1 शख क क म त

सनातन धर्म में शंख का विशेष महत्व है. इसे बहुत पूज्यनीय माना जाता है. मान्यता है कि नियमित रूप से अगर घर में शंख बजाया जाए तो इससे नकारात्मकता दूर होती है. गृह क्लेश मिटता है और सुख शांति बनी रहती है.

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शिवलिंग पर शंख से क्यों नहीं चढ़ाया जाता जल

सनातन धर्म में शंख का विशेष महत्व है. इसे बहुत पूज्यनीय माना जाता है. मान्यता है कि नियमित रूप से अगर घर में शंख बजाया जाए तो इससे नकारात्मकता दूर होती है. गृह क्लेश मिटता है और सुख शांति बनी रहती है. लेकिन अगर आप भगवान की पूजा में इस्तेमाल किए जाने वाले शंख को नियमित रूप से बजाते हैं, तो अब से ऐसा भूलकर भी मत कीजिएगा. जानिए वजह.

पहले जानें शंख का महत्व

शंख की गिनती समुद्र मंथन से निकले चौदह रत्नों में होती है.इसे माता लक्ष्मी का भाई कहा जाता है. स्वयं भगवान विष्णु इसे अपने हाथों में धारण करते हैं. मान्यता है कि जिस घर में शंख होता है, वहां साक्षात भगवान विष्णु निवास करते हैं. जहां विष्णु भगवान होंगे, वहां माता लक्ष्मी तो जरूर ही होंगी. यानी घर में शंख रखने से धन धान्य और संपन्नता हमेशा बनी रहती है. लेकिन शंख से जुड़े कुछ नियम भी हैं जिन्हें हर किसी को जानना जरूरी है.

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ये हैं नियम

1. घर में हमेशा दो शंख होने चाहिए. एक शंख से भगवान की पूजा, उनका अभिषेक वगैरह किया जाता है, दूसरे को बजाया जाता है. लेकिन जिस शंख को आप भगवान की पूजा करते हैं, उसे कभी न बजाएं वर्ना भगवान नाराज हो सकते हैं और आपको जीवन में कष्टकारी परिणाम देखने पड़ सकते हैं.

2. ध्यान रखें कि पूजा घर में एक ही शंख रखा जाए. भगवान की पूजा के साथ उस शंख की भी पूजा करनी चाहिए.

3. पूजा में इस्तेमाल किए जाने वाले शंख को हमेशा पानी भरकर रखना चाहिए. पूजा के बाद इस पानी का छिड़काव घर मेंं और घर के सदस्यों पर करने से तमाम समस्याएं दूर होती हैं.

4. जिस शंख को बजाते हैं, उसे एक सफेद वस्त्र में लपेटकर पूजा के आसपास किसी स्थान पर रख सकते हैं. बजाने से पहले शंख को गंगाजल से साफ करना चाहिए.

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Shankh ke fayade 

मुख्य बातें

  • शंख बजाने से फेफड़े मजबूत होते हैं

  • शंख बजाने से रक्तचाप सही रहता है

  • थायराइड की बीमारी में लाभकारी है शंख

Shankh Bajane Fayde: शंख का नाम आपने सुना ही होगा, देखा भी होगा। ये वही शंख है, जिसका प्रयोग महाभारत के युद्ध में युद्ध की घोषणा से पहले शंखनाद करके किया जाता था। सनातन परम्पराओं में शंख को शुभ माना गया है। इसको मंदिरों में या घरों में भी रखा जाता है। पूजा के वक्त या किसी भी शुभ कार्य में शंख को बजाया जाता है। भारतीय परिवारों में और मंदिरों में सुबह और शाम शंख बजाने का प्रचलन है। अगर आप रोजाना शंख बजाते हैं तो इससे आपको काफी लाभ हो सकता है। सेहत के हिसाब से  कई चमत्कारिक फायदे भी हैं, जो इस तरह से हैं

1. रोजाना शंख बजाने से गुदाशय की मांसपेशियां मजबूत बनती हैं। शंख बजाना मूत्र मार्ग, मूत्राशय, निचले पेट, डायाफ्राम, छाती और गर्दन की मांसपेशियों के लिए काफी कारगर साबित होता है। शंख बजाने से इन अंगों का व्यायाम हो जाता है।

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2. शंख बजाने से श्वास लेने की क्षमता में सुधार होता है। इससे आपकी थायरॉयड ग्रंथियों और स्वरयंत्र का व्यायाम होता है। बोलने से संबंधित किसी भी प्रकार की समस्याओं को ठीक करने में मदद मिलती है।

3. शंख बजाने से आपकी झुर्रियों की परेशानी भी कम हो सकती है। जब आप शंख बजाते हैं। तो आपके चेहरे की मांसपेशियां में खिंचाव आता है। जिससे झुर्रियां घटती हैं।

4. शंख में सौ प्रतिशत कैल्शियम होता है। रात को शंख में पानी भरकर रखें और सुबह उसे अपनी त्वचा पर मालिश करें। इससे त्वचा संबंधी रोग दूर हो जाएंगे।

5. शंख बजाने से तनाव भी दूर हो जाते हैं। जो लोग ज्यादा तनाव में रहते हैं उनको शंख जरूर बजाना चाहिए, क्योंकि शंख बजाते समय दिमाग से सारे विकार चले जाते हैं। शंख बजाने से घर के अंदर आने वाली नकारात्मक शक्तियां भी दूर रहती हैं। जिन घरों में शंख बजाया जाता है। वहां कभी नकारात्मकता नहीं आती है।

6. शंख बजाने से आप दिल के दौरे से भी बच सकते हैं। नियमित रूप से शंख बजाने वाले को कभी हार्ट अटैक नहीं आता है। शंख बजाने से सारे ब्लॉकेज खुल जाते हैं। इसी तरह बार-बार सांस भरकर छोड़ने से फेफड़े भी स्वस्थ्य रहते हैं। शंख बजाने से योग की तीन क्रियाएं एक साथ होती है। कुम्भक, रेचक और प्राणायाम।

7. शंख की आकृति और पृथ्वी की संरचना समान है। नासा के अनुसार शंख बजाने से खगोलीय ऊर्जा का उत्सर्जन होता है। जो जीवाणु का नाश कर लोगों में ऊर्जा शक्ति का संचार करता है।

8. फेफड़ों के रोग करें खत्म, शंख बजाने से चेहरे, श्वसन प्रणाली, श्रवण तंत्र तथा फेफड़ों की बहुत बढ़िया एक्सरसाइज होती है। जिन लोगों को सांस संबंधी समस्याएं है उन्हें शंख बजाने से इससे छुटकारा मिल सकता है। हर रोज शंख बजाने वाले लोगों को गले और फेफड़ों के रोग नहीं होते। इससे स्मरण शक्ति भी बढ़ती है।

9. वैज्ञानिक मानते हैं कि शंख फूंकने से उसकी ध्वनि जहां तक जाती है। वहां तक के अनेक बीमारियों के कीटाणु ध्वनि स्पंदन से मूर्छित हो जाते हैं या नष्ट हो जाते हैं। यदि रोज शंख बजाया जाए तो वातावरण कीटाणुओं से मुक्त हो सकता है। बर्लिन विश्वविद्यालय ने शंखध्वनि पर अनुसंधान कर यह पाया कि इसकी तरंगें बैक्टीरिया तथा अन्य रोगाणुओं को नष्ट करने के लिए उत्तम औषधि हैं। रोजाना सुबह शाम शंख बजाने से वायुमंडल कीटाणुओं से मुक्त हो जाता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि सूर्य की किरणें ध्वनि की तरंगों में बाधक होती हैं। इसलिए सुबह-शाम शंख बजाने की परंपरा है।

10. शंख में कैल्शियम गंधक और फास्फोरस काफी मात्रा में पाए जाते हैं। यह तत्व हड्डियों को मजबूत करने के लिए बहुत जरूरी होते हैं। इसलिए शंख में रखे पानी का सेवन करें। इससे दांतो को भी फायदा मिलता है।

शंख के औषधीय प्रयोग भी बहुत कारगर हैं। गूंगे व्यक्ति के द्वारा प्रतिदिन 2-3 घंटे तक शंख बजवायें। एक बड़े शंख में 24 घंटे तक रखा हुआ पानी उसे प्रतिदिन पिलायें छोटे शंखों की माला बनाकर उसके गले में पहनायें तथा 50 से 250 मि.ग्रा. शंखभस्म सुबह शाम शहद साथ चटायें। इससे गूँगापन दूर होता है। एक से 2 ग्राम आँवले के चूर्ण में 50 से 250 मि.ग्रा. शंखभस्म मिलाकर सुबह शाम गाय के घी के साथ देने से तुतलापन में लाभ होता है।

घर में दो शंख रख सकते हैं क्या?

पूजा के लिए घर के किसी मंदिर में दो शंख एक साथ नहीं रखने चाहिए। शंख को कभी भी फर्श पर न रखें क्योंकि यह एक देवता के समान होता है।

घर में कितने शंख रखना चाहिए?

घर में हमेशा दो शंख होने चाहिए. एक शंख से भगवान की पूजा, उनका अभिषेक वगैरह किया जाता है, दूसरे को बजाया जाता है.

शंख में कौन सी संज्ञा है?

शंख - संज्ञा पुलिंग [संस्कृत शङ्ख] 1. एक प्रकार का बड़ा घोंघा जो समुद्र में पाया जाता है । विशेष - इसे एक प्रकार का जलजंतु, जिसे शंख कहते हैं, अपने रहने के लिये तैयार करता है ।

कौन सा शंख शुभ होता है?

दक्षिणावर्ती शंख का घर में होना बहुत ही शुभ माना जाता है। इस शंख को घर में बजाने से पॉजिटिव एनर्जी आती है। दक्षिणावर्ती शंख को दाएं हाथ से पकड़ा जाता है। इस शंख को देवस्वरूप माना गया है और इसके पूजन से लक्ष्मी प्राप्ति के साथ-साथ संपत्ति भी बढ़ती है।