मनोविज्ञान की परिभाषा तथा अर्थ Definition and meaning of psychology
हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत-बहुत स्वागत है, हमारे इस लेख मनोविज्ञान की परिभाषा तथा अर्थ (definition and meaning of psychology) में। दोस्तों इस लेख में आप
मनोविज्ञान की परिभाषा, मनोविज्ञान का अर्थ, मनोविज्ञान के सिद्धांत तथा मनोविज्ञान के कार्य क्षेत्र के बारे में भी जानेंगे।
तो आइए
दोस्तों शुरू करते हैं आज का यह लेख और विस्तार से समझते है, मनोविज्ञान की परिभाषा तथा उसका अर्थ:-
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मनोविज्ञान किसे कहते है what is psychology
16 वीं शताब्दी में मनोविज्ञान का फिलोशपी (Philosophy) के अंतर्गत अध्ययन किया जाता था। उस समय मनोविज्ञान एक अलग शाखा के रूप में विकसित नहीं थी।
विलहम वांट (William Want) ने मनोविज्ञान की एक अलग शाखा बनाई। और शारीरिक थकान इसे एक अलग शाखा के रूप में विकसित किया
साइकोलॉजी (Psychology) ग्रीक भाषा के दो शब्दों से मिलकर बना है। "साइके" जिसका अर्थ होता है "आत्मा" तथा "लोगोस" जिसका अर्थ होता है
अध्ययन या विज्ञान इस प्रकार से साइकोलॉजी विज्ञान की वह शाखा है, जिसमें आत्मा के विज्ञान का अध्ययन किया जाता है।
साइकोलॉजी को आत्मा के विज्ञान के रूप में अरस्तु, प्लेटो (Aristotle, Plato) तथा अन्य ऋषि-मुनियों ने अपनाया था। 16 वीं शताब्दी के बाद साइकोलॉजी को मन का विज्ञान और बाद में इसे चेतना का विज्ञान कहा जाने लगा।
चेतना का विज्ञान कहने वाले विचारक विलियम वांट (William Want) थे, किंतु वर्तमान समय में मनोविज्ञान को व्यवहार का विज्ञान कहा जाता है।
इसलिए मनोविज्ञान विज्ञान की वह शाखा है, जिसके अंतर्गत मनुष्य के साथ पशु पक्षियों जानवरों के व्यवहार (Behaviour) का अध्ययन जन्म से लेकर मृत्यु पर्यंत तक किया जाता है।
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मनोविज्ञान का अर्थ meaning of psychology
मनोविज्ञान का सामान्य अर्थ है,किसी भी मनुष्य, पशु पक्षियों और जीव जंतुओं के व्यवहार का अध्ययन करना अर्थात मनुष्य पशु पक्षियों और जानवरों के जीवन के हर पहळू जन्म से मृत्यु पर्यंत तक उनके व्यवहार में परिवर्तन का अध्ययन करना है।
लेकिन प्राचीन काल में मनोविज्ञान को आत्मा का विज्ञान (Science of soul) कहा जाता था, मनोविज्ञान अंग्रेजी भाषा के शब्द साइकोलॉजी से मिलकर बना हुआ है, और
साइकोलॉजी एक ग्रीक भाषा का शब्द है, जो दो शब्दों से मिलकर बना है साईंके जिसका अर्थ होता है "आत्मा" तथा लोगोस जिसका अर्थ होता अध्ययन करना या विज्ञान, इस प्रकार मनोविज्ञान
आत्मा का विज्ञान कहलाता था, किंतु 16वीं शताब्दी के बाद इस परिभाषा को अमान्य घोषित कर दिया गया और मनोविज्ञान को मानव मस्तिष्क का विज्ञान (Science of Brain) कहा जाने लगा
किंतु 19वीं शताब्दी के आसपास मनोविज्ञान को चेतना का विज्ञान की संज्ञा दी गई लेकिन कुछ समय बाद मनोवैज्ञानिकौ ने यह सिद्ध कर दिया
कि चेतना का व्यवहार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। इसलिए इस परिभाषा को भी आमान्य घोषित कर दिया और विभिन्न मनोवैज्ञानिकों (Psychologists) ने अपने अपने विचार प्रस्तुत किए
और मनोविज्ञान को व्यवहार का विज्ञान कहा जाने लगा। ई. वाटसन (ए. Watson) ने कहा कि मनोविज्ञान व्यवहार का शुद्ध विज्ञान है, इसलिए मनोविज्ञान मनुष्य तथा जीव जंतुओं के व्यवहार का विज्ञान है।
मनोविज्ञान की परिभाषा defination of psychology
मनोविज्ञान की परिभाषा विभिन्न मनोवैज्ञानिकों ने अपने अपने अनुसार दी है, उनमें से कुछ प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिकों की परिभाषा निम्न प्रकार से है:-
- मैकडूगल के द्वारा - मनोविज्ञान आचरण एवं व्यवहार का यथार्थ विज्ञान है।
- क्रो एंड क्रो के द्वारा - मनोविज्ञान मानव व्यवहार और मानव संबंधों का अध्ययन का विज्ञान है।
- थाउलस के द्वारा - मनोविज्ञान मनुष्य के अनुभव एवं व्यवहार का यथार्थ विज्ञान है।
- जेम्स ड्रेवर के द्वारा - मनोविज्ञान उस विज्ञान को कहते है, जिसमें व्यक्तियों और पशुओं के व्यवहार का अध्ययन होता है। मनोविज्ञान व्यवहार को विचारों तथा भावनाओं के इस आंतरिक जीवन की अभिव्यक्ति
मनोविज्ञान के जनक Father of psychology
मनोविज्ञान की अंग्रेजी में साइकोलॉजी के नाम से जाना जाता है यह 16 वीं शताब्दी में मनोविज्ञान की एक शाखा के रूप में विकसित नहीं थी
उस समय मनोविज्ञान का अर्थ फिलोशपी के अंतर्गत किया जाता था। मनोविज्ञान को कई विद्वानों ने अलग अलग नाम दिया जैसे की 16 वीं शताब्दी में आत्मा का विज्ञान अरस्तु और प्लेटो ने कहा तो चेतना का विज्ञान विलियम वुण्ट ने कहा और वर्तमान में इसे व्यवहार का विज्ञान कहा जाता है।
मनोविज्ञान को एक अलग शाखा के रूप में विकसित करने का श्रेय विल्हेम मैक्समिलियन वुण्ट (Wilhelm Maximilian Wundt) को हो जो चिकित्सक, दार्शनिक, प्राध्यापक थे और उन्ही को आधुनिक मनोविज्ञान के जनक के रूप में जाना जाता है।
मनोविज्ञान की प्रयोगशाला Psychology lab
मनोविज्ञान की प्रथम प्रयोगशाला आधुनिक मनोविज्ञान के जनक विलहम वुण्ट ने जर्मनी के लिपशिग में 1879 में की थी इसके बाद उन्होंने मनोविज्ञान पर गहन अध्ययन किया कई प्रयोग किये और 1890 में
विलियम जेम्स ने ‘प्रिंसिपल ऑफ साइकोलॉजी (Principal of psychology) पुस्तक प्रकाशित की। भारत में पहला मनोविज्ञान पहली मनोविज्ञान प्रयोगशाला और की स्थापना कलकत्ता विश्वविद्यालय में डॉ एन एन सेन गुप्ता (Dr. N. N. Sen Gupta) के नेतृत्व में 1916
में स्थापित की गई थी, जिन्हे भारतीय मनोविज्ञान का जनक माना जाता है, उनका पूरा नाम नरेंद्र नाथ सेनगुप्ता था।
मनोविज्ञान के सिद्धांत तथा जनक principles and fathers of psychology
मनोविज्ञान के अनेक प्रकार के सिद्धांत हैं, तथा उनके जनक भी भिन्न-भिन्न है, इसलिए यहाँ पर मनोविज्ञान के कुछ प्रमुख सिद्धांत और उनके जनक के बारे में बताया गया है:-
- आत्म सम्प्रत्यय की अवधारणा - विलियम जेम्स
- शिक्षा-मनोविज्ञान के जनक - एडवर्ड थार्नडाइक
- प्रयास एवं त्रुटि सिद्धांत - थार्नडाइक
- प्रयत्न एवं भूल का सिद्धांत - थार्नडाइक
- संयोजनवाद का सिद्धांत - थार्नडाइक
- उद्दीपन-अनुक्रिया का सिद्धांत - थार्नडाइक
- S-R थ्योरी के जन्मदाता - थार्नडाइक
- अधिगम का बन्ध सिद्धांत - थार्नडाइक
- संबंधवाद का सिद्धांत - थार्नडाइक
- बहुखंड या बहुतत्व बुद्धि का सिद्धांत - थार्नडाइक
- बिने-साइमन बुद्धि परीक्षण के प्रतिपादक- अल्फ्रेडबिने एवं साइमन
- बुद्धि परीक्षणों के जन्मदाता - अल्फ्रेडबिने
- एकखण्ड बुद्धि का सिद्धांत - अल्फ्रेडबिने
- दो खंड बुद्धि का सिद्धांत - स्पीयरमैन
- तीन खंड बुद्धि का सिद्धांत - स्पीयरमैन
- सामान्य और विशिष्ट तत्वों के सिद्धांत - स्पीयरमैन
- बुद्धि का द्वय शक्ति का सिद्धांत - स्पयरमैन
- त्रि-आयाम बुद्धि का सिद्धांत - गिलफोर्ड
- बुद्धि संरचना का सिद्धांत - गिलफोर्ड
- समूह खंडबुद्धि का सिद्धांत - थर्स्टन
- युग्म तुलनात्मक निर्णय विधि के प्रतिपादक - थर्स्टन
- क्रमबद्ध अन्तराल विधि के प्रतिपादक - थर्स्टन
- समदृष्टि अन्तर विधि के प्रतिपादक - थर्स्टन व चेव
- न्यादर्श या प्रतिदर्श(वर्ग घटक) बुद्धि का सिद्धांत- थॉमसन
- पदानुक्रमिक(क्रमिक महत्व) बुद्धि का सिद्धांत - बर्ट एवं वर्नन
- तरल-ठोस बुद्धि का सिद्धांत - आर. बी.केटल
- प्रतिकारक (विशेषक) सिद्धान्त के प्रतिपादक - आर. बी.केटल
- बुद्धि ‘क’ और बुद्धि ‘ख’ का सिद्धांत - हैब
- बुद्धि इकाई का सिद्धांत - स्टर्न एवं जॉनसन
मनोविज्ञान के क्षेत्र field of psychology
मनोविज्ञान के कार्य क्षेत्र मनोवैज्ञानिकों के ऊपर निर्भर करते हैं, क्योंकि मनोवैज्ञानिकों ने तीन श्रेणियों में कार्य किए थे, शिक्षण कार्य में, मनोवैज्ञानिक समस्याओं के शोध में, तथा मनोवैज्ञानिक
के दौरान प्राप्त तथ्यों के आधार पर कौशलों और तकनीक का उपयोग करने में इस प्रकार से मनोविज्ञान के तीन क्षेत्र हो गए शिक्षण, तकनीकी, शोध और उनका उपयोग
शैक्षिक कार्य क्षेत्र - मनोविज्ञान का प्रमुख कार्य क्षेत्र शैक्षिक कार्य क्षेत्र है. इसके अंतर्गत विभिन्न शाखाओं में मनोवैज्ञानिक अपनी रुचि दिखाते हैं,
जिनमें मानव प्रयोगात्मक मनोविज्ञान, पशु प्रयोगात्मक मनोविज्ञान, समाज मनोविज्ञान, दैहिक मनोविज्ञान, शिक्षा मनोविज्ञान, संज्ञानात्मक मनोविज्ञान आदि आती है।
मानव प्रयोगात्मक मनोविज्ञान - मानव प्रयोगात्मक मनोविज्ञान में उन समस्त पहलुओं को लिया जाता है, जिन पर अध्ययन करना सरल होता है।
मुख्य तौर पर मनोवैज्ञानिक मनुष्य के व्यवहार के उस पहलू को सबसे पहले लेते हैं, जिसको आसानी से पृथक भी किया जा सके।
इसलिए मनोवैज्ञानिक मुख्यतः दृष्टि, चिंतन, श्रवण तथा सीखने पर अधिक बल देते हैं। इस कार्य क्षेत्र में टिनेचर, वाटसन आदि मनोविज्ञानी आते है।
पशु प्रयोगात्मक मनोविज्ञान - पशु मनोविज्ञान भी मानव प्रयोगात्मक मनोविज्ञान की तरह ही होता है। इसमें पशुओं के व्यवहारों का अध्ययन किया जाता है,
जिनमें कुत्ता, बिल्ली, चूहा आदि को मुख्य तौर पर माध्यम बनाया जाता है, इस मनोविज्ञान के अंतर्गत स्नीकर, पैललव आदि मनोवैज्ञानिकों का नाम लिया जाता है।
मनोविज्ञान की शाखाएँ branches of psychology
मनोविज्ञान की लगभग 50 शाखाएँ हैं जिनमें से कुछ प्रमुख शाखाएँ निम्न प्रकार से हैं:-
सामान्य मनोविज्ञान (Normal Psychology) - सामान्य मनोविज्ञान मनोविज्ञान की वह शाखा है, जिसके अंतर्गत मनुष्य के सामान्य व्यवहारों का अध्ययन किया जाता है।
असामान्य मनोविज्ञान (Abnormal Psychology) - असामान्य मनोविज्ञान मनोविज्ञान की वह शाखा है, जिसके अंतर्गत मनुष्य के असामान्य व्यवहारों का अध्ययन किया जाता है।
शिक्षा मनोविज्ञान (Educational Psychology) - शिक्षा मनोविज्ञान मनोविज्ञान की वह शाखा है, जिसके अंतर्गत मनोविज्ञान के सिद्धांत और नियमों का अध्ययन शिक्षा के क्षेत्र में किया जाता है।
पशु मनोविज्ञान (Animal Psychology) - मनोविज्ञान की वह शाखा जिसके अंतर्गत पशु और मनुष्य दोनों के बीच में सामान्य और असामान्य व्यवहारों की तुलना की जाती है।
बाल मनोविज्ञान (Child Psychology)- बाल मनोविज्ञान मनोविज्ञान की वह शाखा है, जिसके अंतर्गत 0 से 12 वर्ष तक की आयु के बच्चों के व्यवहारों का अध्ययन किया जाता है।
किशोर मनोविज्ञान (Adolescent Psychology) - किशोर मनोविज्ञान मनोविज्ञान की वह शाखा है, जिसके अंतर्गत 12 से 18 वर्ष तक के बालक तथा बालिकाओं के व्यवहारों का अध्ययन किया जाता है।
प्रोढ मनोविज्ञान (Adult Psychology) - प्रोढ मनोविज्ञान मनोविज्ञान की वह शाखा है, जिसके अंतर्गत 18 वर्ष से ऊपर आयु वर्ग के युवाओं के व्यवहार का अध्ययन किया जाता है।
प्रयोगात्मक मनोविज्ञान (Experimental Psychology) - प्रयोगात्मक मनोविज्ञान मनोविज्ञान की वह शाखा है, जिसके अंतर्गत मनोविज्ञान की प्रयोगशाला आती है।
परा मनोविज्ञान (Para Psychology) - परा मनोविज्ञान मनोविज्ञान की वह शाखा है जिसके अंतर्गत आत्मा, परमात्मा, भूत - प्रेत आदि का अध्ययन किया जाता है।
नैदानिक मनोविज्ञान (Clinical Psychology) - नैदानिक मनोविज्ञान मनोविज्ञान की वह शाखा है, जिसके अंतर्गत मनुष्यों में उत्पन्न होने वाली मनोविज्ञान की विभिन्न समस्याओं का निदान किया जाता है।
विकासात्मक मनोविज्ञान(Developmental Psychology) - मनोविज्ञान की वह शाखा जिसके अंतर्गत समस्त प्रकार का विकास जैसे - बुद्धि शारीरिक पेशीय, खेल, सामाजिक आदि के विकास का अध्ययन किया जाता है।
व्यक्तित्व मनोविज्ञान (Personality Psychology) - मनोविज्ञान की वह शाखा जिसके अंतर्गत सामान्य और विचलित व्यक्तित्व का अध्ययन किया जाता है।
दोस्तों इस लेख में आपने मनोविज्ञान की परिभाषा तथा अर्थ (Definition and meaning of psychology) पढ़ा आशा करता हुँ आपको यह लेख अच्छा लगा होगा।
FAQ for Psychology
मनोविज्ञान का पिता कौन है?
विल्हेम मैक्समिलियन वुण्ट आधुनिक मनोविज्ञान के पिता है जो जर्मनी के चिकित्सक, दार्शनिक, प्राध्यापक थे।
भारत में मनोविज्ञान का जनक कौन है?
भारत में मनोविज्ञान के जनक भारतीय मनोवैज्ञानिक डॉ॰ एन. एन. सेनगुप्ता है, जिन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय में आधुनिक प्रायोगिक मनोविज्ञान का प्रारम्भकिया और स्वयं विल्हेम मैक्समिलियन वुण्ट से प्रशिक्षण प्राप्त किया।
मनोविज्ञान कितने प्रकार के होते हैं?
मनोविज्ञान के चार प्रकार है, व्यवहारिक, संज्ञानात्मक, विकासात्मक और शैक्षिक मनोविज्ञान।
मनोविज्ञान की प्रथम पुस्तक कौन सी है?
प्रिंसिपल साइकोलॉजी मनोविज्ञान की पहली पुस्तक है, जो विलियम जेम्स द्वारा लिखी गयी और 1895 में प्रकाशित हुई।
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