शक्ति की पूजा कैसे की जाती है? - shakti kee pooja kaise kee jaatee hai?

यह देवी सभी प्रकार के रोगों की नाशक, सर्वत्र विजय दिलाने वाली, मन एवं मस्तिष्क के समस्त विकारों को दूर करने वाली औषधि है। इस कालरात्रि की आराधना प्रत्येक पीड़ित व्यक्ति को करना चाहिए। इस दिन देवी को गुड़ का भोग लगाकर उसे प्रसाद के रूप में खाना सेहत के लिए भी फायदेमंद है। यह नागदौन औषधि के रूप में जानी जाती है।

मां कालरात्रि की पूजन विधि-Maa Kalratri Puja vidhi

- नवरात्रि की सप्तमी तिथि को मां कालरात्रि के पूजन के दिन सुबह स्नानादि से निवृत्त हो जाएं।

- अब रोली, अक्षत, दीप, धूप अर्पित करें।

- मां कालरात्रि को रातरानी का फूल चढाएं।

- गुड़ का भोग अर्पित करें।

- इसके साथ ही दुर्गा सप्तशती, दुर्गा चालीसा तथा मंत्र जपें।

- इस दिन लाल कंबल के आसन तथा लाला चंदन की माला से मां कालरात्रि के मंत्रों का जाप करें।

- अगर लाला चंदन की माला उपलब्ध न हो तो रूद्राक्ष की माला का उपयोग कर सकते हैं।

औषधि- नागदौन का पौधा ग्वारपाठे के समान होता हैं। यह सुख देने वाली एवं सभी प्रकार के विष की नाशक औषधि है। ग्वारपाठे के पत्ते दिखने में चिकने, मोटे व दोनों धारों में कांटेयुक्त होता है, तो नागदौन के पत्ते आकार में पतले, सूखे और तलवार के जैसे दोनों ओर से धार वाले होने के साथ-साथ बीच में से मुड़े हुए होते हैं। इस पौधे को व्यक्ति अपने घर में लगा लें, तो घर के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।

एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता, लम्बोष्टी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी।

वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा, वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयंकरी॥

- ॐ यदि चापि वरो देयस्त्वयास्माकं महेश्वरि।।

संस्मृता संस्मृता त्वं नो हिंसेथाः परमाऽऽपदः ॐ।

घृत, गुग्गल, जायफलादि की आहुति दें।

- 'ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं दुर्गति नाशिन्यै महामायायै स्वाहा।'

कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही हो, शत्रु तथा विरोधी कार्य में अड़ंगे डाल रहे हों, उन्हें निम्न मंत्र का जप कर अपने को बाधाओं से मुक्ति दिलाएं।

- ॐ ऐं यश्चमर्त्य: स्तवैरेभि: त्वां स्तोष्यत्यमलानने

तस्य वि‍त्तीर्द्धविभवै: धनदारादि समप्दाम् ऐं ॐ।

पंचमेवा, खीर, पुष्प, फल आदि की आहुति दें। जितने भी मंत्र दिए गए हैं, वे सभी शास्त्रीय तथा कई श्री दुर्गासप्तशती से उद्घृत हैं।

- 'ॐ फट् शत्रून साघय घातय ॐ।'

स्वप्न दर्शन के फल शास्त्रों में कई बतलाए गए हैं। यदि कुफल वाला कोई स्वप्न देखें जिसका फल खराब हो, उसे अच्‍छा बनाने के लिए स्वप्न देखने के बाद प्रात: एक माला जपने से बुरा फल नष्ट होकर अच्‍छा फल मिलता है।

- ॐ ऐं सर्वाप्रशमनं त्रैलोक्यस्या अखिलेश्वरी।

एवमेव त्वथा कार्यस्मद् वैरिविनाशनम् नमो सें ऐं ॐ।।

होम द्रव्य, सरसों, कालीमिर्च, दालचीनी इत्यादि।

जप का दशांश हवन, का दशांश तर्पण, का दशांश मार्जन, का दशांश ब्राह्मण भोजन तथा कन्या पूजन तथा भोजन कराने से मंत्र सिद्धि होती है।

Navratri 2022 6th Day: आज शारदीय नवरात्रि का छठा दिन है और इस मां कात्यायिनी स्वरूप का पूजन किया जाता है. कहते हैं विधि—विधान से पूजन करने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है.

Navratri 2022 6th Day: शारदीय नवरात्रि का प्रत्येक दिन बेहद ही महत्वपूर्ण और खास होता है. 9 दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों का पूजन किया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार आज (Shardiya Navratri 2022) यानि 1 अक्टूबर को नवरात्रि की षष्ठी तिथि यानि छठा नवरात्रि है. इस दिन मां कात्यायिनी की पूजा की जाती है. मां कात्यायिनी की सवारी सिंह है और उनके चार हाथ हैं. मान्यता है कि यदि विधि—विधान के साथ मां कात्यायिनी का पूजन किया जाए (6th Day of Navratri) तो घर में सुख-समृद्धि आती है. मां कात्यायिनी अपने भक्तों को अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष चारों फल प्रदान करती हैं. आइए जानते हैं आज का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और मंत्र.

षष्ठी नवरात्रि 2022 शुभ मुहूर्त

छठे नवरात्रि के दिन सुबह 11 बजकर 47 मिनट से लेकर 12 बजकर 34 मिनट तक अभिजित मुहूर्त रहेगा. इसके अलावा सुबह 6 बजकर 14 मिनट से लेकर अगले दिन 2 अक्टूबर सुबह 3 बजकर 11 मिनट तक रवि योग रहेगा. यह दोनों ही शुभ योग हैं इसलिए दिन में भी कभी पूजन किया जाता है.

ऐसे करें पूजा

मां ​कात्यायिनी की पूजन के लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें. इसके माता की प्रतिमा को शुद्ध जल व गंगाजल से स्नान कराएं. फिर उन्हें पीले रंग के वस्त्र पहनाएं और पीले रंग के फूल अर्पित करें. माता को रोली व सिंदूर का तिलक लगाएं और पांच प्रकार के फल व मिष्ठान का भोग लगाएं. मां कात्यायिनी को शहर को भोग अवश्य लगाएं और इसके बाद मंत्र का जाप करें.

मां कात्यायिनी का मंत्र

या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥

ॐ देवी कात्यायन्यै नम:॥
मां कात्यायनी का प्रार्थना मंत्र
चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्याद् देवी दानवघातिनी॥

डिस्क्लेमर: यहां दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं. India.Com इसकी पुष्टि नहीं करता. इसके लिए किसी एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें.

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मां दुर्गा की उपासना कर शक्ति प्राप्त की जाती है. मां दुर्गा का पूजन, दुर्गा सप्तशती का पाठ, व्रत करके आप भी मां भगवती से विशेष आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं. मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए क्या करें और क्या ना करें, जानिए...

क्या करें
1- मां दुर्गा के 108 नामों का जाप करें.
2- अपने घर में अखण्ड ज्योति अवश्य जलाएं.
3- सुबह, शाम दोनों समय मां दुर्गा की पूजा करें पूजा शुरु करने से पहले गणेश जी का ध्यान अवश्य करें.
4- मंत्र जाप या पूजा के तुरंत बाद भोजन ना करें.
5- 12 साल के कम उम्र की कन्याओं को प्रतिदिन फल, पेटा का प्रसाद दें.

क्या ना करें
1-दुर्गा मां का मंत्र जाप करते समय शरीर को हिलाएं नहीं, गा गा कर मंत्र जाप ना करें.
2- मन और विचारों में पवित्रता बनाए रखें.
3-नवरात्र में अपनी मां और मां की उम्र की महिलाओं का अपमान ना करें, उनका आशीर्वाद प्राप्त करें.
4-छल,कपट प्रपंच और अपशब्दों का प्रयोग ना करें.
5-ब्रह्मचर्य का पालन करें, गलत लोगों की संगति ना करें.

सभी बाधाओं से मुक्ति के लिए इस मंत्र का जाप करें
शरणागत दीनार्थ परित्राण परायणे
सर्वस्यार्ति हरे देवि नारायणी नमोस्तुते

शक्ति की पूजा क्यों होती है?

इसलिए की जाती है शक्ति की उपासना इस ऊर्जा की पूजा करने और उसकी समस्‍त कृपा को प्राप्‍त करने के लिए मां शब्‍द का उद्भव हुआ। मां शब्‍द में वात्‍सल्‍य का भाव है। इसलिए नवरात्र में शक्ति की आराधना मां के रूप में की जाती है। इस प्रकार से अनंत ऊर्जा की कृपा प्राप्‍त करने के लिए शक्ति की पूजा की जाती है।

मां की शक्ति कैसे प्राप्त करें?

मां दुर्गा की उपासना कर शक्ति प्राप्त की जाती है..
मां दुर्गा के 108 नामों का जाप करें..
अपने घर में अखण्ड ज्योति अवश्य जलाएं..
सुबह, शाम दोनों समय मां दुर्गा की पूजा करें पूजा शुरु करने से पहले गणेश जी का ध्यान अवश्य करें..
मंत्र जाप या पूजा के तुरंत बाद भोजन ना करें..

मां दुर्गा को बुलाने का मंत्र क्या है?

* ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।। 3. नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

मां दुर्गा को कैसे बुलाएं?

- नौ दिनों तक घर में मां दुर्गा के नाम की ज्योत अवश्‍य जलाएं। - अधिक से अधिक नवार्ण मंत्र 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै' का जाप अवश्‍य करें। - इन दिनों में दुर्गा सप्तशती का पाठ अवश्‍य करें। - पूजन में हमेशा लाल रंग के आसन का उपयोग करना उत्तम होता है।

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