Sudama Pichhle Janm Me Kaun Tha
Pradeep Chawla on 30-09-2018
यह पौराणिक कहानी है स्वर्ग के गोलोक में रहने वाले सुदामा और विराजा। विराजा भगवान श्रीकृष्ण से प्रेम करती थीं। एक बार की बात है विराजा और श्रीकृष्ण चर्चा कर रहे थे।
तभी राधा वहां पहुंची। उन्होंने विराजा को गोलोक से मृत्युलोक यानी पृथ्वी पर रहने का श्राप दिया।
और सुदामा को भी श्रापवश पृथ्वी पर जन्म लेना पड़ा। नियत समय पर सुदामा और विराजा ने पृथ्वी लोक पर जन्म लिया। सुदामा राक्षसराज दम्भ के पुत्र शंखचूण के रूप में जन्में तो विराजा का जन्म तुलसी के रूप में हुआ था।
शंखचूण प्रतापी दैत्य था। जल्द ही उसने तीनों लोकों पर अपना आधिपत्य कर लिया। और उसका विवाह तुलसी से हुआ।
शंखचूण के अत्याचार से जब देवता भयभीत हो गए तो शंखचूण का वध कर उन्होंने देवताओं को भय से मुक्ति दिलाई।
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Comments Nitish on 17-12-2022
Sudama kon the
Sohanlalsaini on 25-05-2022
Sudamapichlejanmmaikonthai
Anant Gupta on 17-08-2020
Sudhama ki wife ka kya naam hai
Pawan Kumar vishwakarma on 09-12-2019
पिछले जन्म में कौन थे सुदामा कौन थे
भोजराज भारती कोटा राजस्थान on 12-05-2019
सुदामा के पिताजी नाम किया था सई जवाब दे
Sudama Ki Patni Kaun Thi
GkExams on 12-05-2019
सुशीला
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Comments Durvesh Kumar on 27-09-2022
Sudama ki patni vasundhara pichle janam me kon thi
Girdhari lal on 13-09-2022
Sudamaki patni susila ka mayka Kahan tha
Aakash on 25-05-2022
Kis gaon ke Rahane wale the
Sushla on 20-09-2021
Sudama ki patni sushila ke mata pita kon hai
Sushila on 20-08-2021
Sudama ki patni sushila ke mata pita ka kya naam tha
Sudama on 18-12-2020
Sudama ki patni ka mayka Kahn h
Shivani joshi on 12-09-2020
Sudama Pande ghulim GK questions
govind shakya on 05-09-2019
bhart may savse pahela vegyanek
Sudama ki wife ka naam kiya tha on 18-05-2019
Sudama ki wife ki naam Kay tha
Sudama on 29-08-2018
Sudama wife name
सुदामा कौन थे, कृष्ण ने सुदामा के चरण ही क्यों आंसुओ से धोएं, जो तीनो लोको के स्वामी हैं, जो संसार का पालन करने वाले है, उन्होंने ऐसा क्यों किया, ये कोई पुराण रिश्ता था या कोई शाप था, श्री कृष्ण को अर्जुन उनके प्रिय थे उसके बाउजूद क्या पिछले जन्म का कोई नाता था?...
V. K. Bhardwaj
Paranormal Investigator, Spiritual Healer, Hypnotherapist
5:41
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नमस्कार बाबा पड़ता है आप एक पर्वत स्वागत करता हूं यह जो कुछ ना होती अच्छा है सुदामा कौन थे सुदामा है उसने कीर्तन बालसखी बालमित्र थे और ग्रुप संदीप उनके यहां पर उन दोनों ने शिक्षा एक साथ ही प्राप्त की थी श्रीकृष्ण के बाद का पूर्व जन्म का भी अपना तथा मैंने चाहत अभी तक की रिसर्च कि जो लोग एक दूसरे जगह तो ना कुछ ना कुछ पुराना संबंध ऐसा रहता है जिसके चलते हो उस इस जीवन में उस व्यक्ति से किसने लिए तरीके बताएं क्या किसी ना किसी तरह का कोई उपकार हो परोपकार ओं कुछ पीओ कोडिंग मिलना उसको पूरा करना उस काम को पूरा चांद कहां मांगता हूं अभी कितना पर्सेंट नहीं हूं यह सभी लोग अपने अपने अलग-अलग मानता हूं कुछ मानता बात करते हैं सवाल किया कि श्री कृष्ण सुदामा सुदामा की मित्रता से बड़ा कोई धर्म नहीं है एक राजा और एक गरीब ब्राह्मण निर्धन ब्राह्मण के बीच में जो मित्रता है इसको मित्रता के नाते श्री कृष्ण महाराज ने सुदामा जी के चरण धोकर दुनिया को यह बताएं कि मित्रता से बड़ा कोई नाता नहीं होता कि आजकल तो लोग क्या है मित्रों की पीठ में छुरा भोकते हैं आज तक श्री कृष्ण मित्रता का धर्म निभाया और सुदामा के चरण आसुओं से धो श्रीकृष्ण की बात करें तब मिला था एक बार जब गुरु मात ने चने बांध के लिए थे श्री कृष्ण और सुदामा जी एक जंगल से लकड़ी लेने के लिए गए तो माता ने माता को दोनों लगा था कि किसने कहा था कि जब भी भूख लगे तुम लकड़ी लेने जा रहे हो जब भी आप लोगों को भूख लगे तो वापस को खा लेना तो बारिश हो गई बारिश में से दोनों पेट में चूहे तो यार सुदामा जी ने क्या काम किया सुदामा जी ने काम यह किया कि वे जो चने थे वह जॉन माता ने कुछ खाने के लिए उनको सम्मान दिया था वह किशन जी गुना बताकर अकेले-अकेले खा गए जब कृष्ण जी ने इसके बारे में पूछा दिनेश के बारे में पूछा था मुझे श्री कृष्ण जी की मृत्यु किस समय उन्होंने हमेशा ब्राह्मण का धर्म निभाया उन्होंने पांच कक्षा 5 में जो भी उनको मिलता था उसी में से भगवान को अर्पित करते थे उन खातों में खाते थे एक बार की बात है सीना में भी काफी मेले के बारे में देखा है श्री कृष्ण जी को क्या हुआ था सुदामा जी ने उस दिन में थोड़ी बहुत शर्म की जब पूरे हो गए थे तो आप ब्राह्मण का जो कर्म था वह उसको नहीं ख़त्म कर सकते थे क्यों क्योंकि वह आदर्शवादी ब्राह्मण थे उन्हें अपने आदर्श अपने भूख प्यास अपने ज्ञान को ब्राह्मणों से प्रेम था तो वह घर चले गए आप घर में जो भी थोड़ा बहुत बना वह थोड़ा बहुत मिलने के बाद में अपने बच्चों को खिला थोड़े से चावल 12 4:00 तो क्या जब उनका दिल्ली का आगरा मुझे का प्लान था जो खुद खाने से पहले श्री भगवान के नाम का भगवान को भोग दे दे तथा उनको एक चावल मिला एक चावल में से आधा उन्होंने अपनी पत्नी को दे दिया आदत सोंग लेकर बैठ गए जब खाना खाने के लिए देखने लगे तो उन्होंने देखा कि ब्राह्मण का ब्राह्मणों खाने से पहले श्री कृष्ण जी को अर्पित करते तो उठाते तो जब श्री कृष्ण जी के पास में सुदामा जी गए थे तो सुदामा जी की धर्मपत्नी थी उन्होंने तीन मुट्ठी चावल दिए तो चेहरा किस संजय ने मानवता का फर्ज निभाते हुए पहली चुटकी खाई पहली मुट्ठी का स्वर्ग लोक सुदामा जी के नाम कर दिया फिर धरती लोग सुदामा जी के नाम करती हूं श्री होटल खाने ही वाले थे तो उन्हों देवी लक्ष्मी जी ने रोक लिया तब श्रीकृष्ण ने एक बात कही थी कि सुदामा सुदामा के आधे चावलों का फल है जो यह सुदामा को मिल रहा है सुदामा एक महान भक्त मित्र के साथ साथ होते हुए भी एक महान भक्त था सुदामा एक महान भक्त जय श्री राम
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1 जवाब
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