नकदी फसलें क्या है कोई दो नकदी फसलों के नाम लिखिए - nakadee phasalen kya hai koee do nakadee phasalon ke naam likhie

कई उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में, जूट, कॉफी, कोको, गन्ना, केला, संतरा और कपास आम नकदी फसलें हैं। कूलर क्षेत्रों में अनाज फसलों, तेल फसलों उपज और कुछ सब्जियों प्रबल होना, इस का एक उदाहरण के संयुक्त राज्य अमेरिका है, जहां मक्का, गेहूं, सोयाबीन प्रमुख नकदी फसलों रहे हैं। तंबाकू ऐतिहासिक एक नकदी फसल हुई है, हालांकि विरोधी से बढ़ाकर दबाव-तम्बाकू कार्यकर्ताओं के साथ, यह लोकप्रियता में कमी आई है, तम्बाकू से सबसे बड़ी लाभकारी आज को सरकारों, जो कई स्थानों में करों में जोड़ देते हैं कि अधिक से अधिक तंबाकू उत्पादों की कीमत दोगुनी . कोका, poppies और कैनबिस अन्य लोकप्रिय काले बाजार में नकदी फसल है, जो के प्रसार कर रहे हैं बदलता है। संयुक्त राज्य अमेरिका में सबसे अधिक मूल्यवान नकदी फसल कैनबिस माना जाता है।

भारत की प्रमुख नकदी फसलें :- नकदी फसलों को व्यापारिक फसलें भी कहा जाता है। ये वे फसलें होती है जिनकी कृषि व्यापारिक क्रिया कलापों हेतु की जाती है। भारत की प्रमुख व्यापारिक फसलें हैं- रबड़, गन्ना, कपास, जूट, चाय, कहवा एवं तम्बाकू। (India’s major cash crops Notes in Hindi for UPSC, PCS)

  • भारत की प्रमुख व्यापारिक फसलें (भारत की प्रमुख नकदी फसलें)
    • गन्ना (Sugarcane)
    • रबड़ (Rubber)
    • कपास (Cotton)
    • चाय (Tea)
    • कहवा (कॉफी – Coffee)
    • तम्बाकू (Tobacco)
    • जूट (Jute)

भारत की प्रमुख व्यापारिक फसलें (भारत की प्रमुख नकदी फसलें)

गन्ना (Sugarcane)

  • गन्ना एक ग्रेमिनी कुल का पौधा है। धान की ही तरह यह भी एक उष्णकटिबन्धीय फसल है।
  • गन्ना भारत की सर्वाधिक सिंचित फसल है। इसे पूरी तरह से तैयार होने में 1 वर्ष का समय लगता है।
  • गन्ना एवं चीनी उत्पादन में भारत, ब्राजील के बाद दूसरे स्थान पर आता है। जबकि चीनी की खपत में भारत प्रथम स्थान पर है।
  • प्रति हेक्टेयर उत्पादन में विश्व में हवाई प्रथम एवं क्यूबा दूसरे स्थान पर आता है।
  • भारत में सर्वाधिक गन्ना एवं चीनी उत्पादक राज्य क्रमशः – 1. उत्तर प्रदेश – भारत की कुल चीनी का 45%, 2. महाराष्ट्र हैं।
  • भारत में सर्वाधिक चीनी मिलें महाराष्ट्र में है।
  • गन्ना उत्पादन के लिए दक्षिण भारत की जलवायु अधिक उपयुक्त है। अतः दक्षिण भारत का गन्ना अधिक रस वाला होता है।
  • भारतीय चीनी तकनीकी संस्थान- कानपुर(उत्तर प्रदेश) में स्थित है।
  • भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान- लखनऊ(उत्तर प्रदेश) में स्थित है।
  • भारत सरकार प्रति वर्ष गन्ने का “उचित और लाभकारी मूल्य” तय करती है। यह वह मूल्य है जो चीनी मिलों द्वारा गन्ना किसानों को चुकाना
  • अनिवार्य है।
  • गन्ना एक C4 पौधा है।
  • भारत में कपड़ा उद्योग के बाद चीनी उद्योग देश का दूसरा सबसे बड़ा कृषि आधारित उद्योग है।

रबड़ (Rubber)

  • रबड़ एक उष्णकटिबन्धीय पौधा है।
  • रबड़ मूलतः अमेजन नदी की घाटी(ब्राजील) का पौधा है।
  • विश्व में रबड़ का सबसे अधिक उत्पादन ब्राजील में होता है।
  • भारत प्रति हेक्टेयर उत्पादन में विश्व में प्रथम परन्तु कुल उत्पादन में विश्व में चौथे स्थान पर आता है।
  • भारत में सर्वाधिक उत्पादन “केरल” राज्य में होता है।
  • “पारा” किस्म का रबड़ विश्व में सर्वोत्तम माना जाता है।
  • रबड़ को वृक्ष के पत्ते के दूध (लैटेक्स) से प्राप्त का जाता है।
  • रबड़ के वृक्ष के उत्पादन की अनुकूल परिस्थितियां हैं-
    i. उच्च तापमान एवं धूप।
    ii. 200 से०मी० से अधिक वार्षिक वर्षा।
    iii. लैटेराइट या लाल मृदा का क्षेत्र।

कपास (Cotton)

  • कपास मालवेसी कुल का पौधा है।
  • भारत में कपास की खेती का क्षेत्रफल विश्व में सर्वाधिक है।
    कुल कपास उत्पादन या प्रति हेक्टेयर उत्पादन में भारत का स्थान चीन के बाद दूसरा है।
  • भारत में लावा मिट्टी जिसे काली मिट्टी या रेगुर मिट्टी भी कहा जाता है, के क्षेत्र में की जाती है। प्रमुखतः गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश एवं पंजाब में।
  • कपास उत्पादन में गुजरात प्रथम स्थान पर है। ये भारत के कुल उत्पादन का 34% उत्पादन स्वयं करता है।
  • भारतीय कपास के रेशे की लम्बाई 2.5 से 5 से०मी० तक होती है।
  • कपड़ा उद्योग देश का सबसे बड़ा संगठित उद्योग है।

चाय (Tea)

  • चाय की व्यापारिक खेती सर्वप्रथम वर्ष 1834 में अंग्रेजों द्वारा असम घाटी में शुरू की गयी थी।
  • चाय मूलतः चीनी पौधा है।
  • चाय की खेती के लिए अनुकूल दशाएं-
    i. 150-250 से०मी० वार्षिक वर्षा।
    ii. उच्च तापमान।
    iii. भूमि पर्वतीय ढ़ालदार होनी चाहिए ताकि वर्षा का जल जड़ों में जमा न होने पाये।
    iv. गंधक युक्त मिट्टी की आवश्यकता।
  • भारत में तीन चाय के शीर्ष उत्पादक राज्य क्रमशः है-
    i. असम – भारत के कुल उत्पादन का 50%
    ii. पश्चिम बंगाल
    iii. तमिलनाडु – दक्षिण भारत का अकेला अग्रणी राज्य है।
  • असम में ब्रह्मपुत्र एवं सूरमा नदी की घाटी में चाय की खेती की जाती है।
  • विश्व के तीन शीर्ष चाय उत्पादक देश हैं –
    i. चीन
    ii. भारत
    iii. केन्या
  • विश्व में शीर्ष तीन चाय निर्यातक देश –
    i. केन्या
    ii. चीन
    iii. श्रीलंका

कहवा (कॉफी – Coffee)

  • कहवा अथवा कॉफी का मूल स्थान अमेजन नदी की घाटी(ब्राजील) है।
  • भारत में 17वीं शताब्दी में अरब क्षेत्र से लाकर दक्षिण भारत में बाबा बुदन की पहाड़ी पर लगाया गया था।
  • कहवा की खेती दक्षिण भारत की पर्वतीय ढालों तक ही सीमित है, कर्नाटक, केरल एवं तमिलनाडु। सर्वाधिक उत्पादन कर्नाटक में 68% और फिर केरल में होता है।
  • कहवा की कुल 5 किस्में होती हैं। भारत में केवल अरेबिका(68% क्षेत्रफल में) तथा रोबस्टा की खेती होती है।
  • कहवा के शीर्ष 3 उत्पादक देश क्रमशः निम्नलिखित हैं-
    i. ब्राजील
    ii. वियतनाम
    iii. इंडोनेशिया
  • चाय के पौधे से एक वर्ष में 3 बार पत्तियां चुनी जाती है। परन्तु कॉफी का पौधा 4 वर्ष में एक बार कली देता है।

तम्बाकू (Tobacco)

  • तम्बाकू का मूल स्थान अमेजन नदी की घाटी(ब्राजील) है।
  • तम्बाकू की दो किस्में पायी जाती हैं –
    i. निकोटियाना टोबैकम- तम्बाकू की इस किस्म को भारत में उगाया जाता है।
    ii. रस्टिका
  • सर्वप्रथम 17वीं शताब्दी में जहांगीर के काल में पुर्तगालियों द्वारा भारत लाया गया था।
  • भारत के दो शीर्ष तम्बाकू उत्पादक राज्य हैं –
    i. आन्ध्र प्रदेश
    ii. गुजरात
  • विश्व में सबसे बड़ा तम्बाकू उत्पादक और उपभोक्ता देश है –
    i. चीन
    ii. भारत

जूट (Jute)

  • जूट एक रेशेदार फसल है।
  • भारत का 70% जूट पश्चिम बंगाल में उगाया जाता है।
  • गंगा-ब्रह्मपुत्र डेल्टा को जूट उत्पादन में एकाधिकार प्राप्त है।
  • विश्व का सर्वाधिक जूट उत्पादक देश बांग्लादेश है।

इन्हें भी पढ़ें —

  • भारत की प्रमुख दलहन एवं तिलहन फसलें
  • भारत की प्रमुख खाद्यान्न फसलें
  • भारत में कृषि

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नकदी फसल क्या है in Hindi?

मोटे अनाज वाली पारंपरिक खेती से हटकर जो पैदावार ली जाती है, वे नगदी फसलें होती हैं। इससे कम समय में ही किसानों को फायदा पहुंचता है। हमारे देश में गन्ना एक प्रमुख नगदी फसल है। इसके अलावा आलू, सरसों, दाल और सब्जियां को भी नगदी फसलों में शामिल किया जाता है।

नकदी फसल में कौन कौन से आते हैं?

कई उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में, जूट, कॉफी, कोको, गन्ना, केला, संतरा और कपास आम नकदी फसलें हैं। कूलर क्षेत्रों में अनाज फसलों, तेल फसलों उपज और कुछ सब्जियों प्रबल होना, इस का एक उदाहरण के संयुक्त राज्य अमेरिका है, जहां मक्का, गेहूं, सोयाबीन प्रमुख नकदी फसलों रहे हैं

खाद फसल और नकदी फसल में क्या अंतर है?

Solution : वैसी फसल जिसके उत्पादन को सीधे बाजार में बेचकर नकद पैसा प्राप्त किया जाता है नकदी फसल कहलाती है। जैसे-आम, केला, लीची इत्यादि। वैसी फसल जिसे एक बार लगाकर कई वर्षों तक उत्पादन प्राप्त किया जाता है, रोपण कृषि कहलाती है। जैसे–चाय, कॉफी।

उत्तर प्रदेश की नकदी फसल कौन सी है?

सही उत्‍तर है → गन्ना। गन्ना उत्तर प्रदेश की सबसे महत्वपूर्ण नकदी फसल है। मुजफ्फरनगर, मेरठ, सहारनपुर और शामली सर्वाधिक गन्ना उत्पादक जिले हैं।

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