दस्तावेजों को सुरक्षित रखने के लिए प्रयोग में नहीं आता था - dastaavejon ko surakshit rakhane ke lie prayog mein nahin aata tha

पराग माथुर, बैंक बजार
डिजिलॉकर, डिजिटल इंडिया पहल को आगे बढ़ाने की दिशा में भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए कई पहलों में से एक है। डिजिलॉकर मुख्य रूप से एक डिजिटल स्टोर रूम है जो सुरक्षित तरीके से और आसानी से ऐक्सेस और शेयर करने की क्षमता प्रदान करने के लिए एक क्लाउड आधारित ऐप्लिकेशन में 36 अलग-अलग जारीकर्ताओं से महत्वपूर्ण दस्तावेजों (जैसे आधार, मार्कशीट्स सीबीएसई, आईसीएसई, आईएससी, ड्राइविंग लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, गैस कनेक्शन की कॉपी इत्यादि) को स्टोर करने में आपकी मदद करता है। यह दस्तावेजों और प्रमाणपत्रों को डिजिटल तरीके से जारी करने और सत्यापित करने में मदद करता है।

अकाउंट खोलने के बाद, डिजिलॉकर एक आधार आधारित ओटीपी से आवश्यक सत्यापन के बाद आपके दस्तावेजों को सुरक्षित रखेगा। डिजिलॉकर की मदद से आप अपने स्टोर किए गए दस्तावेजों को कभी भी और कहीं से भी ऐक्सेस कर सकते हैं, दस्तावेजों को सत्यापन के लिए संस्थानों / अनुरोधकर्ताओं को डिजिटल तरीके से शेयर कर सकते हैं और डिजिटल तरीके से दस्तावेजों को साइन (सेल्फ-अटेस्टेशन) भी कर सकते हैं।

डिजिलॉकर अकाउंट खोलने का तरीका
DigiLocker.gov.in वेबसाइट या ऐंड्रॉइड ऐप स्टोर में जाकर अकाउंट खोला जा सकता है। आईओएस ऐप के लिए भी काम चल रहा है। रजिस्टर करते समय आपके पास आपका मोबाइल फोन होना जरूरी है क्योंकि सत्यापन प्रक्रिया के लिए सभी संबंधित ओटीपी आपके मोबाइल नंबर पर ही भेजे जाएंगे। टेक्नॉलजी लवर्स के साथ-साथ सरकारी और प्राइवेट क्षेत्र के जारीकर्ताओं और अनुरोधकर्ताओं सहित विभिन्न संस्थानों द्वारा लगातार डिजिलॉकर का इस्तेमाल किया जा रहा है। डिजिलॉकर होने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह परमिशन के बाद ही जारीकर्ता द्वारा अनुरोधकर्ता को दस्तावेज शेयर करके ग्राहक की सुरक्षा को निश्चित करता है और कुछ दस्तावेज जैसे आधार, ड्राइविंग लाइसेंस, गैस कनेक्शन सब्सक्रिप्शन रिकॉर्ड को सोर्स से प्राप्त किया जा सकता है।

इसे जारी करने वाले जैसे मंत्रालय, सरकारी विभाग और व्यावसायिक / प्राइवेट संस्थान, डेटाबेस / रिकॉर्ड में आपकी पहचान डालते हैं और सत्यापन के बाद (बिना किसी मानव हस्तक्षेप के) दस्तावेजों को सीधे जारी कर देते हैं। अनुरोधकर्ता, काफी हद तक बैंक, एफआई, कंपनियां और सरकार आपको तुरंत सेवा या उत्पाद प्रदान करने के लिए आपकी अनुमति से आपके डिजी वॉल्ट से दस्तावेजों को प्राप्त करने का अनुरोध कर सकते हैं जो केवाईसी और अन्य प्रमाणों पर निर्भरशील होते हैं। एक डिजिलॉकर अकाउंट खोलने के बाद, आप संबंधित विकल्पों पर क्लिक करके 36 जारीकर्ताओं और 15 अनुरोधकर्ताओं (वर्तमान में) की पूरी सूची देख सकते हैं।

डिजिलॉकर के फायदे
डिजिलॉकर का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि इसे दुनिया में कहीं से भी किसी भी समय ऐक्सेस किया जा सकता है और वह भी दस्तावेजों की सुरक्षा को सुनिश्चित करते हुए। असली दस्तावेजों और प्रमाणपत्रों की कॉपियों को अब डिजिटल तरीके से रखा जा सकता है और ड्राइविंग लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, मार्कशीट्स जैसे कुछ प्रमाणपत्रों को अब कॉपी करके रखने की जरूरत नहीं है क्योंकि हस्ताक्षरित कॉपियों को सोर्स से प्राप्त किया जा सकता है जिससे वे प्रमाणपत्रों की सत्यापित रिकॉर्ड कॉपी बन जाते हैं। कई लोग इसे एक डिजिटल और कागज़ रहित अर्थव्यवस्था की दिशा में उठाया गया एक बहुत बड़ा कदम मानते हैं।

इससे सत्यापन की प्रक्रिया अधिक आसान और सरल बन जाएगी। उदाहरण के लिए, यदि आपने एक सीबीएसई स्कूल में पढ़ाई की है तो आपके सीबीएसई माइग्रेशन सर्टिफिकेट्स और मार्कशीट्स को सीधे आपके डिजिलॉकर में जारी किया जा सकता है। एक जारी करने वाले प्राधिकरण द्वारा सीधे प्रदान किए गए इन दस्तावेजों को शेयर करते समय फिर से सत्यापित करने की जरूरत नहीं पड़ती है।

आधार आधारित ई-सिग्नचर
डिजिलॉकर की एक और उल्लेखनीय विशेषता है - आधार आधारित ई-सिग्नचर। ई-सिग्नचर को कानूनी दर्जा मिलने के कारण सेल्फ-अटेस्टेशन की प्रक्रिया ने डिजिटल रूप धारण कर लिया है। डिजिलॉकर के माध्यम से आधार आधारित ई-सिग्नचर मुफ्त में उपलब्ध है और आप उन्हें शेयर करते समय इलेक्ट्रॉनिक तरीके से उन्हें सेल्फ-अटेस्ट कर सकते हैं।

डिजिलॉकर, उपयोगकर्ताओं को जाति प्रमाणपत्र, शिक्षा प्रमाणपत्र, ड्राइविंग लाइसेंस और आधार जैसे दस्तावेजों को स्टोर और शेयर करने में सक्षम बनाता है। लेकिन, आने वाले दिनों में इनकम टैक्स रिटर्न, इनडायरेक्ट टैक्स चालान, टीडीएस रिकॉर्ड और बैंक लेनदेन भी स्टोर किया जा सकता है। इससे एक कागज रहित अर्थव्यवस्था की दिशा में उठाए जाने वाले कदमों में तेजी आएगी जिससे सबको फायदा होगा, चाहे वह सरकार हो या व्यक्ति या व्यवसाय। लेकिन, डिजिलॉकर सिर्फ भारतीय निवासियों के लिए उपलब्ध है। अभी तक यह एनआरआई के लिए उपलब्ध नहीं है।

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बाढ़-बारिश में खो न जाएं दस्तावेज, सुरक्ष‍ित रखने का कर लें ये उपाय

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केरल में बाढ़ से मची तबाही ने सैकड़ों लोगों की जान ले ली है. लाखों लोग बेघर हो चुके हैं. इसी बीच एक दिल को झकझोर देने वाली घटना भी यहां हुई है. एक शख्स ने यहां इसलिए आत्महत्या कर दी क्योंकि उसके 12वीं के सारे दस्तावेज बाढ़ की भेंट चढ़ गए थे. पुलिस ने इसकी पुष्ट‍ि की है.

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बाढ़ और भारी बारिश जैसी प्राकृतिक आपदा से एक बार इंसान तो बच जाए, लेकिन अहम दस्तावेजों को बचा पाना काफी मुश्क‍िल होता है. ऐसे में आपको अपने अहम दस्तावेजों को हमेशा सहेजकर रखना चाहिए. यह काम अब आप आसानी से कर सकते हैं. आगे जानें कैसे.

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ड‍िजिलॉकर:
अपने अहम दस्तावेजों को सुरक्ष‍ित रखने का सबसे सुरक्ष‍ित जरिया है डिजिलॉकर. भारत सरकार ने इस डिजिटल लॉकर को शुरू किया है. इसमें आप अपने सभी जरूरी दस्तावेजों को डिजिटल स्वरूप में संभाल कर रख सकते हैं.

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ऐसे में कभी अगर आपके दस्तावेज कहीं खो भी जाते हैं, तो वे हमेशा आपको यहां पर सुरक्ष‍ित स्वरूप में मिलेंगे. हाल ही में केंद्र सरकार ने कहा है कि जो लोग अपनी गाड़ी के पेपर डिजिलॉकर में रखेंगे, उन्हें हार्ड कॉपी साथ लेकर घूमने की जरूरत नहीं होगी.

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ईमेल में सुरक्ष‍ित रखें:
इसके अलावा दूसरा आसान सा विकल्प ये भी है कि आप ईमेल में अपने सभी दस्तावेजों की एक स्कैन कॉपी हमेशा सुरक्ष‍ित कर लें. ईमेल के अलावा आपके पास गूगल ड्राइव और क्लाउड स्टोरेज में भी अपने दस्तावेजों की एक कॉपी सुरक्ष‍ित रखने का विकल्प है.

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डिजिलॉकर या किसी भी डिजिटल तरीके से अगर आप अपने दस्तावेजों को सुरक्ष‍ित रखते हैं, तो आपको दस्तावेज खो जाने पर भी काफी कम दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. (सभी फोटो प्रतीकात्मक)

दस्तावेज को कैसे सुरक्षित किया जाता है?

अपने अहम दस्तावेजों को सुरक्ष‍ित रखने का सबसे सुरक्ष‍ित जरिया है डिजिलॉकर. भारत सरकार ने इस डिजिटल लॉकर को शुरू किया है. इसमें आप अपने सभी जरूरी दस्तावेजों को डिजिटल स्वरूप में संभाल कर रख सकते हैं. ऐसे में कभी अगर आपके दस्तावेज कहीं खो भी जाते हैं, तो वे हमेशा आपको यहां पर सुरक्ष‍ित स्वरूप में मिलेंगे.

महत्वपूर्ण दस्तावेजों को बचाकर रखने के लिए क्या होता है?

महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों को बचाकर रखने के लिए अभिलेखागार (आर्काइव) और संग्रहालय जैसे संस्थान भी बनाए गए। उन्नीसवीं सदी की शुरुआत में प्रशासन की एक शाखा से दूसरी शाखा के पास भेजे गए पत्रों और ज्ञापनों को आप आज भी अभिलेखागारों में देख सकते हैं

दस्तावेज़ के अंत में कौन सा आइटम रखते हैं?

नीचे दिया गया डॉयलॉग बॉक्स दिखाई देगा, इसमें फाइल को जिस स्वरूप में सेव किया जाना है, उसका चयन करें, जैसे - Word Document, Word Template, Word 97-2003 या अन्य । अब पिछले पृष्ठ पर दिए गए डॉयलॉग बॉक्स में उचित ड्राइव और फोल्डर का चयन करें और Save बटन पर क्लिक करें।

डॉक्यूमेंटेशन क्यों आवश्यक है?

इस खण्‍ड में आपका स्‍वागत है जो भारत सरकार द्वारा केन्‍द्रीय या राज्‍य स्‍तर पर जारी या प्रकाशित महत्‍वपूर्ण दस्तावेज़ों और रिपोर्टों के लिए एकल बिन्‍दु स्रोत उपलब्‍ध कराता है। इस खण्‍ड में लगातार वृद्धि की जाती है और नीचे प्रस्‍तुत सूची यहीं समाप्‍त नहीं होती है।

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