निषेचन से आप क्या समझते हैं निषेचन की प्रक्रिया का वर्णन करें? - nishechan se aap kya samajhate hain nishechan kee prakriya ka varnan karen?

हेलो फ्रेंड रचना है नहीं जन से आप क्या समझते हैं निषेचन के बाद फूल में या पूछूं में क्या परिवर्तन होते हैं तो आइए इस प्रश्न का उत्तर देखते हैं निषेचन क्या होता है जब नर युग्मक का नर युग्मक का मादा युग्मक से मादा युग्मक से जब संलयन होता है क्या होता है जब संलयन होता है उस क्रिया को क्या कहते हैं उस क्रिया को कहते हैं निषेचन उसके सल्यान से क्या बनता है फिर युग मनोज बनता है ठीक है और हम से प्रश्न पूछा गया है कि निषेचन के बाद जो पुष्प रहता है उस में क्या परिवर्तन होता है कि कितने दिन के बाद क्या होता है कि जो भाई है दलपुंज रहते हैं क्या होते हैं जो भाई है दलपुंज रहते हैं वह क्या करते हैं वह प्रायः मुरझा

गिर जाते हैं क्या करते हैं मुरझा कर गिर जाते हैं ठीक उसी प्रकार जो दलपुंज रहते हैं क्या रहते हैं जो दलपुंज रहते हैं वह भी निषेचन के बाद मुरझा कर गिर जाते उसी प्रकार जो तुम केश्वर होते हैं क्या होते हैं जो उनके सर रहते हैं वह भी क्या करते हैं वह भी सूख कर झड़ जाते हैं ठीक है तुम केसर भी सूख कर झड़ जाते हैं और जो वर्तिका कर रहती है क्या रहती है जो वर्तिका अगर रहती है वह भी मुरझा जाती है क्या कर जाती है वह भी मुरझा जाती है ठीक है क्यों मर जाती है क्योंकि जो कुछ रहता है उसका निषेचन होता है और जो वर्तिका रहती है क्या रहती है जो वर्तिका रहती है वह भी मुरझा जाती है

और जो अंडा से रहता है जो अंडा से रहता है वह निषेचन के बाद फल में परिवर्तित हो जाता है उसी प्रकार जो बीजांड होता है बीजांड निषेचन के बाद बीच में परिवर्तित हो जाता है ठीक है विशन विशन के बाद बीज परिचित हो जाता है तथा जो अन्य कोशिका रहती है क्या होती है जो अंडे कोशिका रहती है वह अंड कोशिका भ्रूण बनाती है चिकन बन जाता है तथा देखती रहती है वह पल भी टी का निर्माण कर देती है किसका निर्माण कर लेती है वह फल व्यक्ति का निर्माण कर लेती है ठीक है और जो वित्तीय का केंद्रक होता है क्या होता है जो तृतीय के केंद्रक होता है जो रूम कोर्स को वरुण पोषण बदल देता है कि समय देता है जो भ्रूण कोष रहता है उसको उस में बदल जाता है वरुण को रूम पर

बदल जाता है ठीक है और जो बीजांड कमरिया फिर जो अभिषेक होता है वह क्या हो जाता है वह बीज का आवरण बनता है जो बीज रहता है उस बीज का आवरण बनता है ठीक है तथा जो बीजांड बंद होता है क्या होता है जो बीजांड व्रत होता है वह बीज का व्रत बनता है क्या होता है जो बीज रहता है उस बीज का व्रत बन जाता है तो यह होता है निषेचन के बाद जो कुछ होता है उसका इनमें समय परिवर्तन हो जाता है तो यह हमारे प्रश्न का उत्तर धन्यवाद दोस्तों आशा करती हूं कि आपको इस प्रश्न का उत्तर समझ आया हो

निषेचन की क्रियाविधि

निषेचन (Fertilization in women)
शुक्राणु (Sperm) तथा अण्डाणु (Ovum) के संलयन (Fusion) से द्विगुणित युग्मनज (zygote) का निर्माण होना निषेचन (Fertilization) कहलाता है।
निषेचन दो प्रकार का होता है-

  1. बाह्य निषेचन (External Fertilization)
  2. आंतरिक निषेचन (Internal Fertilization)

बाह्य निषेचन (External Fertilization)

जब निषेचन की प्रक्रिया मादा शरीर के बाहर जल या किसी अन्य माध्यम में होती है तो इसे बाह्य निषेचन कहते है।
मादा के द्वारा जल में अंडाणुओं को छोड़ा जाता है, जिसे स्पोनिंग (spawing) कहते है। इन अंडाणुओं पर नर शुक्राणुओं को छोड़ता है, जिससे निषेचन होता है।
ऐसा जलीय अशेरुकियों, अस्थिल मछलियों (bony fish) तथा उभयचर (Amphibia) में होता है।
 

आंतरिक निषेचन (Internal Fertilization)

जब निषेचन की प्रक्रिया मादा शरीर के अन्दर होती है तो इसे आंतरिक निषेचन कहते है।
ऐसा उपास्थिल मछलियों, रेप्टाइल, एवीज तथा मेमेलिया में होता है।

मानव में निषेचन की क्रियाविधि (Fertilization in Human)

शुक्राणु गति करते हुए अंडवाहिनी (Fellopian tube) तक पहुँचते है। जहाँ निषेचन होता है।
शुक्राणु (Sperm) तथा अण्डाणु (Ovum) के सम्पर्क में आने पर अण्डाणु (Ovum) के कोरोना रेडिएटा पर फर्टीलाइजीन प्रोटीन पाया जाता है इसके विपरित शुक्राणु (Sperm) पर एंटीफर्टीलाइजीन पाया है।
फर्टीलाइजीन एक ग्लाइकोप्रोटीन है। जो एमिनो अम्ल तथा कार्बोहाइड्रेट का बना होता है।
फर्टीलाइजीन तथा एंटीफर्टीलाइजीन जाति विशिष्ट होते (Species specific) है। जो ताला-चाबी सिद्धांत पर कार्य करते है| इस प्रकार शुक्राणु (Sperm) की पहचान होती है।
शुक्राणु (Sperm) की पहचान होने के पश्चात एक्रोसोम के द्वारा स्पर्मलाइसिन एंजाइम हाइलुरीडीनेज स्त्रावित किए जाते है।
हाइलुरीडीनेज कोरोना रेडिएटा में पाए जाने वाले हाइलुरोनिक अम्ल का पाचन करता है
हाइलुरोनिक अम्ल के  पाचन से जोना पेलुसिडा में छेद करके शुक्राणु (Sperm) का शीर्ष भाग अण्डाणु (Ovum) के जीवद्रव्य में प्रवेश करता है।
शुक्राणु (Sperm) के अण्डाणु (Ovum) में प्रवेश होने के पश्चात पोलीस्पर्मी  को रोकने के लिए जोनाप्लेसुडा के स्तर में बदलाव आ जाता है।
जब शुक्राणु (Sperm) अण्डाणु (Ovum) में प्रवेश कर जाता है तो शुक्राणु (Sperm) द्वितीयक अण्डक में अर्द्धसूत्री विभाजन -II को प्रेरित करता है।
अर्द्धसूत्री विभाजन -II से एक अण्डाणु (Ovum) व एक धुर्वीय पिण्ड बनता है।
शुक्राणु (Sperm) अण्डाणु (Ovum) के अगुणित केन्द्रक के साथ संलयित हो जाता है जिससे द्विगुणित युग्मनज का निर्माण होता है।

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निषेचन से सम्बंधित शब्दार्थ (Terms Related to Fertilization)

केरियोगेमी – युग्मकों के केन्द्रकों का संलयन (Fusion) होना। [Karyo – केन्द्रक gamy – संलयन ]
साइटोगेमी – युग्मकों के कोशिकाद्रव्यों का संलयन (Fusion) होना।  [Cyto – कोशिका gamy- संलयन ]
आइसोगमी – समान आकार के युग्मकों का संलयन होना।  [Iso – समान ]
एनआइसोगमी – असमान आकार के युग्मकों का संलयन (Fusion) होना।  [an अ/ नहीं – iso – समान]
एम्फीमिक्सिंग – युग्मकों के गुणसूत्र समुच्चय का संलयन होना।  [Apmhi – उभय ]
पोलीस्पर्मी –  एक से अधिक शुक्राणु (Sperm)ओं का अण्डाणु (Ovum) में प्रवेश होना।
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निषेचन क्या है इसकी प्रक्रिया का वर्णन कीजिए?

निषेचन (Fertilization):- नर तथा मादा युग्मकों के संयोजन की क्रिया को निषेचन कहते है। इससे द्विगुणित युग्मनज का मिर्माण होता है। इस प्रकार के निषेचन हेतु जलीय माध्यम की आवश्यकता होती है इसमें नर युग्मक अधिक संख्या में उत्पन्न किये जाते है क्योकि स्थानान्तरण के दौरान बहुत युग्मकों के नष्ट होने की संभावना रहती है।

निषेचन की प्रक्रिया कहाँ होती है?

मानव शरीर में, निषेचन फैलोपियन ट्यूब (​डिंबवाही नलिका) में होता है। निषेचन को शुक्राणु के साथ अंडे के संलयन की प्रक्रिया के रूप में परिभाषित किया गया है। जैसा कि शुक्राणु और अंडाणु दोनों प्रकृति में अगुणित है, यह अंततः एक द्विगुणित युग्मज पैदा करता है।

निषेचन क्या है इसका क्या महत्व है?

Solution : द्वि निषेचन आवृतबीजीयों की विशेषता है, और इसमें युग्मक संलयन और त्रिक संलयन शामिल होते हैं। एक अंड कोशिका के साथ एक नर युग्मक के संलयन को युग्मक संलयन कहते हैं, और इसके परिणामस्वरूप द्विगुणित युग्मक का निर्माण होता है।

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