Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Summary Chapter 27 पांडवों और कौरवों के सेनापति
- January 3, 2022
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Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Summary Chapter 27 पांडवों और कौरवों के सेनापति
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Bal Mahabharat Katha Class 7 Questions Answers Summary in Hindi Chapter 27 पांडवों और कौरवों के सेनापति
Bal Mahabharat Katha Class 7 Questions Answers in Hindi Chapter 27
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प्रश्न 1.
पांडवों की सेना में कौन-कौन प्रमुख वीर थे? उन्होंने किस को अपना सेनापति बनाया ?
उत्तर:
पांडवों की सेना में द्रुपद, विराट, धृष्टद्युम्न, शिखंडी, सात्यकि, चेकितान, भीमसेन जैसे महारथी थे। परंतु अर्जुन की राय से उन्होंने धृष्टद्युम्न को सेनापति नियुक्ति किया।
प्रश्न 2.
कौरव सेना ने अपना सेनापति किसे बनाया। उन्होंने क्या निश्चय किया था ?
उत्तर:
भीष्म को कौरव सेना का सेनापति बनाया गया। भीष्म ने निश्चय किया था कि जानबूझ कर स्वयं आगे आकर मैं पांडु पुत्रों का वध नहीं करूँगा। उनका कहना था कि कर्ण लोगों का बहुत ही प्यारा है। वह सदा से ही मेरी सम्मतियों का विरोध करता आया है।
प्रश्न 3.
कर्ण ने क्या निश्चय किया था ?
उत्तर:
कर्ण ने निश्चय किया था कि जब तक भीष्म जीवित रहेंगे तब तक वह युद्ध भूमि में प्रवेश नहीं करेगा। भीष्म के मारे जाने के बाद ही वह युद्ध में भाग लेगा और केवल अर्जुन को ही मारेगा।
प्रश्न 4.
कौन-कौन से राजाओं ने महाभारत के युद्ध में भाग नहीं लिया था ?
उत्तर:
महाभारत के युद्ध में केवल बलराम व कृष्ण की पत्नी के भाई रुक्मी ने भाग नहीं लिया। ये दोनों ही तटस्थ रहे।
प्रश्न 5.
कौरवों की सेना की व्यूह रचना देखकर युधिष्ठिर ने अर्जुन को क्या आज्ञा दी ?
उत्तर:
युधिष्ठिर ने अर्जुन से कहा कि एक जगह सब वीरों को इकट्ठे रहकर लड़ना होगा। सेना को सूची-मुख व्यूह में सज्जित करो।
प्रश्न 6.
अर्जुन के मन में क्या शंका उत्पन्न हुई ?
उत्तर:
अर्जुन ने जब अपने सम्मुख खड़े वीरों को देखा तो उसने सोचा कि हम यह क्या करने जा रहे हैं। अर्जुन के इस भ्रम को दूर करने के लिए श्रीकृष्ण ने कर्मयोग का उपदेश दिया जिसे हम सभी जानते हैं।
प्रश्न 7.
युधिष्ठिर अचानक ही अपना धनुष बाण उतारकर कौरव सेना की ओर क्यों चल पड़े ?
उत्तर:
युधिष्ठिर बड़ों की आज्ञा लेकर ही युद्ध करना चाहते थे। अतः वह इस प्रकार भीष्म और द्रोण से युद्ध की आज्ञा लेने के लिए कौरव सेना के बीच पहुँच गए।
प्रश्न 8.
कौरव सेना के कौन-कौन सेनापति रहे ?
उत्तर:
भीष्म के नेतृत्व में कौरव-वीरों ने दस दिन युद्ध किया। भीष्म के आहत होने पर द्रोण सेनापति बने। द्रोण के खेत रहने पर कर्ण सेनापति बने। कर्ण भी सत्रहवें दिन के युद्ध में मारे गए। इसके बाद शल्य सेनापति बने और ये सभी अट्ठारह दिनों में समाप्त हो गए।
Bal Mahabharat Katha Class 7 Summary in Hindi Chapter 27
श्रीकृष्ण के उपप्लव्य लौट आने पर युधिष्ठिर ने अपने भाइयों को सेना सुसज्जित करने के लिए कहा। अर्जुन की सलाह पर धृष्टद्युम्न को पांडव सेना का सेनापति बनाया गया। कौरव सेना ने भीष्म को अपना नायक बनाया। उनका कहना था कि युद्ध का संचालन कर मैं अपना ऋण चुका दूंगा। मैं जानबूझ कर पांडु पुत्रों का वध नहीं करूँगा। उधर कर्ण ने ठान लिया कि जब तक भीष्म जीवित रहेंगे, तब तक वह युद्ध भूमि में प्रवेश नहीं करेगा।
इधर युद्ध की तैयारियाँ हो रही थीं उधर बलराम पांडवों के पास पहुंचे। उनका कहना था कि भीम और दुर्योधन दोनों ही मेरे प्रिय शिष्य हैं। मैं इन दोनों को आपस में लड़ते-मरते नहीं देख सकता। मुझे संसार से विराग हो गया है। अतः मैं जा रहा हूँ। इस युद्ध में समस्त भारतवर्ष से केवल दो राजा ही युद्ध में सम्मिलित नहीं थे। एक बलराम और दूसरे कृष्ण की पत्नी रुक्मणि के भाई रुक्मी। रुक्मी एक अक्षौहिणी सेना लेकर पांडवों के पास गए तो अर्जुन ने हँसकर कहा राजन्! आप बिना शर्त के सहायता करना चाहते हैं तो आपका स्वागत है। इसके बाद रुक्मी दुर्योधन के पास गया तो दुर्योधन ने भी उसकी सहायता लेने से मना कर दिया।
दोनों पक्षों की सेनाएँ कुरुक्षेत्र के मैदान में पहुँच गईं। अपने वीरों को युधिष्ठिर ने आज्ञा दी कि सेना को सूची-मुख व्यूह में सुसज्जित करो। जब अर्जुन ने अपने सामने अपने ही संगे सबंधियों को देखा तो उनके मन में शंका हुई। कृष्ण ने उपदेश देकर उनकी शंका का निवारण किया। सब लोग युद्ध शुरु होने की राह देख रहे थे कि तभी युधिष्ठिर ने जाकर पहले भीष्म के चरणों में प्रणाम किया और फिर द्रोणाचार्य को प्रणाम करके दोनों से युद्ध की अनुमति मांगी। इसके बाद सभी योद्धा युद्ध के नियमों के अनुसार युद्ध करने लगे। भीष्म ने दस दिनों तक कौरव सेना का नेतृत्व किया। भीष्म के आहत होने पर द्रोणाचार्य ने सेना का नेतृत्व किया। द्रोण के खेत रहने पर कर्ण ने नेतृत्व किया वह सत्रहवें दिन के युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुआ। इस प्रकार यह युद्ध अट्ठारह दिन चला।
उत्तर- समझौते के अनुसार कौरव हस्तिनापुर के राजा बने और पांडवों का इंद्रप्रस्थ (वर्तमान दिल्ली) का राज्य मिला।
6. पांडवों के बाद राज्य का उत्तराधिकारी कौन बना?
उत्तर- पांडवों के बाद राज्य का उत्तराधिकारी उनका पौत्र (पोता) परीक्षित बना।
देवव्रत
- मोह लिया- आकर्षित किया।
- क्षोभ का पारावार- अत्यधिक क्रोधित होना।
- प्रचण्ड- तेज।
- घृणित- नफरत के योग्य।
1. शांतनु कहां के राजा थे ? उन्होंने किसी युवती के समक्ष विवाह का प्रस्ताव रखा?
उत्तर- शांतनु हस्तिनापुर के राजा थे। उन्होंने गंगा नाम की युवती के रूप सौंदर्य पर मुग्ध होकर उसके समक्ष विवाह का प्रस्ताव रखा।
2. गंगा ने कितने पुत्रों को नदी की बहती धारा में फेंक दिया था?
उत्तर- गंगा ने अपने सात पुत्रों को पैदा होते ही नदी की धारा में फेंक दिया था।
3. शांतनु के पुत्र का क्या नाम था?
उत्तर- देवव्रत।
भीष्म प्रतिज्ञा
- प्रफुल्लित- प्रसन्न।
- तरुणी- युवती।
- नागवार- अनुचित।
- कुशाग्र- तेज।
- सारथी- रथ चलाने वाला।
- नाती- पुत्री का पुत्र।
1. सत्यवती ने शांतनु को विवाह हेतु किस की अनुमति लेने को कहा?
उत्तर- सत्यवती के पिता से।
2. देवव्रत किस प्रतिज्ञा के कारण भीष्म कहलाए?
उत्तर- जीवन भर विवाह न करने का आजन्म ब्रह्मचारी रहने की भयंकर प्रतिज्ञा के कारण देवव्रत भीष्म चलाएं और इसी नाम से प्रसिद्ध हुए।
3. सत्यवती से शांतनु को कितने पुत्र प्राप्त हुए? उनके नाम बताइए।
उत्तर- सत्यवती से शांतनु के दो पुत्र हुए चित्रांगद और विचित्रवीर्य।
4. शांतनु के बाद हस्तिनापुर के सिंहासन पर कौन बैठा?
उत्तर- शांतनु पुत्र चित्रांगद।
अम्बा और भीष्म
- स्वेच्छाचारी- इच्छा अनुसार व्यवहार करने वाला।
- अनुरक्त- आसक्त।
- गांगेय- गंगा पुत्र भीष्म।
- दयार्द्र- करुणा युक्त।
प्रश्न 1. काशीराज की कन्याओं के स्वयंवर में भीष्म किस उद्देश्य से गए थे?
उत्तर- भीष्म अपने छोटे भाई विचित्रवीर्य के लिए कन्याओं का अपहरण करने गए थे। उस काल में क्षत्रियों द्वारा अपहरण करके किया गया विवाह श्रेष्ठ माना जाता था।
प्रश्न 2. अंबा ने एकांत में भीष्म से क्या कहा?
उत्तर- अंबा ने भीष्म से कहा- गांगेय मैं सौभदेश के नरेश शाल्व को मन ही मन अपना पति मान चुकी हूं। इस स्थिति में आप मेरे विषय में उचित निर्णय ले।
प्रश्न 3. तपस्वी ब्राह्मणों ने अंबा को क्या सलाह दी?
उत्तर-तपस्वियों ने कहा-"बेटी, तुम परशुराम के पास जाओ| वे तुम्हारी इच्छा अवश्य पूरी करेंगे।" तब ऋषियों की सलाह पर अंबा परशुराम के पास गई।
प्रश्न 4. युद्ध में कोई निर्णय न हो पाने के बाद परशुराम जी ने अंबा से क्या कहा?
उत्तर-परशुराम ने अंबा से कहा- " जो कुछ मेरे वश में था, कर चुका। अब तुम्हारे लिए यही उचित है कि तुम भीष्म की ही शरण लो।"
प्रश्न 5. भीष्म पितामह ने शिखंडी के साथ युद्ध क्यों नहीं किया?
उत्तर- भीष्म पितामह ने शिखंडी के साथ युद्ध नहीं किया क्योंकि वे जानते थे कि शिखंडी ही अंबा है।
विदुर
- प्रख्यात- प्रसिद्ध।
- अथाह- अपार, जिसकी गहराई का पता ना हो।
- निस्पृह- बिना किसी लोभ या लालच का।
- गांधारी- दुर्योधन की माता
- अनुरोध- आग्रह।
- लोक निंदा- समाज में होने वाली बुराई।
- खिन्न- दुःखी।
- सुषमा- सौंदर्य।
- छल प्रपंच- धोखाधड़ी।
प्रश्न 1. विदुर कौन थे?
उत्तर- विदुर विचित्रवीर्य की रानी अंबालिका की दासी के पुत्र थे।
प्रश्न 2. विदुर किस क्षेत्र के विद्वान थे?
उत्तर- विदुर धर्मशास्त्र व राजनीति के विद्वान थे। विदुर-नीति उनका प्रसिद्ध ग्रंथ है।
प्रश्न 3. धृतराष्ट्र के यहाँ विदुर किस पद पर थे?
उतर- विदुर धृतराष्ट्र के प्रधानमंत्री थे।
प्रश्न 4. युधिष्ठिर ने विदुर की सलाह को सुनने के बाद विदुर को क्या उत्तर दिया?
उत्तर- युधिष्ठिर ने विदुर से कहा कि एक तो मैं महाराज धृतराष्ट्र की आज्ञा का उल्लंघन नहीं कर सकता और दूसरा युद्ध या खेल की चुनौती को अस्वीकार करना क्षत्रिय-धर्म के विरुद्ध है ।
कुंती
- लोक निंदा- समाज में होने वाली बुराई।
- दंपत्ति- पति पत्नी।
- खिन्न- दुखी।
- सुषमा- सौंदर्य।
प्रश्न 1. पृथा किसकी पुत्री थी?
उत्तर-पृथा यदुवंश के प्रसिद्ध राजा शूरसेन की पुत्री थी।
प्रश्न 2. पृथा का नाम कुंती कैसे पड़ा?
उत्तर-पृथा के पिता शूरसेन ने अपने फुफेरे भाई कुंतिभोज को वचन दिया था कि अपनी पहली संतान उसे गोद दे देगा। अत: कुंतीभोज के यहाँ पहुँचने पर पृथा का नाम कुंती पड़ गया।
प्रश्न 3. सूर्य के संयोग से उत्पन्न बालक का कुंती ने क्या किया?
उत्तर- सूर्य के संयोग से उत्पन्न बालक को कुंती ने लोक-लाज के डर से एक पेटी में बड़ी सावधानी के साथ बंद करके गंगा में बहा दिया।
प्रश्न 4. कर्ण का लालन-पालन किसने किया?
उत्तर- सूर्य-पुत्र कर्ण का लालन-पालन अधिरथ नाम के सारथी ने किया।
प्रश्न 5. पांडु की पत्नियों के नाम बताइए।
उत्तर-पांडु की दो पत्नी थीं-कुंती व माद्री।
प्रश्न 6. माद्री पति के साथ सती क्यों हो गई?
उत्तर- माद्री स्वयं को पति की मृत्यु का कारण मानती थी इसलिए वह पति के साथ सती हो गई।
भीम
- द्वेष भाव- ईर्ष्या की भावना।
- काम तमाम होना- मरना।
- उत्तेजित- क्रोधित।
प्रश्न 1. दुर्योधन भीम से वैरभाव क्यों रखता था?
उत्तर-दुर्योधन के भीम के प्रति वैरभाव के निम्न कारण थे-
• खेलों में भीम दुर्योधन व उसके भाइयों को खूब तंग किया करता था।
• अस्त्र-विद्या व अन्य विद्याओं में पांडव कौरवों से आगे रहते थे।
• दुर्योधन सोचता था कि भीम के मरने पर युधिष्ठिर व अर्जुन आदि को कैद करके बंदी बना लेंगे और सारे राज्य पर अपना अधिकार हो जाएगा।
प्रश्न 2. भीम को मारने की दुर्योधन ने क्या योजना बनाई?
उत्तर-दुर्योधन ने पांडवों को जल-क्रीड़ा का न्योता दिया। खेलने व तैरने से थकने के बाद सभी को भोजन कराया गया। दुर्योधन ने चालाकी से भीम के भोजन में विष मिला दिया। भोजन करके सब अपने डेरों में सोने के लिए चले गए किंतु भीम विष के प्रभाव से गंगा-तट पर रेत में गिर गया। ऐसी हालत में दुर्योधन ने भीम के हाथ-पैर बांधकर उसे गंगा में बहा दिया।
प्रश्न 3. कुंती को अंदर ही अंदर क्या चिंता सता रही थी?
उत्तर-कुंती को अंदर ही अंदर यह चिंता सता रही थी कि दुर्योधन उसके पांडवों को किसी प्रकार का दुख ने पहुंचाए।
कर्ण
- निपुणता- कुशलता।
- प्रतिस्पर्धा- प्रतियोगिता।
- खम ठोकना- जोश के साथ उपस्थित होना।
- तपाक से- अचानक से।
- डींगें मारना- बड़ी बड़ी बातें करना।
- एन वक्त पर- समय आने पर अचानक।
- देहावसान- मृत्यु।
प्रश्न 1. पांडवों ने अस्त्र शस्त्र की शिक्षा किससे प्राप्त की?
उत्तर- पांडवों ने पहले कृपाचार्य से और बाद में द्रोणाचार्य से अस्त्र-शस्त्र की शिक्षा पाई।
प्रश्न 2. अर्जुन किस क्षेत्र में अद्वितीय था?
उत्तर- तीर चलाने अर्थात धनुष विद्या में अर्जुन अद्वितीय था ।
प्रश्न 3. कर्ण को बेखकर कुती क्यों मूच्छित सी हो गई थी?
उत्तर- कुंती ने कर्ण को पहचान लिया था। आज उसके ही दो पुत्र एक-दूसरे को चुनौती दे रहे थे। कुंती लोक लज्जा के भय से यह नहीं कह पा रही थी कि कर्ण मेरा पुत्र है। ऐसी स्थिति में उसका मूर्छित-सी हो जाना स्वाभाविक था।
प्रश्न 4. इंद्र ने कर्ण से क्या भिक्षा माँगी और क्यों?
उत्तर- इंद्र ने अर्जुन को विपत्ति से बचाने के लिए कर्ण से उसके जन्मजात कवच और कुंडलों की भिक्षा माँगी थी।
प्रश्न 5. कर्ण ने देवराज से वरदान के संबंध में क्या कहा?
उत्तर- कर्ण ने देवराज से कहा-" आप प्रसन्न हैं, तो शत्रुओं का संहार करने वाला अपना 'शक्ति' नामक शस्त्र मुझ प्रदान करें!
प्रश्न 6. कर्ण ने परशुराम जी के साथ क्या छल किया?
उत्तर- परशुराम जी से ब्रह्मास्त्र सीखने की इच्छा से कर्ण उनके पास ब्राह्मण के वेष में गया और प्रार्थना की कि उसे शिष्य स्वीकार करने की कृपा करें। परशुराम जी ने उसे ब्राह्मण समझकर शिष्य बना लिया। इस प्रकार छल से कर्ण ने ब्रह्मास्त्र चलाना सीख लिया।
प्रश्न 7. कर्ण की मृत्यु कैसे हुई?
उत्तर- अर्जुन से युद्ध करते समय जब शापवश कर्ण के रथ का पहिया जमीन में धंस गया और वह धनुष-बाण रखकर जमीन में धंसा हुआ पहिया निकालने का प्रयत्न करने लगा, तभी अर्जुन ने उस महारथी पर प्रहार किया और वह युद्ध में वीरगति को प्राप्त हो गया।
द्रोणाचार्य
- बालपन- बचपन।
- सज्जनोचित- सज्जन की तरह उचित।
- दरिद्र- गरीब।
- अभिमानी- घमंडी।
- सींक- तिनका।
- मद- नशा।
- अजेय- जो कभी ना हारा हो
प्रश्न 1. द्रोण और द्रुपद की मित्रता कैसे हुई थी?
उत्तर- द्रुपद ने द्रोण के पिता भरद्वाज के आश्रम में ही शिक्षा प्राप्त की थी। वहाँ ये दोनों सहपाठी श्रे। अत: दोनों की मित्रता हो गई।
प्रश्न 2. द्रोण परशुराम के पास क्यों गए?
उत्तर- जब द्रोण को यह पता चला कि परशुराम अपनी सारी संपत्ति गरीबों में बाँट रहे हैं तो वे भी कुछ पाने की इच्छा से परशुराम के पास गए।
प्रश्न 3. गेंद निकालने के बदले में युधिष्ठिर ने कृष्ण वर्ण ब्राह्मण से क्या देने की बात कही थी?
उत्तर- युधिष्ठिर ने हँसते हुए कहा था-"ब्राह्मण श्रेष्ठ! आप गेंद निकाल देंगे, तो कृपाचार्य के घर आपकी बढ़िया दावत करेंगे।"
प्रश्न 4. द्रोण ने कुएँ से गेंद किस प्रकार निकाली?
उत्तर-"द्रोणाचार्य ने पास में पड़ी हुई सींक उठा ली और उसे पानी में फेंका। सींक गेंद को ऐसे जाकर लगी. जैसे तीर और फिर इस तरह लगातार कई सींकें वे कुएँ में डालते गए। सींकें एक-दूसरे के सिरे से चिपकती गईं। जब आखिरी सींक का सिरा कुएँ के बाहर तक पहुँच गया, तो द्रोणाचार्य ने उसे पकड़कर खींच लिया और गेंद निकल आई।"
प्रश्न 5. द्रोण से बदला लेने के लिए द्रुपद ने क्या किया?
उत्तर-द्रोण से बदला लेने के लिए द्रुपद ने कठिन तप व व्रत के द्वारा एक पुत्र व पुत्री प्राप्त की। द्रुपद की इच्छा थी कि अर्जुन जामाता रूप में मिले और मेरा पुत्र द्रोण को मार सके। पुत्री द्रोपदी मिली और पुत्र धृष्टद्युम्न मिला। धृष्टद्युम्न के ही हाथों द्रोण मारे गए थे।
लाख का घर
- कुमंत्रणा- बुरी योजना बनाना।
- कुराह- अनुचित मार्ग।
- दलील- तर्क।
- पृष्ठ पोषक- पक्षधर।
प्रश्न 1. दुर्योधन पांडवों से ईर्ष्या क्यों करता था?
उत्तर- पांडवों के शारीरिक बल और अर्जुन की युद्ध कुशलता के कारण दुर्योधन पांडवों से ईर्ष्या करता था।
प्रश्न 2. पांडवों का नाश करने के लिए दुर्योधन ने किस किस का सहारा लिया?
उत्तर-पांडवों का नाश करने के लिए दुर्योधन ने अपने मामा शकुनि व मित्र कर्ण का सहारा लिया।
प्रश्न 3. 'वारणावत' कौन-कौन गया?
उत्तर- 'वारणावत' पांडवों के साथ कुंती भी गई।
प्रश्न 4. पांडवों के लिए बनने वाले मकान में पुरोचन ने क्या सामग्री लगाई?
उत्तर-पुरोचन ने वारणावत जाकर पांडवों के ठहरने के लिए सन (रूई), घी, मोम, तेल, लाख, चरबी आदि जल्दी आग पकड़ने वाली चीजों को मिट्टी में मिलाकर एक सुंदर भवन बनवाया।
प्रश्न 5. पांडवों को वारणावत भेजने में दुर्योधन की क्या योजना थी?
उत्तर-पांडवों को वारणावत भेजने में दुर्योधन की योजना यह थी कि कुछ दिनों तक पांडवों को लाख के भवन में आराम से रहने दिया जाए और जब वे पूर्ण रूप से नि:शंक हो जाए, तब रात में भवन में आग लगा दी जाए, जिससे पांडव तो जलकर भस्म हो जाएँ और कौरवों पर भी कोई दोष न लगा सके।
पांडवों की रक्षा
- दुस्साहस- न सह सकने वाली हिम्मत।
- पखेरू - पक्षी
- प्राण-पखेरू -- जीवन रूपी पक्षी
प्रश्न 1, वारणावत को जाते समय विदुर ने युधिष्ठिर को किस प्रकार सचेत किया था?
उत्तर- वारणावत को जाते समय विदुर ने युधिष्ठिर को दुर्योधन के षड्यंत्र से अवगत कराकर सचेत किया।
प्रश्न 2. वारणावत में पांडवों के रहने का प्रबंध किसने किया?
उत्तर- वारणावत में पांडवों के रहने का प्रबंध पुरोचन ने किया जो कि दुर्योधन का शुभ चिंतक था।
प्रश्न 3. थकी हुई कुंती ने पुत्रों से क्या कहा?
उत्तर- थकी हुई कुंती ने पुत्रों से कहा-"मैं तो प्यास से मरी जा रही हूँ। अब मुझसे बिल्कुल चला नहीं जाता। धृतराष्ट्र के बेटे चाहे तो भले हो मुझे यहाँ से उठा ले जाएँ, मैं तो यहीं पड़ी रहूँगी।"
प्रश्न 4. लाक्षागृह छोड़ने के पश्चात् पांडव कहाँ और किस वेश में पहुँचे?
उत्तर- लाक्षागृह छोड़ने के पश्चात् पांडव एकचक्रा नगरी में ब्राह्मण के वेश में पहुँचे।
प्रश्न 5. कुंती ने ब्राह्मण से क्या कहा?
उत्तर- कुंती ने कहा-"विप्रवर, आप इस बात की चिंता छोड़ दें। मेरे पांच बेटे हैं। उनमें से एक आज राक्षस के पास भोजन लेकर चला जाएगा।"
प्रश्न 6. कुंती ने भीम को बकासुर के पास क्यों भेजा?
उत्तर- कुंती ने भीम को बकासुर के पास भेजा क्योंकि वह जानती थी कि भीम उसका काम तमाम कर देगा। भीम की शक्ति का मुकाबला कोई नहीं कर सकता। कुंती का यह सोचना भी सही निकला क्योंकि बकासुर का वध करके वह उसकी लाश को नगर के फाटक तक घसीटकर लाया। इस प्रकार गांव वालों को बकासुर के चंगुल से छुटकारा मिला।
द्रौपदी स्वयंवर
- वृहदाकार- बहुत बड़ा।
- विप्लव- शोर।
- मृगछाला- हिरण की खाल।
- अग्नि शिखा- आग की लपट।
- सम्मति- सलाह।
प्रश्न 1. पांचाल व देश में पांडव किस रूप में कहाँ जाकर ठहरे थे।
उत्तर- पांचाल देश में पांडव ब्राह्मण के वेश में एक कुम्हार की झोपड़ी में ठहरे थे।
प्रश्न 2. द्रौपदी स्वयंवर में कौन-कौन मुख्य प्रतिभागी थे?
उत्तर- द्रौपदी- स्वयंवर में श्रीकृष्ण, बलराम, धृतराष्ट्र के सौ पुत्र, शिशुपाल, जरासंध, शल्य व पांडव जैसे अनेक प्रसिद्ध व्यक्ति अपना भाग्य परखने आए थे।
प्रश्न 3. पांचों पांडवों से द्रौपदी का विवाह कैसे हुआ?
उत्तर- मां की आज्ञा और सबकी सम्मति से द्रौपदी के साथ पांचों पांडवों का विवाह हो गया।
इंद्रप्रस्थ
- छल प्रपंच- कपट।
- प्रलोभन- लालच।
- बेखटके- निश्चिंत।
- भग्नावशेष- खंडहर।
- निपुण शिल्पकार।
प्रश्न 1. पांडवों के जीवित होने की सूचना मिलने पर विदुर ने धृतराष्ट्र से क्या कहा?
उत्तर- विदुर ने धृतराष्ट्र को जीवित होने और द्रुपद- कन्या से पांचों भाइयों के विवाह होने की सूचना दी।
प्रश्न 2. पांडवों से निपटने के लिए कर्ण की क्या सलाह थी?
उत्तर- कर्ण का सुझाव था "हमारे पास केवल एक ही उपाय रह गया है और वह यह है कि पांडवों की ताकत बढ़ने से पहले उन पर हमला कर दिया जाए।"
प्रश्न 3. पितामह भीष्म ने क्या सलाह दी?
उत्तर- भीष्म ने कहा-"बेटा! वीर पांडवों के साथ संधि करके आधा राज्य दे देना ही उचित है।"
प्रश्न 4. पांडवों के विषय में विदुर ने क्या कहा?
उतर- विदुर ने कहा-"हमारे कुल के नायक भीष्म तथा आचार्य द्रोण ने जो बताया है, वही श्रेयस्कर है। कर्ण की सलाह किसी काम की नहीं है।"
प्रश्न 5. पांडवों की राजधानी का क्या नाम था?
उत्तर- पांडवों की राजधानी का नाम इंद्रप्रस्थ था।
प्रश्न 6. पांडवों ने इंद्रप्रस्थ में कितने दिन राज्य किया?
उत्तर- अपनी राजधानी में पत्नी द्रौपदी और माता कुंती के साथ पाँचों पांडव तेईस वर्ष तक सुखपूर्वक जीवन बिताते हुए न्यायपूर्वक राज्य करते रहे।
जरासंध
- राजसूय यज्ञ- सम्राट बनने की अभिलाषा से किया जाने वाला यज्ञ।
- वल्कल- वृक्ष की छाल।
- कुशा- एक प्रकार की वनस्पति।
- अभ्यागत- मेहमान।
प्रश्न 1. राजसूय यज्ञ के विषय में युधिष्ठिर ने श्रीकृष्ण से क्या कहा?
उत्तर- राजसूय यज्ञ के विषय में युधिष्ठिर ने श्रीकृष्ण से कहा-"मित्रों का कहना है कि मैं राजसूय यज्ञ करके सम्राट पद प्राप्त करू परंतु राजसूय यज्ञ तो वही कर सकता है, जो सारे संसार के नरेशों का पूज्य हो और उनके द्वारा सम्मानित हो। आप ही इस विषय में मुझे सही सलाह दे सकते हैं।"
प्रश्न 2. युधिष्ठिर ने राजसूय यज्ञ का इरादा क्यों छोड़ना चाहा?
उत्तर- जब युधिष्ठिर को कृष्ण, भीम व अर्जुन की बातों से यह अंदेशा होने लगा कि राजसूय यज्ञ करने के लिए कई लोगों के प्राणों पर बन आएगी तो उन्होंने इस इरादे को त्याग देना ही श्रेयकर समझा।
प्रश्न 3. जरासंध के यहाँ श्रीकृष्ण, भीम और अर्जुन किस रूप में गए थे?
उत्तर- "श्रीकृष्ण, भीम और अर्जुन ने वल्कल वस्त्र पहन लिए, हाथ में कुशा ले ली और व्रती लोगों का सा वेष धारण करके मगध देश के लिए रवाना हो गए। "
प्रश्न 4. भीमसेन और जरासंध में कितने समय तक युद्ध होता रहा?
उतर- पलभर भी विश्राम किए बगैर भीम और जरासंध तेरह दिन और तेरह रात लगातार लड़ते रहे। चौदहवें दिन जरासंध थककर जरा देर को रुक गया। इस पर ठीक मौका देखकर श्रीकृष्ण ने भीम को इशारे से समझाया और भीगसेन ने फौरन जरासंध को उठाकर चारों ओर घुमाया और उसे जमीन पर जोर से पटक दिया। इस प्रकार अजेय जरासंध का अंत हो गया ।
प्रश्न 5. श्रीकृष्ण की अग्रपूजा की सलाह किसने दी थी।
उत्तर- पितामह भीष्म ने युधिष्ठिर को सलाह दी कि द्वारकाधीश की पूजा पहले की जाए।
प्रश्न 6. शिशुपाल की मृत्यु किसके हाथो हुई और क्यों?
उत्तर- शिशुपाल की मृत्यु श्रीकृष्ण के हाथों हुई क्योंकि वह निरंतर श्रीकृष्ण के विरूद्ध बोलता जा रहा था। वह नहीं चाहता था कि युधिष्ठिर ' राजसूय यज्ञ' हेतु श्रीकृष्ण की अग्रपूजा करे।
शकुनि का प्रवेश
- असह्य- जो सहा न जा सके।
- ईजाद- आविष्कार।
- ऐश्वर्य- धन दौलत।
प्रश्न 1. दुर्योधन चिंतित और उदास क्यों था?
उत्तर- राजसूय यज्ञ में युधिष्ठिर के ठाठ बाट और पांडवों की यश समृद्धि का स्मरण करके दुर्योधन चिंतित और उदास था।
प्रश्न 2. युधिष्ठिर को बिना लड़ाई के जीत पाने का शकुनि ने क्या उपाय बताया?
उत्तर - शकुनि ने कहा-"दुर्योधन! युधिष्ठिर को चौसर के खेल का बड़ा शौक है। पर उसे खेलना नहीं आता है। हम उस खेलने के लिए न्योता दें तो युधिष्ठिर अवश्य मान जाएगा। तुम तो जानते ही हो कि मैं मंझा हुआ खिलाड़ी हूँ। तुम्हारी ओर से मैं खेलूंगा और युधिष्ठिर को हराकर उसका सारा राज्य और ऐश्वर्य, बिना युद्ध के आसानी से छीनकर तुम्हारे हवाले कर दूंगा।
प्रश्न 3. जुए के खेल के विरोध में धृतराष्ट्र ने क्या कहा?
उतर- जुए के खेल के विरोध में धृतराष्ट्र ने कहा "जुए का खेल वैर-विरोध की जड़ होता है। इसलिए बेटा, मेरी तो यह राय है कि तुम्हारा यह विचार ठीक नहीं है इसे छोड़ दो। "
प्रश्न 4. जुए के खेल के विषय में विदुर के क्या विचार थे?
उतर- जुए के खेल के विषय में विदुर के विचार इस प्रकार थे-"राजन्, सारे वंश का इससे नाश हो जाएगा। इसके कारण हमारे कुल के लोगों में आपसी मनमुटाव और झगड़े-फसाद होंगे। इसकी भारी विपदा हम पर आएगी।"
प्रश्न 5. पांडवों को चौसर के खेल का निमंत्रण देने के लिए किसे भेजा गया?
उत्तर- पांडवों को चौसर के खेल का निमंत्रण देने के लिए विदुर को भेजा गया।
चौसर का खेल व द्रौपदी की व्यथा
- भरसक- पूरी तरह से।
- चेताना- सचेत करना।
- चाव से- उत्साह से।
- पार पाना- ज्ञान प्राप्त करना।
- सानी- मुकाबला।
- युयुत्सु- धृतराष्ट्र का एक सौ एकवां पुत्र जो एक वैश्य जाति की स्त्री से पैदा हुआ था।
प्रश्न 1. चौसर का निमंत्रण देने वाले विदुर से युधिष्ठिर ने क्या कहा?
उत्तर- युधिष्ठिर ने कहा- "चाचा जी! चौसर का खेल अच्छा नहीं है। उससे आपस में झगड़े पैदा होते हैं। समझदार लोग उसे पसंद नहीं करते हैं । लेकिन इस मामले में हम तो आप ही के आदेशानुसार चलने वाले हैं। आपकी सलाह क्या है?"
प्रश्न 2. युधिष्ठिर चौसर के खेल में क्या-क्या हार गए?
उत्तर- युधिष्ठिर चौसर के खेल में देश, सेना, देश की प्रजा, दास-दासियाँ, आभूषण, चारों भाई, स्वयं अपने आपको एवं अपनी पत्नी द्रौपदी को भी हार गए।
प्रश्न 3. प्रतिकामी की बात सुनकर द्रौपदी ने क्या उत्तर दिया?
उत्तर- द्रौपदी प्रतिकामी से बोली-"रधवान! जाकर उन हारनेवाले जुए के खिलाड़ी से पूछो कि पहले वह अपने को हारे थे या मुझे? सारी सभा में यह प्रश्न उनसे करना और जो उत्तर मिले, वह मुझे आकर बताओ। उसके बाद मुझे ले जाना।"
प्रश्न 4. दुःशासन ने द्रौपदी के साथ क्या व्यवहार किया?
उत्तर-दुःशासन ने द्रौपदी के गुँथे हुए बाल बिखेर डाले, गहने तोड़-फोड़ दिए और उसके बाल पकड़कर बलपूर्वक घसीटता हुआ सभा की ओर ले जाने लगा। द्रौपदी विकल हो उठी।
प्रश्न 5. दुबारा के खेल में क्या शर्त रखी गई थी?
उत्तर- दुबारा के "खेल में यह शर्त थी कि हारा हुआ दल अपने भाइयों के साथ बारह वर्ष का वनवास करेगा तथा उसके उपरांत एक वर्ष अज्ञातवास में रहेगा। यदि इस एक वर्ष में उनकी पता चल जाएगा, तो उन सबको बारह वर्ष का वनवास फिर से भोगना होगा।"
धृतराष्ट्र की चिंता
- उतावली- शीघ्रता के भाव।
- श्रद्धा- मन से सम्मान देना।
- अविरल- लगातार।
प्रश्न 1. पांडवों के चले जाने के बाद धृतराष्ट्र ने विदुर से क्या पूछा ?
उत्तर- वन को जाते हुए पांडवों के विषय में धृतराष्ट्र ने विदुर से पूछा कि मैं देखने में असमर्थ हूँ। अत: मुझे बताओ कि पांडव व द्रौपदी कैसे जा रहे हैं।
प्रश्न 2. वन को जाते हुए पांडवों का वर्णन विदुर ने किस प्रकार किया?
उत्तर- विदुर ने वर्णन करते हुए कहा-"कुंती-पुत्र युधिष्ठिर कपड़े से चेहरा ढककर जा रहे हैं। भीमसेन अपनी दोनों भुजाओं को निहारता, अर्जुन हाथ में कुछ बालू लिए उसे बिखेरता, नकुल और सहदेव सारे शरीर पर धूल रमाए हुए, क्रमश: युधिष्ठिर के पीछे-पीछे जा रहे हैं। द्रौपदी ने बिखरे हुए केशों से सारा मुख ढक लिया है और आँसू बहाती हुई युधिष्ठिर का अनुसरण कर रही है।"
प्रश्न 3. महर्षि मैत्रेय ने दुर्योधन को समझाते हुए क्या कहा?
उत्तर-महर्षि मैत्रेय ने दुर्योधन को समझाते हुए कहा-"राजकुमार, तुम्हारी भलाई के लिए कहता हूँ, सुनो! पांडवों को धोखा देने का विचार छोड़ दो। उनसे वैर मोल न लो। उनके साथ संधि कर लो। इसी में तुम्हारी भलाई है।"
प्रश्न 4. द्रौपदी को सांत्वना देते हुए श्रीकृष्ण ने क्या भरोसा दिलाया?
उत्तर- करुण स्वर में विलाप करती हुई द्रौपदी को श्रीकृष्ण ने बहुत समझाया और धीरज बँधाया। वह बोले-"बहन द्रौपदी! जिन्होंने तुम्हारा अपमान किया है, उन सबकी लाशें युद्ध के मैदान में खून से लथपथ होकर पड़ेगी। तुम शोक न करो। वचन देता हूँ कि पांडवों की हर प्रकार से सहायता करूँगा। यह भी निश्चय मानो कि तुम साम्राज्ञी के पद को फिर सुशोभित करोगी।"
भीम और हनुमान
- ताज्जुब- आश्चर्य।
- विस्मय- आश्चर्य।
- बलिष्ठ- शक्तिशाली।
- मारुति- हनुमान।
प्रश्न 1. फूल देखकर द्रौपदी ने भीम से क्या कहा?
उत्तर- फूल देखकर द्रौपदी ने उसे उठा लिया और भीमसेन के पास जाकर बोली-"क्या तुम जाकर ऐसे ही कुछ और फूल ला सकोगे?"
प्रश्न 2. भीम की गर्वोक्ति सुनकर बंदर ने क्या कहा?
उत्तर- बंदर बोला-"देखो भाई, मैं बूढ़ा हूँ। कठिनाई से उठ-बैठ सकता हूँ। ठीक है यदि तुम्हें आगे बढ़ना ही है, तो मुझे लाँघकर चले जाओ।"
प्रश्न 3. भीम ने लांघने से क्यों मना कर दिया?
उत्तर- भीमसेन ने कहा-किसी जानवर को लांघना अनुचित है। इसी कारण मैं रुक गया, नहीं तो मैं तुम्हें एक ही छलांग में लाँघकर चला गया होता।
प्रश्न 4. हनुमान ने भीम को क्या आशीर्वाद दिया?
उत्तर- हनुमान ने आशीर्वाद देते हुए कहा-"भीम! युद्ध के समय तुम्हारे भाई अर्जुन के रथ पर उड़नेवाली ध्वजा पर मैं विद्यमान रहँगा। विजय तुम्हारी ही होगी।"
द्वेष करने वाले का जी नहीं भरता
- चौपायों- पशुओं।
- अनुचर- सेवक।
- अनुगृहित- आभारी होना।
- आवभगत- स्वागत सत्कार।
- अक्षयपात्र- जो कभी खाली ना हो।
प्रश्न 1. गंधर्वराज व कौरवों के युद्ध का क्या परिणाम रहा?
उत्तर- गंधवों व कौरवों में भयंकर संग्राम हुआ। कौरव सेना के पैर उखड़ गए। कर्ण भी युद्ध-क्षेत्र से भाग लिया। दुर्योधन बंदी हो गया।
प्रश्न 2. दुर्योधन के बंदी होने पर युधिष्ठिर ने भीम से क्या कहा?
उत्तर-युधिष्ठिर ने भीम से कहा-" भाई भीमसेन! ये हमारे ही कुटुंबी है। तुम अभी जाओ और किसी तरह अपने बंधुओं का गंधवों के बंधन से छुड़ा लाओ।
प्रश्न 3. सूर्य से प्राप्त अक्षयपात्र की क्या विशेषता थी?
उत्तर- अक्षयपात्र देते समय सूर्य ने कहा था कि इस पात्र के द्वारा तुम बारह वर्ष तक भोजन प्राप्त करोगे, भले ही कितने लोग भोजन करें। किंत शर्त यह है कि द्रौपदी के भोजन कर लने के बाद पात्र की शक्ति अगले दिन तक के लिए समाप्त हो जाएगी।
प्रश्न 4. श्रीकृष्ण ने अन्न का कण और साग का पत्ता क्यों खाया?
उत्तर- श्रीकृष्ण ने अन्न का कण और साग का पत्ता दुर्वासा ऋषि व उनके दस हजार शिष्यों की भूख को शांत करने के लिए खाया। ऐसा उन्होंने इसलिए किया क्योंकि वे जानते थे कि इतने लोगों को एक साथ भोजन करवाना पांडवों के लिए मुश्किल होगा।
प्रश्न 5. दुर्वासा ने भीम से क्या कहा?
उत्तर- दुर्वासा ने भीमसेन से कहा "हम सब तो भोजन कर चुके है। युधिष्ठिर से जाकर कहना कि असुविधा के लिए क्षमा करें।" यह कहकर ऋषि अपने शिष्यों सहित वहाँ से रवाना हो गए।
मायावी सरोवर
- तरकश- बाण रखने का चोंगा।
- अंजुलि- हथेली/ दोनों हाथों से पानी पीने के लिए बनाई गई स्थिति/ ओक।
- बेधड़क- निर्भीक।
प्रश्न 1. सरोवर पर नकुल को क्या आवाज़ आई?
उत्तर- सरोवर पर नकल को आवाज आई -"माद्री के पुत्र। दुःसाहस न करो। यह जलाशय मेरे अधीन है। पहले मेरे प्रश्नों का उत्तर दो। फिर पानी पियो।"
प्रश्न 2. सरोवर पर अर्जुन को क्या आवाज आई?
उत्तर- "अर्जुन! मेरे प्रश्नों का उत्तर देने के बाद ही प्यास बुझा सकते हो। यह तालाब मेरा है। मेरी बात नहीं मानोगे, तो तुम्हारी भी वही गति होगी, जो तुम्हारे दो भाइयों की हुई है।"
प्रश्न 3.भाइयों के वापिस न आने पर युधिष्ठिर ने क्या निर्णय लिया ?
उत्तर- भाइयों के वापिस न आने पर युधिष्ठर ने स्वयं वहाँ जाने का निर्णय लिया।
यक्ष प्रश्न
1-मनुष्य का साथ कौन देता है ?
Ans-धैर्य मनुष्य का साथी होता है
2-कौन सी विद्या है जिसका अध्ययन करके मनुष्य बुद्धिमान बनता है?
Ans- महान लोगों की संगति से ही मनुष्य बुद्धिमान बनता है
3-भूमि से भारी चीज क्या है ?
Ans- संतान को कोख में धारण करने वाली माता भूमि से भी भारी होती है
4-आकाश से भी ऊंचा कौन है?
Ans-पिता
5-हवा से भी तेज चलने वाला कौन है?
Ans-मन
6-घास से भी तुच्छ चीज कौन सी होती है?
Ans-चिंता
7-विदेश जाने वाले का साथी कौन होता है?
Ans- विद्या
8-मरणासन्न वृद्धि का मित्र कौन होता है?
Ans-दान क्योंकि वही मृत्यु के बाद अकेले चलने वाले जीव के साथ साथ चलता है
9-सुख क्या है?
Ans-सुख वह चीज है जो शील व सचरित्रता पर स्थित है
10-किसके छूट जाने पर मनुष्य सर्वप्रिय बनता है?
Ans-अहम भाव के छूट जाने पर
11- किस चीज के खो जाने से दुख नहीं होता है?
Ans-क्रोध के खो जाने से दुख नहीं होता है
12-किस चीज को गवांकर मनुष्य धनी बनता है?
Ans-लालच
13- यक्ष ने युधिष्ठिर से अंतिम प्रश्न क्या पूछा?
उत्तर- यक्ष ने पूछा-" संसार में सबसे बड़े आश्चर्य की बात क्या है?"
14- यक्ष के अंतिम प्रश्न का युधिष्ठिर ने क्या उत्तर दिया?
उत्तर- "हर रोज़ आँखों के सामने कितने ही प्राणियों को मृत्यु के मुँह में जाते देखकर भी बचे हुए प्राणी, जो यह चाहते हैं कि हम अमर रहें, यही महान आश्चर्य की बात है।"
15- प्रश्नों के उत्तर से संतुष्ट यक्ष ने युधिष्ठिर से क्या कहा?
उत्तर- "राजन्। मैं तुम्हारे मृत भाइयों में से एक को जीवित कर सकता हूँ। तुम जिस किसी को भी चाहो, वह जीवित हो जाएगा।
16- यक्ष ने युधिष्ठिर को क्या आशीर्वाद दिया?
उत्तर- यक्ष ने युधिष्ठिर से कहा-"बारह वर्ष के वनवास की अवधि पूरी होने में अब थोड़े ही दिन बाकी रह गए हैं। बारह मास तक जो तुम्हें अज्ञातवास करना है, वह भी सफलता से पूरा हो जाएगा। तुम्हें और तुम्हारे भाइयों को कोई भी नहीं पहचान सकेगा। तुम अपनी प्रतिज्ञा सफलता के साथ पूरी करोगे। "
अज्ञातवास
- धाक- रौब।
- अवधि- समय।
- अनुमोदन- समर्थन।
- रथारूढ़- रथ पर चढ़कर।
- बाट जोहना- प्रतीक्षा करना।
- थर्रा उठी- डर गई।
1-राजा विराट के यहां अज्ञातवास में पांडव किस नाम और रूप में रहे?
Ans- राजा विराट के यहां अज्ञातवास में पांडव के नाम-
- युधिष्ठिर- कंठ के नाम से विराट के दरबारी बने जो राजा के साथ चौपड़ खेलने का काम करते थे.
- भीमसेन- बल्लभ के नाम से रसोइयों का मुखिया बना.
- अर्जुन- स्त्री के वेश में बृहन्नला के नाम से रनिवास की स्त्रियों खासकर विराट की कन्या उत्तरा और उसकी सहेलियों को नाच और गाना बजाना सिखाने लगा.
- नकुल- ग्रंथ के नाम से घोड़ों को साधने उनकी बीमारियों का इलाज करने और उनकी देखभाल करने में नियुक्त हुआ.
- सहदेव- तंत्री पाल के रूप में गाय बैलों की देखभाल करने लगा.
2-द्रोपदी ने किस नाम से क्या काम किया?
Ans-द्रोपदी विराट की पत्नी सुदेशना की सेवा करती हुई निवास में सैरंध्री के नाम से काम करने लगी.
3- दुर्योधन ने कैसे अनुमान लगाया कि पांडव मत्स्य देश में हैं?
उत्तर- कीचक के मारे जाने की खबर पाते ही दुर्योधन का माथा ठनका कि हो-न-हो कीचक का वध भीम ने ही किया होगा। यह दुर्योधन का अनुमान था।
4- औरत के भेष में उत्तर के रथ पर अर्जुन को देखकर दुर्योधन ने क्या कहा?
उत्तर- औरत के भेष में रथ पर बैठे योद्धा के विषय में अर्जुन विषयक चर्चा सुनकर दुर्योधन कर्ण से बोला-"हमें इस बात से क्या मतलब कि यह औरत के भेष में कौन है! मान लें कि यह अर्जुन ही है। फिर भी हमारा तो उससे काम हो बनता है। शर्त के अनुसार उन्हें और बारह वर्ष का वनवास भुगतान पड़ेगा।"
प्रतिज्ञा पूर्ति
- भानजा- बहन का पुत्र।
- खिन्न- दुःखी।
- गांडीव- अर्जुन के धनुष का नाम।
- परास्त- पराजित।
1-भीष्म पितामह ने दुर्योधन को क्या सलाह दी?
Ans-भीष्म पितामह ने दुर्योधन को सलाह दी कि उसे पांडवों के साथ संधि कर लेना चाहिए .भीष्म ने ऐसा इसीलिए कहा क्योंकि प्रतिज्ञा का समय पूरा हो चुका है वह कौरवों की सेना का पांडवों के सामने टिकना संभव नहीं है.
2-पितामह भीष्म के संधि के प्रस्ताव पर दुर्योधन ने क्या कहा?
Ans-दुर्योधन ने कहा कि मैं समझी नहीं चाहता हूं राज्य तो दूर की बात है उन्हें एक गांव भी देने के लिए तैयार नहीं हूं
3- पांडवों ने कौरवों पर विजय का श्रेय किसे प्रदान किया?
Ans-राजकुमार उत्तर को
4- कर्ण, कृपाचार्य व अश्वत्थामा के मध्य विवाद को देखकर भीष्म ने क्या कहा?
उत्तर- कर्ण, कृपाचार्य व अश्वत्थामा के मध्य विवाद को देखकर भीष्म ने कहा कि इस समय आपस में वैर विरोध न करके मिलकर शत्रु से लड़ना ही उचित है।
5- पितामह भीष्म के संधि के प्रस्ताव पर व दुर्योधन ने क्या कहा?
उत्तर- पितामह भीष्म के संधि प्रस्ताव पर दुर्योधन ने कहा-"पूज्य पितामह! मैं संधि नहीं चाहता हूँ। राज्य तो दूर रहा, मैं तो एक गाँव तक पांडवों को देने के लिए तैयार नहीं हूँ।"
6- प्रतिज्ञा के समय के संबंध में भीष्म ने दुर्योधन से क्या कहा?
उत्तर- प्रतिज्ञा के समय के संबंध में उठे विवाद पर स्पष्टीकरण देते हुए भीष्म ने दुर्योधन से कहा-"प्रतिज्ञा का समय कल ही पूरा हो चुका है। चंद्र और सूर्य की गति, वर्ष, महीने और पक्ष विभाग के पारस्परिक संबंध को अच्छी तरह जाननेवाले मेरे कथन की पुष्टि करेंगे । प्रत्येक वर्ष में एक जैसे महीने नहीं होते। मालूम होता है कि तुम लोगों की गणना में भूल हुई है।"
विराट का भ्रम
- शोकातुर- शोक से व्याकुल।
- असल में- वास्तव में।
1-विराट की चिंता का क्या कारण था?
Ans-विराट का पुत्र उत्तर कौरवों की सेना से युद्ध करने गया था और वह भली भांति जानता था कि वह उनका मुकाबला करने में असमर्थ रहेगा यही विराट की चिंता का कारण था.
2-विराट ने अर्जुन के समक्ष क्या प्रस्ताव रखा?
Ans-विराट को जब पता चला कि उसके पुत्र उत्तर का सारथी बृहन्नला के रूप में अर्जुन है तो उसने अपनी पुत्री उत्तरा से विवाह का प्रस्ताव रखा.
3-अर्जुन ने क्या कहकर राजा विराट का विवाह प्रस्ताव ठुकरा दिया?
Ans-अर्जुन ने विराट से कहा कि उसकी पुत्री को मैं नाच गाना सिखाता हूं इस रुप से हमारा गुरु शिष्य का संबंध है अर्थात उत्तरा मेरी पुत्री के समान है इस कारण उससे मेरा विवाह करना उचित नहीं साथ ही अर्जुन ने यह भी कहा कि वह अपने पुत्र अभिमन्यु से उसके विवाह का प्रस्ताव रख सकते हैं.
4- विराट की चिंता का क्या कारण था?
उत्तर- विराट का पुत्र उत्तर कौरवों की सेना से युद्ध करने गया था और वह भली-भाँति जानता था कि वह उनका मुकाबला करने में असमर्थ रहेगा। यही विराट की चिंता का कारण था।
5- कंक (युधिष्ठिर) ने विराट को सात्वना कैसे दी?
उत्तर- कंक ने विराट को सांत्वना देते हुए कहा कि वह घबराएं नहीं क्योंकि बृहन्नला उसके साथ है।
6- विराट ने युधिष्ठिर से क्षमा-याचना क्यों की?
उत्तर- विराट ने अपने पुत्र के समझाने पर व असलियत जान लेने पर कि कंक वास्तव में युधिष्ठिर है, उनसे क्षमा-याचना की।
7- विराट ने अर्जुन के समक्ष क्या प्रस्ताव रखा?
उत्तर- विराट को जब पता चला कि उसके पुत्र उत्तर का सारथि वृहन्नला के रूप में अर्जुन है, तो उसने अपनी पुत्री उत्तरा से विवाह का प्रस्ताव रखा।
मंत्रणा 1-अज्ञातवास के बाद पांडव कहां रहने लगे थे? Ans-अज्ञातवास के बाद पांडव विराट के राज्य में उपप्ल्वय नामक नगर में रहने लगे थे 2-दुर्योधन ने सहायता मांगते समय सीखने से क्या कहा? Ans-दुर्योधन ने कहा कि मैं आपके पास पहले आया हूं अतः पहले आप मेरी प्रार्थना सुने 3-दुर्योधन के तर्क पर श्रीकृष्ण ने क्या उत्तर दिया? Ans-श्री कृष्ण ने कहा कि आप पहले पहुंचे जरूर हैं लेकिन मैंने तो पहले अर्जुन को ही देखा था मेरी निगाह में आप दोनों बराबर हैं अर्जुन आपसे आयु में छोटा है इसीलिए मैं पहले अर्जुन से पूछता हूं कि वह क्या चाहता है 4-अर्जुन ने किसको चुना? Ans-अर्जुन ने युद्ध के लिए श्रीकृष्ण को चुना 5- प्रकट होने के बाद पांडव कहाँ रहने लगे थे? उत्तर- अज्ञातवास के बाद पांडव विराट के राज्य में उपप्लव्य नामक नगर में रहने लगे थे। प्रश्न 2. श्रीकृष्ण ने अर्जुन के सामने क्या विकल्प रखे? उत्तर- श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कहा-"मेरी सेना एक तरफ़ होगी दूसरी तरफ़ अकेला मैं रहूँगा। मेरी प्रतिज्ञा यह भी है कि युद्ध में मैं न तो हथियार उठाऊँगा और न ही लड़ँगा। तुम भली-भाँति सोच लो तब निर्णय करो। इन दो में से जो पसंद हो. वह ले लो।" प्रश्न 3. अर्जुन ने निहत्थे श्रीकृष्ण को क्यों चुना? उत्तर- श्रीकृष्ण के इस प्रश्न का उत्तर देते हुए अर्जुन ने कहा था-"बात यह है कि आप में वह शक्ति है कि जिससे आप अकेले ही इन तमाम राजाओं लड़कर इन्हें कुचल सकते हैं ।" प्रश्न 4. अभिमन्यु का विवाह किससे हुआ? उत्तर- उत्तरा से । प्रश्न 5. श्रीकृष्ण ने किस पदवी से अर्जुन की सहायता की? उत्तर- पार्थ सारथी बनकर। राजदूत संजय
1- युधिष्ठिर ने धृतराष्ट्र के लिए संजय को क्या संदेश दिया?
Ans-युधिष्ठिर ने कहा संजय कौरवों की राज्यसभा में जाकर महाराज धृतराष्ट्र को मेरी तरफ से प्रार्थना पूर्वक संदेश सुनाना कि कम से कम हमें 5 गांव ही दे दें हम पांचों भाई इसी में संतोष कर लेंगे और संधि करने के लिए तैयार रहेंगे
2-धृतराष्ट्र के समझाने पर दुर्योधन ने क्या उत्तर दिया?
Ans-धृतराष्ट्र के समझाने पर दुर्योधन ने कहा मैं तो सुई की नोक के बराबर भूमि भी पांडवों को नहीं देना चाहता हूं आपकी जो इच्छा हो , करो .अब फैसला युद्ध भूमि में होगा.
3- युधिष्ठिर के पास धृतराष्ट्र का संदेश लेकर कौन गया?
उत्तर- संजय
4- युधिष्ठिर ने संजय से कितने गांवों की मांग की?
उत्तर- पाँच
5- श्रीकृष्ण हस्तिनापुर क्यों जाना चाहते थे?
उत्तर- युद्ध टालने के लिए
6- युधिष्ठिर ने धृतराष्ट्र के पास क्या संदेश भेजा?
उत्तर- वे समझौते के अनुसार अपना हिस्सा चाहते थे।
शांतिदूत श्री कृष्ण
- कुचक्र- बुरी चाल।
- संभ्रांत- विशिष्ट जन।
- आरूढ़- चढ़कर, बैठकर।
- कुलनाशी- कुल का नाश करने वाला।
- मझधार- बीच में।
1-भोजन के निमंत्रण पर श्री कृष्ण ने दुर्योधन से क्या कहा?
Ans- भोजन का निमंत्रण मिलने पर श्री कृष्ण ने कहा राजन जिस उद्देश्य को लेकर मैं यहां आया हूं वह पूरा हो जाए तब मुझे भोजन का न्योता देना उचित होगा
2- कुंती ने कर्ण से क्या कहा?
Ans-कुंती ने कहा कि कल तुम यह मत समझो कि तुम सूत पुत्र हो .तुम सूर्य के अंश से उत्पन्न संतान हो. तुम दुर्योधन के पक्ष में रहकर अपने भाइयों के साथ ही शत्रुता कर रहे हो
3-कर्ण ने कुंती को क्या आश्वासन दिया?
Ans-कर्ण ने कुंती से कहा मैं अर्जुन को छोड़कर किसी और पांडव के प्राण नहीं लूंगा या तो अर्जुन इस युद्ध में रहेगा या मैं दोनों में से एक को मरना ही पड़ेगा .मां तुम्हारे पांच पुत्र हर हालत में रहेंगे चाहे मैं मर जाऊं चाहे अर्जुन.
4- श्रीकृष्ण शांति दूत बनकर हस्तिनापुर किसके साथ गए?
उत्तर- सात्यिकी
5- दुर्योधन के भोजन निमंत्रण पर श्रीकृष्ण ने क्या कहा?
उत्तर- मेरा उद्देश्य पूरा होने पर भोजन का न्योता देना उचित होगा
6- श्रीकृष्ण ने धृतराष्ट्र की सभा में क्या कहा?
उत्तर- पांडवां को आधा राज्य लौटा दो। ऐसा करने से वे तुम्हे युवराज व धृतराष्ट्र को महाराज मानेंगे। उनसे संधि कर लो।
पांडवों और कौरवों के सेनापति
- उद्दंड- अशिष्ट।
- तटस्थ- किसी का भी पक्ष नहीं लेने वाले।
1-पांडवों का सेनापति किसे बनाया गया?
Ans-पांडवों का सेनापति धृष्टद्युम्न को बनाया गया
2- भीष्म के सेनापति बनने पर करने ने क्या निर्णय लिया?
Ans- कर्ण ने निर्णय लिया कि भीष्म के मारे जाने के बाद ही वह युद्ध भूमि में प्रवेश करेगा और केवल अर्जुन को ही मारेगा.
3-महाभारत युद्ध में किन दो राजाओं ने भाग नहीं लिया?
Ans-बलराम और भोजकट के राजा रुक्मी
4- 18 दिन में कौरव सेना के कौन-कौन सेनापति बने ?
Ans-18 दिन में कौरव सेना के चार सेनापति बने पहले 10 दिन भीष्म और फिर 5 दिन द्रोण और फिर 2 दिन कर्ण और अंत में 1 दिन शल्य सेनापति रहे.
5- पांडव सेना के सात नायक कौन थे? उनमें से सेनापति कौन बना?
उत्तर- पांडवों की विशाल सेना को सात हिस्सों में बांट दिया गया। द्रुपद, विराट, धृष्टद्युम्न, शिखंडी सात्यकि, चेकितान, भीमसेन आदि साथ महारथी इन 7 दलों के नायक बने इनमें से धृष्टद्युम्न को सेनापति बनाया गया।
प्रश्न 2. भीष्म के सेनापति बनने पर कर्ण ने क्या निर्णय लिया?
उत्तर- कर्ण ने निर्णय लिया कि भीष्म के मारे जाने के बाद ही वह युद्धभूमि में प्रवेश करेगा और केवल अर्जुन को ही मारेगा।
प्रश्न 3. अठारह दिन में कौरव-सेना के कौन-कौन सेनापति बने?
उत्तर- अठारह दिन में कौरव-सेना के चार सेनापति बने। पहले दस दिन भीष्म, फिर पाँच दिन द्रोण, दो दिन कर्ण और एक दिन शल्य सेनापति रहे।
प्रश्न 4. महाभारत कितने दिन चला?
उत्तर- 18 दिन
पहला से लेकर नवाँ दिन तक युद्ध का वर्णन
- दंग रहना- आश्चर्य चकित रहना।
- सारथी- रथ चलाने वाला।
- तितर बितर- इधर उधर बिखरना।
- उत्तेजित- क्रोधित।
- व्यथित- व्याकुल।
1-घटोत्कच कौन था?
Ans-घटोत्कच भीम का पुत्र था
2-इरावान कौन था?
Ans-अर्जुन और नाग कन्या से उत्पन्न पुत्र था.
1. कौरवों की सेना में सबसे आगे कौन था?
उत्तर- दु:शासन
2. पांडवों की सेना में सबसे आगे कौन था?
उत्तर- भीमसेन
3. चौथे दिन के युद्ध में धृतराष्ट्र के कितने पुत्र मारे गए?
उत्तर- आठ पुत्र।
5. पांचवें दिन के युद्ध की क्या विशेषता रही?
उत्तर- पांचवें दिन के युद्ध में अर्जुन ने कौरव सेना की हजारों सैनिक मार दिए।
6. कुमार शंख कौन था?
उत्तर- अर्जुन का पुत्र।
8. नौवें दिन का युद्ध पराक्रमी कौन कहलाया?
उत्तर- भीष्म पितामह।
भीष्म शर-शय्या पर
- वक्ष स्थल- सीना।
- प्रत्युत्तर- बदला।
- शिकन ना आना- लेशमात्र भी खिन्न ना होना।
- मर्म स्थल- कोमल अंग।
- प्राण हारी- प्राणों को हरने वाले।
- सोता- स्रोत।
- बिछोह- वियोग, अलग होने की अनुभूति।
1-भीष्म शर-शय्या पर कैसे पहुंचे ?
Ans-अर्जुन ने शिखंडी को आगे करके उसकी आड़ लेकर भीष्म को तीरों से छलनी किया शिखंडी भी महारथी था उसने भी अपने बाणों से पितामह को बेधा पिता मैंने शिखंडी के तीरों का उत्तर नहीं दिया
2-शर-शय्या पर पड़े भीष्म ने कर्ण से क्या कहा ?
Ans-कर्तुण म राधा के पुत्र नहीं कुंती के पुत्र हो तुम वीर हो इसीलिए तुम्हारा कर्तव्य है कि तुम पांडवों से मित्रता कर लो.
3- कर्ण ने भीष्म को क्या उत्तर दिया?
Ans- कर्ण ने कहा मैं जानता हूं कि मैं कुंती का पुत्र हूं लेकिन मैं दुर्योधन के पक्ष में ही युद्ध करूंगा क्योंकि उसने तब मेरी सहायता की थी जब सभी ने मेरा साथ छोड़ दिया था पितामह मुझे क्षमा कीजिए.
4- दुर्योधन युधिष्ठिर को जीवित क्यों पकड़ना चाहता था?
Ans-दुर्योधन युधिष्ठिर को जीवित इसीलिए पकड़ना चाहता था ताकि युद्ध जल्दी समाप्त हो जाए वह सोच रहा था युधिष्ठिर को थोड़ा सा राज्य देकर संधि कर ली जाए और फिर जुआ खेलकर राज्य का भाग वापस अपने कब्जे में कर लिया जाए.
6- भीष्म शर-शय्या पर कैसे पहुँचे?
उत्तर- अर्जुन ने शिखंडी को आगे करके उसकी आड़ लेकर भीष्म पर बाण बरसाए। शिखंडी भी महारथी था। उसने भी बाणों से पितामह का वक्ष-स्थल बींध दिया था। पितामह ने शिखंडी के बाणों का प्रत्युत्तर नहीं दिया। मृत्यु को निकट आई समझ भीष्म ढाल-तलवार लेकर रथ से उतरना चाहते थे कि वे गिर पड़े। उनके शरीर में इतने अधिक बाण थे कि उनका शरीर भूमि से नहीं लगा। इस स्थिति को ही शर-शैय्या कहते हैं।
7- शर-शय्या पर पड़े भीष्म ने कर्ण से क्या कहा?
उत्तर-"बेटा, तुम राधा के पुत्र नहीं, कुंती के पुत्र हो। सूर्यपुत्र। शूरता में तुम कृष्ण और अर्जुन की बराबरी कर सकते हो। तुम पांडवों में ज्येष्ठ हो। इस कारण तुम्हारा कर्तव्य है कि तुम उनसे मित्रता कर लो। मेरी यही इच्छा है कि युद्ध में मेरे सेनापतित्व के साथ ही पांडवों के प्रति तुम्हारे वैरभाव का भी आज ही अंत हो जाए।"
8- ग्यारहवें दिन के युद्ध में दुर्योधन ने द्रोणाचार्य से क्या अनुरोध किया?
उत्तर - ग्यारहवें दिन के युद्ध में दुर्योधन आचार्य के पास जाकर बोला-"आचार्य! किसी भी उपाय से आप युधिष्ठिर को जीवित ही पकड़ कर हमारे हवाले कर सके तो बड़ा ही उत्तम हो!"
9- दुर्योधन युधिष्ठिर को जीवित क्यों पकड़ना चाहता था?
उत्तर-दुर्योधन युधिष्ठिर को जीवित इसलिए पकड़ना चाहता था ताकि युद्ध जल्दी समाप्त हो जाए। वह यह भी सोच रहा था कि युधिष्ठिर को थोड़ा-सा राज्य का भाग देकर संधि कर ली जाए और कुछ समय के बाद जुआ खेलकर राज्य का वह भाग वापस अपने कब्जे में कर लिया जाए।
10- क्या युधिष्ठिर जीवित पकड़े गए?
उत्तर- नहीं। कौरवों द्वारा युधिष्ठिर को जीवित नहीं पकड़ा जा सका। अर्जुन ने युद्ध भूमि में बाणों की ऐसी वर्षा की कि कौरव उस दिन बुरी तरह हारे।
बारहवाँ दिन और आगे के पाठ
- चेष्टा- प्रयास।
- विलीन- छिपना।
- तहस नहस करना- नष्ट करना।
1-युधिष्ठिर को बंदी बनाने के लिए द्रोणाचार्य ने क्या उपाय किया?
Ans-युधिष्ठिर को बंदी बनाने के लिए द्रोणाचार्य ने उसकी रक्षा में लगे अर्जुन को किसी बहाने दूर ले जाने की योजना बनाई इसके लिए त्रिगत देश के राजा सुशर्मा और संसप्तकों को अर्जुन के साथ लड़ते हुए दूर ले जाने का काम सौंपा गया.
2-शकुनि के भाइयों को किसने मारा?
Ans-शकुनि के भाइयों को अर्जुन ने मारा
3-युधिष्ठिर ने अभिमन्यु के सामने क्या प्रस्ताव रखा?
Ans-युधिष्ठिर ने कहा कि द्रोण के रचे हुए चक्रव्यू को तोड़ना केवल तुम जानते हो क्या तुम इसके लिए तैयार हो.
4-अभिमन्यु ने युधिष्ठिर को क्या जवाब दिया?
Ans-अभिमन्यु ने कहा कि मैं इस चक्रव्यूह में प्रवेश करना तो जानता हूं लेकिन बाहर निकलना मुझे नहीं आता.
5-अभिमन्यु की मृत्यु के बाद अर्जुन ने क्या प्रतिज्ञा ली?
Ans-अभिमन्यु की मृत्यु के बाद अर्जुन ने कहा जिसके कारण मेरे प्रिय पुत्र की मृत्यु हुई है उस जयद्रथ का मैं कल सूर्यास्त होने से पहले वध कर डालूंगा. यह मेरी प्रतिज्ञा है.
6-करण ने भीम को क्यों नहीं मारा?
Ans-करण ने मां कुंती के समक्ष प्रतिज्ञा की थी कि केवल अर्जुन को छोड़कर और किसी कुंती पुत्र को मारने की चेष्टा नहीं करेगा इसीलिए उसने भीम को नहीं मारा.
7-श्री कृष्ण ने जयद्रथ को मारने के लिए अर्जुन को क्या कहकर सचेत किया?
Ans-श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा कि जयद्रथ सूर्य की तरफ देख रहा है और समझ रहा है कि सूर्य डूब गया है लेकिन अभी सूरज डूबा नहीं है जयद्रथ को मारकर अपनी प्रतिज्ञा पूरी करो.
8-भूरिश्रवा का वध किसने किया?
Ans-भूरिश्रवा का वध सात्यकि ने किया .
9-जयद्रथ का सिर कहां जाकर गिरा?
Ans-जयद्रथ का सर उसके पिता वृद्धक्षत्र की गोद में जाकर गिरा
10-अश्वत्थामा नाम किसका था?
Ans-हाथी और द्रोणाचार्य के पुत्र ,दोनों का.
11-द्रोण की मृत्यु के पश्चात कौरवों का सेनापति कौन बना?
Ans-द्रोण की मृत्यु के पश्चात कौरवों का सेनापति कौन बना.
12-दुशासन का वध किसने किया?
Ans-दुशासन का वध भीम ने किया.
13-मृत्यु के डर से दुर्योधन कहां छुप गया था?
Ans-मृत्यु के डर से दुर्योधन एक जलाशय में जाकर छुप गया था.
14-पांडवों के विनाश की प्रतिज्ञा किसने की?
Ans-पांडवों के विनाश की प्रतिज्ञा अश्वत्थामा ने की.
15-अश्वत्थामा ने द्रोपदी के पांच पुत्रों को कैसे मारा?
Ans-अश्वत्थामा ने द्रोपदी के पांच पुत्रों को रात को सोते समय छल से मारा.
16-परीक्षित कौन था?
Ans-परीक्षित अभिमन्यु और उत्तरा का पुत्र था.
17-श्री कृष्ण ने धृतराष्ट्र के समक्ष एक लोहे की मूर्ति क्यों खड़ी की?
Ans-श्री कृष्ण जानते थे कि धृतराष्ट्र बहुत क्रोधित हैं और उनके समक्ष जो भी जाएगा वे उसे मार देंगे.
18-शोक मगन युधिष्ठिर ने क्या निर्णय लिया?
Ans-शोक मग्न युधिष्ठिर ने वन में जाने का निर्णय लिया.
19-धृतराष्ट्र गांधारी और कुंती ने कितने वर्षों तक वन में तपस्वी का जीवन व्यतीत किया?
Ans- 3 वर्ष तक तपस्वी का जीवन व्यतीत किया.
20-महाभारत युद्ध के बाद श्री कृष्ण ने कितने दिन तक राज्य किया?
Ans-महाभारत के युद्ध के बाद श्री कृष्ण ने 36 वर्ष तक द्वारका में राज्य किया.
21-बलराम की मृत्यु कैसे हुई?
Ans-बलराम को बहुत दुःख हुआ और उन्होंने समाधि में बैठकर शरीर त्याग दिया.
22-कृष्ण की मृत्यु किसके हाथों हुई?
Ans-कृष्ण की मृत्यु एक शिकारी के हाथों हुई.
23-कृष्ण की मृत्यु के पश्चात पांडवों का क्या हाल हुआ?
Ans-वह संसार से विरक्त हो गए उन्होंने अपना राज्य अपने पोते परीक्षित को सौंप दिया और वह हिमालय की ओर चले गए.
बारहवाँ दिन
प्रश्न 1. बारहवें दिन के युद्ध की उल्लेखनीय घटनाएं क्या रहीं?
उत्तर- बारहवें दिन की उल्लेखनीय घटनाएं दो रहीं -
1. द्रोणाचार्य युधिष्ठिर को पकड़ने में असफल रहे।
2. भगदत्त अर्जुन के द्वारा मारे गए।
प्रश्न 2 . कौरवों ने अर्जुन को युद्ध क्षेत्र से दूर ले जाने का निर्णय क्यों किया?
उत्तर- ताकि युधिष्ठिर को बंदी बना सके।
प्रश्न 3. शकुनि के दो भाई कौन थे?
उत्तर- वृषक और अचक।
प्रश्न 4. शकुनि के भाइयों को किसने मारा?
उत्तर- अर्जुन।
अभिमन्यु
- अनुकरण- पीछे पीछे चलना।
- ताड़ लेना- जान लेना।
- सैंधव- सिंधु देश का रहने वाला।
प्रश्न 1. 13वें दिन युद्ध में चक्रव्यूह किसने रचा?
उत्तर- द्रोण।
प्रश्न 2. चक्रव्यूह में सर्वप्रथम प्रवेश किसने किया?
उत्तर- अभिमन्यु
प्रश्न 3. अभिमन्यु की मृत्यु किसके हाथों हुई?
उत्तर- दु:शासन के पुत्र के हाथों।
प्रश्न 4. अभिमन्यु की मृत्यु के बाद अर्जुन ने क्या प्रतिज्ञा की?
उत्तर- अभिमन्यु की मृत्यु के बाद अर्जुन ने दृढ़ता पूर्वक कहा- "जिसके कारण मेरे प्रिय पुत्र की मृत्यु हुई है, उस जगह जयद्रथ का मैं कल सूर्यास्त होने से पहले वध करके रहूंगा यह मेरी प्रतिज्ञा है।"
युधिष्ठिर की चिंता और कामना
- विक्षिप्त- पागल।
- कुमुक- सेना।
- अधीर- व्याकुल।
- असीम- अत्यधिक।
- निहत्थे- हथियार से रहित।
प्रश्न 1. कर्ण ने भीम को क्यों नहीं मारा?
उत्तर- कर्ण ने मां कुंती के समक्ष प्रतिज्ञा की थी कि केवल अर्जुन को छोड़कर और किसी कुंती पुत्र को मारने की चेष्टा नहीं करेगा। युद्ध पश्चात वह बचेगा या अर्जुन। कुंती पुत्र पांच ही रहेंगे।
प्रश्न 2. भीमसेन ने युधिष्ठिर की रक्षा का भार किसे सौंपा?
उत्तर- धृष्टद्युम्न को।
भूरिश्रवा, जयद्रथ और आचार्य द्रोण का अंत
- निकृष्ट- नीच, निंदनीय।
- आपे में ना रहना- विवेक खो देना।
प्रश्न 1. श्री कृष्ण ने जयद्रथ को मारने के लिए अर्जुन को क्या कह कर सचेत किया?
उत्तर- श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा- "अर्जुन! जयद्रथ सूर्य की तरफ देखने में लगा है और मन में समझ रहा है कि सूर्य डूब गया। परंतु अभी तो सूर्य डूबा नहीं है। अपनी प्रतिज्ञा पूरी करने का तुम्हारे लिए यही अवसर है।
प्रश्न 2. भूरिश्रवा का वध किसने किया?
उत्तर- सात्यिक ने।
प्रश्न 3. जयद्रथ का सिर किसने काटा?
उत्तर- अर्जुन ने।
प्रश्न 4. अश्वत्थामा नाम किसका था?
उत्तर- हाथी व द्रोणाचार्य के पुत्र, दोनों का।
प्रश्न 5. द्रोणाचार्य का अंत कैसे हुआ?
उत्तर- जब उन्हें अपने पुत्र के मरने की झूठी खबर मिली तो उनके हथियार डाल देने पर धृष्टद्युम्न द्वारा वार करने पर द्रोणाचार्य का अंत हुआ।
कर्ण और दुर्योधन भी मारे गए
- निर्लज्जता- बेशर्मी।
- नि सहाय- जिसकी कोई सहायता करने वाला न हो।
- कुटुंब- परिवार।
प्रश्न 1. कर्ण के सर्प मुखास्त्र से अर्जुन की प्राण रक्षा कैसे हुई?
उत्तर- कर्ण ने अर्जुन पर एक ऐसा बाण चलाया जो आग उगलता गया। अर्जुन की ओर उस भयानक तीर को आता हुआ देखकर कृष्ण ने रथ को पांव के अंगूठे से दबा दिया जिससे रथ जमीन में पांच अंगुल धंस गया। कृष्ण की इस युक्ति से अर्जुन मरते मरते बचा। कर्ण का चलाया हुआ सर्प मुखास्त्र फुंफकारता हुआ आया और अर्जुन का मुकुट उड़ा ले गया।
प्रश्न 2. द्रोण की मृत्यु के पश्चात कौरवों का सेनापति कौन बना?
उत्तर- कर्ण।
प्रश्न 3. दु:शासन का वध किसके हाथों हुआ?
उत्तर- भीमसेन।
प्रश्न 4. शकुनि का वध किसके हाथों हुआ?
उत्तर- सहदेव।
प्रश्न 5. दुर्योधन को किसने मारा?
उत्तर- भीमसेन।
अश्वत्थामा
प्रश्न 1. दुर्योधन के पश्चात कौरवों की सेना का सेनापति कौन बना?
उत्तर- अश्वत्थामा।
प्रश्न 2. पांडवों के विनाश की प्रतिज्ञा किसने की?
उत्तर- अश्वत्थामा।
प्रश्न 3. अश्वत्थामा ने पांडवों को कैसे मारा?
उत्तर- अश्वत्थामा ने रात के समय सोते हुए पांडवों को छल से मारा। धृष्टद्युम्न व द्रोपदी के पांच पुत्रों को तो उसने पैरों से कुचल डाला। इसके बाद पांडव शिविर को ही आग लगा दी। इस कार्य में उसके साथ कृपाचार्य और कृतवर्मा भी थे।
प्रश्न 4. उत्तरा ने किसे जन्म दिया?
उत्तर- अभिमन्यु के पुत्र परीक्षित को।
युधिष्ठिर की वेदना
- क्षुब्ध- क्रोधित।
- शोकोद्वेग- दुख की अधिकता।
- दुष्कर- कठिन।
- ढिठाई- धृष्टता।
- मर्म- रहस्य।
- काल कलवित होना- मृत्यु को प्राप्त होना।
प्रश्न 1. श्री कृष्ण ने धृतराष्ट्र के समक्ष एक लोहे मूर्ति क्यों खड़ी की?
उत्तर- क्योंकि उस समय धृतराष्ट्र बहुत क्रोधित थे जो भी उनके समक्ष जाता, वे उसे मार देते।
प्रश्न 2. धृतराष्ट्र ने लौह मूर्ति का क्या किया?
उत्तर- उसे भीम समझ कर चकनाचूर कर डाला।
प्रश्न 3. शासन सूत्र ग्रहण करने से पूर्व युधिष्ठिर युद्ध भूमि क्यों गए?
उत्तर- शासन सूत्र ग्रहण करने से पूर्व युधिष्ठिर युद्ध भूमि में शर- शैया पर पड़े भीष्म पितामह से आशीर्वाद लेने गए।
प्रश्न 4. शोक मग्न युधिष्ठिर ने क्या निर्णय लिया?
उत्तर- वन में जाने का।
पांडवों का धृतराष्ट्र के प्रति व्यवहार
- एकछत्र- अकेले।
- अमिट- कभी न मिटने वाली।
- खिन्न- दुखी।
- विराग- उदासीन।
प्रश्न 1. धृतराष्ट्र ने युधिष्ठिर से क्या अनुमति मांगी?
उत्तर- वल्कल वस्त्र धारण कर वन गमन करने की।
प्रश्न 2. युधिष्ठिर ने धृतराष्ट्र के अनुमति मांगने पर क्या कहा?
उत्तर- धृतराष्ट्र ने कहा कि आप तो राज्य के स्वामी हैं। आपका ही पुत्र युयुत्सु राज गद्दी पर बैठे या जिसे आप चाहे राजा बना दे अथवा शासन की बागडोर स्वयं अपने हाथों में ले ले और प्रजा का पालन करें। मैं वन में चला जाऊंगा। राजा मैं नहीं बल्कि आप ही है। मैं ऐसी हालत में आपको अनुमति कैसे दे सकता हूं।"
प्रश्न 3. वन गमन के समय धृतराष्ट्र के साथ कौन कौन थे?
उत्तर- गांधारी, कुंती और संजय।
श्री कृष्ण और युधिष्ठिर
प्रश्न 1. महाभारत युद्ध के बाद श्री कृष्ण ने कितने दिन तक राज्य किया?
उत्तर- महाभारत के युद्ध की समाप्ति के बाद श्री कृष्ण 36 वर्ष तक द्वारका में राज्य करते रहे।
प्रश्न 2. बलराम की मृत्यु कैसे हुई?
उत्तर- वंश नाश देखकर बलराम को असीम शोक होगा और उन्होंने समाधि में बैठकर शरीर त्याग दिया।
प्रश्न 3. श्रीकृष्ण की मृत्यु कैसे हुई?
उत्तर- वंश के नाश के विषय में विचारते हुए श्री कृष्ण सागर तट पर घूम रहे थे। विचार मग्न श्री कृष्ण वही एक वृक्ष के नीचे जमीन पर लेट गए। किसी शिकारी ने लेटे हुए श्री कृष्ण को मृत समझकर तीर चला दिया। तीर तलवे को छेदता हुआ शरीर में धंस गया और उसने श्री कृष्ण के प्राण ले लिए।
प्रश्न 4. श्री कृष्ण के देहावसान के बाद पांडवों ने क्या किया?
उत्तर- श्रीकृष्ण की मृत्यु का समाचार पाकर पांडव बहुत दुखी हुए उनके मन में संसार के प्रति वैराग्य उत्पन्न हो गया। वह अपने पुत्र परीक्षित को राज्य सौंप कर द्रौपदी सहित तीर्थ यात्रा को निकल गए और अंत में हिमालय की ओर चले गए।