Patra Lekhan ke Mahatva ki Upyogita ko batate hue mitra ko patra ” “पत्र-लेखन के महत्त्व को रेखांकित करते हुए अपने मित्र को एक पत्र”
सूचना और संचार माध्यमों की बढ़ती लोकप्रियता के कारण पत्र–लेखन पीछे छूट गया है। पत्र–लेखन के महत्त्व को
रेखांकित करते हुए अपने मित्र को एक पत्र लिखिए। सी 5/13. मानसरोवर गार्डन नई दिल्ली-110015 दिनांक_____________
प्रिय मित्र सतपाल,
सप्रेम नमस्ते।
काफी दिनों से तुम्हारा पत्र नहीं मिला। प्रतीत होता है कि सूचना और संचार माध्यमों की बढ़ती लोकप्रियता के कारण अब पत्र-लेखन पीछे छूटता जा रहा है।
मित्र, पत्र-लेखन का अपना विशेष महत्त्व है। पत्र लिखने से आत्मीयता का भाव झलकता है जबकि संचार माध्यमों द्वारा समाचार भेजने में यांत्रिकता का अहसास होता है। संचार माध्यम में शब्द-सीमा का भी ध्यान रखना पड़ता है जबकि पत्र में आप अपने मन की बात खुलकर लिख सकते हैं। पत्र में अपनत्व की भावना होती है। पत्र पाने वाला व्यक्ति प्रतीक्षारत रहता है। पत्र लिखने से भाषा की अभिव्यक्ति में कुशलता एवं सटीकता आती है।
आशा है कि तुम नियमित रूप से पत्र लिखकर अपने बारे में सूचित करते रहोगे।
तुम्हारा प्रिय मित्र
राजीव