वन्य जीव संरक्षण क्यों आवश्यक है समझाइए - vany jeev sanrakshan kyon aavashyak hai samajhaie

इसे सुनेंरोकेंभारत सरकार ने वर्ष 1972 में भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम पारित किया था. इसका मकसद वन्यजीवों के अवैध शिकार, मांस और खाल के व्यापार पर रोक लगाना था. तब इसका नाम भारतीय वन्य जीव संरक्षण (संशोधित) अधिनियम 2002 रखा गया. इसके तहत दंड और जुर्माना को कहीं कठोर कर दिया गया.

वन्य जीवों के संरक्षण के उद्देश्य क्या है?

इसे सुनेंरोकेंभारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम, 1972 भारत सरकार ने सन् 1972 ई॰ में इस उद्देश्य से पारित किया था कि वन्यजीवों के अवैध शिकार तथा उसके हाड़-माँस और खाल के व्यापार पर रोक लगाई जा सके। अनुसूची-5 मे वह जानवरों शामिल है जिनका शिकार हो सकता है। छठी अनुसूची में शामिल पौधों की खेती और रोपण पर रोक है।

वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची 6 में क्या है?

इसे सुनेंरोकेंअनुसूची VI यह निर्दिष्ट पौधों की खेती को विनियमित करता है और उनके कब्ज़े, बिक्री और परिवहन को प्रतिबंधित करता है। निर्दिष्ट पौधों की खेती और व्यापार दोनों ही सक्षम प्राधिकारी की पूर्व अनुमति से ही किया जा सकता है।

वन्य जीवों का संरक्षण क्यों अनिवार्य है स्पष्ट कीजिए?

इसे सुनेंरोकें(1) प्रकृति में पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने के लिए। (2) जीन पूल की सुरक्षा के लिए। (3) फल, मेवे, सब्ज़ियाँ तथा औषधियाँ प्राप्त करने के लिए।

वन्यजीव से आप क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकेंवन्य जीव जंगली जीवों की वह श्रेणी है जो मानव बसेरों से बहार वनों-पर्वतों में रहते हों। अक्सर जंगली जीवों की साधारण और क़ानूनी परिभाषा में केवल जानवरों, पक्षियों और मछलियों को ही मान्यता दी जाती है और वनस्पति, कीट और कीटाणु जगत के सदस्यों को इसमें सम्मिलित नहीं किया जाता।

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वन्य जीव सरंक्षण अधिनियम 1972 में कितनी धाराएं हैं?

इसे सुनेंरोकें(घ) वन्य जीव के संरक्षण से संबंधित किसी अन्य विषय के बारे में जो उसे राज्य सरकार द्वारा निर्दिष्ट किया जाए, सलाह देना होगा । [9. शिकार का प्रतिषेध-कोई भी व्यक्ति अनुसूची 1, अनुसूची 2, अनुसूची 3, और अनुसूची 4 में विनिर्दिष्ट किसी वन्य प्राणी का, धारा 11 और धारा 12 के अधीन यथा उपबंधित के सिवाय, शिकार नहीं करेगा ।]

वन्य जंतु संरक्षण नियम क्या है?

इसे सुनेंरोकेंइस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य वन्य जीवों के अवैध शिकार, उनकी खाल/माँस के व्यापार को रोकना है. यह अधिनियम जंगली जानवरों, पक्षियों और पौधों को संरक्षण देता है. इस अधिनियम में कुल 6 अनुसूचियाँ हैं जो अलग-अलग तरह से वन्यजीव को सुरक्षा प्रदान करती हैं.

वन्य जीव संरक्षण के प्रति समर्पित संस्था कौन सी है?

इसे सुनेंरोकेंभारतीय वन्यजीव संस्थान १९८२ में स्थापित एक अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त भारतीय संस्थान है। यह संस्थान प्रशिक्षण पाठ्यक्रम, अकादमिक कार्यक्रम के अलावा वन्यजीव अनुसंधान तथा प्रबंधन में सलाहकारिता प्रदान करता है।

वन्य प्राणी संरक्षण के लिए प्रमुख उपाय कौन कौन से हैं?

इसे सुनेंरोकेंवन्यप्राणी संरक्षण के उपाय – (1) वन्य जीवों के प्राकृतिक आवासों को बिना नुकसान पहुंचाये नियंत्रित करना। (2) वन्य जीवों के शिकार पर पूर्णतः प्रतिबन्ध लगाना। (3) वन्य क्षेत्रों में जैव मण्डल रिर्जव की स्थापना। (4) राष्ट्रीय पार्क, अभ्यारण्य की स्थापना करना।

वन एवं वन्य जीवन का संरक्षण क्यों करना चाहिए इनकी सुरक्षा हेतु उपाय लिखिए?

हमें वन एवं वन्य जीवन का संरक्षण करना चाहिए क्योंकि:

  • यह पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने के लिए ज़रूरी है।
  • जैविक विविधता बनी रहे।
  • यह भूमि के कटाव को रोकते हैं।
  • वन्य जीवन के संरक्षण के लिए और उन्हें आश्रय प्रदान करने के लिए।

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क्या है संरक्षित क्षेत्रों का संरक्षण?

निजस्थानिक (निज स्थानीय) संरक्षणः इस प्रकार के संरक्षण के अन्तर्गत पौधों एवं प्राणियों को उनके प्राकृतिक वास स्थान अथवा सुरक्षित क्षेत्रों में संरक्षित किया जाता है। संरक्षित क्षेत्र भूमि या समुद्र के वे क्षेत्र हैं जो संरक्षण के लिये समर्पित हैं तथा जैव विविधता को बनाए रखते हैं। 2.

क्या होता है जैव विविधता का संरक्षण?

जैव विविधता का संरक्षण, आनुवांशिक संसाधनों के उपयोग से प्राप्त होने वाले लाभों का समान बँटवारा तथा जैवविविधता का सतत पोषणीय उपयोग। 7. इन्टरनेशनल यूनियन फॉर कन्जर्वेशन ऑफ नेचर एण्ड नेचुरल रिसोर्सेज।

क्या है गैरकानूनी शिकार एवम व्यापार कानून?

यह कानून जम्मु और कशमीर के क्षेत्र को छोड़कर पूरे भारतवर्ष में लागू होता है। अधिनियम के अनुसार गैरकानूनी शिकार एवम व्यापार एक दण्डनीय अपराध है। विलुप्त होती हुई प्रजातीयों को भी सुरक्षा देने का प्रावधान है।

निजस्थानिक (निज स्थानीय) संरक्षणः इस प्रकार के संरक्षण के अन्तर्गत पौधों एवं प्राणियों को उनके प्राकृतिक वास स्थान अथवा सुरक्षित क्षेत्रों में संरक्षित किया जाता है। संरक्षित क्षेत्र भूमि या समुद्र के वे क्षेत्र हैं जो संरक्षण के लिये समर्पित हैं तथा जैव विविधता को बनाए रखते हैं। 2.

जैव विविधता का संरक्षण, आनुवांशिक संसाधनों के उपयोग से प्राप्त होने वाले लाभों का समान बँटवारा तथा जैवविविधता का सतत पोषणीय उपयोग। 7. इन्टरनेशनल यूनियन फॉर कन्जर्वेशन ऑफ नेचर एण्ड नेचुरल रिसोर्सेज।

यह कानून जम्मु और कशमीर के क्षेत्र को छोड़कर पूरे भारतवर्ष में लागू होता है। अधिनियम के अनुसार गैरकानूनी शिकार एवम व्यापार एक दण्डनीय अपराध है। विलुप्त होती हुई प्रजातीयों को भी सुरक्षा देने का प्रावधान है।

इसे सुनेंरोकेंउपयुक्त तरीकों को लागू करने से विलुप्त होने या लुप्त होने से वन्यजीवों की प्रजातियों की सुरक्षा की जा सकती है और इसे ही वन्यजीव संरक्षण कहा जाता है। जंगली जानवर और पौधे उस पारिस्थितिकी तंत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं जहाँ वे रहते हैं।

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वन्यजीवों के संरक्षण के उद्देश्य क्या है?

इसे सुनेंरोकें(i) वन्य जीवों को उनके प्राकृतिक वातावरण में सुरक्षित रखना तथा उन्हें लुप्त होने से बचाना। (ii) लुप्त होने के कगार पर पहुँचे वन्य जीवों के नस्ल को सुरक्षित रखना। (iii) प्राकृतिक वातावरण में जंतुओं और वनस्पतियों के बीच तथा उनकी अलग-अलग प्रजातियों के बीच के पारिस्थितियकी संबंधों को स्थापित रखना।

वन्य जीव का संरक्षण क्यों आवश्यक है?

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम कब लागू किया गया?

इसे सुनेंरोकेंवन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972.

वन्य जीव सुरक्षा सप्ताह क्यों मनाया जाता है?

इसे सुनेंरोकेंजनसामान्य में वन्यजीवों के संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से वन्यजीव सप्ताह मनाया जाता है। केंद्र व राज्य सरकारों, पर्यावरणविदों, कार्यकर्ताओं, शिक्षकों आदि द्वारा लोगों में वन्यजीवों के संरक्षण के प्रति जागरूकता में तेजी लाने के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाता है।

भारत में जीव संरक्षण कब लागू हुआ?

इसे सुनेंरोकेंभारत में वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 9 सितंबर, 1972 को लागू हुआ था और इसको लागू करने का मकसद जानवरों, पक्षियों, पौधों और उससे जुड़े मामलों को निपटना और जानवरों को सुरक्षा पहुंचाना था।

अक्टूबर के पहले सप्ताह में क्या मनाया जाता है?

इसे सुनेंरोकेंविश्व वन्यजीव सप्ताह अक्टूबर के पहले सप्ताह में मनाया जाता है।

भारत में वन्य जीव सप्ताह कब मनाया जाता है?

इसे सुनेंरोकेंभारत के वनस्पतियों और जीवों की सुरक्षा और संरक्षण के उद्देश्य से 2 से 8 अक्टूबर के बीच पूरे भारत में वन्यजीव सप्ताह मनाया जाता है।

वन और वन्य जीवो की सुरक्षा के लिए सरकार ने क्या कदम उठाए हैं?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: भारत में वनों और वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए ‘पर्यावरण संरक्षण अधिनियम’, ‘वन संरक्षण अधिनियम’, ‘राष्ट्रीय वन्य जीव कार्य योजना’, ‘टाइगर परियोजना’, ‘राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्य’, ‘जैव-क्षेत्रीय रिजर्व कार्यक्रम’ आदि चल रहे हैं। इन योजनाओं के कारण कुछ प्रजातियों को विलुप्त होने से बचाया गया है।

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