डेंगू के मच्छर को कैसे पहचाने? - dengoo ke machchhar ko kaise pahachaane?

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How to Identify Dengue Mosquito : मानसून (mansoon) के दौर में डेंगू (Dengue)  बीमारी का आतंक शुरू हो चुका है। हर साल भारत में डेंगू मच्छर (Mosquito) के काटने के चलते होने वाले बुखार से लाखों लोग पीड़ित होते हैं औऱ कई जानें चली जाती हैं। 

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बचाव और ट्रीटमेंट के  साथ साथ बेहद जरूरी  बात ये है कि डेंगू के मच्छर को पहचाना कैसे जाए। कैसे जान सकते हैं कि आपके आस पास घूम रहा मच्छर डेंगू का है या सामान्य मच्छर है। इसलिए डेंगू से बचाव के दौरान सबसे महत्वपूर्ण बात है कि आप डेंगू के मच्छर को पहचान लें ताकि बचाव dengue preventive tips करने में आसानी हो। 

1. डेंगू का मच्छर दूसरे सामान्य मच्छरों से बिलकुल अलग होता है।

2. इस मच्छर का नाम है मादा एडीज मच्छर। दरअसल डेंगू मादा मच्छर के काटने से होता है।
3. डेंगू का मच्छर हमेशा रौशनी में या दिन में काटता है। रात में इसका खतरा नहीं होता।
4. डेंगू के मच्छर के शरीर पर चीते की तरह सफेद रंग की धारियां बनी होती हैं।
5. डेंगू का मच्छर सामान्य मच्छर की तुलना में थोड़े बड़े आकार का होता है।
6. डेंगू के मच्छर का रंग स्याह यानी गहरा होता है। 
7. डेंगू का मच्छर ज्यादा ऊंचाई तक नहीं उड़ पाता, आपके घुटनों तक ही उसकी पहुंच रहेगी।
8. डेंगू का मच्छर गंदे पानी की बजाय साफ और ठहरे पानी में पनपता है। 

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डेंगू का सीजन शुरू हो चुका है। अक्टूबर व नवंबर को इसका पीक सीजन माना जाता है। जब तक तापमान नीचे गिरकर 15-16 डिग्री तक नहीं आ जाता, तब तक इसका सीजन चलता है। दिलचस्प बात यह है कि डेंगू फैलाने वाली एडीज एजिप्टी नामक मादा मच्छर की उम्र एक महीना तक ही होती है। लेकिन इस जीवन काल में वह 500 से लेकर 1000 तक मच्छर पैदा कर देती है। यह मच्छर तीन फुट से ज्यादा ऊंचा नहीं उड़ सकता, इस कारण केवल लोअर लिंब्स पर ही इसका डंक चलता है। मादा मच्छर कूलर, गमलों, फ्लावर पॉट, छत पर पड़े पुराने बर्तनों व टायर इत्यादि में भरे पानी और आबादी के आसपास गड्ढों में लंबे समय तक खड़े साफ पानी में अपने अंडे देती है। यह एक बार में 100 से लेकर 300 तक अंडे देती है। अंडों से लारवा बनने में 2 से 7 दिन लगते हैं। लारवा के बाद 4 दिन में यह मच्छर की शेप में आ जाता है और 2 दिन बाद उड़ने लायक मच्छर बन जाता है।

नई दिल्ली. बारिश शुरू होते ही कई तरह की बीमारियां पैदा हो जाती हैं. इस सीजन की सबसे खतरनाक बीमारी डेंगू और मलेरिया हैं. डेंगू एक मच्छर के काटने से होता है. जिसका नाम मादा एडीज है. कई बार समय पर इलाज नहीं मिल पाने के कारण प्लेटलेट्स घटती जाती है और व्यक्ति की मौत हो जाती है. इसलिए इस बीमारी से बचने के लिए सामान्य जानकारी होना जरूरी है. तो आइए हम आपको बताते हैं कि किस तरह डेंगू के मच्छर होते और आप कैसे इसकी पहचान करें.... 

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इस तरह करें डेंगू मच्छर की पहचान
डेंगू मच्छर अन्य मच्छरों की तुलना में थोड़े छोटे होते हैं और इसमें भी फीमेल मच्छर मेल मच्छर से ज्यादा बड़े होते हैं. ये मच्छर गर्मियों में पैदा होते हैं. ये मच्छर ज्यादा ऊपर तक उड़ नहीं पाते हैं, जिसकी वजह से ये व्यक्ति के घुटने के नीचे ही काटते हैं. इस मच्छर के दिखने की बात करें तो यह दिखने में भी सामान्य मच्छर से अलग होता है और इसके शरीर पर चीते जैसी धारियां बनी होती है. इस मच्छर के पैर पर सफेद रंग की धारियां रहती हैं. 

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तेज बुखार, शरीर पर लाल चकत्ता पड़ना, सिर, हाथ-पैर और बदन में तेज दर्द, भूख न लगना, उल्टी-दस्त, गले में खराश, पेट में दर्द और लिवर में सूजन इसके प्रमुख लक्षण हैं. कई मामलों में रोगियों को त्वचा, नाक या मुंह से खून आने की भी समस्या होती है.

नई दिल्ली, जेएनएन। बरसात के मौसम में डेंगू का खतरा बहुत बढ़ जाता है। यह जुलाई से अक्टूबर में सबसे ज्यादा फैलता है। इस मौसम में मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल परिस्थितियां होती हैं, जिसके चलते अधिकांश लोग इस समय में ही बीमार पड़ते हैं। ऐसे में आपको इस वक्त सबसे ज्यादा सतर्क रहने की आवश्यकता है। बता दें कि डेंगू का मच्छर आम मच्छरों से काफी अलग होता है। ऐसे में जानते हैं डेंगू के मच्छर में क्या अलग होता है।

कैसा होता है डेंगू का मच्छर?

जिस मच्छर के काटने से डेंगू होता है, उस मच्छर का नाम होता है माजा एडीज मच्छर। अगर इस मच्छर के दिखने की बात करें तो यह दिखने में भी सामान्य मच्छर से अलग होता है और इसके शरीर पर चीते जैसी धारियां बनी होती है। यह मच्छर अक्सर रोशनी में ही काटते हैं। रिपोर्ट्स में सामने आया है कि डेंगू के मच्छर दिन में खासकर सुबह के वक्त काटते हैं। वहीं अगर रात में रोशनी ज्यादा है तो भी यह मच्छर काट सकते हैं। इसलिए सुबह और दिन के वक्त इन मच्छरों का ज्यादा ध्यान रखें।

एडीज इजिप्टी मच्छर बहुत ऊंचाई तक नहीं उड़ पाता। इंसान के घुटने के नीचे तक ही पहुंच होती है। इसलिए शरीर को पूरा ढकने वाले कपड़े पहनें ताकि मच्छर से बच सके। सुबह के वक्त पांवों को पूरा ढककर रखें। डेंगू के मच्छर गंदी नालियों में नहीं बल्कि साफ सुथरे पानी में पनपते हैं, साफ सुथरे शहरी इलाकों में रहने वाले लोगों को इसका ज्यादा खतरा रहता है।

कब चलता है पता?

डेंगू का मच्छर काटते ही आपको डेंगू के लक्षण नहीं होने लगेंगे, जबकि कुछ दिनों बाद आप पर इसका प्रभाव हो सकता है। एडीस मच्छर द्वारा काटे जाने के करीब 3-5 दिनों के बाद मरीज में डेंगू बुखार के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। दुनिया भर में मच्छरों की करीब 3 हजार 500 प्रजातियां पाई जाती हैं। लेकिन इनमें से ज़्यादातर नस्लें इसानों को बिल्कुल परेशान नहीं करतीं। मच्छरों की सिर्फ छह फ़ीसद प्रजातियों की मादाएं अपने अंडों के विकास के लिए इंसानों का खून पीती हैं।  

डेंगू मच्छर कब काटता है दिन में या रात में?

यह मच्छर अक्सर सुबह के समय ही काटते हैं। रिपोर्ट्स में सामने आया है कि डेंगू के मच्छर दिन में खासकर सुबह के वक्त काटते हैं। वहीं अगर रात में रोशनी ज्यादा है, तो भी यह मच्छर काट सकते हैं। इसलिए सुबह और दिन के वक्त घर के आसपास मच्छरों को न रहने दें।

डेंगू का मच्छर कहाँ काटता है?

डेंगू का मच्छर आमतौर पर घुटनों और एंकल पर अधिक काटता है. ध्यान रखें कि मच्छर काटने से आपको डेंगू के अलावा कई अन्य तरह की बीमारी हो सकती है. इसलिए डेंगू के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें.

डेंगू का मच्छर कितना उड़ सकता है?

एडीज इजिप्टी मच्छर बहुत ऊंचाई तक नहीं उड़ पाता। इंसान के घुटने के नीचे तक ही पहुंच होती है।

डेंगू मच्छर का पहचान कैसे करें?

डेंगू बुखार एडीज मच्छरों के काटने से होता है। ये मच्छर ज्यादातर दिन के समय में काटते हैं।.
डेंगू के मामले में, 104 फारेनहाइट तक तेज बुखार के साथ गंभीर सिरदर्द, आंखों के पीछे, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द हो सकता है।.
कुछ लोगों को उल्टी, ग्रंथियां में सूजन और त्वचा पर लाल चकत्ते हो जाते हैं।.

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