Show राष्ट्रीय प्रसारण दिवस (National Broadcasting Day) हर साल 23 जुलाई को रेडियो के सम्मान में मनाया जाता है, जो भारत में लोगों के जीवन में समाचारों के साथ-साथ मनोरंजन के एक सरल माध्यम के रूप में एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। आज ही के दिन 1927 में भारतीय प्रसारण कंपनी (Indian Broadcasting Company) के तहत बॉम्बे स्टेशन से देश में पहली बार रेडियो प्रसारण प्रसारित किया गया था। Buy Prime Test Series for all Banking, SSC, Insurance & other exams राष्ट्रीय प्रसारण दिवस का इतिहासः
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२३ जुलाई ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २०४वॉ (लीप वर्ष मे २०५वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और १६१ दिन बाकी है। प्रमुख घटनाएँ[संपादित करें]
जन्म[संपादित करें]
निधन[संपादित करें]
दिवस[संपादित करें]
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भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक एवं लोकप्रिय स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आजाद का जन्म 23 जुलाई, 1906 को मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले के भाबरा नामक स्थान पर हुआ। आजाद का जन्मस्थान भाबरा अब 'आजादनगर' के रूप में जाना जाता है। उनके पिता का नाम पंडित सीताराम तिवारी एवं माता का नाम जगदानी देवी था। उनके पिता ईमानदार, स्वाभिमानी, साहसी और वचन के पक्के थे। यही गुण चंद्रशेखर को अपने पिता से विरासत में मिले थे। चंद्रशेखर आजाद 14 वर्ष की आयु में बनारस गए और वहां एक संस्कृत पाठशाला में पढ़ाई की। वहां उन्होंने कानून भंग आंदोलन में योगदान दिया था। 1920-21 के वर्षों में वे गांधीजी के असहयोग
आंदोलन से जुड़े। वे गिरफ्तार हुए और जज के समक्ष प्रस्तुत किए गए। जहां उन्होंने अपना नाम 'आजाद', पिता का नाम 'स्वतंत्रता' और 'जेल' को उनका निवास बताया। उन्हें 15 कोड़ों की सजा दी गई। हर कोड़े के वार के साथ उन्होंने, 'वंदे मातरम्' और 'महात्मा गांधी की जय' का स्वर बुलंद किया। इसके बाद वे सार्वजनिक रूप से आजाद कहलाए। जब क्रांतिकारी आंदोलन उग्र हुआ, तब आजाद उस तरफ खिंचे और 'हिन्दुस्तान सोशलिस्ट आर्मी' से जुड़े। रामप्रसाद बिस्मिल के नेतृत्व में आजाद ने काकोरी षड्यंत्र (1925) में सक्रिय भाग लिया और पुलिस की आंखों में धूल झोंककर फरार हो गए। 17 दिसंबर, 1928 को चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह और राजगुरु ने शाम के समय लाहौर में पुलिस अधीक्षक के दफ्तर को घेर लिया और ज्यों ही जे.पी. साण्डर्स अपने अंगरक्षक के साथ मोटर साइकिल पर बैठकर निकले तो राजगुरु ने पहली गोली दाग दी, जो साण्डर्स के माथे पर लग गई वह मोटरसाइकिल से नीचे गिर पड़ा। फिर भगत सिंह ने आगे बढ़कर 4-6 गोलियां दाग कर उसे बिल्कुल ठंडा कर दिया। जब साण्डर्स के अंगरक्षक ने उनका पीछा किया, तो चंद्रशेखर आजाद ने अपनी गोली से उसे भी समाप्त कर दिया। इतना ना ही नहीं लाहौर में जगह-जगह परचे चिपका दिए गए, जिन पर लिखा था- लाला लाजपतराय की मृत्यु का बदला ले लिया गया है। उनके इस कदम को समस्त भारत के क्रांतिकारियों खूब सराहा गया। अलफ्रेड पार्क, इलाहाबाद में 1931 में उन्होंने रूस की बोल्शेविक क्रांति की तर्ज पर समाजवादी क्रांति का आह्वान किया। उन्होंने संकल्प किया था कि वे न कभी पकड़े जाएंगे और न ब्रिटिश सरकार उन्हें फांसी दे सकेगी। इसी संकल्प को पूरा करने के लिए उन्होंने 27 फरवरी, 1931 को इसी पार्क में स्वयं को गोली मारकर मातृभूमि के लिए प्राणों की आहुति दे दी। ऐसे वीर क्रांतिकारी चंद्रशेखर का नाम मन में आते ही अपनी मूंछों को ताव देता वह नौजवान आंखों के सामने जाता है जिसे पूरी दुनिया 'आजाद' के नाम से जानती है। 23 July को कौनसा दिवस मनाया जाता है?यही कारण है कि 23 जुलाई को राष्ट्रीय प्रसारण दिवस के रूप में मनाया जाता है. कब आया ऑल इंडिया रेडियो (AIR)? अप्रैल 1930 में, लेबर और इंडस्ट्रियल विभाग के तहत भारतीय प्रसारण सेवा ने एक्सपेरिमेंटल तौर पर अपना संचालन शुरू किया.
30 जुलाई को कौन सा दिन मनाया जाता है?हम आपको बताते हैं कि फ्रेंडशिप डे की शुरुआत 30 जुलाई, 1958 को विश्व मैत्री धर्मयुद्ध (अंतरराष्ट्रीय नागरिक संगठन) द्वारा प्रस्तावित किया गया था। दोस्ती के महत्व को बताने के लिए इस दिन को मनाने की शुरुआत की गई थी। हालांकि आधिकारिक तौर पर इसे साल 2011 से मनाया जाने लगा।
राष्ट्रीय प्रसारण दिवस कब मनाया गया है?भारत में, रेडियो के महत्व से लोगों को अवगत कराने के लिए हर साल 23 जुलाई को “राष्ट्रीय प्रसारण दिवस” मनाया जाता है. 1927 से रेडियो भारत में लोगों के जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बना हुआ है और लगातार सूचना, शिक्षा और मनोरंजन उपलब्ध कराता रहा है.
29जुलाई को कौनसा दिवस मनाया जाता है?विश्व बाघ दिवस (अंग्रेज़ी: World Tiger Day) पूरे विश्व में प्रतिवर्ष 29 जुलाई को मनाया जाता है।
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