कई बार बच्चे भी बड़ों से ऐसे सवाल (Question) पूछ लेते हैं जिन्हें समझाना बहुत मुश्किल होता है. कई बार बच्चे भी ऐसे सवाल पूछ लेते हैं जो उन्हें आसानी से समझ नहीं आ सकते. ऐसा है एक सवाल है कि चांद (Moon) रोज क्यों नहीं दिखाई देता और वह रोज ही पूरा गोल (Round) क्यों नहीं दिखाई देता है. या फिर यह रोज अलग आकार (Shape) का क्यों दिखाई देता है. यह अपने आप में जटिल सवाल है और इसका जवाब कुछ लंबा सा है. इसके लिए हमें पृथ्वी (Earth), सूर्य (Sun)और चंद्रमा के बीच के रिश्ते को समझना होगा.
पृथ्वी, चंद्रमा और सूर्य के बीच रिश्ता
इस सवाल के जवाब के लिए हमें कुछ मूल बातें समझनी होंगी. सबसे पहली बात पृथ्वी चंद्रमा और सूर्य क्या हैं. ये तीनों गेंदों की तरह बहुत ही बड़ी वस्तुएं हैं जो अंतरिक्ष में स्थित हैं. सूर्य बहुत विशाल है और खुद का प्रकाश उत्सर्जित करता है. जबकि पृथ्वी और चंद्रमा बहुत छोटे हैं जैसे फुटबाल के सामने राई के दाने. वहीं चंद्रमा पृथ्वी के एक चौथाई के आकार जितना बड़ा है और दोनो का अपना प्रकाश नहीं होता.
चंद्रमा आखिर दिखता क्यों
है
चंद्रमा पृथ्वी का चक्कर लगाता है और दोनों मिल कर सूर्य के चक्कर लगाते हैं. सबसे पहल हम इस सवाल का जवाब देते हैं कि अगर चंद्रमा का अपना कोई प्रकाश नहीं है तो वह हमें दिखाई कैस देता है, वह भी चमकता हुआ? हमें चंद्रमा इस वजह से दिखाई देता है क्योंकि उस पर आने वाला सूर्य का प्रकाश प्रतिबिंबित हो कर पृथ्वी पर आता है. इस तरह चंद्रमा आइने का काम करता है.
चंद्रमा की पृथ्वी परिक्रमा
अब बात करें चंद्रमा के अलग-अलग आकार बदलने की. चंद्रमा पृथ्वी का चक्कर 30 दिन में पूरा करता है. इस दौरान वह एक बार पृथ्वी और सूर्य के बीच में आता है तो एक बार पृथ्वी के पीछे और पूरे चक्कर के दौरान वह सूर्य और पृथ्वी से
अलग-अलग कोण बनाता है. जब चंद्रमा पृथ्वी के आगे आता है तब सूर्य से आने वाली किरणें प्रतिबिंबित हो कर पृथ्वी पर नहीं आती और वह दिखाई नहीं दे पाता. ऐसा रात अमावस की रात होती है.
जानिए कैसे होती है बारिश और क्यों होता इसका अलग-अलग समय
कब दिखता है पूरा गोल चंद्रमा
जब चंद्रमा पृथ्वी के पीछे होता है तो सूर्य
की किरणें चंद्रमा पर पड़कर पृथ्वी तक सीधे आ जाती हैं और चंद्रमा पूरा गोल दिखाई देता है. यह पूर्णिमा की रात होती है. वहीं महीने में दो बार सूर्य पृथ्वी और चंद्रमा समकोण बनाते हैं. ऐसे में चंद्रमा आधा दिखाई देता है. इसी तरह अलग अलग कोणों के कारण चंद्रमा के अलग आकार दिखाई देते हैं जिन्हें चंद्रमा की कलाएं कहते हैं और अंग्रेजी में फेजेज ऑफ द मून (Phases of the moon) कहते हैं, लेकिन चंद्रमा हमेशा पूरा का पूरा गोल ही रहता है.
सूर्यग्रहण का भी यही कारण
इस प्रक्रिया में चंद्रग्रहण और सूर्यग्रहण का रहस्य भी छिपा है. पहले सूर्यग्रहण को लें. जब
चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच में आता है तो चंद्रमा की छाया पृथ्वी पर दिखाई देती है और इस दौरान उस छाया पड़ने वाले इलाके में सूर्य दिखाई नहीं देता इसे सूर्यग्रहण कहते हैं. इसीलिए सूर्यग्रहण हमेशा अमावस के रात वाले समय के आसापास दिन के वक्त होता है.
कैसे बने होंगे पृथ्वी पर सबसे पहले जैविक अणु, इस प्रयोग ने बताई प्रक्रिया
और ऐसे होता है चंद्रग्रहण
वहीं जब पृथ्वी चंद्रमा और सूर्य के बीच में आती है तो पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है और चंद्रमा पर सूर्य का प्रकाश नहीं पहुंच पाता जिससे चंद्रमा का प्रतिबिंबित प्रकाश पृथ्वी पर नहीं आता और चंद्रमा अंधेरे में चला जाता है. यह समय चंद्र ग्रहण का होता है. चंद्रग्रहण हमेशा पूर्णिमा की रात को ही होता है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
Tags: Earth, Research, Science, Space
FIRST PUBLISHED : September 26, 2020, 17:28 IST
Dark Mode
चंद्रमा क्यों बदलता रहता है अपना आकार, यह हर दिन गोल क्यों नहीं दिखता?
TV9 Bharatvarsh | Edited By:
Updated on: Dec 23, 2021 | 1:13 PM
चंद्रमा पर नजर पड़ती ही होगी पर कभी सोचा है कि यह अपना आकार क्यों बदलता रहता है? यह हर दिन एक जैसा गोल क्यों नहीं दिखता? यह इतना क्यों चमकता है? इन सवालों का जवाब सूर्य और पृथ्वी से जुड़ा है. जानिए ऐसा होता क्यों है?
चंद्रमा पर नजर पड़ती ही होगी पर कभी सोचा है कि यह अपना आकार क्यों बदलता रहता है? यह हर दिन एक जैसा गोल क्यों नहीं दिखता? यह इतना क्यों चमकता है? इन सवालों का जवाब सूर्य और पृथ्वी से जुड़ा है. समय-समय पर बदलती स्थितियां इसके लिए जिम्मेदार होती हैं, लेकिन इसका भी एक विज्ञान है, जानिए ऐसा होता क्यों है? (Pexels)
1 / 5
चंद्रमा का आकार क्यों बदलता है, इसे समझने के लिए पहले यह जानना होगा कि यह चमकता क्यों है जिससे कारण हम इसे देख पाते हैं. दरअसल, चंद्रमा की अपनी कोई चमक ही नहीं होती है. सूर्य से निकलने वाला प्रकाश चंद्रमा पर पड़ता है. यह परावर्तित होकर पृथ्वी पर पड़ता है. प्रकाश के इसी परावर्तन के कारण ही चंद्रमा हमें चमकता हुआ दिखाई देता है.(Wallper.com)
2 / 5
नील आर्मस्ट्रॉन्ग ने 20 जुलाई 1969 को पहली बार चांद पर कदम रखा था.
3 / 5
परिक्रमा के दौरान जब चंद्रमा पृथ्वी के आगे आता है तब सूर्य से आने वाली किरणें परावर्तित होकर पृथ्वी पर नहीं आतीं और वह दिखाई नहीं दे पाता. ऐसा अमावस की रात की रात होता है. यानी एक बात तो साफ है कि चंद्रमा का गोल ही है और उसका आकार निश्चित है, लेकिन सूर्य की किरणों के रिफ्लेक्शन के कारण ही यह आधा-अधूरा दिखता है. (Unsplash)
4 / 5
चंद्रग्रहण का फंडा क्या है, अब ये जानिए. चंद्रग्रहण तब पड़ता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है. ऐसा होने पर सूर्य का प्रकाश चंद्रमा पर नहीं पड़ पाता, नतीजा किरणों का परावर्तन नहीं होता. इसलिए चंद्रग्रहण की स्थिति बनती है. (Nasa)
5 / 5
इस रशियन राइफल से हुआ मूसेवाला का मर्डर
गर्मी से राहत दिलाएंगे एयर कंडीशनर कपड़े
ये है वो पौधा जिसके नाम पर प्रियंका ने रखा बेटी का नाम
मेंटल हेल्थ से जुड़ी है रीढ़ की हड्डी की चोट