राजपूतों की उत्पत्ति से संबंधित विभिन्न सिद्धांत क्या है वर्णन कीजिए? - raajapooton kee utpatti se sambandhit vibhinn siddhaant kya hai varnan keejie?

राजपूतों की उत्पत्ति

राजपूत शब्द की सर्वप्रथम उत्पत्ति 6ठी शताब्दी ईस्वी में हुई थी.

राजपूत शब्द की सर्वप्रथम उत्पत्ति 6ठीशताब्दीईस्वी में हुई थी. राजपूतों ने 6ठी शताब्दी ईस्वी से 12वीं सदी के बीच भारतीय इतिहास में एक प्रमुख स्थान प्राप्त किया था.    

राजपूतों की उत्पत्ति के सन्दर्भ में विद्वानों ने कई सिद्धांत का उल्लेख किया हैं. श्रीकर्नलजेम्सटॉड द्वारा दिए गए सिद्धांत के अनुसार राजपूतों की उत्पत्ति विदेशी मूल की थी. उनके अनुसार राजपूत कुषाण,शक और हूणों के वंशज थे. उनके अनुसार चूँकि राजपूत अग्नि की पूजा किया करते थे और यही कार्य कुषाण और शक भी करते थे. इसी कारण से उनकी उत्पति शको और कुषाणों से लगायी जाती थी.

इसी तरह दूसरे सिद्धांत के अनुसार राजपूतों को किसी भी विदेशी मूल से सम्बंधित नहीं किया जाता है. बल्कि उन्हें क्षत्रिय जाति से सम्बंधित किया जाता है. इस सन्दर्भ में यह कहा जाता है की चूँकि उनके द्वारा अग्नि की पूजा की जाती थी जोकि आर्यों के द्वारा भी सम्पादित किया जाता था. अतः राजपूतों की उत्पत्ति भारतीय मूल की थी.  

तीसरे सिद्धांत के अनुसार राजपूत आर्य और विदेशी दोनों के वंशज थे. उनके अन्दर दोनों ही जातियों का मिश्रण सम्मिलित था.

चौथा सिद्धांत अग्निकुल सिद्धांत से संबंधित है. चंदवरदायी द्वारा १२वीं शताब्दी के अन्त में रचित ग्रन्थ 'पृथ्वीराज रासो' में चालुक्य (सोलंकी), प्रतिहार, चहमान तथा परमार राजपूतों की उत्पत्ति आबू पर्वत के अग्निकुण्ड से बतलाई है, किन्तु इसी ग्रन्थ में एक अन्य स्थल पर इन्हीं राजपूतों को "रवि - शशि जाधव वंशी" कहा है.

इन तमाम विद्वानों के तर्को के आधार पर निष्कर्षतः यह कहा जा सकता है कि, यद्यपि राजपूत क्षत्रियों के वंशज थे, फिर भी उनमें विदेशी रक्त का मिश्रण अवश्य था. अतः वे न तो पूर्णतः विदेशी थे, न तो पूर्णत भारतीय.

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राजपूतों की उत्पत्ति के संबंध में विभिन्न सिद्धांत क्या है?

श्री कर्नल जेम्स टॉड द्वारा दिए गए सिद्धांत के अनुसार राजपूतों की उत्पत्ति विदेशी मूल की थी. उनके अनुसार राजपूत कुषाण,शक और हूणों के वंशज थे. उनके अनुसार चूँकि राजपूत अग्नि की पूजा किया करते थे और यही कार्य कुषाण और शक भी करते थे. इसी कारण से उनकी उत्पति शको और कुषाणों से लगायी जाती थी.

राजपूतों की उत्पत्ति कौन से सन में हुई?

हर्षवर्धन के उपरान्त भारत में कोई भी ऐसा शक्तिशाली राजा नहीं हुआ जिसने भारत के वृहद भाग पर एकछत्र राज्य किया हो। इस युग में भारत अनेक छोटे बड़े राज्यों में विभाजित हो गया जो आपस मे लड़ते रहते थे। इनके राजा 'राजपूत' कहलाते थे तथा सातवीं से बारहवीं शताब्दी के इस युग को 'राजपूत युग' कहा गया है।

राजपूतों की अग्नि कौन से उत्पत्ति का सिद्धांत किसने दिया था?

अग्निकुला सिद्धांत: यह सिद्धांत चंदबरदाई के पृथ्वीराजरासो से आया है। इस सिद्धांत के अनुसार, राजपूत माउंट आबू में "गुरु शिखर" में ऋषि वशिष्ठ द्वारा किए गए यज्ञ का परिणाम थे। अग्निकुंड से निकले चार राजपूत वंश चौहान, चालुक्य, परमार और प्रतिहार हैं। मुहणोत नैणसी और सूर्यमल मिश्र भी इस सिद्धांत का समर्थन करते हैं।

राजपूत कौन थे उनकी उत्पत्ति पर बहस की व्याख्या करें 500 शब्दों में?

राजपूत शब्द के प्राकृत रूपों को विभिन्‍न रूप से रक्त सौदा रॉल रावल के नाम से जाना जाता है। 7वीं शताब्दी सी, ई. के बाद से इस शब्द के अर्थ में परिवर्तन ध्यान देने योग्य है क्योंकि “राजा के बेटे” के बजाय एक जमींदार के अर्थ में साहित्यिक ग्रंथों में यह इस्तेमाल किया जाने लगा। बाणभट्ट (वीं शताब्दी सी.

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