इसे सुनेंरोकेंकबड्डी का वर्तमान स्वरूप 1920 के दशक में महाराष्ट्र से शुरू हुआ, इसी समय इस खेल के नए नियम बनाए गये. तथा पेशेवर खेल के रूप में कबड्डी को भी शामिल किया जाने लगा. 1936 के बर्लिन ओलम्पिक में पहली बार कबड्डी को शामिल किये जाने के बाद विश्व के लोग इससे परिचित हुए. भारत में 1938 में इसे राष्ट्रीय खेलों में सम्मिलित किया गया.
कबड्डी की शुरुआत कहां से हुई?
इसे सुनेंरोकेंउत्तर कबड्डी मूलरूप से एक भारतीय खेल है. इसकी शुरुआत कब हुई यह कहना कठिन है लेकिन यह बड़ा प्राचीन खेल है. कुछ लोगों का मानना है कि इसकी शुरुआत कुरुक्षेत्र के युद्ध में हुई. अर्जुन का पुत्र अभिमन्यु सात योद्धाओं से लड़ रहा था जिसे महाभारत में चक्रव्यूह की घटना कहते हैं.
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कबड्डी के अन्य नाम?
इसे सुनेंरोकेंकबड्डी एक खेल है, जो मुख्य रूप से भारतीय उपमहाद्वीप में खेली जाती है। कबड्डी नाम का प्रयोग प्राय: उत्तर भारत में किया जाता है, इस खेल को दक्षिण में चेडुगुडु और पूर्व में हु तू तू के नाम से भी जानते हैं। यह खेल भारत के पड़ोसी देश नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका और पाकिस्तान में भी उतना ही लोकप्रिय है।
कबड्डी की टीम में कितने खिलाड़ी होते हैं?
इसे सुनेंरोकेंकबड्डी क्या है कबड्डी मैच दो टीमों के बीच में खेला जाता है। दोनों टीमों में 7-7 खिलाड़ी मैदान में खेलते हैं।
कबाड़ी का इतिहास?
इसे सुनेंरोकेंलेकिन इतिहासकारों की माने तो भारतीय कबड्डी का इतिहास, कबड्डी की उत्पत्ति भारत के तमिलनाडु राज्य से हुई है क्योंकि कबड्डी तमिल शब्द ‘काईपीडी’ से उत्पन्न हुआ है,जिसका मतलब होता है ‘हाथ थामे रहना’| लेकिन वर्तमान समय की कबड्डी का श्रेय महाराष्ट्र को जाता है जो 1915 से 1920 के बीच कबड्डी के नियमों की प्रक्रिया शुरू की गई| …
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कबड्डी दिवस कब मनाया जाता है?
इसे सुनेंरोकेंजवाब: भारत में 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है।
कबड्डी खेल को महाराष्ट्र में किस नाम से जाना जाता है?
इसे सुनेंरोकेंइसे विभिन्न नामों से जाना जाता है जैसे दक्षिण में गुडु-गुडु, बंगाल में डो–डो और महाराष्ट्र में हू-तू-तू के नाम से जाना जाता है। कबड्डी फेडरेशन ऑफ इंडिया के नियमानुसार कबड्डी का एक ही रूप मान्य है। इस खेल को हू-तू-तू नाम महाराष्ट्र ने दिया, जहां धावा बोलने वाला (रेडर) अभी भी हू-तू-तू का प्रयोग करता है।
कबड्डी की खोज किसने की?
इसे सुनेंरोकेंवैसे तो कबड्डी को भारतीय खेल माना जाता है लेकिन इसके जन्म को लेकर अभी भी विवाद है. खेल में भारत का सबसे बड़ा प्रतिद्वंदी ईरान इस बात को नकारता है कि कबड्डी ने भारत में जन्म लिया. प्रो कबड्डी लीग के ईरानी प्लेयर मेराज शेख का कहना है कि उनके होमटाउन सिस्तान में इस खेल का जन्म लगभग 5000 साल पहले हुआ था.
कबड्डी....कबड्डी...कबड्डी... खेल के मैदान में बचपन जीने वालों के लिए ये तीन शब्द एनजी देने वाले किसी मंत्र से कम नहीं. बचपन का सबसे खूबसूरत खेल दुनिया के तमाम देशों में खेला जाता है. भारत में तो कबड्डी को महाभारत काल से जोड़कर देखा जाता है. कहते हैं कि कबड्डी सबसे पहले अभिमन्यु से जानी जाती है. चार दिन बाद प्रो कबड्डी लीग शुरू हो रहा है, आइए इससे पहले जानते हैं, कबड्डी के पूरे इतिहास को.
एक पौराणिक मान्यता के अनुसार जब महाभारत युद्ध में अर्जुन पुत्र अभिमन्यु के लिए कौरवों ने चक्रव्यूह रचाया. ये सात युद्ध वीरों से सजा हुआ एक चक्रव्यूह था. इसे अभिमन्यु भेदने में तो सफल हो गया, लेकिन इससे बाहर नहीं निकल सका. वो युद्ध में ही वीरगति को प्राप्त हो गया. इसे कबड्डी से जोड़कर देखने का एक पहलू ये भी है. आगे पढ़ें.
मान्यता है कि अभिमन्यु के चक्रव्यूह को भेदने का पूरा तरीका ही कबड्डी पर आधारित था. कहते हैं कि ठीक चक्रव्यूह की तरह ही कबड्डी में एक तरफ सात खिलाड़ी रखने का नियम भी इसीलिए है. तब से गुरुकुलों में शिष्यों को कबड्डी सिखाया जाने लगा. इस तरह ये घर-घर में फेमस हो गया.
इतिहासकार कबड्डी के बारे में दूसरा ही तथ्य देते हैं. इतिहास के मुताबिक कबड्डी तमिलनाडु राज्य से आया खेल है. इसका नाम भी तमिल शब्द काइपीडी से बना है, जिसका अर्थ हाथ पकड़े रहना होता है. वहीं 1915 से 1920 के बीच कबड्डी का क्रेडिट महाराष्ट्र को दिया जाता है.
एक तरह से देखा जाए तो कबड्डी के इतिहास को लेकर आज भी विवाद है. भले ही इसे भारतीय खेल कहा जाता है लेकिन इस खेल में भारत के साथ प्रतिष्पर्धा करने वाला देश ईरान का दावा है कि कबड्डी उनके देश की उत्पत्ति है.
प्रो कबड्डी लीग में खेलने वाले ईरान के खिलाड़ी मेराज शेख ने मीडिया को बयान दिया था कि जहां उनका जन्म हुआ वो जिला सिस्तान है. उनका दावा है कि सिस्तान में इस खेल का जन्म लगभग 5000 साल पहले हुआ था. ESPN से बातचीत में उन्होंने कहा था कि ईरान इस खेल की असल जन्मभूमि है. वो बताते हैं कि इसका जिक्र कई पुरानी किताबों में भी किया गया है.
सिर्फ इरान ही नहीं हमारे पड़ोसी देश बांग्लादेश ने तो इस खेल को अपना राष्ट्रीय खेल घोषित किया है. बीजिंग ने 1990 के एशियन गेम्स में कबड्डी को शामिल किया गया.