👉 कक्षा 8 हिंदी के सभी पाठों की विस्तृत व्याख्या, प्रश्नोत्तर(click here)
👉 कक्षा 8 हिंदी वसंत, बाल महाभारत क्विज, एम सी क्यू(click here)
हम तो केवल यह आँकते हैं कि एक देश की धरती
दूसरे देश को सुगंध भेजती है। और वह सौरभ
हवा में तैरते हुए पक्षियों की पाँखों पर तिरता है।
और एक देश का भाप दूसरे देश में पानी बनकर गिरता है।
व्याख्या- पक्षी और बादल बिना किसी रोक-टोक के एक देश से दूसरे देश में भ्रमण करते रहते हैं। उनके इस आवागमन से हम दूसरे देशों की गंध-सुगंध का परीक्षण करते हैं। हवा में उड़ते पक्षियों के साथ-साथ दूसरे देशों की गंध-सुगंध हम तक पहुंचती है। अर्थात दूसरे देशों के बारे में हम जान पाते हैं। इसी तरह एक देश का जल सूरज की किरणों से भाप बनकर बादलों के रूप में दूसरे देश में बरसता है। तात्पर्य यह है कि पक्षियों और बादलों की तरह हमें मिलजुल कर आपस में प्रेम के साथ रहना चाहिए।----------------------
कविता से
प्रश्न-अभ्यास
1. कवि ने पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए क्यों बताया है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- कवि ने पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए कहां है क्योंकि ये दोनों किसी देश की सीमा के बंधन से दूर होते हैं। इनके लिए संपूर्ण पृथ्वी अपना देश है। पक्षियों के माध्यम से जहां हमें ऋतु परिवर्तन का संदेश मिलता है। वहीं बादल वर्षा का संदेश लेकर एक देश से दूसरे देश घूमता रहता है।2. पक्षी और बादल द्वारा लाइ गई चिट्ठियों को कौन-कौन पढ़ पाते हैं। सोचकर लिखिए।
उत्तर- पक्षियों और बादलों द्वारा लाइ गई चिट्ठियों को पेड़-पौधे, पानी और पहाड़ पढ़ पाते हैं। अर्थात् उनके संदेश को ये लोग अच्छी तरह से समझ जाते हैं। जबकि मनुष्य इन सब बातों की ओर ध्यान नहीं देता है। वह अपने आगे सबको तुच्छ समझता है।3. किन पंक्तियों का भाव है-
(क) पक्षी और बादल प्रेम, सद्भाव और एकता का संदेश एक देश में दुसरे देश को भेजते हैं।
(ख) प्रकृति देश-देश में भेदभाव नहीं करती। एक देश से उठा बादल दूसरे देश में बरस जाता है।
उत्तर(क)- एक देश की धरती दूसरे देश को सुगंध भेजती हैउत्तर-(ख)- और एक देश का भात दूसरे देश में पानी बनकर गिरता है
4. पक्षी और बादल की चिट्ठियों में पेड़-पौधे, पानी और पहाड़ क्या पढ़ पाते हैं?
उत्तर- पक्षी और बादल की चिट्ठियों से पेड़ पौधे पानी और पहाड़ ऋतु परिवर्तन के संदेश को पढ़ पाते हैं। उस संदेश को पाकर वे आने वाली ऋतु के अनुसार जीवन जीने या नित्य क्रिया करने की तैयारी करने लगते हैं।
5. "एक देश की धरती दूसरे देश को सुगंध भेजती है" कथन का भाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- पक्षी और बादल के माध्यम से हमें यह संदेश मिलता है कि प्रकृति बंधनों को नहीं स्वीकार करती है। सभी जीव-जंतु एक-दूसरे के पूरक हैं। इसलिए सभी को भौगोलिक बंधन तोड़कर सद्भाव प्रेम और एकता के बंधन में बंधकर रहना चाहिए। यदि लोग इसका सही अर्थ समझ ले तो देशों के बीच कई विवाद अपने आप ही हल हो जाएंगे।पाठ से आगे
1. पक्षी और बादल की चिट्ठियों के आदान-प्रदान को आप किस दृष्टि से देख सकते हैं?
उत्तर- पक्षी और बादल की चिट्ठियों के आदान-प्रदान को हम दो देशों के बीच परस्पर प्रेम, सौहार्द और सद्भाव से रहने के रूप में देखते हैं पक्षी और बादल एक देश को दूसरे देश से प्रेम के बंधन में जोड़ने का संदेश दे जाते हैं। पक्षी मानवता और विश्व बंधुता का संदेश हमें देते हैं।2. आज विश्व में कहीं भी संवाद भेजने और पाने का एक बड़ा साधन इंटरनेट है। पक्षी और बादल की चिट्ठियों की तुलना इंटरनेट से करते हुए दस पंक्तियाँ लिखिए।
उत्तर- आज के युग में चारों ओर इंटरनेट का जाल फैला हुआ है। इंटरनेट के द्वारा हम अपने संवाद बड़ी सुगमता व सुविधा पूर्वक ढंग से किसी को भी भेज सकते हैं। यह एक नए युग का आरंभ है। पहले मनुष्य पत्र द्वारा अपने संदेश एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजता था। उसमें लंबा वक्त लग जाता था लेकिन आज सेकंडों में इंटरनेट के माध्यम से अपना संदेश विश्व के किसी भी कोने में लोग भेज सकते हैं। किंतु यदि इंटरनेट की तुलना पक्षी और बादलों की चिट्ठियों से की जाए तो इतनी पवित्रता और निश्चलता के आगे इंटरनेट छोटा ही सिद्ध होता है।NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 6 भगवान के डाकिये
प्रश्न-अभ्यास
Question 1:
कवि ने पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए क्यों बताया हैं? स्पष्ट कीजिए।
Solution:
कवि ने पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए इसलिए कहा है क्योंकि जिस प्रकार डाकिए संदेश लाने का काम करते हैं, उसी प्रकार पक्षी और बादल भगवान का संदेश हम तक पहुँचाते हैं। उनके लाए संदेश को हम भले ही न समझ पाए, पर पेड़, पौधे, पानी और पहाड़ उसे भली प्रकार पढ़-समझ लेतें हैं। जिस तरह बादल और पक्षी दूसरे देश में जाकर भी भेदभाव नहीं करते उसी तरह हमें भी आचरण करना चाहिए।
Question 2:
पक्षी और बादल द्वारा लाई गई चिट्ठियों को कौन-कौन पढ़ पाते हैं? सोच कर लिखिए।
Solution:
पक्षी और बादल द्वारा लायी गई चिट्ठियों को पेड़-पौधे, पानी और पहाड़ पढ़ पाते हैं।
Question 3:
किन पंक्तियों का भाव है :
(क) पक्षी और बादल प्रेम, सद्भाव और एकता का संदेश एक देश से दूसरे देश को भेजते हैं।
(ख) प्रकृति देश-देश में भेद भाव नहीं करती। एक देश से उठा बादल दूसरे देश में बरस जाता है।
Solution:
(क) पक्षी और बादल,
ये भगवान के डाकिए हैं,
जो एक महादेश से
दूसरे महादेश को जाते हैं।
हम तो समझ नहीं पाते हैं
मगर उनकी लाई चिट्ठियाँ
पेड़, पौधें, पानी और पहाड़
बाँचते हैं।
(ख) और एक देश का भाप
दूसरे देश में पानी
बनकर गिरता है।
Question 4:
पक्षी और बादल की चिट्ठियों में पेड़-पौधे, पानी और पहाड़ क्या पढ़ पाते हैं?
Solution:
कवि का कहना है कि पक्षी और बादल भगवान के डाकिए हैं। जिस प्रकार डाकिए संदेश लाने का काम करते हैं, उसी प्रकार पक्षी और बादल भगवान का संदेश लाने का काम करते हैं। पक्षी और बादल की चिट्ठियों में पेड़-पौधे, पानी और पहाड़ भगवान के भेजे एकता और सद्भावना के संदेश को पढ़ पाते हैं। इसपर अमल करते नदियाँ समान भाव से सभी लोगों में अपने पानी को बाँटती है। पहाड़ भी समान रूप से सबके साथ खड़ा होता है। पेड़-पौधें समान भाव से अपने फल, फूल व सुगंध को बाँटते हैं, कभी भेदभाव नहीं करते।
Question 5:
”एक देश की धरती दूसरे देश को सुगंध भेजती है” – कथन का भाव स्पष्ट कीजिए।
Solution:
एक देश की धरती अपने सुगंध व प्यार को पक्षियों के माध्यम से दूसरे देश को भेजकर सद्भावना का संदेश भेजती है। धरती अपनी भूमि में उगने वाले फूलों की सुगंध को हवा से, पानी को बादलों के रूप में भेजती है। हवा में उड़ते हुए पक्षियों के पंखों पर प्रेम-प्यार की सुगंध तैरकर दूसरे देश तक पहुँच जाती है। इस प्रकार एक देश की धरती दूसरे देश को सुगंध भेजती है।
Question 6:
पक्षियों और बादल की चिट्ठियों के आदान-प्रदान को आप किस दृष्टि से देख सकते हैं?
Solution:
पक्षी और बादल की चिट्ठियों के आदान-प्रदान को हम प्रेम, सौहार्द और आपसी सद्भाव की दृष्टि से देख सकते हैं। यह हमें यहीं संदेश देते हैं।
Question 7:
आज विश्व में कहीं भी संवाद भेजने और पाने का एक बड़ा साधन इंटरनेट है। पक्षी और बादल की चिट्ठियों की तुलना इंटरनेट से करते हुए दस पंक्तियाँ लिखिए।
Solution:
पक्षी और बादल प्रकृति के अनुसार काम करते हैं किंतु, इंटरनेट मनुष्य के अनुसार काम करते है। बादल का कार्य प्रकृति-प्रेमी को प्रभावित करती है किंतु, इंटरनेट विज्ञानं प्रेमी को प्रभावित करती है। पक्षी और बादल का कार्य धीमी गति से होता है किंतु, इंटरनेट का कार्य तीव्र गति से होता है। इंटरनेट एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक बात पहुँचाने का ही सरल तथा तेज माध्यम है। इसके द्वारा हम किसी व्यक्तिगत रायों को जान सकते हैं किन्तु पक्षी और बादल की चिट्ठियाँ हमें भगवान का सन्देश देते हैं। वे बिना भेदभाव के सारी दुनिया में प्रेम और एकता का संदेश देते हैं। हमें भी इंटरनेट के माध्यम से प्रेम और एकता और भाईचारा का संदेश विश्व में फैलाना चाहिए।
Question 8:
‘हमारे जीवन में डाकिए की भूमिका’ क्या है? इस विषय पर दस वाक्य लिखिए।
Solution:
डाकिया’ भारतीय सामाजिक जीवन की एक आधारभूत कड़ी है। डाकिया द्वारा डाक लाना, पत्रों का बेसब्री से इंतज़ार, डाकिया से ही पत्र पढ़वाकर उसका जवाब लिखवाना इत्यादि तमाम महत्त्वपूर्ण पहलू हैं, जिन्हें नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता। उसके परिचित सभी तबके के लोग हैं। हमारे जीवन में डाकिए की भूमिका अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है। भले ही अब कंप्यूटर और इ-मेल का ज़माना आ गया है पर, डाकिया का महत्त्व अभी भी उतना ही बना हुआ है जितना पहले था।
कई अन्य देशों ने होम-टू-होम डिलीवरी को खत्म करने की तरफ कदम बढ़ाये हैं, या इसे सुविधा-शुल्क से जोड़ दिया है, वहीं भारतीय डाकिया आज भी सुबह से शाम तक चलता ही रहता है। डाकिया कम वेतन पाकर भी अपना काम अत्यन्त परिश्रम और लगन के साथ संपन्न करता है। गर्मी, जाड़ा और बरसात का सामना करते हुए वह समाज की सेवा करता है। भारतीय डाक प्रणाली की गुडविल बनाने में उनका सर्वाधिक योगदान माना जाता है।