जागीर के आदमियों के लिए भिक्षु का क्या महत्व होता था? - jaageer ke aadamiyon ke lie bhikshu ka kya mahatv hota tha?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर: थोङ्ला के पहले के आखिरी गाँव पहुँचने पर लेखक भिखमंगे के वेश में होने के बाद भी ठहरने का स्थान पा गया क्योंकि उस समय उनके साथ बौद्ध भिक्षु सुमति थे।

लेखक के अनुसार आम आदमी कौन है और क्यों?

उत्तर:- साधारण आदमी धर्म के नाम पर उबल पड़ता है, चाहे उसे धर्म के तत्वों का पता न हो क्योंकि उनको यह पता है कि धर्म की रक्षा पर प्राण तक दे देना चाहिए। धर्म के बारे में अंधविश्वास रखते हैं और इसका फायदा चालाक लोग, स्वार्थी लोग उठा लेते हैं।…उत्तर:-

लालाइलाज, लापतागैरगैरकानूनी, गैरहाजिर

राहुल और सुमित ने भिखमंगे का वेश क्यों बनाया था?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर:- इसका मुख्य कारण था – संबंधों का महत्व। तिब्बत में इस मार्ग पर यात्रियों के लिए एक-जैसी व्यवस्थाएँ नहीं थीं। इसलिए वहाँ जान-पहचान के आधार पर ठहरने का उचित स्थान मिल जाता था। पहली बार लेखक के साथ बौद्ध भिक्षु सुमति थे।

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फादर बुल्के अक्सर किसकी याद में डूब जाते थे?

इसे सुनेंरोकेंअपने प्रियजनों के प्रति अत्यधिक आत्मीयता रखते हुए उन पर करुणा, ममता, वात्सल्य की वर्षा निरंतर करते रहते थे। अपने प्रियजनों के प्रति इतनी आत्मीयता रखते थे कि अपने आशीर्वादों से लोगों के मन को लबालब भर देते थे। इस तरह वे मानवीय करुणा के अवतार थे। लेखक ने फादर बुल्के को ‘मानवीय करुणा की दिव्य चमक’ क्यों कहा है?

नम्से कौन था?

इसे सुनेंरोकेंप्रश्न (ग) नम्से कौन थे? उनका क्या कार्य था? उत्तरः नम्से बौ( भिक्षु थे व शेकर की खेती के मुखिया थे। वह खेती का इंतजाम देखने का कार्य करते थे और जागीर के आदमियों के लिये राजा से कम न थे।

नास्तिक आदमी को लेखक ने अच्छा क्यों माना है?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: नास्तिक आदमियों को गणेश शंकर विद्यार्थी में अच्छा इसलिए माना है क्योंकि वे आस्तिक आदमियों की तरह दूसरों की बातों में आकर दंगे फसाद नहीं करते हैं।

दिमागी गुलामी गद्य साहित्य की कौन सी विधा है?

इसे सुनेंरोकेंराहुल सांकृत्यायन सच्चे अर्थों में जनता के लेखक थे। वह आज जैसे कथित प्रगतिशील लेखकों सरीखे नहीं थे जो जनता के जीवन और संघर्षों से अलग–थलग अपने–अपने नेह–नीड़ों में बैठे कागज पर रोशनाई फिराया करते हैं।

भारत के पहाड़ों की तुलना में तिब्बती पहाड़ों की यात्रा कितनी सुरक्षित है?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर – भारत के पहाड़ों की यात्रा तिब्बती पहाड़ों की यात्रा की अपेक्षा कहीं अधिक सुरक्षित है। यहाँ पहाडी यात्रा के दौरान यात्रियों को लूटपाट, डकैती, हत्या आदि का खतरा नहीं होता।

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फादर कामिल बुल्के की मृत्यु पर रोने वालों की कमी क्यों नहीं थी?

इसे सुनेंरोकें(ग) फ़ादर की मृत्यु पर रोने बालों की कमी क्यों नहीं थी। उत्तर: (क) फ़ादर का अंतिम संस्कार मसीही विधि से करवाया गया। (ग) फ़ादर कामिल बुल्के की मृत्यु पर रोने वालों की कमी नहीं थी क्योंकि उनका सभी के प्रति मित्रवत् व्यवहार या, सभी के लिए दया व सहयोग की भावना थी व अपने हदय में सभी के प्रति कल्याण की भावना रखते थे।

किसकी आँखों में वात्सल्य तैरता रहता था?

इसे सुनेंरोकेंवात्सल्य तो उनकी नीली आँखों में तैरता रहता था। इस कारण सबको उनकी उपस्थिति देवदार की छाया के समान प्रतीत होती थी। प्रश्न 2. फ़ादर बुल्के भारतीय संस्कृति के एक अभिन्न अंग हैं, किस आधार पर ऐसा कहा गया है? [Imp.]

इसे सुनेंरोकेंउत्तर: थोङ्ला के पहले के आखिरी गाँव पहुँचने पर लेखक भिखमंगे के वेश में होने के बाद भी ठहरने का स्थान पा गया क्योंकि उस समय उनके साथ बौद्ध भिक्षु सुमति थे। सुमति की उस गाँव में जान-पहचान थी। दूसरी यात्रा के समय लेखक भद्र वेश में था पर वह उस गाँव के लोगों के लिए अपरिचित था।

हामिद खां कौन था?

इसे सुनेंरोकेंउत्तरः हामिद खाँ एक मुसलमान पठान था। तक्षशिला में जहाँ हामिद रहता था, वहाँ आगजनी की घटना हुई थी। हामिद मानव प्रेम में आस्था रखने वाला व्यक्ति था। लेखक के साथ उसका भावनात्मक जुड़ाव भी था।

सुमति का अपने यजमानों से किया जाने वाला व्यवहार कितना व्यावहारिक था अपना विचार प्रकट कीजिए?

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इसे सुनेंरोकेंसुमति उन लोगों के बीच धर्मगुरु के समान थे, जो उन्हें बोधगया से लाए गंडे दिया करते थे। सुमति लालची स्वभाव के व्यक्ति थे। वे यजमानों में बोधगया में लाए गंडे समाप्त हो जाने पर साधारण कपड़े का गंडा उन्हें देकर धन प्राप्त करते थे। सुमति बौद्ध धर्म में आस्था रखते थे तथा तिब्बत का अच्छा भौगोलिक ज्ञान रखते थे।

लोग ईश्वर को कहाँ ढूँढ़ते हैं?

इसे सुनेंरोकेंप्रश्न 8 : मनुष्य ईश्वर को कहाँ-कहाँ ढूँढ़ता फिरता है? उत्तर : मनुष्य ईश्वर को देवालय (मंदिर), मस्जिद, काबा तथा कैलाश में ढूँढता फिरता है।

हामिद खाँ पाठ के लेखक कौन है?

हामिद पाकिस्तानी मुसलमान था। वह तक्षशिला के पास एक गाँव में होटल चलाता था। लेखक तक्षशिला के खंडहर देखने के लिए पाकिस्तान आया तो हामिद के होटल पर खाना खाने पहुँचा। वहीं उनका आपस में परिचय हुआ।…Free Resources.

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सुमति कौन है?

इसे सुनेंरोकेंसुमति मंगोल जाति का एक बौद्ध भिक्षु था। उसका वास्तविक नाम था – लोबज़ंग शेख। इसका अर्थ होता है – ‘सुमति प्रज्ञं’। अतः लेखक ने उसे ‘सुमति’ नाम से पुकारा।

बालक ने क्यों कहा कि मैं योजना लोक सेवा करूंगा?

इसे सुनेंरोकेंबालक ने क्यों कहा कि मैं यावज्जन्म लोकसेवा करूँगा? ANSWER: बालक ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि उसके पिता ने उसे इस प्रकार का उत्तर रटा रखा था। यह एक संवाद है, जिसे बोलने वाला व्यक्ति वाह!

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