स्मैक का नशा करने से क्या होता है? - smaik ka nasha karane se kya hota hai?

स्मैक का नशा सेहत के लिए नुकसानदेह

किशनगंज। हिन्दुस्तान प्रतिनिधि | सूबे में युवा वर्ग से लेकर तमाम नशे के चंगुल...

Newswrapहिन्दुस्तान टीम,कोसीTue, 09 Aug 2022 11:32 PM

किशनगंज। हिन्दुस्तान प्रतिनिधि |

सूबे में युवा वर्ग से लेकर तमाम नशे के चंगुल में फंसते जा रहे हैं। अब युवा वर्ग शराब की बजाय सूखे नशे यानी स्मैक, चरस व नशीले ड्रग्स के चंगुल में फंस रहा है। नशा हर रूप में सेहत के लिए नुकसानदेह है। यह सभी भलीभांति जानते हैं, लेकिन फिर भी युवा वर्ग से लेकर तमाम इसकी चंगुल में फंसते जा रहे हैं। हालात चुनौतीपूर्ण इसलिए भी होते जा रहे हैं कि अब युवा वर्ग शराब की बजाय सूखे नशे यानी स्मैक, चरस व नशीले ड्रग्स के चंगुल में फंस रहा है। इस नशे के दलदल में फंसने के बाद उनका कैरियर तो बर्बाद हो रहा है, सेहत भी गंवा रहे हैं।

स्मैक ऐसे नुकसान पहुंचाता है

सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया की स्मैक से पूरा स्नायु तंत्र प्रभावित होता है। इस नशे से व्यक्ति काफी उग्र हो जाता है और उसे लगता है कि दुनिया का सबसे ताकतवर इंसान है। इसमें उसके अपराध करने की भी आशंका बनी रहती है। काफी दिनों तक यह नशा करने के बाद व्यक्ति को अवसाद, अकेलेपन की दिक्कत होने लगती है। इससे नशा करने वाला व्यक्ति कल्पना की दुनिया में चला जाता है। ये नशा करने वाला दिमागी सुनपन और उच्च रक्तचाप की चपेट में आ जाता है। इसका असर स्नायु तंत्र पर तेजी से होता है, लेकिन अधिक सेवन से फेफड़े, किडनी, लीवर के फेल होने का खतरा बढ़ जाता है।

नशा एक सामाजिक बुराई

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार ने बताया की स्मैक का नशा जिसे हमारे समाज में एक बुराई माना जाता है। इसके कारण आज के युवा विनाश की गर्त में समा रहे हैं। समाज में नशाखोरी की प्रवृति इस कदर हावी होती जा रही कि युवा इसके कारण भविष्य को चौपट कर रहे। नशाखोरी के कारण समाज में अनुशासनहीनता बढ़ रही है। लोगों की मानसिक, शारीरिक व आर्थिक स्थिति भी बिगड़ रही है। नई पीढ़ी में तो नशाखोरी की प्रवृत्ति दिन प्रतिदिन जिस तेजी से बढ़ रही है, वह युवा पीढ़ी को शिक्षा के मार्ग से विमुख कर रही है। नशाखोरी के चलते सामाजिक मर्यादाएं भंग हो रही। समाज में बढ़ रही आपराधिक प्रवृति के लिए भी सबसे ज्यादा जिम्मेदार नशाखोरी ही है। युवाओं खासकर बच्चों में जिस तेजी से नशे की प्रवृत्ति बढ़ रही, यह जानलेवा साबित हो सकती है। सिगरेट ही नहीं शराब, गुटखे से लेकर चरस, स्मैक, हेरोइन समेत नशीले इंजेक्शन व गोलियों का इस्तेमाल युवा कर रहे हैं। कम उम्र में नई चीजें के प्रति स्वाभाविक जिज्ञासा का होना आम है। ऐसे में कुछ गलत साथियों की संगत किशोरों को नशे की ओर धकेल देती है। साथ ही परिवार से दूर रहने वाले किशोरों को आजादी का अहसास व पढ़ाई का दबाव भी उन्हें नशे की गिरफ्त में ले जाता है। अभिभावकों बच्चों को समय ही नहीं दे रहे। उन्हें बच्चों से बात व उनके व्यवहार पर ध्यान देना चाहिए।

ऐसे करें बच्चे का बचाव

बच्चों में आत्म निर्भरता और आत्म अनुशासन की आदत डालें बच्चे में खुद फैसले लेने और सही गलत में अंतर करने की क्षमता पैदा करें समय-समय पर उससे परेशानियों के बारे में पूछें और डांटने के बजाए उसकी मदद करें टोकाटोकी के बजाए उसकी परेशानी समझने की कोशिश करें लगातार संवाद बनाए रखें, उसके दोस्तों से मिलें व उनके संबंध में जानकारी रखें।

स्वस्थ जीवन के लिए नशे का त्याग करना जरुरी-

एसीएमओ डॉ सुरेश प्रसाद ने बताया स्वस्थ जीवन के लिए नशे से दूरी जरूरी है। जो लोग भी किसी प्रकार के नशे की लत में हैं उसका तत्काल त्याग करें। किसी भी प्रकार का नशा शरीर को अंदर से कमजोर करता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होती है। नशा आर्थिक, मानसिक एवं शारीरिक रूप से मनुष्य को कमजोर करता और नशे की लत को मजबूत इच्छाशक्ति से ही छोड़ा जा सकता है। नशामुक्ति रथ लोगों को नशे के दुष्प्रभाव को लेकर जागरूक करेगा ताकि लोग इसकी लत से बच सकें और अविलंब इसका त्याग करें।

यह हिन्दुस्तान अखबार की ऑटेमेटेड न्यूज फीड है, इसे लाइव हिन्दुस्तान की टीम ने संपादित नहीं किया है।

दोस्तों हम सब जानते हैं कि नशा कई प्रकार के होते हैं। स्मैक का नशा छुड़ाने के उपाय भारत की बात की जाए तो भारत में स्मैक का नशा बड़ी संख्या में लोगों के बीच फैल गया है। इस बीच हम सभी लोगों के जेहन में आता है कि आख़िर स्मैक का नशा छुड़ाने के उपाय क्या है? नाश की सीडी है  कोई भी नशा हो यह एक बीमारी की तरह काम कर्ता है। अगर बात स्मैक के नशे की हो तो यह बाकी के सारे नशीले पदार्थों से ज्यादा घातक और तकलीफ देने वाला नशा है।  NA (narcotics anyomos) के एक सर्वे के मुताबिक भारत में लगभग 76.7% लोग इस नशे से पीड़ित हैं। 

दोस्तों पर अगर हम गौर करेंगे कि इसकी शुरुआत कहा से हुयी? तो इसके लिए हम खुद को पूर्ण रूप से जिम्मेदार नहीं पाएंगे। 

स्मैक का नशा छुड़ाने के उपाय के बारे में बात करने से पहले हमारा यह जानना बहुत जरूरी है कि यह स्मैक आखिर है क्या? यह कैसे बनता है? इसके नुकसान क्या है? इसकी लत क्यु होती है? और यह आता कहा से है? इसमे ऐसा क्या होता है जो यह हमे इतना बेचैन कर देता है? और इतना सब जानने के बाद ही हम स्मैक का नशा छोड़ने के बारे में कुछ कदम उठा पाएंगे। 

दोस्तों सबसे पहले तो आप यह जान ले कि स्मैक को छोड़ने के सही उपाय वही व्यक्ति बता सकता है जो इस नशे के दल दल से बाहर निकल आया हो इसलिए हमने यह लेख खास कुछ उन लोगों के अनुभव के आधार पर लिखा है जिन्होंने स्मैक के नशे को हराकर अपने जीवन में आगे बढ़ गए हैं। 

हम आपको और खास तरह से स्मैक का नशा छोड़ने के उपाय बता सके इसलिए हमने कुछ डॉक्टर से संपर्क किया उसके बाद में  भारत के युवाओ और लोगों की स्मैक छोड़ने में मदद करने के लिए यह लेख लिखा है। उम्मींद करते हैं आप इसे आखिरी तक पढ़कर स्मैक के नशे को हराकर देश के विकास में सहायक होंगे। 

दोस्तों हमे आशा है कि आप इस महत्वपूर्ण जानकारी को अपने नशे से पीड़ित दोस्तों और लोगों के साथ जरूर शेयर करेगे ताकि वह भी समय रहते इस भयानक नशे की बीमारी से छुटकारा पा सके इसका लगातार सेवन आपको मृत्यु की ओर ले जाता है। 

 स्मैक क्या है? (निचले स्तर की ​​हेरोइन) 

वैज्ञानिक नाम :Diamorphine

नाम :स्मैक, स्काग, जंक, स्काट, हैरी, एच इत्यादि 

स्मैक का नशा छुड़ाने के उपाय

स्मैक (हेरोइन) को पहली बार 1874 में लंदन में स्थित सेंट मैरी हॉस्पिटल मेडिकल स्कूल में कार्य करने वाले अंग्रेजी रसायनज्ञ सी आर एल्डर राइट द्वारा संश्लेषित किया गया था। 

1898 से 1910 तक स्मैक (हेरोइन) को नशीला पदार्थ या लत वाली सामाग्री नहीं माना गया था। 

इसका प्रयोग मॉर्फिन खांसी की दवा के तौर पर  किया गया था।

स्मैक (हेरोइन) एक सफेद या भूरे रंग का पाउडर या ठोस दाने हो सकता है। आमतौर पर इसमे 5-30% शुद्ध​​ हेरोइन होती है। इसको सिल्वर की पन्नी पर रख कर नीचे से जलाते हुए ऊपर निकलने वाले गर्म नशीले धुयें को पाइप की मदद से श्वास द्वारा खींचा जाता है। ( स्मैक का नशा छुड़ाने के उपाय )

इसको इंजेक्शन में गर्म करके नसों में भी लिया जाता है। जो कि काफी ज्यादा नुकसानदायक और प्रभाव कारी होता है। अगर इसको सीधा खा लिया जाए तो इसका प्रभाव बहुत कम होता है।​​हेरोइन में इसकी कीमत बढ़ाने के लिए जो पदार्थ मिलाए गए हैं 

उनमें बेकिंग सोडा, स्टार्च, ओटीसी दर्द निवारक, कैफीन या यहां तक ​​कि पाउडर वाला दूध भी शामिल है।इसका इस्तेमाल करने पर आप इसकी टूटन को महसूस करना सुरु कर देंगे। 

स्मैक जिसे कभी-कभी ब्लैक टार हेरोइन भी कहा जाता है, एक मजबूत ओपिओइड दवा का एक अवैध रूप है।

हिरोइन एक नशीला पदार्थ है, जो कि अफीमखस खसके रस से निकलती है।हेरोइन एक प्राकृतिक फूल वाले पौधे से आती है जिसे पोपी कहा जाता है।  दोस्तों इसकी खेती ज्यादातर मध्य अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, एशिया और मध्य पूर्व के कुछ हिस्सों में ज्यादा होती है।  असल में देखा जाए तो स्मैक इनके बीज को काटने पर निकलने वाला दूधिया तरल है जो कि मॉर्फिन है ।

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दोस्तों इस दूधिया तरल को सफेद पाउडर बना के दुनिया के अलग अलग हिस्सों में अलग अलग नामों से बेचा जा रहा है। कहीं पर इसको स्मैक, हॉर्स, एच, इत्यादि नामों से बेचा जाता है। एक समय में स्मैक सिर्फ उन्हीं शहरों तक सीमित थी जहा इनका उत्पादन होता है पर अब यह दुनिया की मुख्य धारा से जुड़ गया है। 

पहली बार इसका नशा करने पर आपको उल्टी, बेहोशी हो सकती है।

 इसके अन्दर दर्द को मारने की क्षमता होती है पर इसका प्रयोग उसके लिए नहीं किया जाता। यह शरीर के अंदर जाते ही गर्मी और खून की चाल को धीमा कर देता है। स्मैक का ज्यादा सेवन आपको गहरी नींद या बेहोशी करा सकता है।।हेरोइन (स्मैक)का इंजेक्शन  (नसों में) लेने से इसका प्रभाव बेहद तीव्रता से होता है। और यह  तत्काल अनुभव कर्ता है।  ( स्मैक का नशा छुड़ाने के उपाय )

दुनिया के लिए इस संकट से निपटने की कई तरकीब लगायी है पर असफल रहे है। यह नशा व्यक्ती को अपनी लत में लेकर उसे मृत्यु तक पहुचा देता है। इसका सेवन करने वाला व्यक्ति खुद को इसी पर निर्भर हो जाता है।स्मैक का नशा धीरे धीरे आपको अपनी जकड में लेता है। यह आपके शरीर को कुछ पदार्थों का आदि बना देता है जिनके ना मिलने पर शरीर पर इसका प्रभाव काफी ज्यादा दिखता है। शुरुआती दौर में यह आपको मजा या आराम दे सकता है पर जैसे ही आप इसका नियमित रूप से सेवन करने लगते हैं फिर यह आपके शरीर को खोखला करने का कार्य करने लगती है। 

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स्मैक से होने वाली स्वास्थ समस्याए :शरीर पर प्रभाव 

स्मैक को धुम्रपान के जरिए लेने से आपको कई तरह की समस्याएं और बीमारियों से ग्रस्त होने का खतरा होता है। 

  • स्वास संबंधित बीमारी। 
  • नाक बहना।
  • खुशबु या बदबू का अनुमान ना होना। 
  • मतिभ्रम 
  • नींद ना आना 
  • स्वाद में कमी 
  • यादाश्त का कमजोर होना 
  • मन में अशांति 
  • ख़ासी 
  • मानसिक तनाव 
  • आँखों की रोशनी में कमी 
  • कैंसर 
  • फेफड़ों में सूजन 
  • पथरी 
  • त्वचा में पीला पन 
  • वजन में अत्याधिक गिरावट

इंजेक्शन द्वारा स्मैक लेने पर होने वाले नुकसान और बीमारी ज्यादा खतरनाक होती है :

  1. त्वचा के घाव
  2. टेटनस
  3. एचआईवी
  4.  हेपेटाइटिस से संक्रमण हो सकता है।

 दोस्तों स्मैक का नशा छोड़ने के लिए हमे कई तरह की बीमारियों और कष्टप्रद स्थितियों से गुजरना पड़ता है। जब आप स्मैक का नशा लेना सुरू करते हैं उस समय आपको यह काफी आनंदित महसूस करा सकता है और स्मैक की बड़ती हुयी खुराक आपको एक बेहद खतरनाक लत का शिकार बना देती है।

 यह नशा करते करते एक स्थिति ऐसी आजाती है कि आप इसको चाहते हुए भी नहीं छोड़ पाते। आप खुद को निष्क्रिय महसूस करते है आपका शरीर जबाब देने लगता है आप इसकी लत के शिकार हो जाते है। इसका अधिक मात्रा में सेवन आपको जान से मार सकता।  ( स्मैक का नशा छुड़ाने के उपाय )

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स्मैक​​(हेरोइन) का नशा करने वाले लोगों के लक्षण : ( स्मैक का नशा छुड़ाने के उपाय )

स्मैक का नशा करने वाला व्यक्ति शुरुवात में आपके सामने अपने आप को सुनियोजित तरह से पेश आने की कोशिश करेगा पर उसकी अत्याधिक सटीकता ही उसपे प्रश्नचिन्ह लगाती है।

यह नशा करने वाला व्यक्ति अकेले रहना ज्यादा पसंद करेगा अथवा उसका परिवार और समाज से कोई ताल मेल नहीं रह जाएगा। हमेशा आपकी बातों को टालता रहेगा। ऐसे व्यक्ति नहाना कम पसंद करते है। इन्हें आम लोगों के मुकाबले ज्यादा ठंड लगती है। इनके होंट काले और इनकी उंगलिया जली हुयी हो सकती है। कई बार इनकी मूछें और आँख की पुतलियाँ भी जली पायी जाती है।

 स्मैक का नशा करने से गले में कफ भी जम जाता है जिससे वह खा-खा ज्यादा करेगा। ऐसे व्यक्ति हमेशा उन्हीं गिने चुने लोगों के साथ रहना पसन्द करते है जो उनके साथ यह नशा करते हैं। इस नशे को करने वाला व्यक्ति सिर्फ यही काम कर सकता है उसका बाकी सारा काम अस्त व्यस्त रहता है।  ( स्मैक का नशा छुड़ाने के उपाय )

स्मैक का नशा करने वालों की आंखें सुर्ख लाल हो जाती है इसके लिए वह लोग आई पूल आंद्रे नाम का आयीं ड्रॉप भी ईस्तेमाल करते हैं। एक्सट्रीम शुगर क्रेविंग भी आम है, जैसे मूड स्विंग्स, डिप्रेशन और अनिद्रा।  

उनका व्यक्तित्व बदल सकता है, और वे गुप्त हो सकते हैं, नौकरी पकड़ने में परेशानी हो सकती है, या अपनी आदत का समर्थन करने के लिए चोरी की ओर मुड़ सकते हैं। ( स्मैक का नशा छुड़ाने के उपाय )

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कई मामलों में इसका प्रयोग यौन संबंध बनाने के लिए भी करते हैं लिंग के प्रभाव को पांच घंटे तक महसूस किया जा सकता है,  यह जो कि ली गई राशि, व्यक्ति के वजन और उस समय के हाइड्रेटेड पर निर्भर करता है।

  यदि प्रभावों को पहनने के तुरंत बाद एक और खुराक नहीं ली जाती है, तो हेरोइन वापसी के लक्षण शुरू हो जाते हैं। ऐसे लोग जो इसका प्रयोग करते है बाद में उनमे नपुंसकता के लक्षण पाए जा सकते हैं। 

इनकी उँगलियों के नाखुन वाले हिस्से काले जले हुए हो सकते हैं। 

जितना नुकसानदायक प्रभाव स्मैक सेवन से शरीर पर पड़ता है उससे भी अधिक खतरनाक इसको लेकर आना हो सकता है। कई मामलों में यह ग़ैर ज़मानती धाराओं के अंतर्गत आपको कैद करवा सकती है।

परिवार और दोस्तों से दूरी : ( स्मैक का नशा छुड़ाने के उपाय )

नशे का मजा लेने के लिए या उसका पूरा अनुभव करने के लिए उपयोगकर्ता लोगों से दूरी बना लेते हैं। वह लोग अपने अंदर हो रहे परिवर्तन को दूसरे लोगों से छुपाने की कोशिश करते हैं। उनकी मानसिक स्थित बहुत ही ज्यादा निराशाजनक, भयभीत या शर्मिंदगी या फिर बहुत ज्यादा गुस्सा महसूस कर सकते हैं। 

जोखिम भरे अंधा धूंद फ़ैसले : ( स्मैक का नशा छुड़ाने के उपाय )

दोस्तों जब आप इस नशे की गिरफ्त में होते है तो यह नशा आपकी सोचने समझने की क्षमता खत्म हो जाती है। ऐसी स्थिति में व्यक्त्ति अपना मानसिक संतुलन खो देता है और कुछ भी अनाप सनाप फैसले लेने लगते हैं। 

मुख्यतः ऐसा तब होता है जब आपको इसकी तलब  हो यानि कि उस स्थिति में जब आपकी खुराक चूक जाती है या समय पर नहीं मिलती ऐसे में शरीर इसकी माँग कर्ता है। 

आपको फ़्लू या नाक का बहना, सिर दर्द, बैचैनी के साथ साथ आप अपने फैसले सही नहीं ले सकते। 

और जब आप इसका सेवन कर लेते हैं तब आप होश में ना होने के कारण सही फैसले लेने में असक्षम होते हैं। 

स्मैक का नशा छोड़ने के समय होने वाली शरीरिक समस्या

स्मैक छोड़ने के मुख्य लक्षण बेचैनी है, जो कि आखिरी खुराक लेने के 24 घंटे बाद सुरू हो जाती है। इसके साथ ही महसूस होगा कि सब कुछ खत्म होने के कगार पर है। हाथ पैरों में जबरजस्त ऐठन और भूख नहीं लगती। उपयोगकर्ता यदि दोबारा इसका सेवन नहीं कर्ता तो 3 से 4 दिन ये समस्याएं ज्यादा बड़ने लगती है। 

स्मैक छोड़ने के समय मुख्य रूप से होने वाली शरीरिक समस्याए निम्न है :

  1. चिड़चिड़ापन
  2. मानसिक भ्रम 
  3. खुद को नुकसान पहुंचाने की कोशिश 
  4. दिल की धड़कन की तेज गति 
  5. उल्टी
  6. दस्त 
  7. नाक बहना
  8. कम रक्त दबाव
  9.  गंभीर ऐंठन और मांसपेशियों में ऐंठन
  10. ब्लेक आउट हो जाना (झटका और होश खो देना इत्यादि) 
  11. चिंता 
  12. अनुचित क्रोध
  13. नींद ना आना 

दोस्तों ये वो शारीरिक और मानसिक बीमारियाँ है जो स्मैक छोड़ने के समय मुख्य रूप से उपयोगकर्ता को उठानी पड़ती है। जितनी अधिक मात्रा में और अधिक समय तक स्मैक का सेवन किया जाता है। उतने ही कठिन शारीरिक और मानसिक कष्ट उपयोगकर्ता को निर्वहन करने पड़ते हैं। ( स्मैक का नशा छुड़ाने के उपाय )

ऐसे लक्षण 15 दिन तक देखने को मिल सकते हैं। इसके बाद हो सकता है आपको महीने तक सही नींद ना आए। इतना समय गुजरने के बाद धीरे धीरे उपयोगकर्ता रिकवरी की ओर आगे बढ़ता है। और 2 से तीन महीनों में इसके सारे लक्षण समाप्त हो जाते है।

 स्मैक का ओवर डोज हो जाने पर जान जाने का खतरा :

एक बार आप इसका सेवन लंबे समय के लिए बंद कर देते हैं और आप वापस इसका सेवन कर लेते है तो महज 3 या चार दिन में आप पुरानी स्थित पर पहुच जाते हैं। 

सबसे बड़ी समस्या और खतरनाक स्थिति तब होती है जब 

स्मैक का ओवर डोज हो जाता है। ऐसा होने पर ह्रदय की गति इतनी धीमी हो जाती है कि वह रुक जाती है और श्वास रुक जाने का खतरा1 हो जाता है। 

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जिससे उपयोगकर्ता की जान चली जाती है। आपको कोई अंदाजा नहीं होगा कि कब इसका ओवर डोज हो गया। और उपयोगकर्ता को जान से हाथ धोना पड़ता है।ओवर डोज के चलते आपके दिमाग में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है जिसके कारण  हाइपोक्सिया नामक स्थिति  पैदा हो जाती है। 

  हाइपोक्सिया से कम समय और और एक लंबे समय तक उपयोगकर्ता को मानसिक दुर्बलता, तंत्रिका तंत्र की क्षति और अपरिवर्तनीय मस्तिष्क  की क्षति हो सकती है।  अगर समय पर सही उपचार नहीं मिलता तो उपयोगकर्ता  का कोमा  में जाने का खतरा या मर ही जाता है।  ( स्मैक का नशा छुड़ाने के उपाय )

ऐसी स्थिति में हमे आपातकाल विभागों में कॉल करने की आवश्यकता होती है। स्वास्थ विभागों के पास ओपियोड ओवर डोज को कंट्रोल करने की किट होती है जिसमें 

नालोक्सोन नामक एक दवा होती है, जो कि ओवरडोज के प्रभाव को काफी हद तक कम कर सकती है ।  यह एक इंजेक्शन के रूप में या नाक स्प्रे के माध्यम से उपयोगकर्ता को दी जाती है ।

 यदि आपके पास नालोक्सोन उपलब्ध हैं तो भी व्यक्ति को जल्द से जल्द चिकित्सा उपचार कराना बेहद जरूरी होता है ।  ओपियोइड संकट की गुंजाइश और गंभीरता के कारण, कई स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसियां ​​हेरोइन या  ओपियोड ओवरडोज के मामलों में कानूनी कार्रवाई नहीं कर सकती। 

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स्मैक को लेके भारतीय कानून :

भारत के अंदर मुख्यतः सभी ड्रग्स और नशीले पदार्थों पर पूर्णत प्रतिबंध है।  कुछ ड्रग्स मेडिकल मेडिसन के साथ अवैध रूप से ईस्तेमाल में लिए जाते हैं। हेरोइन एक ए-claas दबा है इसके पाए जाने पर 10 साल जेल / अत्याधिक जुर्माना लगाया जा सकता है।  और इसका व्यापारिक रूप में पाए जाने पर उम्र कैद की सजा और अधिकतम जुर्माना लगाया जाता है। 

हेरोइन को पहली बार 1874 में लंदन के सेंट मैरी हॉस्पिटल मेडिकल स्कूल में काम करने वाले एक अंग्रेजी रसायनज्ञ सी आर एल्डर राइट द्वारा संश्लेषित किया गया था। ( स्मैक का नशा छुड़ाने के उपाय )

स्मैक का एक और रूप है जिसे ‘काला तार’ भी कहा जाता है इसका निर्माण मेक्सिको में किया जाता है। 

स्मैक का नशा छोड़ने के उपाय:

दोस्तों काफी कुछ जानकारी लेने के बाद हमे यह विचार सबसे ज्यादा बताया गया है कि देश दुनिया में स्मैक के नशे को छोड़ने के  कई तरह के इलाज बताये गये है। आपका नशा छोड़ ना निर्भर कर्ता है कि आपने उसका सेवन कितना किया है और कितने समय से कर रहे हैं। 

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अगर आपका शुरुआती दौर है जिसमें 5 से 6 महीने हुए है तो आप इसको घर रहते हुए कुछ निगमों का पालन करके इससे मुक्ति pa सकते हैं। यद्यपि आप एक लंबे समय से इस नशे से पीड़ित हैं तो आपको नशा मुक्ति केंद्र में जाना चाहिए। असल में वहां आपको सम्भालने के लिए स्टाफ होता है जब तक आपका detoxification होगा जो परेशानियां आएगी वो लोग उन्हें सम्भाल लेगे। नशा मुक्ति केंद्र में भी आपको कोई अलग इलाज नहीं दिया जाएगा बस आपको एक जगह रखा जाएगा और बीट्स (बेहोशी) मतिभ्रम आदि की स्थिति आने पर वह अच्छे से सम्भाल सकते हैं।  ( स्मैक का नशा छुड़ाने के उपाय )

बाकी किसी डॉक्टर पर कोई ऐसी दवाई नहीं है जो बिना कष्टदायक स्थिति से गुजरे इससे निजात दिला सके। हकीकत यह है कि आप पैसा बर्बाद कर सकते हैं। महँगे से महँगे डॉक्टर या मनोविज्ञानी के पास जाकर आप सिर्फ गहरी नींद की गोलियां और जिससे आपको नींद आती रहेगी और आप आप अपना ज्यादा समय बिस्तर को देंगे और बाहर जाना पसंद नहीं करेगे। स्थित ज्यादा खराब होने पर नींद के इंजेक्शन आपको दिए जा सकते हैं। आपको कुछ परहेज बता कर महंगी फीस ऐठी जा सकती। 

स्मैक गांजे की नशा छुड़ाने की दवा | Medication For Smack And marijuana

असल में स्मैक छोड़ने के लिए आपको ही उत्तरदायी होना पड़ेगा।  ( स्मैक का नशा छुड़ाने के उपाय )

आप सभी समझदार है कोई भी नशा हम खुद की मर्जी से करते है इसके लिए पूरी जिम्मेदारी हमारी होती है। 

तो हमारी मानसिकता ही यह निर्धारित करेगी कि आप उसको दोबारा करना चाहते है या नहीं आपको स्मैक की अत्यधिक तलब  होगी पर आप अपने धैर्य से काम ले और उस कष्ट दायक समय को निकाल कर इससे मुक्ति पा सकते हैं। ( स्मैक का नशा छुड़ाने के उपाय )

 हमारी मजबूत मानसिकता ही इसको हरा सकती है। अगर आप अपने दिमाग पर काबु नहीं कर पाते तो सुधार ग्रह या नशा मुक्ति केंद्र उनके लिए सबसे बेहतर उपाय साबित हो सकता है। 

स्मैक गांजे की नशा छुड़ाने की दवा | Medication For Smack And marijuana

स्मैक का नशा छोड़ने के लिए कुछ खास घरेलु उपाय :

  1. अपने आप को व्यस्त रखे 
  2. पेट को खाली ना रखे 
  3. स्मैक छोड़ते समय होने वाली तकलीफ के समय डॉक्टर से सलाह लेके नींद की गोलियां ले, और धीरे धीरे अपनी प्राकृतिक नींद लेना सुरू करे। 
  4. दस्त की दवाई ले 
  5. जितना हो सके ज्यादा से ज्यादा नहाते रहे। 
  6. कोई भी खतरनाक समान पास ना रहने दे (ब्लैक आउट होने पर मानसिकता पर काबु नहीं रहता) 
  7. योग व्यायाम करे 
  8. मेडिटेशन करे 
  9. दिमाग पर अपने अच्छे विचारो को हाबी होने दे 
  10. निश्चित आहार और फलों का सेवन करे 
  11. खुद को अपनों के करीब रखे 
  12. परिवार के साथ रहे 
  13. ज्यादा लंबे समय से सेवन कर रहे हैं तो नशा मुक्ति केंद्र में दाखिला ले। 

स्मैक गांजे की नशा छुड़ाने की दवा | Medication For Smack And marijuana

दोस्तों स्मैक का नशा या दुनिया की कोई भी लत या नशा हो उसके चंगुल से निकलने के लिए हमे खुद के प्रयास उसे सफ़ल बनाते है। अगर आप खुद की इन्द्रियों पर काबु नहीं कर पाए तो आप बार बार उसी नशे में गिर जायेगे। इसके लिए सबसे महत्त्वपूर्ण है हमारा नशा छोड़ने का निश्चित फैसला।

स्मैक गांजे की नशा छुड़ाने की दवा | Medication For Smack And marijuana

  एक बार आप अपने दिमाग में अपना लक्ष्य निर्धारित कर लेते है कि इसको नहीं करना दोबारा तो आप इस नशे से जीत जायेगे।  ( स्मैक का नशा छुड़ाने के उपाय )

दोस्तों इस नशे का अंत म्रत्यु है अगर आप इससे पीड़ित है तो घबराए नहीं समय पर इसको बंद करे और इससे बाहर निकले थोड़ा तकलीफ देह जरूर है पर आप इससे निकल सकते है। 

दोस्तों किसी भी नशे का इलाज कोई नहीं कर सकता अगर आप नशा मुक्ति केंद्र में भी जाते है तो एक समय तक आप नशे से दूर रह पायेगे और बाहर आते ही फिर बैसे ही हो जायेगे। जरूरी बात यह है आप अपनी मानसिकता बना ले स्मैक छोड़ने के लिए आप मदद के लिए नशा मुक्ति केंद्र जा सकते है पर इसको वास्तविकता में छोड़ ना चाहते है तो ही छोड़ सकते हैं। 

भारत में हर साल करीब 15000 लोगों की मौत स्मैक के नशे के कारण हो जाती है। 

जागरूक रहे और जागरूक करें। यह नशा भारत के अंदर पाकिस्तान, अफगानिस्तानऔर चाइनाबॉर्डर के जरिए अवैध रूप से आता है। यह हमारे देश के युवा को खत्म करने की साज़िश है हमे जागरूक होकर इसका खंडन करना है और ज्यादा से ज्यादा लोगों को यह महत्पूर्ण जानकारी शेयर करके देश हित में अपना सहयोग करना है। 

स्मैक गांजे की नशा छुड़ाने की दवा | Medication For Smack And marijuana

दोस्तों आशा है कि आपको हमारा यह लेख स्मैक का नशा छुड़ाने के उपाय पसंदआया होगा । 

आपसे गुजारिश है कि कमेन्ट करके हमे अपनी राय जरुर बताये । अपनी शिकायत अथवा सुझाव हमे बताने के लिए हमे मेल कर कर सकते हैं। नीचे दिए गए कमेन्ट बॉक्स में अपनी राय जाहिर करे।  स्वास्थ और नशे से संबंधित और जानकारियों के लिए हमे subscribeकरें ।

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स्मैक पीने से क्या हो जाता है?

सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया की स्मैक से पूरा स्नायु तंत्र प्रभावित होता है। इस नशे से व्यक्ति काफी उग्र हो जाता है और उसे लगता है कि दुनिया का सबसे ताकतवर इंसान है। इसमें उसके अपराध करने की भी आशंका बनी रहती है। काफी दिनों तक यह नशा करने के बाद व्यक्ति को अवसाद, अकेलेपन की दिक्कत होने लगती है।

स्मैक पीना कैसे छोड़े?

-हर दिन कम से कम 50 बार शीतली और 50 बार शीतकारी करें। इसमें 5-5 मिनट का समय लगेगा। -जो व्यक्ति नियमित शीतली और शीतकारी प्राणायाम करता है उस व्यक्ति के शरीर का सिस्टम इस तरह का हो जाता है कि वह नशीली चीज का सेवन नहीं कर पाता और उससे दूर हो जाता है। उसके सेवन की इच्छा भी मर जाएगी।

स्मैक कैसे बनाया जाता है?

इसे चूने के साथ उबालकर केमिकल मिलाते थे। इससे अफीम फट जाती थी जिसे गाढ़ा होने तक उबालते थे। बाद में इस घोल को सुखाकर पाउडर बनाता थे। इस तरह एक किलो अफीम से 30 ग्राम स्मैक बनती है।

नशा छोड़ने के बाद क्या होता है?

नींद अच्छी हो जाती है नशा होने पर आपके शरीर को वो आराम नहीं मिलता, जो उसे चाहिए होता है. फिर भले ही आप शराब पीने के बाद कितने भी घंटे सो लें. लेकिन इसे छोड़ने के बाद जब आप सोते हैं तो शरीर खुद ही हीलिंग कर पाता है और ब्रेन में ऐसे फील होता है, जैसे नई स्फूर्ति और ताजगी मिली हो.

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