ़ावा देने के लिए यह दिवस मनाया जाता है। 

भारतीय संविधान विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान है। इसके कई हिस्से यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका, जर्मनी, आयरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और जापान के संविधान से लिये गये हैं। इसमें देश के नागरिकों के मौलिक अधिकारों, कर्तव्यों, सरकार की भूमिका, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, राज्यपाल और मुख्यमंत्री की शक्तियों का वर्णन किया गया है। विधानपालिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका का क्या काम है, उनकी देश को चलाने में क्या भूमिका है, इन सभी बातों का जिक्र संविधान में है। 

कैसी दिखती है मूल प्रति
- 16 इंच चौड़ी है संविधान की मूल प्रति
- 22 इंच लंबे चर्मपत्र शीटों पर लिखी गई है
- 251 पृष्ठ शामिल थे इस पांडुलिपि में

कितने दिन में हुआ तैयार
पूरा संविधान तैयार करने में 2 वर्ष, 11 माह 18 दिन लगे थे। यह 26 नवंबर, 1949 को पूरा हुआ था। 26 जनवरी, 1950 को भारत गणराज्य का यह संविधान लागू हुआ था।

- संविधान की असली कॉपी प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने हाथ से लिखी थी। ये बेहतरीन कैलीग्राफी के जरिए इटैलिक अक्षरों में लिखी गई है। इसके हर पन्ने को शांतिनिकेतन के कलाकारों ने सजाया था। 

- संविधान की असली प्रतियां हिंदी और इंग्लिश दो भाषाओं में लिखी गई थीं। इन्हें आज भी भारत की संसद में हीलियम भरे डिब्बों में सुरक्षित रखा गया है।

- 26 जनवरी, 1950 को संविधान लागू किया गया था। इस दिन को भारत गणतंत्र दिवस के रूप में मनाता है। 

- हाथ से लिखे हुए संविधान पर 24 जनवरी, 1950 को संविधान सभा के 284 सदस्यों ने हस्ताक्षर किए थे जिसमें 15 महिलाएं भी शामिल थीं। दो दिन बाद 26 जनवरी से यह संविधान देश में लागू हो गया था। 

- संविधान 25 भागों, 470 अनुच्छेदों और 12 सूचियों में बंटा भारतीय संविधान किसी दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है।

- मूल रूप से भारतीय संविधान में कुल 395 अनुच्छेद (22 भागों में विभाजित) और 8 अनुसूचियाँ थी, किंतु विभिन्न संशोधनों के परिणामस्वरूप वर्तमान में इसमें कुल 470 अनुच्छेद (25 भागों में विभाजित) और 12 अनुसूचियां हैं। संविधान के तीसरे भाग में मौलिक अधिकारों का वर्णन किया गया है।

26 नवंबर को कौनसा दिवस मनाया जाता है?

पूरे देश में संविधान दिवस हर वर्ष 26 नवंबर को मनाया जाता है, क्योंकि आज ही के दिन भारतीय संविधान को संविधान सभा द्वारा औपचारिक रूप से अपनाया गया था। संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को संविधान को अपनाया था।

26 नवंबर 1950 को क्या हुआ था?

ऐसे में जब 26 नवंबर, 1949 को भारत ने अपना संविधान तैयार कर भी लिया तो फिर दो महीने का इंतजार और किया गया. और फिर पूर्ण स्वराज की 22वीं वर्षगांठ पर संविधान को लागू करके पूर्ण स्वराज दिवस को गणतंत्र दिवस के रूप में घोषित कर दिया गया.

26 नवंबर 1947 को क्या हुआ था?

26 नवंबर, 1949 को भारत के संविधान को भारत की संविधान सभा द्वारा कानूनी रूप से अपनाया गया था। दस्तावेज़ बाद में 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ, जो दुनिया के सबसे लंबे लिखित संविधानों में से एक बन गया।

संविधान दिवस कब से शुरू हुआ?

हमारा संविधान 26 नवंबर 1949 तक तैयार हो गया था. 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू हुआ और इस दिन को तब से गणतंत्र दिवस के रुप में मनाया जाता है. भारत के आजाद होने के बाद संविधान सभा का गठन हुआसंविधान सभा ने अपना काम 9 दिसंबर 1946 से शुरू किया.