राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम, 1956 pdf मराठी - raashtreey raajamaarg adhiniyam, 1956 pdf maraathee

The National Highways Act, 1956

Act Number: 48
Enactment Date: 11-09-1956
Act Year: 1956
Short Title: The National Highways Act, 1956
Long Title: An Act to provide for the declaration of certain highways to be national highways and for matters connected therewith.
Ministry: Ministry of Road Transport and Highways
Enforcement Date: 15-04-1957
Notification: 15th April, 1957, vide S.R.O. 1180(E), dated 4th April, 1957, see Gazette of India, 1957, Part II, s. 3(ii).

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राष्ट्रीयराजमार्गअधिनियम, 1956

(1956 काअधिनियम संख्यांक 48)

[11 सितम्बर, 1956]

कतिपयराजमार्गों कोराष्ट्रीयराजमार्गघोषित

करनेएवंतत्सम्बन्धी विषयोंकेबारे

मेंउपबन्धकरनेके लिए

अधिनियम

भारत गणराज्य के सातवें वर्ष में संसद् द्वारा निम्नलिखित रूप में यह अधिनियमित हो :-

1. संक्षिप्तनाम, विस्तारऔरप्रारम्भ-(1) इस अधिनियम का संक्षिप्त नाम राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम, 1956 है

(2) इसका विस्तार सम्पूर्ण भारत पर है

(3) यह उस तारीख  को प्रवृत्त होगा जिसे केन्द्रीय सरकार राजपत्र में अधिसूचना द्वारा नियत करे

2. कतिपय राजमार्गोंकाराष्ट्रीयराजमार्गघोषितकियाजाना-(1) अनुसूची में विनिर्दिष्ट राजमार्गों में हर एक को  *** एतद्द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किया जाता है

(2) केन्द्रीय सरकार, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, किसी दूसरे राजमार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित कर सकेगी और ऐसी अधिसूचना के प्रकाशन पर यह समझा जाएगा कि ऐसा राजमार्ग अनुसूची में विनिर्दिष्ट है

(3) केन्द्रीय सरकार किसी राजमार्ग को ऐसी ही अधिसूचना द्वारा अनुसूची से निकाल सकेगी और ऐसी अधिसूचना के प्रकाशन से ऐसे निकाल दिया गया राजमार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग नहीं रह जाएगा

 [3. परिभाषाएं-इस अधिनियम में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित हो,-

() “सक्षम प्राधिकारी" से केन्द्रीय सरकार द्वारा, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, ऐसे क्षेत्र के लिए, जो अधिसूचना में विनिर्दिष्ट किया जाए, सक्षम प्राधिकारी के कृत्यों का पालन करने के लिए प्राधिकृत किया गया कोई व्यक्ति या प्राधिकारी अभिप्रेत है;

() “भूमि" के अन्तर्गत भूमि से उत्पन्न फायदे, भूबद्ध चीजें अथवा भूबद्ध किसी चीज से स्थायी रूप में जकड़ी हुई चीजें भी हैं

3. भूमि, आदिअर्जितकरनेकीशक्ति-(1) जहां केन्द्रीय सरकार का यह समाधान हो जाता है कि लोक प्रयोजन के लिए किसी राष्ट्रीय राजमार्ग या उसके किसी भाग के निर्माण, अनुरक्षण, प्रबंध या कार्यान्वयन के लिए किसी भूमि की आवश्यकता है, वहां केन्द्रीय सरकार, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, ऐसी भूमि को अर्जित करने के अपने आशय की घोषणा कर सकेगी

(2) उपधारा (1) के अधीन प्रत्येक अधिसूचना में उस भूमि का संक्षिप्त विवरण दिया जाएगा

(3) सक्षम प्राधिकारी अधिसूचना का सार दो ऐसे स्थानीय समाचारपत्रों में प्रकाशित कराएगा जिनमें से एक जन भाषा        में होगा

3. सर्वेक्षण, आदिकेलिएप्रवेशकरनेकीशक्ति-धारा 3 की उपधारा (1) के अधीन अधिसूचना के जारी किए जाने पर, केन्द्रीय सरकार द्वारा इस निमित्त प्राधिकृत किसी व्यक्ति के लिए,-

()         कोई निरीक्षण, सर्वेक्षण, नापजोख, मूल्यांकन या जांच करना;

()        तलमापन करना;

() अवमृदा का खोदा जाना या उसमें बोर करना;

() सीमाओं और संकर्म का आशयित रेखांकन करना;

() ऐसे तलमापनों, सीमाओं और रेखांकनों को चिह्नांकन लगाकर और खाइयां खोद कर चिहिन्त करना; या

() ऐसे अन्य कार्य या बातें करना जो उस सरकार द्वारा इस निमित्त बनाए गए नियमों द्वारा अधिकथित की जाएं,

विधिपूर्ण होगा

                3. आक्षेपोंकीसुनवाई-(1) भूमि में हितबद्ध कोई व्यक्ति धारा 3 की उपधारा (1) के अधीन अधिसूचना के प्रकाशन की तारीख से 21 दिन के भीतर उस उपधारा में उल्लिखित प्रयोजन या प्रयोजनों के लिए भूमि के उपयोग पर आक्षेप कर सकेगा

(2) उपधारा (1) के अधीन प्रत्येक आक्षेप लिखित रूप में सक्षम प्राधिकारी को किया जाएगा और उसमें उस आक्षेप के आधार उपवर्णित होंगे और सक्षम प्राधिकारी आक्षेपकर्ता को व्यक्तिगत रूप से या विधि व्यवसायी के माध्यम से सुने जाने का अवसर प्रदान करेगा और ऐसे सभी आक्षेपों की सुनवाई करने के पश्चात् और ऐसी और जांच, यदि कोई हो, करने के पश्चात् जिसे सक्षम प्राधिकारी आवश्यक समझे, उन आक्षेपों को, आदेश द्वारा, या तो मंजूर करेगा या नामंजूर करेगा

स्पष्टीकरण-इस उपधारा के प्रयोजनों के लिए विधि व्यवसायी" का वही अर्थ है जो अधिवक्ता अधिनियम, 1961 (1961 का 25) की धारा 2 की उपधारा (1) के खंड () में है

(3) सक्षम प्राधिकारी द्वारा उपधारा (2) के अधीन किया गया कोई आदेश अंतिम होगा

3. अर्जनकीघोषणा-(1) जहां धारा 3 की उपधारा (1) के अधीन सक्षम प्राधिकारी को उसमें विनिर्दिष्ट अवधि के भीतर कोई आक्षेप नहीं किया गया है या जहां सक्षम प्राधिकारी ने उस धारा की उपधारा (2) के अधीन आक्षेप को नामंजूर कर दिया है वहां सक्षम प्राधिकारी तद्नुसार केन्द्रीय सरकार को एक रिपोर्ट, यथाशक्य शीघ्र, प्रस्तुत करेगा और ऐसी रिपोर्ट की प्राप्ति पर केन्द्रीय सरकार, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, यह घोषणा करेगी कि भूमि धारा 3 की उपधारा (1) में उल्लिखित प्रयोजन या प्रयोजनों के लिए अर्जित की जाए

(2) उपधारा (1) के अधीन घोषणा के प्रकाशन पर, भूमि आत्यंतिक रूप से सभी विल्लंगमों से मुक्त केन्द्रीय सरकार में निहित हो जाएगी

(3) जहां किसी भूमि की बाबत अधिसूचना उसके अर्जन के लिए धारा 3 की उपधारा (1) के अधीन प्रकाशित की गई है किन्तु  उपधारा (1) के अधीन कोई घोषणा उस अधिसूचना के प्रकाशन की तारीख से एक वर्ष की अवधि के भीतर प्रकाशित नहीं की गई है वहां उक्त अधिसूचना का कोई प्रभाव नहीं होगा :

परंतु उक्त एक वर्ष की अवधि की संगणना करने में ऐसी अवधि या अवधियों को, जिनके दौरान धारा 3 की उपधारा (1) के अधीन जारी की गई अधिसूचना के अनुसरण में की गई कोई कार्रवाई या कार्यवाही न्यायालय के आदेश द्वारा रोक दी जाती है, अपवर्जित किया जाएगा

(4) उपधारा (1) के अधीन केन्द्रीय सरकार द्वारा की गई किसी घोषणा को किसी न्यायालय में या किसी अन्य प्राधिकारी द्वारा प्रश्नगत नहीं किया जाएगा

3. कब्जालेनेकी शक्ति-(1) जहां कोई भूमि धारा 3 की उपधारा (2) के अधीन केन्द्रीय सरकार में निहित हो गई है और सक्षम प्राधिकारी द्वारा ऐसी भूमि की बाबत धारा 3 के अधीन अवधारित रकम केन्द्रीय सरकार द्वारा धारा 3 की उपधारा (1) के अधीन सक्षम प्राधिकारी के पास जमा कर दी गई है वहां सक्षम प्राधिकारी लिखित सूचना द्वारा स्वामी तथा ऐसे किसी अन्य व्यक्ति को जिसका ऐसी भूमि पर कब्जा हो, यह निदेश दे सकेगा कि वह उस भूमि का कब्जा सक्षम प्राधिकारी को या उसके द्वारा इस निमित्त सम्यक् रूप से प्राधिकृत किसी व्यक्ति को सूचना की तामील से साठ दिन के भीतर अभ्यर्पित या परिदत्त करे

(2) यदि कोई व्यक्ति उपधारा (1) के अधीन दिए गए किसी निदेश का पालन करने से इंकार करता है या असफल रहता है तो सक्षम प्राधिकारी-

                () महानगर क्षेत्र के भीतर आने वाले किसी क्षेत्र में स्थित किसी भूमि की दशा में, पुलिस अधीक्षक को;

                () खंड () में निर्दिष्ट क्षेत्र से भिन्न किसी क्षेत्र में स्थित किसी भूमि की दशा में, जिले के कलक्टर को,

आवेदन करेगा और, यथास्थिति, ऐसा आयुक्त या कलक्टर सक्षम प्राधिकारी को या उसके द्वारा सम्यक् रूप से प्राधिकृत व्यक्ति को भूमि का अभ्यर्पण प्रवर्तित कराएगा

3. उसभूमिमेंप्रवेशकरनेकाअधिकारजहांभूमिकेन्द्रीयसरकारमेंनिहितहो गईहै-जहां भूमि धारा 3 के अधीन केन्द्रीय सरकार में निहित हो गई है वहां केन्द्रीय सरकार द्वारा इस निमित्त प्राधिकृत किसी व्यक्ति के लिए यह विधिपूर्ण होगा कि वह राष्ट्रीय राजमार्ग या उसके किसी भाग के निर्माण, अनुरक्षण, प्रबंध या कार्यान्वयन के लिए उससे संबंधित कोई अन्य कार्य करने के लिए भूमि में प्रवेश करे और अन्य आवश्यक कार्य करे

3. प्रतिकरकेरूपमेंसंदेयरकम काअवधारण-(1) जहां इस अधिनियम के अधीन कोई भूमि अर्जित की जाती है वहां ऐसी रकम संदत्त की जाएगी, जो सक्षम प्राधिकारी के आदेश द्वारा अवधारित की जाएगी

(2) जहां इस अधिनियम के अधीन किसी भूमि पर उपयोग का अधिकार या सुखाचार की प्रकृति का कोई अधिकार अर्जित किया जाता है वहां उस भूमि के स्वामी को और किसी ऐसे अन्य व्यक्ति को, जिसका उस भूमि में उपभोग का अधिकार ऐसे अर्जन के कारण किसी भी रूप में प्रभावित हुआ है, ऐसी रकम संदत्त की जाएगी जो उस भूमि के लिए उपधारा (1) के अधीन अवधारित रकम के दस प्रतिशत पर संगणित की जाएगी

(3) उपधारा (1) या उपधारा (2) के अधीन रकम का अवधारण करने के पूर्व सक्षम प्राधिकारी अर्जित की जाने वाली भूमि में हितबद्ध सभी व्यक्तियों से दावा आमंत्रित करते हुए दो स्थानीय समाचारपत्रों में, जिनमें से एक देशी भाषा में होगा, प्रकाशित सार्वजनिक सूचना देगा

(4) ऐसी सूचना में भूमि की विशिष्टियों का विवरण होगा और उस भूमि में हितबद्ध सभी व्यक्तियों से व्यक्तिगत रूप से या अभिकर्ता के माध्यम से अथवा धारा 3 की उपधारा (2) में निर्दिष्ट विधि व्यवसायी के माध्यम से सक्षम प्राधिकारी के समक्ष ऐसे समय और स्थान पर उपसंजात होने की और ऐसी भूमि में अपने-अपने हितों की प्रकृति का विवरण देने की अपेक्षा की जाएगी

(5) यदि उपधारा (1) या उपधारा (2) के अधीन सक्षम प्राधिकारी द्वारा अवधारित रकम किसी पक्षकार को सवीकार्य नहीं है, तो उक्त रकम किसी पक्षकर के आवेदन पर केन्द्रीय सरकार द्वारा नियुक्त किए गए मध्यस्थ द्वारा अवधारित की जाएगी

(6) इस अधिनियम के उपबन्धों के अधीन रहते हुए, माध्यस्थम् और सुलह अधिनियम, 1996 (1996 का 26) के उपबन्ध इस अधिनियम के अधीन प्रत्येक माध्यस्थम् को लागू होंगे

(7) सक्षम प्राधिकारी या मध्यस्थ, यथास्थिति, उपधारा (1) या उपधारा (5) के अधीन रकम का अवधारण करते समय, निम्नलिखित को ध्यान में रखेगा-

                () धारा 3 के अधीन अधिसूचना के प्रकाशन की तारीख को भूमि का बाजार मूल्य;

() भूमि का कब्जा लेने के समय हितबद्ध व्यक्ति को ऐसी भूमि को अन्य भूमि से पृथक् करने के कारण हुआ नुकसान, यदि कोई है;

() भूमि का कब्जा लेते समय हितबद्ध व्यक्ति को उसकी अन्य स्थावर संपत्ति को किसी रीति से या उसके उपार्जनों पर हानिकारक रूप से प्रभाव डालने वाले अर्जन के कारण हुआ नुकसान, यदि कोई है;

() यदि भूमि के अर्जन के परिणामस्वरूप हितबद्ध व्यक्ति अपना निवास या कारबार के स्थान बदलने के लिए विवश है तो ऐसे परिवर्तन से आनुषंगिक उचित व्यय, यदि कोई है

3. रकमकाजमाऔरसंदायकियाजाना-(1) धारा 3 के अधीन अवधारित रकम केन्द्रीय सरकार द्वारा भूमि का कब्जा लेने से पहले सक्षम प्राधिकारी के पास ऐसी रीति से जमा कराई जाएगी जो उस सरकार द्वारा इस निमित्त बनाए गए नियमों द्वारा अधिकथित की जाए

(2) उपधारा (1) के अधीन रकम के जमा कर दिए जाने के पश्चात् यथाशीघ्र, सक्षम प्राधिकारी रकम केन्द्रीय सरकार की ओर से उसके हकदार व्यक्ति या व्यक्तियों को संदत्त करेगा

(3) जहां उपधारा (1) के अधीन जमा की गई रकम में कई व्यक्ति हितबद्ध होने का दावा करते हैं वहां सक्षम प्राधिकारी उन व्यक्तियों को अवधारित करेगा जो, उसकी राय में, उनमें से प्रत्येक को संदेय रकम प्राप्त करने के हकदार हैं

(4) यदि उक्त रकम या उसके किसी भाग के प्रभाजन के बारे में या किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में जिसको उक्त रकम या उसका कोई भाग संदेय है, कोई विवाद उत्पन्न होता है तो सक्षम प्राधिकारी उस विवाद को आरंभिक अधिकारिता वाले उस प्रधान सिविल न्यायालय को, जिसकी अधिकारिता की सीमाओं के भीतर वह भूमि स्थित है, विनिश्चय के लिए निर्देशित करेगा

(5) जहां माध्यस्थम् द्वारा धारा 3 के अधीन अवधारित रकम सक्षम प्राधिकारी द्वारा अवधारित रकम से अधिक है वहां मध्यस्थ ऐसी अतिरिक्त रकम पर धारा 3 के अधीन कब्जा लेने की तारीख से उस रकम का वास्तव में जमा किए जाने की तारीख तक नौ प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से ब्याज अधिनिर्णीत कर सकेगा

(6) जहां मध्यस्थ द्वारा अवधारित रकम सक्षम प्राधिकारी द्वारा अवधारित रकम से अधिक है वहां उपधारा (5) के अधीन अधिनिर्णीत ब्याज सहित, यदि कोई है, अतिरिक्त रकम केन्द्रीय सरकार द्वारा ऐसी रीति से, जो उस सरकार द्वारा इस निमित्त बनाए गए नियमों द्वारा अधिकथित की जाए, सक्षम प्राधिकारी के पास जमा की जाएगी और उपधारा (2) से उपधारा (4) के उपबंध ऐसे जमा को लागू होंगे

3. सक्षमप्राधिकारीको सिविलन्यायालयकीकतिपयशक्तियांहोंगी-सक्षम प्राधिकारी को इस अधिनियम के प्रयोजनों के लिए, निम्नलिखित विषयों की बाबत वे सभी शक्तियां होंगी जो सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 (1908 का 5) के अधीन किसी वाद का विचारण करते समय सिविल न्यायालय को हैं, अर्थात् :-

                () किसी व्यक्ति को समन करना तथा उसको हाजिर कराना और शपथ पर उसकी परीक्षा करना;

() किसी दस्तावेज के प्रकटीकरण और पेश किए जाने की अपेक्षा करना;

() शपथ-पत्रों पर साक्ष्य लेना;

() किसी न्यायालय या कार्यालय से किसी लोक अभिलेख की अपेक्षा करना;

() साक्षियों की परीक्षा के लिए कमीशन निकालना

3. 1894 केभूमिअर्जनअधिनियम 1 कालागू होना-भूमि अर्जन अधिनियम, 1894 की कोई बात इस अधिनियम के अधीन किसी अर्जन को लागू नहीं होगी ]

4. राष्ट्रीयराजमार्गों कासंघमेंनिहितहोना-सभी राष्ट्रीय राजमार्ग संघ में निहित होंगे और इस अधिनियम के प्रयोजनों के लिएराजमार्ग" के अन्तर्गत-

(i) उससे अनुलग्न सभी भूमि आती हैं चाहे वे सीमांकित हों या नहीं,

(ii) सभी पुल, पुलियाएं, सुरंगें, रपटें, यान मार्ग और राजमार्गों पर या उनके आरपार बनी सभी दूसरी संरचनाएं हैं,

(iii) ऐसे राजमार्गों या ऐसे राजमार्ग से अनुलग्न किसी भूमि की सभी बाड़ें, वृक्ष, खम्बे और सीमा, मील और फर्लांग पत्थर हैं

5. राष्ट्रीयराजमार्गोंकेविकासऔरअनुरक्षणका उत्तरदायित्व-केन्द्रीय सरकार का उत्तरदायित्व होगा कि सभी राजमार्गों का विकास किया जाए एवं उनकी उचित मरम्मत की जाए, किन्तु केन्द्रीय सरकार राजपत्र में अधिसूचना द्वारा यह निदेश दे सकेगी कि किसी भी राष्ट्रीय राजमार्ग के विकास और अनुरक्षण से सम्बन्धित कोई कृत्य, ऐसी शर्तों पर, यदि कोई हों, जैसी अधिसूचना में विनिर्दिष्ट की जाएं उस राज्य सरकार द्वारा, जिसकी सीमा के अन्तर्गत वह राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित है, अथवा केन्द्रीय सरकार या राज्य सरकार के अधीनस्थ किसी अधिकारी या प्राधिकारी द्वारा भी किए जा सकेंगे

6. निदेशदेनेकीशक्ति-केन्द्रीय सरकार, किसी राज्य सरकार को इस अधिनियम के उपबन्धों अथवा तद्धीन किसी नियम, अधिसूचना या आदेश के उस राज्य में क्रियान्वयन के लिए आदेश दे सकेगी

7. राष्ट्रीय राजमार्गोंपरकीगईसेवाओंयादीगईप्रसुविधाओंकेलिएफीस-(1) केन्द्रीय सरकार, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, राष्ट्रीय राजमार्गों पर, नौघाट,  [स्थायी पुलों जिनमें से प्रत्येक की सन्निर्माण लागत पच्चीस लाख रुपए से अधिक है और जिन्हें यातायात के लिए 1 अप्रैल, 1976 को या उसके पश्चात् खोला गया है] अस्थायी पुल और सुरंगों के प्रयोग  [और राष्ट्रीय राजमार्गों के खंडों का प्रयोग] के सम्बन्ध में की गई सेवाओं या दी गई प्रसुविधाओं के लिए ऐसी दरों पर फीसें, जैसी इस निमित्त बने नियमों द्वारा अधिकथित हों, उद्ग्रहण कर सकेगी :

1[परन्तु यदि केन्द्रीय सरकार की यह राय है कि लोकहित में ऐसा करना आवश्यक है तो वह उसी प्रकार की अधिसूचना द्वारा किसी ऐसे पुल को विनिर्दिष्ट कर सकेगी जिसके प्रयोग के संबंध में इस उपधारा के अधीन फीसें उद्ग्रहणीय नहीं होंगी ]

(2) जब ऐसी फीसें इस प्रकार उद्ग्रगृहीत की जाएं तब वे इस अधिनियम के अधीन बने नियमों के अनुसार संगृहीत                     की जाएंगी

(3) जो कोई फीस उन सेवाओं या प्रसुविधाओं के लिए, जो अनुसूची में विनिर्दिष्ट किसी राजमार्ग के नौघाट, अस्थायी पुल और सुरंगों के प्रयोग के सम्बन्ध में की गई या दी गई हैं, इस अधिनियम के प्रारंभ के ठीक पूर्व उद्ग्रहणीय थी यदि और जब तक कि वह उपधारा (1) द्वारा प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करके परिवर्तित कर दी जाए, तो और तब तक वह उद्ग्रहणीय बनी रहेगी

8. [राज्यसरकारोंयानगरपालिकाओंसेकरार]-राष्ट्रीय राजमार्ग (संशोधन) अधिनियम, 1997 (1997 का 16) की धारा 4 द्वारा (24-1-1997 से) निरसित  

 [8. राष्ट्रीयराजमार्गोंकेविकासऔरअनुरक्षणकेलिए करारकरनेकीकेन्द्रीयसरकारकीशक्ति-(1) इस अधिनियम में किसी बात के होते हुए भी, केन्द्रीय सरकार, किसी सम्पूर्ण राष्ट्रीय राजमार्ग या उसके किसी भाग का विकास और अनुरक्षण करने के संबंध में, किसी व्यक्ति से करार कर सकेगी   

(2) धारा 7 में किसी बात के होते हुए भी, उपधारा (1) में निर्दिष्ट व्यक्ति, उसके द्वारा की गई सेवाओं या दी गई प्रसुविधाओं के लिए ऐसी दर से फीस के संग्रहण और प्रतिधारण के लिए हकदार होगा, जो केन्द्रीय सरकार, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा ऐसे सम्पूर्ण राष्ट्रीय राजमार्ग या उसके किसी भाग के निर्माण, अनुरक्षण, प्रबन्ध और प्रवर्तन में अन्तर्वलित व्यय, विनिहित पूंजी पर ब्याज, उचित प्रत्यागम, यातायात की मात्रा और ऐसे करार की अवधि को ध्यान में रखते हुए, विनिर्दिष्ट करे  

(3) उपधारा (1) में निर्दिष्ट व्यक्ति को ऐसे करार की विषयवस्तु के भाग रूप राष्ट्रीय राजमार्ग पर उसके उचित प्रबन्ध के लिए मोटर यान अधिनियम, 1988 (1988 का 59) के अध्याय 8 में अन्तर्विष्ट उपबन्धों के अनुसार यातायात का विनियमन और नियंत्रण करने की शक्तियां होंगी

8. राष्ट्रीयराजमार्ग कोक्षतिपहुंचानेवालीरिष्टिकेलिएदण्ड-जो कोई, किसी ऐसे कार्य द्वारा रिष्टि करेगा, जिससे धारा 8 की उपधारा (1) में निर्दिष्ट किसी राष्ट्रीय राजमार्ग को यात्रा या सम्पत्ति प्रवहण के लिए अगम्य या कम निरापद बना दिया जाए या बना दिया जाना वह सम्भाव्य जानता हो, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि पांच वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ]

9. नियमबनानेकीशक्ति-(1) केन्द्रीय सरकार इस अधिनियम के उद्देश्यों को कार्यान्वित करने के लिए नियम राजपत्र में अधिसूचना द्वारा बना सकेगी

(2) विशिष्टतः और पूर्वगामी शक्ति की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना ऐसे नियम निम्नलिखित सभी विषयों या उनमेंसे किसी के लिए उपबन्ध कर सकेंगे, अर्थात् :-

() वह रीति, जिससे और वे शर्तें जिन पर राष्ट्रीय राजमार्ग या उसके किसी भाग के विकास या अनुरक्षण से सम्बन्धित कोई कृत्य राज्य सरकार या केन्द्रीय सरकार अथवा राज्य सरकार के अधीनस्थ अधिकारी या किसी प्राधिकारी द्वारा किए जा सकेंगे;

 [(कक) वह रीति जिससे धारा 3 की उपधारा (1) और उपधारा (6) के अधीन सक्षम प्राधिकारी के पास रकम जमा की जाएगी;]

 [() वे दरें जिन पर किसी राष्ट्रीय राजमार्ग पर, नौघाटों, स्थायी पुलों, अस्थायी पुलों और सुरंगों के प्रयोग  [और किसी राष्ट्रीय राजमार्ग के खंडों के प्रयोग] के संबंध में की गई सेवाओं के लिए धारा 7 के अधीन फीसें उद्गृहीत की जा सकेंगी और वह रीति जिससे ऐसी फीसें संगृहीत की जाएंगी;]

() राष्ट्रीय राजमार्गों का नियतकालिक निरीक्षण और निरीक्षण विषयक रिपोर्टों का केन्द्रीय सरकार को        दिया जाना;

() राष्ट्रीय राजमार्गों पर किए गए कामों से सम्बन्धित रिपोर्टें;

() कोई अन्य विषय जिसके बारे में इस अधिनियम के अधीन उपबन्ध किया जाना चाहिए

 [(3) इस धारा के अधीन बनाया गया प्रत्येक नियम, बनाए जाने के पश्चात् यथाशीघ्र, संसद् के प्रत्येक सदन के समक्ष जब वह सत्र में हो कुल तीस दिन की अवधि के लिए रखा जाएगा यह अवधि एक सत्र में अथवा दो या अधिक आनुक्रमिक सत्रों में पूरी हो सकेगी यदि उक्त सत्र के या पूर्वोक्त आनुक्रमिक सत्रों के ठीक बाद के सत्र के अवसान के पूर्व दोनों सदन उस नियम में कोई परिवर्तन करने के लिए सहमत हो जाएं तो तत्पश्चात् वह ऐसे परिवर्तित रूप में ही प्रभावी होगा यदि उक्त अवसान के पूर्व दोनों सदन सहमत हो जाएं कि वह नियम नहीं बनाया जाना चाहिए तो तत्पश्चात् वह निष्प्रभाव हो जाएगा किन्तु नियम के ऐसे परिवर्तित या निष्प्रभाव होने से उसके अधीन पहले की गई किसी बात की विधिमान्यता पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा ]

10. अधिसूचनाओं, नियमों आदिकासंसद्केसमक्षरखाजाना-इस अधिनियम के अधीन निकाली गई सभी अधिसूचनाएं या किए गए सभी करार निकाले या किए जाने के पश्चात् यथाशक्य शीघ्र संसद् के दोनों सदनों समक्ष रखे जाएंगे  ***

अनुसूची

(धारा 2 देखिए)

राष्ट्रीय राजमार्ग

क्रम सं०

राष्ट्रीय राजमार्ग सं०

राष्ट्रीय राजमार्ग का विवरण

1

2

3

1.

1

दिल्ली, अम्बाला, जालन्धर और अमृतसर को मिलाने वाला तथा भारत और पाकिस्तान की सीमा तक जाने वाला राजमार्ग

2.

1

जालन्धर, माधोपुर, जम्मू, बनिहाल, श्रीनगर, बारमूला और ऊरी को मिलाने वाला-राजमार्ग

[2.

1

राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 1- पर बंटोट में इसके जंक्शन से प्रारंभ होकर, डोडा को किश्तेवर से जोड़ने वाला राजमार्ग, राष्ट्रीय राजमार्ग होगा ]

[3.

2

दिल्ली, मथुरा, आगरा, कानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी (बनारस), मोहनिया, बरही, पालसिट, बैद्यवती, बारा और कलकत्ता को मिलाने वाला राजमार्ग

4.

3

आगरा, ग्वालियर, शिवपुरी, इंदौर, धुलिया, नासिक, थाणा और बम्बई को मिलाने वाला राजमार्ग

[4.

राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 4 का नया संरेखण

हुबली के निकट राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 4 पर 403/800 कि. मी. से आरंभ होने वाला और अयोध्या नगर पंगापुर-गोकुल-रविटल-कालाघाट जी-हलियाल से होते हुए, कनार्टक में धारवाड़ कस्बे के निकट राष्ट्रीय राजमार्ग-4 पर 433/200 कि. मी. पर समाप्त होने वाला राजमार्ग ]

5.

4

थाना के निकट क्रम सं० 4 में विनिर्दिष्ट राजमार्ग के साथ अपने जंक्शन से प्रारंभ होने वाला और पूना, बेलगांव, हुबली, बंगलौर, रानीपट और मद्रास की मिलाने वाला राजमार्ग

[5.

4

बेलगाम, अन्मोद, पोंडा और पणजी को जोड़ने वाला राजमार्ग ]

[5.

4

न्हावा शेवा पोर्ट कंप्लेक्स के समीप पनवेल-उरान राज्य राजमार्ग से अपने जंक्शन से आरंभ होने वाला, जिसकी एक राह राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 4 पर कलमनालि पर समाप्त हो जाती है और दूसरी राह पलस्पी पर राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 17 को पार करके आगे बढ़ते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 4 पर समाप्त होती है ]

6.

5

बहारगोरा के निकट क्रम सं० 7 में विनिर्दिष्ट राजमार्ग के साथ अपने जंक्शन से प्रारंभ होने वाला और कटक, भुवनेश्वर, विशाखापटणम, विजयवाड़ा और मद्रास को मिलाने वाला राजमार्ग

4[6.

5

हरिदासपुर के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 5 पर अपने जंक्शन से आरंभ होकर यह राजमार्ग, पारादीप पत्तन पर समाप्त होता है ]

7.

6

धुलिया के निकट क्रम सं० 4 में विनिर्दिष्ट राजमार्ग के साथ अपने जंक्शन से प्रारंभ होने वाला और नागपुर, रायपुर, संबलपुर, बहारगोरा और कलकत्ता को मिलाने वाला राजमार्ग

[7.

राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 6 का विस्तार

महाराष्ट्र से धुलै के समीप राजमार्ग सं० 6 पर अपने जंक्शन से आरंभ होकर यह राजमार्ग, गुजरात में सूरत में समाप्त होता है ]

क्रम सं०

राष्ट्रीय राजमार्ग सं०

राष्ट्रीय राजमार्ग का विवरण

1

2

3

8.

7

वाराणसी (बनारस) के निकट क्रम सं० 3 में विनिर्दिष्ट राजमार्ग के साथ अपने जंक्शन से प्रारंभ होने वाला और मंगावान, रीवा, जबलपुर, लखनादौन, नागपुर, हैदराबाद, कर्नूल, बंगलौर कृष्णगिरी, सेलम, दिडुक्कल, मदुरै और कन्याकुमारी को मिलाने वाला राजमार्ग

[8.

7

राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 7 पर पलयनकोहि को तूतिकोरिन से जोड़ने वाला राजमार्ग ]

9

8

दिल्ली, जयपुर, अजमेर, उदयपुर, अहमदाबाद, बडौदा और मुम्बई को मिलाने वाला राजमार्ग

10.

8

अहमदाबाद, लिमडी, मोरवी और कांडला को मिलाने वाला राजमार्ग   [राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 8 के 2/4 मील से 3/6.5 भाग को छोड़कर]

11.

8

बामनभोर के निकट क्रम सं० 10 में विनिर्दिष्ट-राजमार्ग के साथ अपने जंक्शन से प्रारम्भ होने वाला और राजकोट और पोरबन्दर को मिलाने वाला राजमार्ग

[11.

8

गुजरात में राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 8 में छिलोदा पर अपने जंक्शन से आरंभ होकर गांधीनगर को जोड़ता हुआ यह राजमार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 8 पर सरखेज पर समाप्त होने वाला राजमार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग होगा ]

12.

9

पूना, शोलापुर, हैदराबाद और विजयवाडा को मिलाने वाला राजमार्ग

13.

10

दिल्ली और फाजिल्का को मिलाने वाला और भारत और पाकिस्तान के बीच की सीमा तक जाने वाला राजमार्ग

[13.

11

आगरा, जयुपर और बीकानेर को मिलाने वाला राजमार्ग

[13.

12

राष्ट्रीय राजमार्ग जो जबलपुर से शुरू होता है और भोपाल, वियोरा, राजगढ़ खिलचीपुर, अकलेरा, सालावाड़, कोटा, बूंदी, देवली, टांक से होते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 8 पर जयपुर में समाप्त होता है

[13.

13

शोलापुर और चित्रदुर्ग को मिलाने वाला राजमार्ग

[13.

21

राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 22 के समीप चंडीगढ़ में अपने जंक्शन से प्रारंभ होने वाला और रोपड़, बिलासपुर, मंडी, कुल्लु और मनाली को जोड़ने वाला राजमार्ग ]

[13.

15

समाखिवयाली (कांडला के समीप) राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 8 से अपने जंक्शन से पठानकोट अमृतसर, भटिंडा, गंगानगर, बीकानेर, जैसलमेर, बाड़मेर का जोड़ने वाला राजमार्ग ]

[13.

17

इडापल्ली के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 47 पर अपने जंक्शन से महाद, पणजी, कारवाड़, मंगलौर, कन्नौर, कालिकट, (कोझिकोडे), फिरोक, कुहहीपुरम, पुडुपोनानी, चोंघाट क्रांगापुर और राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 4 पर पनवेल को जोड़ने वाला         राजमार्ग ]

[13.

17

कोरटलियम के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 17 पर अपने जंक्शन से प्रारंभ होने वाला और भोरभुगागो पत्तन पर समाप्त होने वाला राजमार्ग ]

क्रम सं०

राष्ट्रीय राजमार्ग सं०

राष्ट्रीय राजमार्ग का विवरण

1

2

3

[13छछ.

17

पोंडा के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 4 से अपने जंक्शन से आरंभ होने वाला, बारिम-बेरना को जोड़ने वाला और गोवा में वास्को के समीप समाप्त होने वाला राजमार्ग ]

[13.

18

आंध्र प्रदेश राज्य में राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 7 पर कर्नूल पर अपने जंक्शन से प्रारंभ होने वाला, नांदयाल और कुडाप्पह  को जोड़ने वाला, आंध्र प्रदेश राज्य में राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 4 पर चिन्तूर पर समाप्त होने वाला राजमार्ग ]

[13-.

19

उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 29 पर गाजीपुर जंक्शन से प्रारंभ होने वाला, बलिया-छपड़ा-हाजीपुर को जोड़ने वाला और बिहार में राजमार्ग सं० 30 पर पटना के समीप समाप्त होने वाला राजमार्ग ]

[13.

57

राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 28 पर मुजफ्फरपुर में अपने जंक्शन से प्रारंभ होने वाला, दरभंगाउतेहबिटिया-फोरबिसगंज-पूर्णिया को जोड़ने वाला और बिहार में राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 31 पर पूर्णिया में समाप्त होने वाला राजमार्ग ]

14.

22

अम्बाला, कालका, शिमला, नरकन्दा, रामपुर और चीनी को मिलाने वाला और शिप्कीला के निकट भारत और तिब्बत की सीमा तक जाने वाला राजमार्ग

[14.

23

चस, रांची, राउरकेला, तलचेर को जोड़ने वाला और राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 42 पर समाप्त होने वाला राजमार्ग ]

15.

24

देहली, बरेली और लखनऊ को मिलाने वाला राजमार्ग

16.

25

लखनऊ, कानपुरट झांसी और शिवपुरी को मिलाने वाला राजमार्ग

17.

26

झांसी और लखनादौन को मिलाने वाला राजमार्ग

18.

27

इलाहाबाद को क्रम संख्या 8 में विनिर्दिष्ट राजमार्ग से मनगंवा के निकट मिलाने वाला राजमार्ग

19.

28

बरौनी के निकट क्रम संख्या 23 में विनिर्दिष्ट राजमार्ग के साथ अपने जंक्शन के प्रारम्भ होने वाला तथा मुजफ्फरपुर, पिपरा, गोरखपुर और लखनऊ को मिलाने वाला  राजमार्ग

20.

28

पिपरा के निकट क्रम संख्या 19 में विनिर्दिष्ट राजमार्ग के साथ अपने जंक्शन से प्रारम्भ होने वाला और सागोली और रक्सोल को मिलाने वाला और भारत और नेपाल के बीच की सीमा तक जाने वाला राजमार्ग

[20.

11

राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 8 पर मनोहरपुरा से आरंभ होने वाला और राजस्थान राज्य में राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 11 पर दौसा में समाप्त होने वाला राजमार्ग ]

21.

29

गोरखपुर, गाजीपुर और वाराणसी (बनारस) को मिलाने वाला राजमार्ग

22.

30

मोहनिया के निकट क्रम सं० 3 में विनिर्दिष्ट राजमार्ग के साथ अपने जंक्शन से प्रारम्भ होने वाला और पटना और बखत्यारपुर को मिलाने वाला राजमार्ग

[22.

14

राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 8 पर राजस्थान राज्य के बीवर जंक्शन से प्रारम्भ होने वाला और पाली सिरोही-आबू रोड-पालनपुर को जोड़ने वाला और गुजरात राज्य में राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 15 के राधनपुर में समाप्त होने वाला राजमार्ग ]

क्रम सं०

राष्ट्रीय राजमार्ग सं०

राष्ट्रीय राजमार्ग का विवरण

1

2

3

[23.

31

बरही के निकट क्रम सं० 3 में विनिर्दिष्ट राजमार्ग के साथ अपने जंक्शन से प्रारम्भ होने वाला और बखत्यारपुर, मोकामा, पुर्णिया, दलखोला, सिलीगुड़ी, सिवोक, कूच बिहार, उत्तरी सलमाश को मिलाने वाला तथा साधारण नालबाड़ी, चार्ली और अमीनागांव से होकर, पांड़ के निकट क्रम सं० 28 में विनिर्दिष्ट राजमार्ग तक जाने वाले राजमार्ग

[23.

16

आंध्र प्रदेश राज्य में राजमार्ग सं० 7 पर निजामाबाद पर आरंभ होने वाला मंचरेल-सिंरोचा-भोपालपटनम-बीजापुर को जोड़ने वाला और मध्य प्रदेश राज्य में राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 43 पर जगदलपुर में समाप्त होने वाला राजमार्ग ]

24.

31

सिवोक और गंगटोक को मिलाने वाला राजमार्ग

[24.

32

गोविंदपुर के निकट राष्ट्रीय राजमार्ग क्रम सं० 2 के साथ अपने जंक्शन के प्रारम्भ होने वाला और धनबाद को जमशेदपुर से मिलाने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग

[24कक

31

उत्तरी सलमारा के समीप से प्रारंभ होने वाला, गोलपारा के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 37 से प्रारम्भ होने वाला राजमार्ग ]

[24ककक.

31

गलगालि के समीप से आरंभ होने वाला, पश्चिमी बंगाल में बागडोगरा, चिनाल्सा, नागरहा, गोयरकाटा, दालगांव-हंसीमरा राजभरखवा को और असाम में सिधी को जोड़नेवाला, राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 31 पर बिजई के निकट समाप्त होने वाला राजमार्ग।]

25.

33

बरही के निकट क्रम सं० 3 में विनिर्दिष्ट राजमार्ग के साथ अपने जंक्शन से प्रारम्भ होने वाला और रांची और टाटानागर को मिलाने वाला और क्रम सं० 7 में विनिर्दिष्ट राजमार्ग के साथ बहारगोरा के निकट तक जाने वाला राजमार्ग

[25.

20

पंजाब राज्य में पठानकोट जंक्शन से प्रारम्भ होने वाला चक्की-पालमपुर-जोगिंदर नगर को जोड़ने वाला और हिमाचल प्रदेश में मंडी जिला में समाप्त होने वाला राजमार्ग ]

26.

34

दलखोला के निकट क्रम सं० 23 में विनिर्दिष्ट राजमार्ग के साथ अपने जंक्शन से प्रारम्भ होने वाला और बहरमपुर, बारासात और कलकत्ता को मिलाने वाला राजमार्ग

27.

35

बारासात और बनगांव को मिलाने वाला और भारत और पाकिस्तान के बीच की सीमा तक जाने वाला राजमार्ग

[27.

36

न्यूगोंग, डबाका और दीमापुर (मणिपुर मार्ग) को जोड़ने वाला राजमार्ग ]

28.

37

गोलपाड़ा के निकट क्रम सं० 23 में विनिर्दिष्ट राजमार्ग के साथ अपने जंक्शन से प्रारम्भ होने वाला और गोहाटी, जोरबाट, कमरगांव, माकम और सेखोआ घाट को मिलाने वाला राजमार्ग

29.

38

माकम, लीडो और लेखपानी को मिलाने वाला राजमार्ग

30.

39

कमरगांव, इम्फाल और पेलल को मिलाने वाला और भारत और बर्मा के बीच की सीमा तक जाने वाला राजमार्ग

31.

40

जोराबाट और शिलांग को मिलाने वाला और भारत और पाकिस्तान के बीच की सीमा पर डाउकी तक जाने वाला राजमार्ग

32.

42

क्रम सं० 7 में विनिर्दिष्ट राजमार्ग के साथ सम्बलपुर के निकट अपने जंक्शन से प्रारम्भ होने वाला तथा अंगूल के रास्ते क्रम सं० 6 में विनिर्दिष्ट राजमार्ग पर कटक के निकट अपने जंक्शन तक जाने वाला राजमार्ग

क्रम सं०

राष्ट्रीय राजमार्ग सं०

राष्ट्रीय राजमार्ग का विवरण

1

2

3

33.

43

रायपुर और विजयनगरम को मिलाने वाला और क्रम सं० 6 में विनिर्दिष्ट राजमार्ग के साथ विजयनगरम के निकट अपने जंक्शन तक जाने वाला राजमार्ग

[33.

44

शिलांग, पास्सी, बदरपुर और अगरतला को जोड़ने वाला राजमार्ग ]

[33.

राष्ट्रीय राजमार्ग 44 का विस्तार

अगरतला के समीप, राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 44 पर अपने जंक्शन से प्रारम्भ होने वाला और त्रिपुरा में सबरूम पर समाप्त होने वाला राजमार्ग ]

34.

45

मद्रास, तिरुचिरापल्ली और दिंडुक्कल को मिलाने वाला राजमार्ग

[34.

45

राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 45 पर विल्लुपुरम से प्रारम्भ होने वाला और पांडिचेरी पर समाप्त होने वाला राजमार्ग

35.

46

कृष्णगिरी और रानीपट को मिलाने वाला राजमार्ग

36.

47

सेलम, कोयम्बटूर, त्रिश्शूर एर्नाकूलम, त्रिवेन्द्रम और कन्याकुमारी को मिलाने वाला राजमार्ग

[36.

41

राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 6 के साथ (कोलाघाट के समीप) अपने जंक्शन के और हल्दिया पत्तन को स्पर्श करने वाले स्थल के बीच का राजमार्ग, राष्ट्रीय राजमार्ग होगा ]

[36.

47

विलिंगडन द्वीप से प्रारम्भ होकर राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 47 पर कोचीन में समाप्त होने वाला राजमार्ग ]

37.

47

*                             *                             *                             *

[37.

48

बंगलौर, हसन और मंगलौर को जोड़ने वाला राजमार्ग ]

38.

49

मदुरै और धनुषकोडी को मिलाने वाला राजमार्ग

39.

50

नासिक को क्रम सं० 5 में विनिर्दिष्ट राजमार्ग से पूना के निकट मिलाने वाला राजमार्ग

[40.

51

असम में राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 37 पर पाइकन पर अपने जंक्शन से प्रारम्भ होकर तुरा को जोड़ते हुए मेघालय में दालू पर समाप्त होने वाला राजमार्ग

41.

52

असम में राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 31 पर बाइहाता चराली पर अपने जंक्शन से प्रारम्भ होकर तेजपुर, बांदेर देवा, उत्तर लखीमपुर, पासीघाट, तेजू, सीतापानी को जोड़ते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 37 पर साइकोहाघाट के समीप समाप्त होने वाला राजमार्ग

42.

52

असम में राष्ट्रीय राजमार्ग  सं० 52  पर बांदेर देवा पर अपने जंक्शन से प्रारम्भ होकर अरुणाचल प्रदेश में ईटानगर पर समाप्त होने वाला राजमार्ग ]

[42

राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 52 का विस्तार

अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 52 पर ईटानगर पर अपने जंक्शन से प्रारम्भ होकर असम में गोहपुर के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 52 के साथ अपने जंक्शन पर समाप्त होने वाला राजमार्ग ]

[43.

53

असम में राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 44 पर बदरपुर के समीप अपने जंक्शन से प्रारम्भ होकर सिलचर, जीरीघाट को जोड़ते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 39 पर इम्फाल के समीप समाप्त होने वाला राजमार्ग

क्रम सं०

राष्ट्रीय राजमार्ग सं०

राष्ट्रीय राजमार्ग का विवरण

1*                                            *                                             *                                             *                                          *

[44.

54

असम में राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 53 पर सिलचर पर अपने जंक्शन से प्रारम्भ होकर आइजल को जोड़ते हुए और मिजोरम में तुईपांग पर समाप्त होने वाला राजमार्ग

44.

54

मिजोरम में राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 54 पर थेरियट पर अपने जंक्शन से प्रारम्भ होकर मिजोरम में लुंगलेई पर समाप्त होने वाला राजमार्ग

44.

54

मिजोरम में राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 54 पर वीनस सैडल" पर अपने जंक्शन से प्रारम्भ होकर मिजोरम में साईहा पर समाप्त होने वाला राजमार्ग ]

[44.

55

राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 31 पर सिलीगुड़ी से प्रारम्भ होकर कुरसिओंग से गुजरते हुए दार्जिलिंग पर समाप्त होने वाला राजमार्ग ]

[45.

56

लखनऊ से प्रारम्भ होकर और जगदीशपुर, सुल्तानपुर और जौनपुर को जोड़ते हुए, वाराणसी के समीप समाप्त होने वाला राजमार्ग ]

[46.

उ०पू.1

अहमदाबाद से प्रारम्भ होकर नडियाड के आनन्द नगर के पास से गुजरते हुए वरोदरा पर समाप्त होने वाला राजमार्ग ]

[47.

61

नागालैंड में राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 39 पर कोहिमा के समीप जंक्शन से प्रारम्भ होकर और वोखा-मोकोक्चुंग-अमगुरी को जोड़ते हुए, अपने असम में झांजी के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 37 पर अपने जंक्शन पर समाप्त होने वाला राजमार्ग

[48.

52

कुलजान के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 52 पर अपने जंक्शन से प्रारम्भ होकर असम में राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 37 से अपने जंक्शन पर समाप्त होने वाला राजमार्ग ]

[49.

62

असम में डामरा के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 37 पर अपने जंक्शन से प्रारम्भ होकर मेघालय में बाघमारा पर समाप्त होने वाला राजमार्ग

50.

63

कर्नाटक में अंकोला के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 17 पर अपने जंक्शन से प्रारम्भ होकर हुबली-होस्पेट को जोड़ते हुए आन्ध्र प्रदेश में गूटी के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग           सं० 7 पर अपने जंक्शन पर समाप्त होने वाला राजमार्ग ]

51.

64

चंडीगढ़ के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 22 पर अपने जंक्शन से प्रारम्भ होकर राजपुरा-पटियाला-संगरूर को जोड़ते हुए पंजाब में भटिंडा के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 15 पर अपने जंक्शन पर समाप्त होने वाला राजमार्ग

52.

65

हरियाणा में अम्बाला के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 1 पर अपने जंक्शन से प्रारम्भ होने वाला और कैथल-हिसार को जोड़ते हुए, राजस्थान में फतेहपुर के समीप राजमार्ग सं० 11 पर अपने जंकशन पर समाप्त होने वाला राजमार्ग ]

53.

66

पांडिचेरी में राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 45 पर अपने जंक्शन से प्रारम्भ होने वाले और तिंदीवनम-गिंगी-थिरुवन्नामलाई को जोड़ते हुए, तमिलनाडु में कृष्णागिरि के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 7 पर अपने जंक्शन पर समाप्त होने वाला राजमार्ग

54.

67

नागापट्टीनम से शुरू होकर त्रिची को जोड़ते हुए तमिलनाडु में करूर के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 7 पर अपने जंक्शन पर समाप्त होने वाला राजमार्ग

क्रम सं०

राष्ट्रीय राजमार्ग सं०

राष्ट्रीय राजमार्ग का विवरण

1

2

3

55.

68

उलुंड्रपेट के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 45 पर अपने जंक्शन से प्रारम्भ होकर तमिलनाडु में सेलम के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 7 पर अपने जंक्शन पर समाप्त होने वाला राजमार्ग

56.

69

महाराष्ट्र में नागपुर के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 6 पर अपने जंक्शन से प्रारम्भ होकर मध्य प्रदेश में ओबदुल्लागंज के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 12 पर अपने जंक्शन पर समाप्त होने वाला राजमार्ग ]

[60.

09

तमिलनाडु राज्य में मदुरै से प्रारम्भ होने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 49 का विस्तारण जो मुवदटुपूजा-मुन्नार थेनी को जोड़ते हुए केरल राज्य में कोचीन पर समाप्त होगा ]

[67.

58

गाजियाबाद के समीप 17.65 कि. मी. पर राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 24 से अपने जंक्शन से प्रारम्भ होकर मेरठ, मुजफ्फरनगर, रुड़की, हरिद्वार, ऋषिकेश, रुद्रप्रयाग, चमोली, जोशीमठ, बद्रीनाथ से गुजरते हुए उत्तर प्रदेश में माना पर समाप्त होने वाला     राजमार्ग ]

[68.

59

अहमदाबाद बाईपास पर राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 8 पर अपने जंक्शन से प्रारम्भ होकर गुजरात में बालासिनोर-सेवालिया गोधरा-लिभखेड़ा-दोहाद को घाट बिलोद के समीप इन्दौर-रतलाम मार्ग पर झबुआ-सरदारपुरा-धाड-जंक्शन से जोड़ते हुए और उस से गुजरते हुए, मध्य प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 3 पर इन्दौर पर समाप्त होने वाला राजमार्ग ]

69.

60

राष्ट्रीय राजमार्ग सं० 5 पर बालासोर से प्रारम्भ होकर उड़ीसा में रूपास जलेश्वर को दंतान-बेंलदा-कसबा नारायणगढ़ से जोड़ते हुए पश्चिमी बंगाल में राष्ट्रीय राजमार्ग   सं० 6 पर समाप्त होने वाला राजमार्ग ]

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