पेट में मरोड़ का तात्पर्य पेट के किसी भी हिस्से में हो रहे दर्द या ऐंठन या अन्य प्रकार के पेट की सनसनी से है. पेट के मरोड़ में मध्यम, तीव्र या बार-बार आने-जाने वाला दर्द हो सकता है. पेट में मरोड़ के ज्यादातर लक्षण चिंताजनक नहीं होते हैं व इसका आसानी से पता चल जाता है और इलाज हो जाता है. पर कभी-कभी पेट दर्द या पेट में मरोड़ किसी गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकते हैं. पेट में मरोड़ के कई कारण हो सकते हैं. यह अपच, कब्ज या पेट में वायरस के कारण हो सकते हैं. महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान भी पेट में दर्द या मरोड़ हो सकते हैं. पेट में मरोड़ का इलाज इस समस्या के कारण के आधार पर किया जाता है. आगे हम पेट में मरोड़ के कारण व उसके इलाज के बारे में जानेंगे.
पेट में मरोड़ के कारण- Pet Mein Marod Ke Karan
- गैस्ट्रोएंटराइटिस (पेट का फ्लू) के कारण: - पेट के फ्लू (गैस्ट्रोएंटराइटिस) के कारण भी पेट में दर्द या मरोड़ हो सकता है. पेट के फ्लू का ज्यादातर मामला बैक्टीरिया या वायरस के कारण होते हैं, जिसमें इनके लक्षण समान्यतः कुछ दिनों में ठीक हो जाते हैं.
पर लक्षण यदि 2 दिन से अधिक समय तक रहे तो यह एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या, जैसे संक्रमण,अन्य सूजन या जलन का संकेत हो सकता है.
- गैस: - जिस खाद्य पदार्थ को शरीर पचा नहीं सकता है उसे जब छोटी आंत के बैक्टीरिया तोड़ते हैं तो आंत में गैस का दबाव बनता है. गैस के इस दबाव के बढ़ने से पेट में दर्द या मरोड़ हो सकता है. इस गैस के कारण पेट फूलना या डकार जैसी भी समस्याएँ हो सकती हैं.
- इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS): - जो लोग आईबीएस यानि इरिटेबल बाउल
सिंड्रोम से पीड़ित होते हैं, वे कुछ प्रकार के खाद्य पदार्थों को पचाने में असमर्थ होते हैं. इस रोग से पीड़ित लोगों को मुख्य रूप से पेट में दर्द के लक्षण होते हैं, जो सामान्यतः मल त्याग के बाद ठीक हो जाता है. इस रोग में अन्य लक्षण गैस, मतली या पेट में फुलाव भी हो सकते हैं.
- एसिड रिफ्लक्स: - कभी-कभी पेट के एसिड पीछे की तरफ चले जाते हैं और गले तक पहुँच जाते हैं. जिस कारण से पेट में जलन और दर्द होता है. एसिड रिफ्लक्स में पेट संबंधी अन्य लक्षण जैसे फुलाव या मरोड़ भी
होते सकते हैं.
- उल्टी: - किसी भी कारण से यदि उल्टी हो तो इससे पेट में दर्द या मरोड़ की समस्या हो सकती है. उल्टी से पेट में जलन भी हो सकती है.
- कब्ज: - कब्ज में आंतों में मल जमा हो जाते हैं व शरीर से बाहर नहीं निकलते हैं तब इस कारण से कॉलन में दबाव बढ़ जाता है. इस दबाव के वजह से कब्ज पीड़ित व्यक्ति के पेट में दर्द होने लगता है.
- गैस्ट्रोइसोफेजियल रिफ्लक्स डीजीज
(GERD): - जिन्हें GERD यानि गैस्ट्रोइसोफेजियल रिफ्लक्स डीजीज रहता है उन्हें पेट में दर्द हो सकता है. इस बीमारी में पेट में दर्द के साथ ही छाती में जान और मतली भी हो सकती है.
- पेट या पेप्टिक अल्सर: - पेट का अल्सर या घाव यदि ठीक नहीं होते हैं तो वे पेट में गंभीर व अस्थिर दर्द पैदा कर सकते हैं. पेट या पेप्टिक अल्सर का सबसे सामान्य कारण बैक्टीरियल संक्रमण होता है. नॉन स्टेरॉयड एंटी
इन्फ्लेमेटरी दवाओं (NSAIDS) का अधिक प्रयोग से भी पेप्टिक अल्सर हो सकता है.
- क्रोहन रोग: - क्रोहन रोग पाचन तंत्र के परतों में सूजन व जलन पैदा करता है, जिससे पेट में दर्द होता है. इस रोग में पेट में गैस का बनना, दस्त, उल्टी या पेट में फुलाव भी हो सकता है.
- सीलिएक रोग: - सीलिएक रोग में पेट में दर्द हो सकता है. सीलिएक रोग में ग्लूटेन से एलर्जी होने लगती है. ग्लूटेन एक प्रकार का प्रोटीन है जो कई प्रकार के अनाज जैसे गेहूँ, जौ
इत्यादि में पाया जाता है. ग्लूटेन से एलर्जी होने पर छोटी आंत में सूजन व जलन होने लगती है, जिससे दर्द भी होता है. इस कारण से इस रोग में पेट में दर्द होती है.
- मांसपेशियों में खिंचाव या तनाव: - रोज के कामकाज के दौरान किसी भी कारण से यदि पेट की मांसपेशियों में चोट या खिंचाव आ जाता है तो इस कारण से पेट में मरोड़ की शिकायत हो सकती है. पेट की एकसरसाइज के कारण भी पेट की मांसपेशियों में खिंचाव हो सकता है.
- मासिक धर्म के दौरान: - मासिक
धर्म के दौरान पेट में दर्द या मरोड़ की शिकायत हो सकती है. मासिक धर्म के दौरान पेट में जलन व सूजन या कब्ज जैसे समस्याएँ भी हो सकती है.
- मूत्र मार्ग या मूत्राशय में संक्रमण: - मूत्र मार्ग या मूत्राशय में बैक्टीरिया द्वारा संक्रमण के फैल जाने से भी पेट में मरोड़ की समस्या होती है. इस प्रकार संक्रमण होने से पेट के निचले हिस्से में फुलाव के अलावा दर्द व दबाव का अनुभव हो सकता है.
पेट में मरोड़ के इलाज- Pet Me Marod Ka Ilaj in Hindi
वैसे तो पेट में मरोड़ के इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि यह समस्या किस कारण से है. जिस कारण से भी पेट में मरोड़ हो उस आधार पर ही इसका सही इलाज किया जा सकता है. पर फिर भी कुछ घरेलू नुस्खे हैं जिससे पेट में मरोड़ के समस्या में आराम मिलता है. आगे ऐसे ही कुछ घरेलू नुस्खे की चर्चा करते हैं:
- मेथी: - एक कटोरी में दही लेकर उसमें मेथी के कुछ दाने को पीसकर अच्छी तरह मिला लेना चाहिए. स्वाद के लिए इसमें थोड़ा सा काला नमक भी मिला सकते हैं. मेथी मिला इस दही के सेवन पेट की मरोड़ में लाभ पहुंचाता है.
- ईसबगोल: - कई बार पेट में मरोड़ का कारण अपच हो सकता है. ऐसी स्थिति में दो चम्मच ईसबगोल एक कटोरी दही में मिलाकर खाना चाहिए. इससे आंतों की सफाई भी होती है व पेट की मरोड़ भी ठीक होती है.
- आजवाइन: - पेट में मरोड़ होने पर तीन ग्राम आजवाइन को तवा पर भून कर इसमें सेंधा नमक या काला नमक मिलाकर पानी के साथ सेवन करना चाहिए. भुना हुआ आजवाइन को इस तरह दिन में दो बार सेवन करने से पेट की मरोड़ ठीक हो जाती है.
- मूली: - पेट में मरोड़ होने पर मूली को अच्छी तरह धोकर व छीलकर छोटे-छोटे टुकड़े में काट लेना चाहिए. फिर इन टुकड़ों पर काला नमक या सेंधा नमक और काली मिर्च छिड़क कर खा लेना चाहिए. इससे पेट के मरोड़ व दर्द में आराम मिलता है.
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