चंदन का तिलक बनाने की विधि - chandan ka tilak banaane kee vidhi

Chan ka tilak (Pic: Istock) 

मुख्य बातें

  • सनातन धर्म में चंदन का तिलक लगाना माना गया है अत्यंत लाभदायक, सेहत के लिए भी है हितकारी।

  • चंदन के तिलक से ध्यान शक्ति होती है दृढ़, एकाग्रता शक्ति में भी होती है वृद्धि।

  • अजना चक्र पर चंदन का तिलक लगाने से तंत्रिकाएं होती हैं शांत, सिर दर्द से भी मिलता है छुटकारा।

Chandan Tilak: सनातन धर्म में माथे पर तिलक लगाना अत्यंत लाभदायक माना गया है। माथे पर तिलक लगाने के कई महत्व हिंदू धर्म शास्त्रों में उल्लेखित हैं। हिंदू धर्मावलंबी सामान्य दिनों तथा किसी विशेष पर्व पर तरह-तरह के तिलक का प्रयोग करते हैं जिनमें से एक चंदन का तिलक है। कहा जाता है कि चंदन के तिलक का उपयोग करने से सेहत में वृद्धि होती है।

मानसिक स्वास्थ्य तथा शारीरिक स्वास्थ्य के लिए चंदन का तिलक उत्तम माना गया है। हिंदू धर्मावलंबी अक्सर अजना चक्र में तिलक लगाते हैं। यह चक्र ऊर्जा का स्त्रोत कहा गया है। मान्यताओं के अनुसार इसे योगिक विज्ञान और हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, तीसरी आंख कहा गया है जिसमें शक्ति समाहित है। यहां चंदन के तिलक का प्रयोग करने से स्वास्थ्य बना रहता है।

एकाग्र शक्ति होती है दृढ़

कई ज्ञानी ज्योतिष बताते हैं कि अजना चक्र में चंदन का तिलक लगाने से एकाग्र शक्ति में वृद्धि होती है तथा ध्यान करने की शक्ति भी दृढ़ होती है। ऐसा करने से हमारा मस्तिष्क और शरीर शांत रहता है तथा शरीर में सकारात्मक शक्ति का संचार होता है। 

सिर दर्द से मिलता है छुटकारा

चाइनीज एक्यूप्रेशर विज्ञान के अनुसार, दोनों भौंहों के बीच में चंदन का तिलक लगाने से सिर दर्द की समस्या से राहत मिलती है। दरअसल चंदन के तिलक से हमारी तंत्रिकाएं शांत होती हैं जिससे सिर दर्द की समस्या दूर हो जाती है। 

बुखार से दिलाता है राहत

अगर आपके किसी प्रिय व्यक्ति को बुखार है तो उसे चंदन का तिलक लगाएं। चंदन का तिलक लगाने से शरीर का तापमान कम होता है जिससे बुखार की समस्या से राहत मिलती है। 

अनिद्रा और स्ट्रेस जैसी समस्या होती है दूर

जिन लोगों को अनिद्रा और स्ट्रेस की समस्या हमेशा रहती है उन्हें अजना चक्र पर मसाज करना चाहिए और चंदन का टीका लगाना चाहिए। ऐसा करने से अनिद्रा और स्ट्रेस जैसी समस्याएं दूर होती हैं। 

शारीरिक तापमान को रखता है नियंत्रित

चंदन अपने कूलिंग प्रॉपर्टी के लिए प्रख्यात है। यह हमारी त्वचा के लिए भी बहुत फायदेमंद माना जाता है। भारत जैसे ट्रॉपिकल देश में रहने वाले लोगों को अपने अजना चक्र में चंदन का तिलक लगाना चाहिए। ऐसा करने से शारीरिक तापमान कम रहता है और शरीर की विभिन्न तंत्रिकाएं सेहतमंद रहती हैं। 

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राशि के हिसाब से तिलक लगाने से राशि का स्वामी ग्रह प्रबल होता है और व्यक्ति को बहुत से लाभ मिलते हैंं. इससे व्यक्ति के शरीर में बहुत तेजी से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और वो पूर्ण एकाग्रता के साथ किसी भी काम को करता है.

जब भी आप पूजा-पाठ के दौरान माथे पर तिलक लगाते होंगे तो आपको अंदर से एक सकारात्मक ऊर्जा का अहसास होता होगा. दरअसल धार्मिक दृष्टि से माथे के बीच का स्थान बहुत महत्वपूर्ण माना गया है. मान्यता है कि इस जगह पर आज्ञाचक्र होता है, जिसे ऊर्जा का केंद्र माना जाता है. तिलक लगाने से ये चक्र उद्दीप्त होता है. जिसकी वजह से व्यक्ति का मन शांत और एकाग्र होता है. इसके अलावा मस्तक के बीच के स्थान को त्रिवेणी या संगम भी कहा जाता है क्योंकि यही स्थान शरीर की तीन नाड़ियों के मिलन का भी केंद्र होता है.

माथे पर तिलक लगाने से व्यक्ति में तेज की वृद्धि होती है और वो स्वयं को ऊर्जावान महसूस करता है. धार्मिक रूप से हम सब रोली, हल्दी, चंदन, भस्म, कुमकुम आदि का तिलक लगाते हैं. लेकिन ज्योतिष विशेषज्ञों का मानना है कि अगर तिलक अपनी राशि के अनुसार लगाया जाए तो ये कहीं ज्यादा प्रभावी होता है. इसे लगाने से राशि का स्वामी ग्रह प्रबल होता है और व्यक्ति को बहुत से लाभ मिलते हैंं. इससे व्यक्ति के शरीर में बहुत तेजी से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और वो पूर्ण एकाग्रता के साथ किसी भी काम को करता है. इससे उसकी दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की के योग का निर्माण होता है. यहां जानिए राशि के हिसाब से कौन सा तिलक लगाना चाहिए.

मेष : इस राशि वालों को हमेशा लाल कुमकुम या रोली का तिलक लगाना चाहिए क्योंकि मेष का स्वामी मंगल होता है. मंगल का रंग लाल माना गया है.

वृष : ये शुक्र के स्वामित्व वाली राशि है. ऐसे लोगों को मस्तक पर सफेद चंदन लगाना चाहिए. अगर सफेद चंदन न हो तो दही से मस्तक पर तिलक लगा सकते हैं.

मिथुन : मिथुन राशि वालों के लिए अष्टगंध का तिलक लगाना बहुत शुभ माना गया है. अष्टगंध आठ गंधद्रव्यों का संग्रह होता है. ये दो तरह का होता है शैव और वैष्णव. गृहस्थ लोगों को शैव अष्टगंध का प्रयोग करना चाहिए.

कर्क : इस राशि का स्वामी चंद्रमा है. चंद्रमा का रंग सफेद होता है. ऐसे लोगों को सफेद रंग का चंदन मस्तक पर लगाना चाहिए.

सिंह : सिंह राशि वालों का स्वामी सूर्य है. ऐसे लोगां को लाल रंग के कुमकुम या रोली का तिलक लगाना चाहिए.

कन्या : इस राशि का स्वामी भी बुध है. ऐसे लोगों को भी अष्टगंध का तिलक लगाने से काफी लाभ होता है.

तुला : शुक्र ग्रह तुला राशि का स्वामी होता है. इस राशि के जातक भी सफेद चंदन या दही का तिलक लगाएं.

वृश्चिक : मंगल ग्रह के स्वामित्व वाली इस राशि के जातकों को लाल रंग का तिलक मस्तक पर लगाना चाहिए.

धनु : धनु राशि के स्वामी गुरू बृहस्पति हैं. ऐसे लोगों को पीला चंदन या हल्दी को मस्तक पर लगाना चाहिए.

मकर : मकर राशि के स्वामी शनिदेव हैं. इन लोगों को काली भस्म या काला काजल मस्तक पर लगाना चाहिए.

कुंभ : इस राशि के लोगों को भी काली भस्म या काजल ही माथे पर लगाना चाहिए क्योंकि कुंभ राशि के स्वामी भी शनिदेव हैं.

मीन : ये राशि बृहस्पति के स्वामित्व वाली राशि है. ऐसे लोगों को पीला चंदन, केसर या हल्दी का तिलक लगाना चाहिए.

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चन्दन का तिलक कैसे बनाये?

इस दिन सफेद चन्दन की लकड़ी को पत्थर पर घिसकर उसमें केसर मिलाकर लेप को माथे पर लगाना चाहिए या टीका लगाना चाहिए। हल्दी या गोरोचन का तिलक भी लगा सकते हैं। इससे मन में पवित्र और सकारात्मक विचार तथा अच्छे भावों का उद्भव होगा जिससे दिन भी शुभ रहेगा और आर्थिक परेशानी का हल भी निकलेगा।

स्त्रियों को कौन सा तिलक लगाना चाहिए?

हिन्दू धर्म में स्त्रियां लाल कुंकुम का तिलक लगाती है। लाल रंग ऊर्जा एवं स्फूर्ति का प्रतीक होता है। तिलक स्त्रियों के सौंदर्य में अभिवृद्धि करता है। तिलक लगाना देवी की आराधना से भी जुड़ा है।

कृष्ण भगवान को कौन सा चंदन लगाना चाहिए?

श्री कृष्ण की पूजा में उनकी प्रतिमा को गोपी चंदन का गंध प्रयोग में लाया जाता है। श्री कृष्ण की पूजा करते समय अनामिका से गंध लगाना चाहिए

चंदन लगाने का मंत्र क्या है?

पुण्यं यशस्यमायुष्यं तिलकं मे प्रसीदतु ।। कान्ति लक्ष्मीं धृतिं सौख्यं सौभाग्यमतुलं बलम् । ददातु चन्दनं नित्यं सततं धारयाम्यहम् ।।

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