कठिन काव्य का प्रेत किस कवि का विशेषण है - kathin kaavy ka pret kis kavi ka visheshan hai

हिंदी साहित्य के लेखकों के उपनाम व उपाधि

लेखकों के उपनाम/उपाधि आदि जानना क्यों जरुरी है?

हिंदी साहित्य के अनेक कवियों/लेखकों ने अपना उपनाम रखा और उपनाम से ही जाने गए तथा लोकप्रिय भी हुए। कईयों का तो मूल नाम भी लोगो को पता नहीं। इसीतरह कई कवियों और लेखकों ने अपना लोकप्रिय नाम रख लिया, कई को नए नाम से उपाधियाँ भी मिली वहीं कुछ ने छद्म नाम से अनेक लेख पत्र-पत्रिकाओं में लिखा जिसमें महावीर प्रसाद द्विवेदी का प्रसंग लोकप्रिय है। नीचे हिंदी के प्रमुख कवियों/लेखकों मूल नाम/उपनाम/लोकप्रिय नाम/उपाधि/छद्म नाम दिए जा रहें हैं क्योंकि अक्सर इनसे प्रश्न बन जाते हैं।

प्रमुख कवियों/लेखकों के मूल नाम/ लोकप्रिय/छद्म/उपनाम/उपाधि की सूची

prmukh kaviyon/lekhkon ke mool nam/lokpriy/chhdm/upnam/upadhi list निम्नलिखित है-

मूल नामउपनाम /उपाधि
बाल्मीकि आदि कवि
स्वयंभू अपभ्रंश का बाल्मीकि तथा व्यास
पुष्पदंत हिंदी का भवभूति / भाखा की जड़ / कवि कुल तिलक
सरहपा हिन्दी का प्रथम कवि
हेमचंद प्रकृति का पाणिनि / कलिकाल सर्वज्ञ
धनपाल सरस्वती
अब्दुल हसन अमीर खुसरो / हिन्दुस्तान की तूती
विद्यापति कवि शेखर / मैथिल कोकिल / अभिनव जयदेव / कवि कंठहार / पंचानन
असाइत प्रथम सूफी कवि
सूरदास अष्टछाप का जहाज / पुष्टिमार्ग का जहाज / खंजन नयन / वात्सल्य रस सम्राट
नंददास जड़िया और गढ़िया कवि
तुलसीदास कवि शिरोमणि / मानस का हंस / लोक नायक / हिन्दी का जातीय कवि
अब्दुर्रहीम ‘खानेखाना’ रहीम
केशवदास कठिन काव्य का प्रेत
मतिराम पुराने पंथ के पथिक
घनानंद प्रेम की पीर का कवि / साक्षात रसमूर्ति / जबाँदानी का दावा रखनेवाला कवि
सैयद गुलाम नबी रसलीन
मुंशी सदासुख लाल नियाज
लाला भगवान दीन दीन
जगन्नाथ दास रत्नाकर
शिव प्रसाद सिंह सितारे हिन्द
हरिश्चन्द्र भारतेन्दु / रसा / हिन्दी नवजागरण का अग्रदूत / हिन्दी साहित्य में आधुनिकता के जन्मदाता
बदरी नारायण चौधरी अब्र / प्रेमघन
महावीर प्रसाद द्विवेदी भुजंगभूषण भट्टाचार्य / सुकवि किंकर / कल्लू अल्हइत
नाथूराम शर्मा कविता कामिनी कांत / भारतेन्दु प्रज्ञेन्दु / साहित्य सुधाकर / शंकर
अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध / कवि सम्राट
राय देवी प्रसाद पूर्ण
गया प्रसाद शुक्ल स्नेही / त्रिशूल
मैथलीशरण गुप्त राष्ट्रकवि / दद्दा  / रसिकेंद्र
बाल मुकुंद गुप्त शिवशंभु
जयशंकर प्रसाद झारखण्डी / कलाधर / आधुनिक कविता के सुमेरु
सूर्यकांत त्रिपाठी निराला / महाप्राण / साहित्य शार्दूल / श्रीमान गरराज सिंह वर्मा
सुमित्रा नंदन पंत प्रकृति का सुकुमार कवि / गोसाई दत्त पंत / अप्सरा लोक का कवि / साईदा
महादेवी वर्मा आधुनिक युग की मीरा
माखन लाल चतुर्वेदी एक भारतीय आत्मा
वैद्यनाथ मिश्र नागार्जुन / यात्री / जनकवि / बाबा / ठक्कर मिसिर
त्र्यंबक वीर राघवाचार्य रांगेय राघव
रामधारी सिंह दिनकर / अधैर्य का कवि / समय-सूर्य
बालकृष्ण शर्मा नवीन
शिव मंगल सिंह सुमन / विभ्रात वासना के कवि
गोपाल शरण सिंह नेपाली
हरिवंश राय बच्चन / हालावादी कवि / जनता के बीच का कवि
सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय / कठिन गद्य का प्रेत / कुट्टि चातन
शमशेर बहादुर सिंह कवियों का कवि / मूड्स के कवि / बात के कवि / कुलदीप सिंह
सुदामा पांडे धूमिल
वृंदावन लाल वर्मा बुंदेलखंड का चंदबरदाई
भगवतीचरण वर्मा स्वरति के कवि
शिव पूजन सहाय शिव / भाषा का जादूगर/ हिंदी भूषण
भुनेश्वर प्रसाद मिश्र माधव
पाण्डेय बेचन शर्मा उग्र / अष्ट्रावक्र
उपेन्द्र नाथ अश्क
रामेश्वर शुक्ल अंचल / मांसलवादी
हरिकृष्ण प्रेमी
रमाशंकर शुक्ल रसाल
गजानन माधव मुक्तिबोध / भयानक खबरों का कवि
वासुदेव सिंह त्रिलोचन / किदवंती पुरुष / अवध का किसान कवि
दुष्यंत कुमार हिन्दी गजलों के राजकुमार
विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक / विजयानंद दुबे
चण्डी प्रसाद हृदयेश
फणीश्वर नाथ रेणु / धरती का धन
चन्द्रधर शर्मा गुलेरी
राजेन्द्र बाला घोष बंग महिला
शरतचंद्र आवारा मसीहा
विद्यानिवास मिश्र भ्रमरानंद / परंपरा जीवी
हरिहर प्रसाद द्विवेदी वियोगी हरि / गद्य काव्य का लेखक
गणेश बिहारी मिश्र, श्याम बिहारी मिश्र व शुक्रदेव बिहारी मिश्र मिश्रबंधु
रामचंद्र शुक्ल मुनि मार्ग के हिमायती
नंद दुलारे बाजपेयी सौष्ठववादी / स्वच्छंदतावादी आलोचक
हजारी प्रसाद द्विवेदी वैधनाथ द्विवेदी / व्योमकेश / बीसवीं सदी का बाण भट्ट
धनपत राय प्रेमचंद / नवाब राय / उपन्यास सम्राट / कहानी सम्राट / कलम का सिपाही / कलम का मजदूर / भारत का मैक्सिम गोर्की
नगेन्द्र रसवादी आलोचक
नेमिचन्द्र जैन आलोचकों का आलोचक
किशोरीदास बाजपेयी हिन्दी के पाणिनी
राम विलास शर्मा अगिया बैताल / निरंजन
आनंदीलाल जैनेन्द्र / उत्तर भारत का शरतचंद्र
कैलास सक्सेना कमलेश्वर
महेंद्र कुमारी मन्नू भंडारी
श्रीराम वर्मा अमरकांत
गुलशेर खां शानी
दत्तात्रेय बालकृष्ण कालेलकर काका कालेलकर
प्रभुलाल गर्ग काका हाथरसी
मनोहर श्याम जोशी कल के वैज्ञानिक
अभिमन्यु अनत शबनम

कठिन काव्य का प्रेत कौन से कवि को कहा जाता है?

इस प्रकार की क्लिष्टता के कारण ही केशव की कविता 'कठिन काव्य के प्रेत' के रूप में जानी गयी।

किस कवि को कठिन काव्य का प्रेत कहा जाता है और क्यों?

केशवदास को कठिन काव्य का प्रेत कहते हैं। ये अलंकार वादी सम्प्रदाय के थे । अपनी रचनाओं में अलंकारों के अधिक प्रयोग के कारण रचनाओं का काव्यपक्ष दब गया और रचनायें क्लिष्ट हो गईं।

Keshav को कठिन काव्य का प्रेत क्यों कहा जाता है?

इसे सुनेंरोकेंप्रश्न 7 कवि केशव को कठिन काव्य का प्रेत क्यों कहा गया है? उत्तर – कवि केशवदास की रचनाओं में उक्ति वैचित्र्य, चमत्कार पूर्ण अलंकार व प्रकाण्ड पाण्डित्य का प्रदर्शन पर्याप्त रूप से मिलता है जो अपने आप में जटिलता लिये हुए है इसीलिये इन्हें कठिन काव्य का प्रेत कहा गया है।

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