टीवी का टेस्ट कैसे होता है - teevee ka test kaise hota hai

लखनऊ। टीबी की जांच कई स्तरों पर की जा सकती है। बलगम के साथ ही स्किन टेस्ट के जरिए भी टीबी का पता लगाया जाता है। केजीएमयू सहित विभिन्न डाट्स केंद्रों पर यह सुविधा उपलब्ध है। भविष्य में इसे विस्तारित करने की योजना है।

राज्य क्षय रोग अधिकारी डॉ. संतोष गुप्ता ने बताया कि स्किन टेस्ट (मोंटेक्स टेस्ट) में इंजेक्शन द्वारा स्किन में दवा डाली जाती है, जिसे 48 से 72 घंटे बाद देखा जाता है। स्किन पर चकत्ते पड़ जाते हैं तो मान लिया जाता है कि रिजल्ट पॉजीटिव है। इससे टीबी की पुष्टि होती है। इसी तरह बायोप्सी और माइक्रोस्कोपिक जांच में जिस स्थान पर गांठ या गिल्टी होती है वहां से इंजेक्शन द्वारा द्रव्य निकालकर उसकी जांच की जाती है। इससे पता चलता है कि संबंधित स्थान पर टीबी के जीवाणु हैं या नहीं। जीन एक्सपर्ट टेस्ट के जरिए करीब दो घंटे में टीबी की जानकारी मिल जाती है। इसमें बलगम प्रयोग किया जाता है। हालांकि अभी राजधानी में जीन एक्सपर्ट टेस्ट की सुविधा नहीं है।

एचआईवी पीड़ितों में खतरा ज्यादा
लखनऊ। एचआईवी ग्रसित लोगों में टीबी का खतरा ज्यादा होता है। क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहद कम होती है। ऐसी स्थिति में एचआईवी के मरीजों को टीबी की भी जांच कराते रहना चाहिए। यह जानकारी डॉ. एके सिंह ने दी। वह टीबी जागरूकता के तहत आशियाना में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि टीबी से देश में हर तीन मनट में दो मरीजों की मौत हो जाती है। यह फेफड़ों से रक्त प्रवाह के साथ शरीर के अन्य भागों में भी फैलता है। इससे हड्डियों, लिम्फ ग्रंथियां, आंत, मूत्र व प्रजनन तंत्र के अंग, त्वचा और मस्तिष्क भी टीबी की चपेट में आ जाती है। इससे बचने के लिए लगातार खांसी आने पर टीबी की जांच करा लेनी चाहिए। बलगम टेस्ट और सीने के एक्स-रे से टीबी की जानकारी मिल जाती है।

इस लेख में आप आप जानेंगे कि टीबी के लिए कितने प्रकार के टेस्ट (test for tb) किए जाते हैं जिसके माध्यम से आप टीबी की बीमारी का पता लगा सकते हैं।

टीबी (TB) एक जानलेवा बीमारी है, जिससे प्रतिदिन हजारों लोग मौत के मुंह में चले जाते हैं किंतु सही समय डायग्नोसिस और ट्रीटमेंट से इस रोग की भयावहता को कम किया जा सकता है। तो आइये जानते हैं कि ऐसे कौन से टेस्ट जिसके माध्यम से हम टीबी (TB) का पता लगा सकते हैं?

1. कफ या बलगम की जांच (sputum test)

टीबी के लिए हमारा पहला टेस्ट है कफ या बलगम की जांच जिसे स्पूटम फॉर AFB टेस्ट कहा जाता है।

यदि किसी व्यक्ति को 15 दिन से अधिक खांसी होती है तो बलगम या कफ की जांच की सलाह जाती है। इस टेस्ट के माध्यम से टीबी के बैक्टीरिया को माइक्रोस्कोप में खोजा जाता है।

बैक्टीरिया की उपस्थिति टीबी की पुष्टि करता है। इसके लिए आप किसी भी सरकारी अस्पताल में जाकर निशुल्क जांच करवा सकते हैं।

2. छाती का एक्सरे (chest x-ray)

टीबी के लिए दूसरा टेस्ट है छाती का एक्सरे। एक्स-रे के माध्यम से फेफड़ों को टीबी की वजह से जो नुकसान पहुंचा है उसको देखा जाता है।

यदि आपकी बलगम की जांच नेगेटिव आती है और टीबी के लक्षण बने रहते हैं तो डॉक्टर एक चेस्ट एक्स-रे (chest x-ray) करवाने की सलाह दे सकते हैं।

चेस्ट एक्स-रे को देखने के बाद यदि डॉक्टर को लगता है कि आपको टीबी का इंफेक्शन है तो एक्स-रे के माध्यम से टीबी का इलाज शुरू किया जा सकता है।

3. मैनटॉक्स टेस्ट (mantoux test)

टीबी के डायग्नोस्टिक के लिए किया जाने वाला तीसरा टेस्ट हैं MT टेस्ट। इसे मैनटॉक्स टेस्ट के नाम से भी जाना जाता है।

इसमें ट्यूबरक्यूलीन या ppd की छोटी सी मात्रा को व्यक्ति में इंजेक्ट किया जाता है और 48 से 72 घंटे के बाद उसके प्रतिक्रिया को नोट किया जाता है।

MT टेस्ट या मैनटॉक्स टेस्ट के स्थान पर किसी लालिमा या फफोले की उपस्थिति पॉजिटिव टेस्ट को बताता है। यह शरीर की किसी भी टीबी को डिटेक्ट करने के लिए उपयोग में लिया जा सकता है।

हालांकि यह टेस्ट टीबी के लिए किया जाता है किंतु केवल मैनटॉक्स टेस्ट पॉजिटिव के आधार पर टीबी का इलाज शुरू नहीं किया जाता है, इसके साथ अन्य लक्षणों को भी ध्यान में रखा जाता है।

यह जांच कैसे होती हैं और इसकी रिपोर्ट को कैसे पढ़ा जा सकता हैं के संबंध में अधिक जानकारी के लिए Mantoux test पर क्लिक करके देख सकते हैं।

4. सीबीनेट (CBNAAT) और ट्रू नेट (TrueNAT)

टीबी के डायग्नोज के लिए किया जाने वाला चौथा टेस्ट हैं सीबीनेट (CBNAAT) या ट्रू नेट (TrueNAT)

यह टेस्ट भी कफ या बलगम सैम्पल (sputam sample) द्वारा किया जाता है किंतु इसमें बलगम की जांच सीबीनाट मशीन द्वारा की जाती है।

इससे ना केवल टीबी के इन्फेक्शन की उपस्थिति का पता चलता है बल्कि उस बैक्टीरिया के लिए काम में आने वाली दवाई के बारे में भी विशेष जानकारी प्राप्त होती है।

बलगम के साथ साथ शरीर के किसी भी अन्य द्रव्य में भी टी बी का पता लगाया जा सकता है। जिसे पलमोनरी टीबी और एक्सट्रैपलमोनरी टीबी कहा जाता हैं।

सीबी-नेट टेस्ट (CB-NAAT) टीबी के डायग्नोसिस लिए किया जाने वाला एक टेस्ट है। इसका पूरा नाम कार्टिज बेस्ड न्यूक्लिक एसिड एम्बिलफिकेशन (nucleic acid amplification) टेस्ट है। इस तकनीक का इस्तेमाल टीबी और MDR टीबी की जांच में किया जाता है।

इसे जीन एक्सपर्ट टेस्ट भी कहा जाता है। CB NAAT या जीन एक्सपर्ट टेस्ट पहले टीबी के कुछ ही मामलों में कराया जाता था, लेकिन अब सभी मरीजों को कराना अनिवार्य होता है।

इसमें अधिकतर कफ यानी sputam सैम्पल का उपयोग किया जाता हैं लेकिन किसी शारीरिक द्रव्य से भी यह टेस्ट किया जा सकता हैं।

इसकी रिपोर्ट लैब में 4 घंटे में आ जाती है। इससे पता लग जाता है कि मरीज रिफैम्पसिन के प्रति रेजिस्टेंट तो नहीं है। अर्थात टीबी में दी जाने वाली दवा रिफैम्पसिन (Rifampicin) काम कर रही हैं अथवा नहीं।

रिफैम्पसिन दवा टीबी के हर मरीज को दी जाती हैं, कुछ मरीज रिफैम्पसिन के प्रति रेजिस्टेंट होते हैं यानी इस दवा का उन पर असर नहीं होता। तो इसके स्थान पर अन्य दवा दी जाती हैं।

जीन एक्सपर्ट टेस्ट का नतीजा उसी दिन आ जाता है और इसके आधार पर 24 घंटे में मरीज का टीबी का इलाज शुरू हो सकता है। इससे इलाज शुरू करने में देरी नहीं होती।

CB-NAAT टेस्ट को भारत के बाहर अधिकांश देशों में Genexpert कहा जाता है। अब ट्रूनेट टेस्ट (TrueNAT Test) भी है जिसका इस्तेमाल टीबी के डायग्नोसिस के लिए किया जाता हैं।

सीबी नेट की मशीन बिजली से चलती है और TrueNAT मशीन बैटरी से चलती है और ये पोर्टेबल भी है।

5. टीबी गोल्ड (TB Gold)

टीबी टेस्ट के लिए पांचवा टेस्ट है टीबी गोल्ड (TB Gold) टीबी गोल्ड एक ब्लड टेस्ट है जो टीबी के बैक्टीरिया माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस का पता लगाने के लिए किया जाता हैं।

यह मैनटॉक्स टेस्ट का आधुनिक विकल्प है। मैनटॉक्स टेस्ट के विपरीत इसमें मरीज को केवल एक बार लैब में जाना होता है और रिपोर्ट के लिए 2-3 दिन का इंतजार नहीं करना पड़ता है।

मैनटॉक्स टेस्ट की तरह यह टेस्ट भी एक्टिव टीबी और लेटेंट (latent) टीबी के मध्य में अंतर नहीं कर पाता है। इस टेस्ट के माध्यम से टीवी के विरुद्ध बनी एंटीबॉडी आईजी और आईजीएम का पता लगाया जाता है।

यह भी पलमोनरी और एक्स्ट्रा पलमोनरी टीबी को डिटेक्ट कर सकता है।

6. एडीए टेस्ट (ADA Test)

एडीए (ADA) हमारे शरीर में मौजूद एक एंजाइम है जिसका मुख्य कार्य प्यूरीन मेटाबोलिज्म (purin metabolism) में सहायता करना है।

यह हमारे भोजन से एडेनोसाइन के टूटने में मदद करता है। एडीए का पूरा नाम एडीनोसिन डाईएमीनेज (adinosine diaminase) हैं।

इस टेस्ट के करने का उद्देश्य है टेस्ट सैंपल में माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस की खोज, जो तपेदिक यानी टीबी का बैक्टीरिया हैं।

एडीए टेस्ट या एडीनोसिन डाईएमीनेज टेस्ट व्यक्ति के पल्यूरल फ्लूइड (plural fluid) में एडीए के स्तर को मापने के लिए किया जाता है।

इसके लिए व्यक्ति के लंग्स (lungs) में सिरिंज के माध्यम से पल्यूरल फ्लूइड (plural fluid) को निकाला जाता हैं और टेस्ट किया जाता हैं।

महिलाओं और पुरुषों में एडीए का स्तर 40 U/L से कम हो तो इसे सामान्य माना जाता हैं।

यदि किसी के पल्यूरल फ्लूइड का स्तर नॉर्मल रेंज से बहुत अधिक है तो टेस्ट रिजल्ट आमतौर पर लंग्स में माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस संक्रमण का संकेत होता है।

अधिकतर मामलों में यह टेस्ट सटीक नतीजे प्रदान करता है लेकिन इन टेस्ट की सेंसटिविटी 70-80 फीसदी तक हैं।

तो यदि किसी व्यक्ति को टीबी टेस्ट करवाना होता है तो सभी टेस्ट करवाने की आवश्यकता नहीं होती है। लक्षणों के आधार पर डॉक्टर जिस जांच के लिए आपको सजेस्ट करते हैं वह जांच करवाई जा सकती है। रिपोर्ट के आधार पर टीबी के इलाज अंतिम फैसला आपके डॉक्टर द्वारा किया जाता है।

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टीवी के लिए कौन कौन सी जांच होती है?

खून या बायोप्सी की मदद से टीबी के बैक्टीरिया का पता चल जाएगा। पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम के जिला समन्वयक सतेंद्र कुमार ने बताया कि ट्यूबरक्लोसिस स्किन टेस्ट को मोंटेक्स टेस्ट के नाम से भी जाता है। इसमें इंजेक्शन के जरिए स्किन में दवा डाली जाती है।

टीवी के शुरुआती लक्षण क्या होते हैं?

इसके लक्षणों में निम्न शामिल हैं:.
तीन सप्ताह से अधिक समय तक खांसी होना.
सांस फूलना.
सांस लेने में तकलीफ होना.
शाम के दौरान बुखार का बढ़ जाना.
सीने में तेज दर्द होना.
अचानक से वजन का घटना.
भूख में कमी आना.
बलगम के साथ खून आना.

टीवी की पहचान कैसे होती है?

टीबी के कौन-से लक्षण होते हैं? (.
तीन या उससे ज्यादा हफ्तों से खांसी.
खांसी में खून आना.
खांसते या सांस लेते हुए सीने में दर्द होना.
अचानक वजन घटना.
ठंड लगना.
सोते हुए पसीना आना.

टीबी की जांच कितने में होती है?

50-100 रुपए में घर बैठे दो मिनट में होगी टीबी जांच

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