कथावाचक और हरिहर काका के मध्य कैसे संबंध थे *? - kathaavaachak aur harihar kaaka ke madhy kaise sambandh the *?

हरिहर काका को मंहत और भाई एक ही श्रेणी के क्यों लगने लगे?

हरिहर काका नि:संतान थे और उनके हिस्से में पंद्रह बीघे उपजाऊ जमीन थी। मंहत और भाई दोनों का उद्देश्य हरिहर काका की इसी उपजाऊ पंद्रह बीघे जमीन को अपने कब्जे में करना था। दोनों एक ही श्रेणी के लगे। उनके भाइयों की पत्नियों ने कुछ दिन तक तो हरिहर काका का ध्यान रखा फिर बची खुची रोटियाँ दी, नाश्ता नहीं देते थे। बीमारी में कोई पूछने वाला भी न था। जितना भी उन्हें रखा जा रहा था, उनकी ज़मीन के लिए था। इसी तरह मंहत ने एक दिन तो बड़े प्यार से खातिर की फिर ज़मीन अपने ठाकुर बाड़ी के नाम करने के लिए कहने लगे। काका के मना करने पर उन्हें अनेकों यातनाएँ दी। अपहरण करवाया, मुँह में कपड़ा ठूँस कर एक कोठरी में बंद कर दिया, जबरदस्ती अँगूठे का निशान लिया गया तथा उन्हें मारा पीटा गया। इस तरह दोनों ही केवल ज़मीन जायदाद के लिए हरिहर काका से व्यवहार रखते थे। अत: उन्हें दोनों एक ही श्रेणी के लगे।

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कथावाचक और हरिहर काका के बीच क्या संबंध है और इसके क्या कारण हैं?

कथावाचक और हरिहर के बीच मधुर, आत्मीय और गहरे संबंध है। कथावाचक जब छोटा था तब से ही हरिहर काका उसे बहुत प्यार करते थे। जब वह बड़े हो गए तो वह हरिहर काका के मित्र बन गए। गाँव में इतनी गहरी दोस्ती और किसी से नहीं हुई। हरिहर काका उनसे खुल कर बातचीत करते थे। यही कारण है कि कथावाचक को उनके एक-एक पल की खबर थी। शायद अपना मित्र बनाने के लिए काका ने स्वयं ही उसे प्यार से बड़ा किया और इतंजार किया।

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अनपढ़ होते हुए भी हरिहर काका दुनिया की बेहतर समझ रखते हैं। कहानी के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

हरिहर काका अनपढ़ थे फिर भी उन्हें दुनियादारी की बेहद समझ थी। वे यह जानते थे कि जब तक जमीन उनके पास है तब तक सभी उनका आदर करेंगें। उनके भाई लोग उनसे ज़बरदस्ती ज़मीन अपने नाम कराने के लिए डराते थे तो उन्हें गाँव में दिखावा करके ज़मीन हथियाने वालों की याद आती थी। काका ने उन्हें नारकीय जीवन जीते देखा था इसलिए उन्होंने ठान लिया था चाहे मंहत उकसाए चाहे भाई दिखावा करे वह ज़मीन किसी को भी नहीं देंगे। एक बार मंहत के उकसाने पर भाइयों के प्रति धोखा नहीं करना चाहते थे परन्तु जब भाइयों ने भी धोखा दिया तो उन्हें समझ में आ गया उनके प्रति उन्हें कोई प्यार नहीं है। जो प्यार दिखाते हैं वह केवल ज़ायदाद के लिए है

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हरिहर काका को जबरन उठा ले जाने वाले कौन थे? उन्होंने उनके साथ कैसा बर्ताव किया?

हरिहर काका को जबरन उठा ले जाने वाले लोग महंत के आदमी थे। वे रात के समय हथियारों से लैस होकर आते हैं और हरिहर काका को ठाकुरबारी उठा कर ले जाते हैं। उसने हरिहर काका को कई बार ज़मीन जायदाद ठाकुर बाड़ी के नाम कर देने को कहा परन्तु वो नही मान रहे थे। मंहत ने अपने चेले साधुसंतो के साथ मिलकर उनके साथ बड़ा ही दुर्व्यवहार किया, उनके हाथ पैर बांध दिए, मुहँ में कपड़ा ठूँस दिया और जबरदस्ती अँगूठे के निशान लिए, उन्हें एक कमरे में बंद कर दिया। जब पुलिस आई तो स्वयं गुप्त दरवाज़े से भाग गए।

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ठाकुरबारी के प्रति गाँव वालों के मन में अपार श्रद्धा के जो भाव हैं उससे उनकी किस मनोवृत्ति का पता चलता है? 

ठाकुरबारी के प्रति गाँववालों के मन में जो अपार श्रद्धा के भाव थे उनसे गाँववालों की ठाकुरजी के प्रति अगाध विश्वास, भक्ति-भावना ईश्वर में आस्तिकता, और एक प्रकार की अंधश्रद्धा जैसी मनोवृतियों का पता चलता है। क्योंकि गाँववाले अपनी हर छोटी-बड़ी सफलता का श्रेय ठाकुरबारी को ही देते थे। कहा जाता है गाँव के लोग भोले होते हैं। असल में गाँव के लोग अंध विश्वासी धर्मभीरु होते हैं। मंदिर जैसे स्थान को पवित्र, निष्कलंक, ज्ञान का प्रतीक मानते हैं। पुजारी, पुरोहित मंहत जैसे जितने भी धर्म के ठेकेदार हैं उन पर अगाध श्रद्धा रखते हैं।

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कथावाचक और हरिहर काका के बीच कैसे सम्बन्ध थे?

Solution : कथावाचक और हरिहर काका के बीच गहरा प्रेम और स्नेह का सबंध था। हरिहर काका कथावाचक के पड़ोसी थे, उन्होंने कथावाचक को पिता की तरह प्यार दिया था और बचपन में अपने कंधे पर बैठाकर गाँव में घुमाया करते थे। लेखक हरिहर काका से कुछ नहीं छिपाते थे। यही कारण है कि दोनों में उमर का अंतर होते हुए भी मित्रता हो गई थी।

कथाकार और हरिहर काका के बीच क्या संबंध था पाठ हरिहर काका के आधार पर सही विकल्प चुनिए?

हरिहर काका कथावाचक के पड़ोसी थे। कथावाचक की माँ के अनुसार हरिहर काका ने उसे बचपन में बहुत प्यार किया था। कथावाचक के बड़े होने पर उसकी पहली दोस्ती हरिहर काका के साथ ही हुई थी। दोनों आपस में बहुत ही खुल कर बातें करते थे।

बोध प्रश्न 1 कथावाचक और हरिहर काका के बीच क्या संबंध है और इसके क्या कारण हैं?

Answer: कथा वाचक और हरिहर काका के बीच मधुर और आत्मीय दोस्ती का संबंध है , क्योंकि हरिहर काका कथा वाचक को उसके बचपन से ही बहुत अधिक प्रेम करते थे हरिहर काका और कथा वाचक को एक दूसरे से संबंधित हर खबर रहती थी और आगे चलकर वे कथा वाचक के पहले मित्र बने।

हरिहर काका और लेखक के संबंधों की चर्चा करते हुए बताइए कि यदि आप लेखक की जगह होते तो क्या करते?

अगर मैं लेखक के जगह होती तो मैं हरिहर काका को यह सलाह देती कि उन्हें बहुत पहले ही अपने भाइयों का घर छोड़, उनसे अपनी ज़मीन लेकर अपने खुदके घर में मौज कि ज़िदंगी काटनी चाहिए थी।

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