कान में मैल जमा होने से क्या होता है? - kaan mein mail jama hone se kya hota hai?

कान का मैल या आपके कान में जमा वैक्‍स भूरे, नारंगी, लाल, पीले या फिर स्‍लेडी रंग का हो सकता है. यह आपके कान के अंदर मौजूद एक नली में होता है. कान के अंदर कई ग्रंथियां होती है जो इस मोम का निर्माण करती हैं. कान का ये मैल आपकी स्किन को चोट से बचाता है.

हेल्‍थ एक्‍सपर्ट्स के मुताबिक कान का मैल बहुत जरूरी होता है.

कान का मैल, यह सुनकर आपमें से कई लोगों को घिन्‍न आने लगती होगी तो कुछ लोग सोचने लगते हैं आखिर कान में ये मैल कैसे आ जाता है और इसका क्‍या काम है. शायद आपको मालूम नहीं होगा मगर कान का मैल बहुत ही जरूरी होता है. आप जानकर हैरान हो जाएंगे मगर ये मैल नहीं होता है बल्कि कान का वैक्‍स होता है. अक्‍सर आपने कई लोगों का कान को खोदते हुए या फिर इसे किसी चीज से खुरचते हुए देखा होगा. आप में से कई लोग कान का मैल निकालने की आदत से परेशान भी होंगे. मगर शायद ही आपको मालूम हो कि जिसे आप मैल समझ रहे हैं दरअसल वही आपके कान के लिए सबसे जरूरी चीज है. इस मैल को इयर वैक्‍स कहते हैं. इसका मेडिकल शब्‍द सिरूमन है और डॉक्‍टरों की मानें तो यह आपके कान के लिए सबसे जरूरी है.

क्‍यों जरूरी है कान का मैल

कान का मैल या आपके कान में जमा वैक्‍स भूरे, नारंगी, लाल, पीले या फिर स्‍लेडी रंग का हो सकता है. यह आपके कान के अंदर मौजूद एक नली में होता है. कान के अंदर कई ग्रंथियां होती है जो इस मोम का निर्माण करती हैं. कान का ये मैल आपकी स्किन को चोट से बचाता है. इसके साथ ही किसी भी तरह के बैक्‍टीरिया, फंगस और पानी से भी कान की रक्षा करता है. आपको सुनकर अजीब लग सकता है मगर आपके कान का मैल ही इसे साफ और स्‍वस्‍थ रखने में मदद करता है. कान में मौजूद नलियों की आउटर लेयर को सूखने से रोकता है. मैल की वजह से कान की नलियां अपनी सफाई खुद कर लेती हैं.

क्‍यों बन जाता है कभी-कभी समस्‍या

हालांकि कभी-कभी कान का मैल आपके लिए समस्‍या बन सकता है. लीडिंग मेडिकल एक्‍सपर्ट्स के मुताबिक जब कोई बोलता है, चबाता है या फिर जबड़ों को घुमाता है तो कान के अंदर का मोम यानी इयरवैक्‍स कान के पर्दे से छेद की तरफ बढ़ता है और सूखकर बाहर निकल जाता है. यही इयर वैक्‍स जब ज्‍यादा मात्रा में बनने लगता है तो समस्‍या पैदा हो जाती है. इसकी वजह से कान में दर्द हो सकता है. कई मामलों में इसी मैल की वजह से सुनने की क्षमता तक चली जाती है. कुछ लोग इस वैक्‍स को साफ करने के लिए कॉटन बड्स या फिर ऐसी चीजों का सहारा लेते हैं. डॉक्‍टरों के मुताबिक ये चीजें नुकसानदायक हो सकती हैं.

सफाई करने के गलत तरीके

कभी प्रयोग न करें कॉटन बड्स

कॉटन बड्स को कान में डालना खतरनाक हो सकता है. आप जब कॉटन बड्स की मदद से कान साफ करते हैं तो कभी-कभी रूई के कुछ हिस्‍से कान में चिपके रह जाते हैं. ये हिस्‍से कान में ऐसी जगह पर चिपकते हैं जहां पर सफाई मुश्किल होती है. ऐसे में यहां पर बैक्‍टीरिया या फंगस हो सकती है और आपके कान में इंफेक्‍शन तक हो सकता है. कभी-कभी अगर कॉटन बड्स कान के बहुत अंदर तक पहुंच जाते हैं तो पर्दा तक फट सकता है. सुनने की क्षमता भी जा सकती है.

इयर कैंडल्‍स से रहें दूर

इसी तरह से बाजार में कान साफ करने के लिए इयर कैंडल्‍स मिलता है. इसे बेचने वाले लोग ये दावा करते हैं कि इसके प्रयोग से कान का मैल और अन्य अशुद्धियां साफ हो जाती हैं. रिसर्चर्स के मुताबिक इयर कैंडल्‍स कान का मैल साफ करने में असरदार नहीं है. उन्‍होंने कहा है कि ये कैंडल्‍स खतरनाक हो सकती हैं. वहीं इयर ड्रॉप्‍स का प्रयोग करने से भी विशेषज्ञ मना करते हैं. उनका कहना है कि ईयर ड्रॉप्‍स हाइड्रोजन पेरोक्साइड, सोडियम बाइकार्बोनेट या सोडियम क्लोराइड जैसी चीजे होती हैं. कुछ लोगों की त्‍वचा पर इसका बुरा प्रभाव पड़ सकता है. हां इसकी जगह पर आप ऑलिव ऑयल या फिर बादाम का तेल प्रयोग कर सकते हैं.

पानी से कर सकते हैं सफाई

डॉक्‍टर्स आपको कान की सफाई पानी से करने के लिए सुझाव दे सकते हैं. इसे मेडिकल साइंस में सिरिंजिंग कहते हैं. इस टेक्निक में कान का मैल साफ करने के लिए एक सिरिंज के जरिए कान की नलियोंं पर पानी की फुहारें डाली जाती हैं. हालांकि इस तरीके से ईयरवैक्स साफ तो हो सकता है लेकिन कुछ मामलों में ये तकलीफदेह साबित हो सकता है और कान के पर्दे भी नुकसान डाल सकते हैं.

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कान में मैल जमना एक सामान्य प्रक्रिया है, यह कानों में संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करता है। कान के पर्दे और आंतरिक अंग बहुत ही नाजुक होते हैं बाहर की धूल और मिट्टी के कारण इनमें संक्रमण हो सकता है। कानों की मैल संक्रमण को भीतर जाने से रोकता है और कानों की सुरक्षा करता है। लेकिन जब कान का मैल अधिक हो जाता है तो सुनने में भी परेशानी हो सकती है और इसलिए इसे निकाल देना ही उचित है। आमतौर पर लोग कान की मैल निकालने के लिए किसी भी पतली और नुकीली चीज का इस्तेमाल करते हैं जिससे कान के पर्दे फट सकते हैं। परेशान न हों हम आपको कुछ ऐसे घरेलू नुस्खे के बारे में बताएंगे जिससे आप कानों की मैल आसानी से निकाल सकते हैं।

पढ़ें- सुनने की शक्ति कैसे बढ़ाएं

  • कान से मैल निकालने के लिए बेकिंग सोडा
  • कान की खोंट निकालने के लिए बेबी ऑयल
  • बादाम का तेल है कान से खोंट निकालने की दवा
  • सेब के सिरके से निकाले कान की जमी मैल
  • सेलाइन वाटर
  • जैतून का तेल
  • लहसुन का तेल
  • नार‍ियल का तेल और लहसुन
  • ग्लिसरीन
  • हाइड्रोजन पेरोक्साइड

कान से मैल निकालने के लिए बेकिंग सोडा

कान की खोंट निकालने के लिए बेकिंग सोडा सबसे आसान घरेलू नुस्खा है। आधा चम्मच बेकिंग सोडा  60 मिली ग्राम पानी में मिलाकर अच्छी तरह से मिला लें और उसकी तीन से चार बूंद अपने कानों में डाल ले। आधा घंटा बाद मैल ऊपर आ जाएगी और आप इसे आसानी से किसी सूती कपड़े की मदद से निकाल सकते हैं।

कान की खोंट निकालने के लिए बेबी ऑयल

बेबी ऑयल बहुत हल्का होता है जिसे कानों में डालने से कोई नुकसान नहीं होता है और कानों की सफाई भी हो जाती है। ड्रापर की मदद से तेल की तीन से चार बूंदें कानों में डाल लें। अब एक घंटे का इंतजार करें। एक घंटे बाद यदि खोंट बाहर आ जाती है तो उसे सूती कपड़े की मदद से साफ कर लें। ध्‍यान रखें कि इसे निकालने के लिए किसी नुकीली वस्तु का इस्तेमाल बिल्कुल भी न करें।

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बादाम का तेल है कान से खोंट निकालने की दवा

एक चम्मच बादाम का तेल गुनगुना कर लें और दोनों कानों में आधा-आधा चम्मच तेल डाल लें। अब कानों को रूई से बंद कर दें। तकरीबन आधा घंटा बाद कानों की मैल बाहर आ जाएगी जिसे आप उँगलियों की मदद से आसानी से निकाल सकते हैं।

सेब के सिरके से निकाले कान की जमी मैल

विनेगर में एस्‍ट्रिजेंट प्रॉपर्टी होती है जो कान के मैल और इंफेक्‍शन से लड़ता है और कान की मैल को फुलाकर आसानी से बाहर निकालने में आपकी मदद करता है। एक चम्मच सेब का सिरका एक चम्मच पानी के साथ मिलाकर तीन से चार बूंद पानी अपने कानों में डालें। अगर एक दिन में कान का कचरा बाहर नहीं निकलता है तो आप दूसरे दिन भी यह उपाय आजमा सकते हैं।

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सेलाइन वाटर

एक चम्मच नमक में आधा कप गरम पानी डालकर अच्छी तरह से मिला लें और उस पानी में एक सूती कपड़ा भिगो लें। अब कपड़े की मदद से तीन से चार बूंद पानी अपने कानों में डालें। यह घरेलू नुस्खा कानों में जमी मैल को आसानी से निकाल देगा।

जैतून का तेल

जैतून का तेल मैल को कोमल बनाता है और निकालने में मदद करता है। आप इसे गरम करके कानों में तीन से चार बूंद डाल सकते है। एक घंटे में यह कानों की मैल को निकाल देगा। कानों को पूरी तरह से साफ करने के लिए आप इस तेल को दूसरे दिन भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

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लहसुन का तेल

लहसुन का वर्जिन तेल कान की कई समस्याओं से राहत दिलाने में आपकी मदद कर सकता है। कानों को संक्रमण से दूर रखने के अलावा यह कानों की खोंट को भी बाहर निकाल सकता है। बस एक चम्मच गुनगुना तेल को दोनों कानों में डाल लें और वैक्‍स बाहर आ जाने पर उसे निकाल लें।

नार‍ियल का तेल और लहसुन

नारियल के तेल और लहसुन का कांबिनेशन कानों को इंफेक्‍शन से सुरक्षित रखता है और खोंट या वैक्‍स को आसानी से फुलाकर बाहर निकाल देता है। तीन चम्मच नारियल के तेल में दो कली लहसुन डालकर अच्छी तरह से पकाएं और जब पक जाए तो ठंडा करके कानों में डाल लें। एक घंटे बाद आप किसी सूती कपड़े की मदद से खोंट को बाहर निकाल सकते हैं।

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ग्लिसरीन

कानों के खोंट को निकालने के लिए यह तरीका अक्सर इस्तेमाल होता है। ड्रापर की मदद से ३-४ बूँद ग्लिसरीन कानों के भीतर डालें और वैक्स के फूल जाने पर उसे निकाल लें।

हाइड्रोजन पेरोक्साइड

ज्यादातर डॉक्टर कानों की मैल निकालने के लिए हाइड्रोजन पेरोक्साइड का उपयोग करते है। यह कानों की मैल को फुलाकर खुद-ब-खुद बाहर कर देता है।

3% हाइड्रोजन पेरोक्साइड और पानी की बराबर मात्रा को अच्छी तरह से मिला लें। अब इसकी तीन से चार बूंद कानों में डालें। कुछ ही देर में आपके कानों की सारी गंदगी बाहर निकल जाएगी। लेकिन इस नुस्खे का इस्तेमाल करने से पहले एक बार डॉक्टर की राय जरूर लें।

अंत में

अगर ऊपर बताए गए नुस्खे को इस्तेमाल करने के बाद भी कान से कुछ नहीं निकलता है तो परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है| लेकिन, यदि आपके कानों में कम सुनाई देता है तो  हो सकता है कि आपको कोई आंतरिक समस्या हो| ऐसी स्थिति में आप तुरंत ही किसी अच्छे ENT विशेषज्ञ से सलाह लें|

डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|

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