शिवलिंग पर चढ़े हुए बेलपत्र खाने से क्या होता है? - shivaling par chadhe hue belapatr khaane se kya hota hai?

भगवान शिव के पूजन में बिल्वपत्र का बहुत महत्व है। कहा जाता है, कि बिल्वपत्र शि‍वजी को अतिप्रिय है। इसलिए भोलेनाथ को बि‍ल्वपत्र अर्पित किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं बिल्वपत्र के बारे में 10 महत्वपूर्ण बातें ? यदि नहीं जानते, तो जरूर पढ़िए - 

1  बिल्वपत्र 6 महीने तक बासी नहीं माना जाता। इसे एक बार शिवलिंग पर चढ़ाने के बाद धोकर पुन: चढ़ाया जा सकता है। कई जगह शिवालयों में बिल्वपत्र उपलब्ध नहीं हो पाने पर इसके चूर्ण को चढ़ाने का विधान भी है। 

Importance Of Bel Patra एक बार भगवान शिव ने पूरी सृष्टि को बचाने के लिए विष को अपने कंठ में धारण कर लिया। विष के प्रभाव से उनका कंठ नीला हो गया और उनका पूरा शरीर अत्यधिक गरम हो गया जिसकी वजह से आसपास का वातावरण भी जलने लगा।

नई दिल्ली। Importance Of Bel Patra: भगवान भोलेनाथ अपने भक्तों की अलग-अलग कामनाओं को पूरा करते है। लेकिन अगर धन संबंधी परेशानी है तो आप जब भी शिव की पूजा करें तो शिवलिंग पर बेलपत्र जरूर चढ़ाने चाहिए। मान्यता है कि भगवान शिव को बेलपत्र ज्यादा प्रिय हैं और अगर शिवलिंग पर बेलपत्र और जल चढ़ाकर विधि-विधान से पूजा अर्चना की जाए तो धन के अलावा इंसान की अन्य समस्याएं भी दूर हो जाती हैं। 

ऐसा भी माना जाता है कि शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से वैवाहिक जीवन सुखमय बनता है, बड़े से बड़ा रोग दूर होता है, संतान सुख प्राप्त होता है तथा कोर्ट के मुकदमों में जीत हासिल होती है। आइए जानते हैं कि शिवलिंग पर बेल पत्र चढ़ाते समय किन बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है। 

जब भी आप भोलेनाथ की पूजा अर्चना करने जाएं तो इस विधि से शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाएंगे तो आपकी धन संबंधित समस्या खत्म हो जाएगी। सबसे पहले आप वृक्ष से बेलपत्र ले आइए। इनमें सें बिना कटे-फटे 11 या 21 बेल पत्र को शुद्ध पानी से साफ कर लीजिए। जिसके बाद एक कटोरे में गाय का दूध लीजिए।

जिसमें आपके स्वच्छ बेलपत्र डाल दीजिए। इतने आप जिस विधि से शिवलिंग पर पूजा करते है वह कर लीजिए। अब आप दूध के कटोरे से बेलपत्र निकाल लीजिए और उन्हें गंगाजल से स्वच्छ कर दीजिए। 11 या 21 बेलपत्र जो आपने स्वच्छ किए है उनके हर पत्ते पर चंदन से ॐ बना दीजिए और इत्र छिड़ककर शिवलिंग पर "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करते हुए सभी बेल पत्र चढ़ा दीजिए।

इसके एक हफ्ते बाद ही आपको इसका परिणाम दिखाई देगा। यह केवल भगवान शिव की पूूूजा में  किया जाता है। आप चाहे तो बेलपत्र की माला भी इस विधि से शिवलिंग पर चढ़ा सकते है। 

शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से जुड़ी पौराणिक कथा

जब समुद्र मंथन के बाद विष निकला तो भगवान शिव ने पूरी सृष्टि को बचाने के लिए ही इस विष को अपने कंठ में धारण कर लिया। विष के प्रभाव से उनका कंठ नीला हो गया और उनका पूरा शरीर अत्यधिक गरम हो गया जिसकी वजह से आसपास का वातावरण भी जलने लगा।

चूंकि बेलपत्र विष के प्रभाव को कम करता है इसलिए सभी देवी देवताओं ने बेलपत्र शिवजी को खिलाना शुरू कर दिया। बेलपत्र के साथ साथ शिव को शीतल रखने के लिए उन पर जल भी अर्पित किया गया। बेलपत्र और जल के प्रभाव से भोलेनाथ के शरीर में उत्पन्न गर्मी शांत होने लगी और तभी से शिवजी पर जल और बेलपत्र चढ़ाने की प्रथा चल पड़ी।

 डिसक्लेमर

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Edited By: Pradeep Chauhan

Authored by

Gitika dubey

| नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: 21 Jul 2022, 4:06 pm

बेलपत्र भगवान शिव को अति प्रिय है। इसके तीन पत्तों में सत, रज और तम तीनों गुणों का वास माना जाता है। वहीं यह भी कहा जाता है कि बेलपत्र के तीन पत्ते त्रिदेवों के साथ होने के प्रतीक हैं। बेल का यह महत्व यूं ही नहीं है। इसमें कई औषधीय गुण भी पाए जाते हैं साथ ही यह नेगेटिविटी को भी दूर करने में कारगर माने जाते हैं। आइए जानें बेलपत्र के उपाय जो हमेशा आएंगे आपके काम।

  • बेलपत्र के उपाय सेहत से समृद्धि तक

    बेलपत्र न सिर्फ पूजा के काम आता है बल्कि इसके कई और फायदे हैं। आयुर्वेद में बेल को औषधि के रूप में बताया गया है। भगवान शिव जब विष के प्रभाव से अचेत हो गए थे तब उनकी चेतना को वापस जगाने के लिए कई तरह की बूटियों और पत्तों का प्रयोग किया गया था। बेलपत्र भी उनमें से ही एक है। बेलपत्र के औषधीय गुण ही इसे शिव रूप और शिव का प्रिय बनाते हैं। शिव पुराण में बेल की बड़ी महिमा बतायी गई है। इसी छाया में बैठकर स्नान करने, भोजन करने और करवाने से मनुष्य पाप मुक्त हो जाता है। ऐसे गुणकारी बेल के कुछ उपाय यहां हम आपको बता रहे हैं, अपनी आस्था और विश्वास के साथ आप चाहें तो आजमा सकते हैं।

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  • बुखार होने पर बेलपत्र के उपाय

    अगर घर में किसी को बुखार है तो बेल की पत्तियों का काढ़ा बनाकर रोगी को देने से आराम मिलता है। यदि आपको कभी मधुमक्‍खी, बर्र और ततैया काट ले तो काटे के स्‍थान पर बेलपत्र का रस लगाने से राहत मिलती है। माना जाता है कि वायुमंडल में व्याप्त अशुद्धियों को सोखने की क्षमता बेल वृक्ष मे ंखूब होती है।

  • दिल के मरीजों के लिए बेलपत्र के उपाय

    बेलपत्र को दिल के रोगियों के लिए भी बहुत ही खास औषधि माना जाता है। बेलपत्र का काढ़ा बनाकर पीने से रक्‍चसंचार दुरुस्‍त होता है, रक्‍तसंचार अच्‍छा होने से हृदय मजबूत होता है। ऐसा होने से हर्ट अटैक का खतरा कम होता है। इसकी पत्तियों का रस पीने से श्‍वास संबंधी रोगों में भी आराम मिलता है। इस तरह की आयुर्वेदिक मान्यताएं हैं।

  • बेलपत्र से मुंह के छालों के उपाय

    अगर किसी कारण गर्मी की वजह से आपके मुंह में छाले हो जाएं तो बेल की ताजी पत्तियों को मुंह में रखकर चबाने से बहुत लाभ मिलता है। ऐसा लगातार 2 से 3 दिन करने से मुंह के छाले समाप्‍त हो जाते हैं। बेल के पत्ते 8 दिनों तक बासी नहीं माने जाते हैं। इतना ही नहीं शिवजी पर चढ़े हुए बेलपत्र को धोकर फिर से भी आप चाहें तो उन्हें अर्पित कर सकते हैं। अगर ताजे बेलपत्र न हों तो।

  • बेल के पत्तों से आर्थिक परेशानी दूर करें

    सावन शिवरात्रि या महाशिवरात्रि के दिन शिवजी की पूजा में चढ़ाए गए बेलपत्र पर शाम को चंदन से ऊं लिखें। ऐसे कम से कम 3 बेलपत्र लेकर अपनी तिजोरी में रख लें। ऐसा करने से आपके घर में धन की तंगी दूर हो सकती है और साथ ही रुके हुए पैसे भी प्राप्‍त हो सकते हैं। बेल के पेड़ की पूजा करने से मां लक्ष्‍मी प्रसन्‍न होती हैं और धन की प्राप्ति होती है। इसलिए सावन में शिवजी को बेलपत्र चढ़ाने के साथ ही बेल के वृक्ष को भी जल दें।

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  • बेलपत्र से पाएं कानूनी संकटों से राहत

    अगर आप काफी समय से गलत मुकदमेबाजी में फंसे हैं तो रामचरितमानस के उत्तरकांड में लिखित श्री राम श्रुति का पाठ करें। इस दौरान अपने साथ कुछ बेलपत्र भी रख लें। पाठ पूरा होने के बाद इन बेलपत्रों को बहते हुए पानी में प्रवाहित कर दें। ऐसी मान्यता है कि अगर किसी की शव यात्रा बेल वृक्ष की छाया से होकर गुजरती है तो उसको मोक्ष की प्राप्ति होती है।

  • संतान सुख पाने के लिए बेल के उपाय

    अगर आप अभी तक संतान सुख से वंचित हैं तो अपनी उम्र के बराबर बेलपत्र लें और इन्‍हें अब कच्‍चे दूध से भरे बर्तन में डुबोकर शिवजी को चढ़ाएं। भगवान जल्‍द ही आपकी प्रार्थना सुन लेंगे और आपकी खाली झोली भर देंगे। सावन में बेल वृक्ष लगाने से वंश की वृद्धि होती है। यह उपाय धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है, उपाय के साथ उपचार भी जारी रखना चाहिए।

  • दांपत्य संबंधों में सुधार के लिए बेलपत्र के उपाय

    महाशिवरात्रि के दिन यदि पति और पत्‍नी दोनों एक साथ भगवान शिव की पूजा करें और एक साथ बेलपत्र चढ़ाएं तो उनके वैवाहिक जीवन के सुख में वृद्धि होगी। ऐसे शिव भक्त संतान की तरफ से भी संतुष्‍ट रहते हैं। महाशिवरात्रि के दिन आप घर में भी बेल का पौधा लगा सकते हैं। फिर रोजाना इस पर जल चढ़ाने से पापों से मुक्ति मिलती है।

  • बेलपत्र से धन लक्ष्मी पाने के उपाय

    शिव पुराण में बताया गया है कि सुबह शाम बेल वृक्ष के दर्शन मात्र से पापों का नाश होता है। बेल वृक्ष को सींचने से पितृगण तृप्त होते हैं। बेल वृक्ष और सफ़ेद आक को जोड़े से लगाने पर अटूट लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। शिवजी पर चढे हुए बेल के पत्तों को तिजोरी में रखने से बरकत होती है।

  • स्वप्न दोष की बीमारी में बेलपत्र गुणकारी

    कहा जाता है कि, बेलपत्र के औषधीय गुणों में यह भी एक है कि 40 दिन तक बेल वृक्ष के सात पत्ते प्रतिदिन खाकर थोड़ा पानी पीने से स्वप्न दोष की बीमारी से छुटकारा मिलता है। इस उपाय के साथ चिकित्सक से भी सलाह ले सकते हैं।

शिवलिंग पर चढ़ा हुआ बेलपत्र खाने से क्या होता है?

बिल्वपत्र के प्रतिदिन सेवन से गर्मी बढ़ने की समस्या भी समाप्त हो जाती है। 5 शिवलिंग पर प्रतिदिन बिल्वपत्र चढ़ाने से सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं भक्त को कभी भी पैसों की समस्या नहीं रहती है। बिल्वपत्र को तिजोरी में रखने से भी बरकत आती है। 6 कुछ विशेष तिथि‍यों पर बि‍ल्वपत्र को तोड़ना वर्जित होता है।

बेलपत्र खाने से क्या होता है?

बेलपत्र को दिल के रोगियों के लिए भी बहुत ही खास औषधि माना जाता है। बेलपत्र का काढ़ा बनाकर पीने से रक्‍चसंचार दुरुस्‍त होता है, रक्‍तसंचार अच्‍छा होने से हृदय मजबूत होता है। ऐसा होने से हर्ट अटैक का खतरा कम होता है। इसकी पत्तियों का रस पीने से श्‍वास संबंधी रोगों में भी आराम मिलता है।

शिव जी पर कितने बेलपत्र अर्पित करने चाहिए?

शिवलिंग पर कितने बेलपत्र चढ़ाना है शुभ शिव पुराण के अनुसार, आपके पास जितने बेलपत्र हो उतने ही चढ़ा सकते हैं। वैसे तो शिवजी को 3 से लेकर 11 बेलपत्र चढ़ाना शुभ माना जाता है।

बेलपत्र का सेवन कैसे करें?

अगर आपको डायबिटीज की बीमारी है और आप ब्लड शुगर कंट्रोल करना चाहते हैं तो बेलपत्र का काढ़ा पी सकते हैं. इसे बनाने के लिए पहले बेल के पत्तों को साफ करें और इसे पीस कर रस निकाल लें. अब इस रस को 1 कप पानी में डालकर अच्छे से उबाल लें. छानकर इसका सेवन करें.

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