फिरोजा रत्न कौन पहन सकता है? - phiroja ratn kaun pahan sakata hai?

रत्न शास्त्र में अनेक रत्नों का वर्णन व्यक्ति के जीवन में आ रहे उतार-चढ़ाव को बैलेंस करने के लिए बताया गया है. ज्योतिष शास्त्र और रत्न शास्त्र के कुछ नियमों का पालन करते हुए कुंडली के अनुसार इन रत्नों को धारण किया जाए तो व्यक्ति की किस्मत चमक उठती है. वहीं, यदि बिना जानकार की सलाह से रत्नों को धारण किया जाए तो अनेक परेशानियां घेर लेती हैं. ज्योतिष शास्त्र में रत्नों को बेहद महत्वपूर्ण माना गया है. इन्हीं रत्नों में से आज हम बात करेंगे फिरोजा रत्न की जिसके बारे में हमें जानकारी दे रहे हैं भोपाल के रहने वाले ज्योतिषी एवं पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा.

फिरोजा रत्न के फायदे
1.ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गहरे आसमानी रंग का फिरोजा रत्न बृहस्पति ग्रह से जुड़ा माना जाता है. इस रत्न को धारण करने से बृहस्पति ग्रह को प्रबलता मिलती है.

यह भी पढ़ें – रत्न धारण करने से चमक उठेगी किस्मत, खरीदने से पहले जान लें ये नियम

2. फिरोजा रत्न धारण करने वाले व्यक्ति की कुंडली में राहु केतु के दुष्प्रभाव से छुटकारा मिलता है.

3. जो व्यक्ति फिरोजा रत्न धारण करता है, उसका ज्ञान और आत्मविश्वास बढ़ जाता है.

4.लंबे समय से नौकरी और व्यापार में अड़चन का सामना कर रहे जातकों को फिरोजा रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है.

5.दांपत्य जीवन सुखमय और प्रेम विवाह मधुर बनाने के लिए फिरोजा रत्न धारण करना चाहिए.

फिरोजा रत्न धारण करने के तरीके
-रत्न शास्त्र में बताया गया है कि फिरोजा रत्न को सोने या तांबे की धातु में अंगूठी बनवा कर पहना जाता है.

-इस रत्न को धारण करने से पहले इसे अभिमंत्रित करना बहुत ज़रूरी है. इसके लिए सबसे पहले दूध और गंगाजल के मिश्रण में फिरोजा को डालकर शुद्ध कर लेना चाहिए.

रत्नों के उपयोग का चलन बहुत पहले से ही सामाज में प्रचलित रहा है. इन रत्नों को कभी संदरता बढ़ाने के लिए तो कभी भाग्य में वृद्धि के लिए किसी न किसी रुप में उपयोग किया ही जाता रहा है. ज्योतिष में रत्नों का उपयोग ग्रह शांति एवं उसकी शुभता में वृद्धि के लिए किया जाता रहा है. रत्नों को किसी न किसी रुप में धारण करके इनसे लाभ प्राप्त किया गया है. यहां रत्नों में माणिक्य हो, मोती हो, पन्ना हो या अन्य कोई भी रत्न सभी में कुछ न कुछ विशेषता मौजुद रही ही है. इसी श्रेणी में एक नाम आता है फिरोजा रत्न का.

फिरोजा को संस्कृत में पेरोज अथवा हरिताश्म कहते हैं. इस उपरत्न को बरकत देने वाला माना गया है. यह एक अपारदर्शी उपरत्न है परन्तु वर्तमान समय में इसकी बहुत अधिक माँग है. फिरोजा का मूल रंग आसमानी है. कई बार यह आसमानी रंग से थोड़ा सा गहरा तो कई बार यह नीले और हरे रंग के मिश्रित रुप में पाया जाता है. शुद्ध नीले रंग के फिरोजे की माँग सबसे अधिक है. इस तरह का फीरोजा ईरान में पाया जाता है. इसकी गणना जवाहरातों में की जाती है. हजारों वर्ष पहले मिस्र के निवासियों द्वारा फीरोजा को गहनों के रुप में पहना जाता था.

फिरोजा के फायदे

इस उपरत्न को धारण करने से दाम्पत्य जीवन में समरसता बनी रहती है. संबंधों में सामजंस्यता तथा विश्वास प्रगाढ़ होता है. ऎसी धारणा है कि इस उपरत्न को धारण करने से जीवन में ख़ुशियाँ रहती हैं और भाग्य बली होता है. धारण करने वाले के अंदर नकारात्मक ऊर्जा का संचार नहीं होता, उसका बीमारियों से बचाव होता है. इसे दोस्ती का प्रतीक भी माना जाता है. लम्बी यात्राओं पर जाने से पहले इस उपरत्न को ताबीज के रुप में भी इस्तेमाल किया जाता है. फिल्म, टेलीविजन, फैशन उद्योग, कपडा उद्योग, आर्टीफिशियल गहनों से जुडा़ उद्योग आदि से जुडे़ व्यक्तियों को इस उपरत्न के धारण करने से लाभ मिलता है.

फिरोजा रत्न से मिलने वाले स्वास्थ्य लाभ

इस उपरत्न का जिक्र एक पवित्र पत्थर के रुप में किया जाता है. इसका जिक्र पवित्र पुस्तक बाईबल में भी मिलता है. फीरोजा धारण करने से व्यक्ति दुर्घटना तथा हिंसा से बचा रहता है. इसका उपयोग चिकित्सा के रुप में व्यक्ति का तनाव दूर करने के लिए भी किया जाता है. जो व्यक्ति तनाव की स्थिति से गुजर रहें हैं वह इस उपरत्न को लॉकेट के रुप में धारण कर सकते हैं. जिन लोगों को ऊँचाई वाले स्थानों पर काम करना पड़ता है उन्हें फीरोजा धारण करने की सलाह दी जाती है. इस उपरत्न को धारण करने से एसीडिटी में आराम मिलता है. पेट की समस्याओं से राहत मिलती है.

फिरोजा रत्न देता है पैसा और शोहरत

फिरोजा रत्न धन के मामले में और नाम कमाने में सहायक बनता है. इस रत्न का उपयोग फिल्मी दुनिया के लोगों द्वारा भी बहुत किया जाता है. शोहरत कमाने और अपने नाम को फेमस बनाने के लिए भी इस रत्न को उपयोग में लाया जाता है. इस रत्न को प्रेम संबंधों में मजबूती लाने वाला भी कहा जाता है. इस रत्न की चमक और इसकी सौम्यता क अप्रभाव व्यक्ति के जीवन पर पड़ता है.

ये रत्न जीवन में सकारात्मकत अको बढ़ाता है, अपनी खुबसूरती के अनुरुप ही ये जातक के जीवन में भी सुंदरता और खुशहाली लाने वाला होता है.

फिरोजा की पहचान

फिरोजा रत्न अपने आकर्षक रंग और बनावट के जरिये आसानी से पहचाना जा सकता है. यह रत्न, फिरोजी रंग का होता है इसी कारण इसे फिरोजा भी कहते हैं. इसका रंग गहरा नीला, आसमानी और कई बार हरा रंग लिए हुए भी होता है. ईरानियन फिरोजा बहुत अच्छी श्रेणी का माना गया है. इसके अलावा भी अमेरिकन, तिब्‍बत और भारत में प्राप्त होने वाले फिरोजा भी अच्छा होता है. अपने रंग और चमक के कारण इस रत्न की किमत में अधिकता और कमी देखने को मिलती है.

कौन धारण करे

फिरोजा रत्न को ज्योतिष में ग्रह शांति एवं भाग्य में शुभता बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है. इस रत्न का उपयोग गले में लाकेट के रुप में, ब्रेस्लेट के रुप में या फिर अंगुठी के रुप में जैसे चाहें उपयोग में ला सकते हैं. इस रत्न का प्रयोग बहुत ही प्रभावशाली तरह से जातक पर होता है. ये एक सकारात्मक स्थिति को देता है. जिन व्यक्तियों की कुण्डली में शुक्र शुभ भावों का स्वामी होकर कमजोर अवस्था में है वह फीरोजा धारण कर सकते हैं.

पाश्चात्य ज्‍योतिष में इसे बृहस्पति ग्रह के लिए धनु राशि के जातकों के लिए उपयोगी माना जाता है. भारतीय ज्‍योतिष में इसे गुरू का उपरत्‍न और यह धनु- मीन राशि वालों के लिए उपयोगी कहा गया है. यह मान-सम्‍मान, आर्थिक लाभ में वृद्धि, बेहतर स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है.

फिरोज़ा कैसे और कब धारण करें

किसी भी रत्न को धारण करने से पहले यह समझना बहुत आवश्यक है की उसे किस समय ओर कब धारण किया जाए जिससे की हमे शुभ लाभ की प्राप्ति हो सके. फिरोजा रत्न की एक खासियत है की ये रत्न नकारात्मक प्रभाव नही देता है. यह अगर कोई लाभ न दे पाए तो ये अशुभ भी नहीं होता है.

इस रत्न को शुक्र वार के दिन धारण किया जा सकता है. इसे बृहस्पतिवार और शनिवार को भी धारण कर सकते हैं. फिरोज़ा रत्न को शुभ दिन शुक्ल पक्ष के समय पर गंगा जल से शुद्ध कराके कच्च दूध में स्नान कराके, पूजा-अर्चना के बाद इसे अंगूठी या जैसे चाहें उपयोग में ला सकते हैं. इसे सोने, तांबे, चांदी अथवा पंच धातु में धारण किया जा सकता है.

फिरोजा कौन सी राशि वाले पहन सकते हैं?

कौन पहन सकते हैं फिरोजा रत्न ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिन लोगों की राशि धनु होती है, उनके लिए फिरोजा धारण करना सबसे अधिक लाभदायक माना जाता है. इसके अलावा मेष, कर्क, सिंह और वृश्चिक राशि के लोग भी फिरोजा रत्न पहन सकते हैं.

फिरोजा पहनने से क्या लाभ होता है?

फिरोजा रत्न के फायदे कहा जाता है कि फिरोजा रत्न को धारण करने से कुंडली में गुरु ग्रह की स्थिति को प्रबलता मिलती है। इसके अलावा फिरोजा रत्न राहु केतु के दुष्प्रभाव को भी कम करने में भी सहायक होता है। शास्त्रों के अनुसार, इस रत्न को धारण करने से व्यक्ति के ज्ञान और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।

फिरोजा क्यों पहनते हैं?

क्यों पहनते हैं फिरोजा रत्न : बृहस्पति ग्रह को बलवान बनाने के लिए इस रत्न को पहना जाता है। 2. मानसिक रूप से मजबूत बनने के लिए यह रत्न पहना जाता है।

फिरोजा रत्न कब पहने?

रत्न शास्त्र के अनुसार, फिरोजा रत्न पहनने से व्यक्ति की मासपेशियां मजबूत हो जाती है और स्वास्थ्य बेहतर रहता है। साथ ही ये रत्न धन, प्रसिद्धि और ज्ञान बढ़ाता है। फिरोजा रत्न को आप गुरुवार, शुक्रवार और शनिवार के दिन धारण कर सकते हैं। कहा जाता है की इस रत्न को सुबह 6 बजे से लेकर 8 बजे तक धारण करना शुभ रहता है।

Toplist

नवीनतम लेख

टैग