लम्बी आयु का स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है? - lambee aayu ka svaasthy par kya prabhaav padata hai?

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अगर जीना चाहते हैं 100 साल तो अपनाएं ये डाइट टिप्स

आजकल हर कोई लम्बा और स्वस्थ जीवन जीना चाहता है। पर आजकल की भागदौड़ भरी लाइफ बहुत कम लोग ही लम्बा और स्वस्थ जीवन जी पाते हैँ। इसका सबसे बड़ा कारण असंतुलित खान-पान है। पर आपको घबराने की जरूरत नहीं...

लम्बी आयु का स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है? - lambee aayu ka svaasthy par kya prabhaav padata hai?

Mohanलाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्ली Tue, 08 May 2018 05:50 PM

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आजकल हर कोई लम्बा और स्वस्थ जीवन जीना चाहता है। पर आजकल की भागदौड़ भरी लाइफ बहुत कम लोग ही लम्बा और स्वस्थ जीवन जी पाते हैँ। इसका सबसे बड़ा कारण असंतुलित खान-पान है। पर आपको घबराने की जरूरत नहीं है। आप अपने दैनिक जीवन और लाइफ स्टाइल में थोड़ा बहुत बदलाव करके अपनी उम्र काफी बढ़ा सकते हैं और 100 साल तक जी सकते हैं।  

लम्बी उम्र के लिए सबसे पहले आपको एक प्रण लेना होगा कि आप एक स्वस्थ जीवन शैली का हिस्सा बनेंगे क्योंकि बिना दृढ़संकल्प के यह सब होना मुश्किल है। रोज व्यायाम करने, वजन घटाने और डायटिंग करने से उम्र बढ़ाने में मदद मिलती है। इन सभी कार्य के नियमित पालन से आप आसानी से 100 साल तक जिंदा रह सकते हैं। अगर 100 साल नहीं तो कम से कम लम्बी आयु तो आसानी से पा ही सकते हैं। 

इटली के कुछ गांवों में 90 साल से ऊपर के व्यक्तियों पर किए गए सर्वे के मुताबिक व्यायाम कसरत और संतुलित खाना खाने के अलावा जिद्दीपन और लचीलापन
के कारण भी वे इतने सालों तक जीवित रह पाए हैं। 

अंतर्राष्ट्रीय फिकोगेरियेट्रिक्स में छपी खबर के मुताबिक, इस अध्ययन में माइग्रेशन, दर्दनाक घटनाओं और उनकी मान्यताओं जैसे विषयों पर इटली के सिल्टो प्रांत से 29 ग्रामीणों की प्रतिक्रिया मिली। इसके अलावा कई ऐसी महत्वपूर्ण चीजें हैं जिसको हम अपने डेली रूटीन लाइफ में लाकर 100 साल तक जिंदा रह सकते हैं।

फैट संयमित हो
वसा अच्छे और बुरे दोनों तरह के होते हैं। हमें अधिक वसा जलाने के लिए, अच्छी वसा की नियमित खुराक की आवश्यकता होती है, जिसे असंतृप्त वसा भी कहा जाता है। ये प्राकृतिक एनर्जी कैप्सूल हैं जो आपके एनर्जी के स्तर में सुधार करने में मदद करते हैं। यदि आप रोजाना रोजाना कसरत करते हैं, तो अच्छा वसा आपके धैर्य के स्तर को बढ़ाकर अपने प्रदर्शन में अधिक एनर्जी का संचार करते हैं।

अधिक ताजा खाना
एक स्वस्थ जीवन जीने का प्राथमिक सिद्धांत ताजा भोजन खाना है। ताजा खाना पदार्थों में पाए जाने वाले रसायनों के आपके शरीर के संपर्क को कम कर देगा, जिनमें से कुछ के बारे में हम सही से जानते तक नहीं हैं।

कम खाने का सेवन
कम भोजन खाने से स्वस्थ उम्र बढ़ने को बढ़ावा मिलता है क्योंकि यह आपके शरीर की कोशिकाओं को किसी हानिकारक प्रभाव या बिगड़ने से बचाता है। कुछ चिकित्सा अध्ययनों के मुताबिक, यह कैंसर के खतरे को भी कम कर देता है।

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रोजाना कम से कम आधा कप बीन्स आपकी सेहत पर सकारात्मक असर डाल सकती है। आप अपनी रोजाना की खुराक में काले, गारबानों और सफेद बीन्स को शामिल करें। इन बीन्स की सबसे अच्छी बात यह है कि इनमें प्रोटीन भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। साथ ही यह बेहद किफायती भी हैं। इसके अलावा इसमें फाइबर भी मौजूद होता है जो आपका वजन नियंत्रित कर सकता है। यही नहीं बीन्स में मौजूद गुण आपकी आंत के अच्छे बैक्टीरिया को भी बढ़ाते हैं, जिससे आप कई बीमारियों से बचे रहते हैं।

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दुनिया में दो ऐसी चीजें है जो जितना मिले वह कम लगता है एक धन और दूसरी आयु। इनमें भी आयु से बढ़कर कुछ भी नहीं है। भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में भले ही आत्मा के महत्व को बताया है लेकिन यह भी सत्य है कि जो जीवन हमें मिला है उसे सुरक्षित रखा जाए क्योंकि इस शरीर से जो कर्म हो सकते हैं वही हमारे आने वाले अन्य जन्मों के लिए मार्ग भी बनाते हैं। क्योंकि एक बार शरीर छूट जाने के बाद फिर दुनिया के सारे नाते, सुख समाप्त हो जाते हैं और फिर आत्मा को अनंत सफर पर नए शरीर की प्राप्ति के लिए इंतजार करना पड़ता है।

नई दिल्ली.  भारतवर्ष में हम लोग प्रियजनों के जन्मदिवस पर संस्कृत में शुभकामना देते हैं - जीवेम शरदः शतम ! अर्थात भगवान करे आप सौ वर्ष जियें. पर क्या भारत में ये सम्भव हो सका है सबके लिए? लेकिन इस दुनिया में कुछ स्थान ऐसे हैं जहां यह सम्भव हुआ है और बिना दुआ के लोग जीते हैं सौ साल क्योंकि यहां इनका जीवन इन्हें देता है शतायु होने की शुभकामना!

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एक नहीं छह जगह हैं दुनिया में

संस्कृत में कहा जाता है अयोध्या मथुरा माया काशी कांची अवंतिका.. पूरी द्वारावती चैव सप्तैता मोक्ष दायिनः. अर्थात ये सात नगरियां भारत में ऐसी हैं जहां व्यक्ति को मोक्ष मिलता है. इसी तरह छह स्थान इस दुनिया में भी ऐसे हैं जहां के रहने वाले को लम्बी आयु मिलती है. इन छह स्थानों में शामिल हैं -   जापान का ओकिनावा, इटली का सार्डीनिया, कैलिफ़ोर्निया का लोम्बा लिंडा, कोस्टारिका का निकोया और ग्रीस का इकारिया.

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ये हैं दुनिया के छह ब्लू ज़ोन

विश्व के ये छह स्थान वे क्षेत्र हैं जिन्हें वैज्ञानिक भाषा में 'ब्लू ज़ोन' कहा जाता है. ब्लू का अर्थ यहां दीर्घजीविता से है अर्थात यहां के निवासियों की औसत आयु दुनिया में सर्वाधिक है. इन छह स्थानों के रहवासियों की जीवन के स्टेडियम में आयु वाले खेल के शतकवीर होने की संभावना दुनिया में सर्वाधिक है. इन छह जगहों के बारे में किताब भी लिखी गई हैं.

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लम्बी आयु का राज़ नंबर वन

ये गौर करने वाली बात है कि इन स्थानों पर लोगों की आयु बाक़ी दुनिया से कहीं ज़्यादा क्यों है. इन छह जगहों पर रहने वालों के सौ साल की आयु को छूने की संभावना ज़्यादा क्यों होती है. एक कारण तो ये पता चला है कि दुनिया के जिन देशों में लोग शतकवीर अधिक होते हैं वहां के लोग सामान्य रूप से  फलों और सब्ज़ियों का सेवन प्रचुर मात्रा मे करते हैं. इसी कारण इन लोगों को बहुत सी ऐसी बीमारियां छू भी नहीं पातीं जो वक़्त से पहले इनकी ज़िंदगी छीन सकें.

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लम्बी आयु का राज़ नंबर टू

ब्लू ज़ोन कहे जाने वाले इलाक़ों में रहने वालों की ज़िंदगी में कई ऐसी विलक्षणताएँ हैं जो कि शेष विश्व में आदर्शवादी गुणों के रूप में महत्वमान हैं किन्तु दैनिक जीवन में अस्तित्वमान नहीं हैं. पहली सबसे अहम बात इनकी लम्बी उम्र का नंबर टू राज है - इनका खानपान. ब्लू ज़ोन इलाक़ों के लोग दैनिक तौर पर अस्सी प्रतिशत भोजन करने के बाद भोजन समाप्त कर देते हैं. वैज्ञानिक रूप से भी यह एक तथ्य है कि यदि हम रोज़ दस फ़ीसद कैलोरी कम ले रहे हैं तो हम अपनी आयु के बढ़ने की रफ़्तार को धीमा कर रहे हैं. हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के भारतीय जीन विशेषज्ञ डी. गोविंदराजू बताते हैं कि थोड़ा कम भोजन करने से  से हमारे शरीर के डीएनए में हानिकर बदलाव नहीं होते.

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लम्बी आयु का राज़ नंबर थ्री

ब्लू जोन के रहवासियों के जीवन में जो दूसरी सबसे अहम बात पाई गई है वह लगती बहुत साधारण सी है किन्तु उसका महत्व असाधारण है. इन्होने पाया कि लम्बी आयु जीने वाले इन स्थानों के लोगों में एक चीज़ अधिक है जो बाकी दुनिया में बहुत कम है और वह है दैनिक व्यायाम. यहां के लोग सामान्य जनजीवन जीते हुए दैनिक तौर पर व्यायाम करना कभी नहीं भूलते.

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लम्बी आयु का राज़ नंबर फोर

ब्लू ज़ोन वाले क्षेत्रों में लोग आदर्शवादी जीवन शैली को महत्व देते हैं जैसे कि वे शाकाहारी भोजन को प्राथमिकता देते हैं. यहां के लोग भी जो मानते हैं वैज्ञानिक भी वही मानते हैं कि शाकाहारी खाना खाने से मानव शरीर के मेटाबॉलिज़म पर अर्थात खाना पचाने की क्षमता पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है.

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लम्बी आयु का राज़ नंबर फाइव

लम्बी आयु का राज नंबर फाइव प्रत्यक्ष प्रभाव तो डालता ही है अप्रत्यक्ष रूप से भी दीर्घजीविता को प्रोत्साहित कर ता है. ब्लू ज़ोन में रहने वाले लोग सामाजिक रूप से एक दूसरे से जुड़े होते हैं और इनके आपसी स्वस्थ मैत्रीपूर्ण संबंध इनके जीवन में तनाव पैदा होने नहीं देते. इसलिए तनाव-मुक्त जीवन लम्बी आयु की आधारशिला रख देता है. अच्छे संबंध हमारे स्वास्थ्य में नकारात्मकता नहीं आने देते और सकारात्मकता बढ़ती है तो दीर्घजीविता भी बढ़ती है.

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लम्बी आयु का राज़ नंबर सिक्स 

जिस तरह सनातन धर्म जीवन शैली का रूप है उसी तरह धर्म जीवन के जीने के ढंग को बेहतर करता है. धार्मिक आस्था सकारात्मक बनाती है और आंतरिक अर्थात मानसिक और मनोवैज्ञानिक तौर पर आपका सहारा बनती है तो आपके शरीर को अंदर से भी स्वस्थ रखती है. इसलिए धार्मिक होना अर्थात आस्थावान होना भी लम्बी आयु के लिए आपकी योग्यता का परिचय होता है.

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