हल्दी खाने से कौन सी बीमारी होती है? - haldee khaane se kaun see beemaaree hotee hai?

इन रोगों में रामबाण दवा है कच्ची हल्दी, ऐसे करें इस्तेमाल

कई शोध में खुलासा हो चुका है कि कच्ची हल्दी में एंटी कैंसर के गुण पाए जाते हैं। इसके सेवन से कैंसर का खतरा कम हो जाता है। साथ ही कच्ची हल्दी ट्यूमर को भी समाप्त करने में सक्षम है। ट्यूमर तब होता है।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। आयुर्वेद में हल्दी दवा के रूप में उपयोग किया जाता है। इसमें औषधीय गुण पाए जाते हैं जो कई तरह की बीमारियों में फायदेमंद होते हैं। आमतौर पर लोग हल्दी पाउडर का यूज़ करते हैं, लेकिन कच्ची हल्दी अधिक फायदेमंद होती है। खासकर डायबिटीज में कच्ची हल्दी रामबाण दवा है। इसके अतिरिक्त कई बीमारियों में कच्ची हल्दी रामबाण उपाय है। हालांकि, कच्ची हल्दी का सेवन करना कठिन होता है। अगर आप भी कच्ची हल्दी के सेवन से गुरेज करते हैं, तो आप इस तरह कच्ची हल्दी का सेवन कर बीमारियों से बच सकते हैं। आइए इसके फायदे जानते हैं-

कैंसर में फायदेमंद

कई शोध में खुलासा हो चुका है कि कच्ची हल्दी में एंटी कैंसर के गुण पाए जाते हैं। इसके सेवन से कैंसर का खतरा कम हो जाता है। साथ ही कच्ची हल्दी ट्यूमर को भी समाप्त करने में सक्षम है। ट्यूमर तब होता है। जब कोशिकाओं के डीएनए में खराबी आ जाती है।

वजन कम करने में सहायक

विशेषज्ञ भी बढ़ते वजन को कम करने के लिए कच्ची हल्दी का सेवन करने की सलाह देते हैं। इस बारे में उनका कहना है कि करक्यूमिन से एक्स्ट्रा फैट बर्न होता है। इसके सेवन से बढ़ते वजन को नियंत्रित किया जा सकता है। इसके लिए कच्ची हल्दी को पीसकर दूध के साथ सेवन कर सकते हैं।

डायबिटीज में लाभकारी

researchgate.net पर छपी एक लेख के अनुसार, कच्ची हल्दी डायबिटीज में बेहद फायदेमंद होती है। हल्दी में करक्यूमिन पाया जाता है जो डायबिटीज को कंट्रोल करने में सहायक होता है। यह ग्लाइसीमिया को कम करता है। इसके लिए डायबिटीज के मरीजों को रोजाना सुबह में नाश्ते के वक्त  कच्ची हल्दी युक्त दूध का सेवन करना चाहिए।

कील मुहांसो से छुटकारा

एक शोध में कच्ची हल्दी को सुंदरता के लिए दवा बताया गया है। इस शोध के अनुसार, कच्ची हल्दी में एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जिनसे त्वचा में निखार आता है। साथ ही कील मुहांसों से छुटकारा मिलता है। इसके लिए कच्ची हल्दी का फेस पैक बनाकर इस्तेमाल कर सकते हैं।

कैसे करें कच्ची हल्दी का सेवन

अगर आपको कच्ची हल्दी सेवन करने में तकलीफ होती है, तो आप कच्ची हल्दी का अचार बनाकर आहार में शामिल भी कर सकते हैं। साथ ही आप कच्ची हल्दी को पीसकर दूध में मिलाकर सेवन कर सकते हैं।

डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

Edited By: Umanath Singh

Turmeric Side Effects हम बचपन से हल्दी के सेवन से जुड़े फायदों के बारे में सुनते आए हैं। यह इम्यूनिटी को मज़बूत करने से लेकर सेहत से जुड़ी कई समस्याओं को कर सकती है। यही वजह है कि भारतीय खाने में हल्दी ज़रूर डाली जाती है।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Turmeric Side Effects: हल्दी भारतीय संस्कृति का एक अभिन्न अंग है। जो भोजन में रंग और स्वाद जोड़ने से लेकर घर के बने मिश्रणों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और भारतीय अनुष्ठानों का एक अविभाज्य हिस्सा बनने तक कई तरह से काम आती है। पीढ़ी दर पीढ़ी हमें हल्दी के कई फायदों के बारे में बताया जाता है। लेकिन अगर हम कहें कि इस फायदेमंद औषधि के नुकसान भी हो सकते हैं, तो? खासतौर पर यह किडनी और लिवर के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती है। तो आइए जानें इसके बारे में विस्तार से...

क्या करक्यूमिन हानिकारक भी हो सकता है?

हल्दी में मौजूद करक्यूमिन ही इसे एक सुपरफूड बनाता है। दर्द को ठीक करने से लेकर इम्यूनिटी बूस्ट कर संक्रमण को दूर रखने तक, यह मसाला हर तरह की दिक्कत को ठीक कर सकता है। हालांकि, अगर हल्दी का सेवन ज़रूरत से ज़्यादा कर लिया जाए, तो यह शरीर को कई तरह से नुकसान भी पहुंचा सकती है।

किडनी को कैसे प्रभावित करती है हल्दी?

करक्यूमिन तब नुकसान कर सकता है, जब इसे ज़रूरत से ज़्यादा लिया जाए। ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें ऑक्सालेट की उच्च मात्रा होती है, जो किडनी स्टोन्स और इस अंग के काम में ख़लल डालने का काम कर सकता है। इसके अलावा करक्यूमिन की तासीर गर्म होती है, जिससे दस्त, पाचन में दिक्कत जैसी अन्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं। इसके अलावा, हल्दी का ज़्यादा सेवन रक्त को पतला भी कर सकता है।

क्या ज़्यादा हल्दी लिवर की सेहत पर भी असर करती है?

हल्दी में मौजूद करक्यूमिन सूजन को कम करने का काम करता है और फाइबरॉइड्स को बढ़ने से रोकता है। हल्दी की एंटी-कैंसर गुण इसे लिवर के लिए फायदेमंद बनाते हैं, लेकिन तभी जब इसका सेवन सही मात्रा में किया जाए। ज़रूरत से ज़्यादा हल्दी लिवर के काम में बाधा डालती है।

दिनभर में हल्दी की कितनी मात्रा सही है?

हेल्थ विशेषज्ञों के अनुसार, हल्दी का दैनिक सेवन 2000 मिलीग्राम से अधिक नहीं होना चाहिए। दिन में कम से कम 500 एमजी के स्वस्थ सेवन को सुनिश्चित करना चाहिए।

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Picture Courtesy: Freepik

Edited By: Ruhee Parvez

हल्दी खाने के नुकसान क्या है?

ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें ऑक्सालेट की उच्च मात्रा होती है, जो किडनी स्टोन्स और इस अंग के काम में ख़लल डालने का काम कर सकता है। इसके अलावा करक्यूमिन की तासीर गर्म होती है, जिससे दस्त, पाचन में दिक्कत जैसी अन्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं। इसके अलावा, हल्दी का ज़्यादा सेवन रक्त को पतला भी कर सकता है।

हल्दी के फायदे और नुकसान क्या है?

हल्दी (Turmeric For Health) को आयुर्वेद में औषधी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. आपको बता दें कि हल्दी में एंटीसेप्टिक और एंटी-बायोटिक, कैल्शियम, आयरन, सोडियम, ऊर्जा, प्रोटीन, विटामिन ई, विटामिन सी, और फाइबर जैसे गुण पाए जाते हैं, जो शरीर को कई संक्रमण से बचाने में मदद कर सकते हैं.

हल्दी से कौन सा रोग होता है?

आपको हजारों ऐसे लेख मिल जाएंगे, जिनमें ये बताया गया है कि हल्दी किस तरह से सीने में जलन,अपच से लेकर गंभीर बीमारियों-डाइबिटीज, डिप्रेशन,अलजाइमर तक का इलाज कर सकती है. यहां तक कि इससे कैंसर का भी इलाज हो सकता है.

क्या हल्दी खून पतला करती है?

हल्दी करती है नेचुरल ब्लड थिनर का काम हल्दी में करक्यूमिन होता है, जो खून को पतला करता है और खून का थक्का बनने से रोकता है.

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