बिजली चमकने का कारण क्या होता है? - bijalee chamakane ka kaaran kya hota hai?

चंद दिनों बाद मानसून आने वाला है। इस दौरान अक्सर बादलों में बिजली चमकती है और जमीन पर गिरती भी है जो कि अक्सर नुकसानदेह भी होती है। प्रस्तुत है इस बके बारे में कुछ तथ्य:-

आखिर बिजली क्यों गिरती है आसमान में बादलों का हवा के वेग से एक - दूसरे से विरोधी दिशा में जाते हुए टकराना व इससे घर्षण उत्पन्न होना।

घर्षण से विद्युत पैदा होती है और पृथ्वी पर पहुंचती है।

जब घर्षण से उत्पन्न विद्युत के लिए आसमान की बूंदो में से भी प्रवाह नाकाफी रहता है तो यह पृथ्वी पर कंडक्टर तलाशती है।

मनुष्यों को प्रभावित करने का कारण

यह आकाशीय बिजली पृथ्वी पर पहुंचने के बाद ऐसे माध्यम को तलाशता है जहां से वह गुजर सके। यदि यह आकाशीय बिजली, बिजली के खंभों के संपर्क में आती है तो वह उसके लिए कंडक्टर (संचालक) का काम करता है लेकिन उस समय कोई व्यक्ति इसकी परिधि में आ जाता है तो वह उस चार्ज के लिए सबसे बढि़या कंडक्टर का काम करता है।

आकाशीय बिजली से जुड़े कुछ तथ्य

आकाशीय बिजली का तापमान सूर्य के ऊपरी सतह से भी ज्यादा होता है।

इसकी क्षमता ३०० किलोवॉट अर्थात १२.५ करोड़ वॉट से ज्यादा चार्ज की होती है।

यह बिजली मिली सेकेंड से भी कम समय के लिए ठहरती है।

यह मनुष्य के सिर, गले और कंधों को सबसे ज्यादा प्रभावित करती है।

दोपहर के वक्त इसके गिरने की संभावना ज्यादा होती है।

एक अध्ययन के अनुसार आकाशीय बिजली औरतों से ज्यादा आदमियों को प्रभावित करती है।

आकाशीय बिजली से जुड़ी मिथ्या बातें

आकाशीय बिजली के एक चीज पर दो बार नहीं गिरती।

रबर, टायर या फोम इससे बचाव कर सकते हैं।

अगर कोई नाव चला रहा हो तो बाहर आ जाना चाहिए।

लम्बी चीजें आकाशीय बिजली से बचाव करती हैं।

बचाव के उपाय

अगर आप बादलों के गरजने के समय घर के अंदर हैं तो घर के अंदर ही रहें।

बिजली पैदा करने वाली चीजों से दूरी बनाकर रखें, जैसे रेडिएटर, फोन, धातु के पाइप, स्टोव इत्यादि।

पेड़ के नीचे या खुले मैदान में जाने से बचें।

अगर आप खुले मैदान में हैं तो जल्दी से किसी बिल्डिंग में जाकर खड़े हो जाएं।

आकाश में चमकने वाली बिजली, विद्युतीय निर्वहन (इलैक्ट्रिक डिस्चार्ज) द्वारा उत्पन्न एक फ़्लैश यानि तेज रौशनी होती है. आपने अपने घर में या बाहर बिजली की तारों में उत्पन्न छोटी चिंगारी तो देखी होगी. आकाश की बिजली भी इसी चिंगारी की तरह होती है. अन्तर यह है कि यह चमकने वाली बिजली बड़े पैमाने की चिंगारी होती है.

बिजली कैसे पैदा होती है?

बादलों में नमी होती है। यह नमी बादलों में जल के बहुत बारीक कणों या बर्फ के क्रिस्टल्स के रूप में होती है। जब हवा और इन जलकणों के बीच घर्षण होता है तो इस घर्षण से जलकण आवेशित हो जाते हैं यानि चार्ज हो जाते हैं। बादलों के कुछ समूह धनात्मक (पॉजिटिव) तो कुछ ऋणात्मक (नेगेटिव) आवेशित होते हैं। धनात्मक और ऋणात्मक आवेशित बादल जब एक-दूसरे के समीप आते हैं तो टकराने से अति उच्च शक्ति की बिजली उत्पन्न होती है।

बिजली चमकने के बाद ही बादल क्यों गरजते है?

विद्युत-धारा के प्रवाहित होने से रोशनी की तेज चमक पैदा होती है। आकाश में यह चमक अकसर दो-तीन किलोमीटर की ऊँचाई पर ही उत्पन्न होती है। इस चमक के उत्पन्न होने के बाद हमें बादलों की गरज भी सुनाई देती है। बिजली और गरज के बीच गहरा रिश्ता है।

वास्तव में हवा में प्रवाहित विद्युत-धारा से बहुत अधिक गरमी पैदा होती है। हवा में गरमी आने से यह अत्याधिक तेजी से फैलती है और इसके लाखों करोड़ अणु आपस में टकराते हैं। इन अणुओं के आपस में टकराने से ही गरज की आवाज उत्पन्न होती है। प्रकाश की गति अधिक होने से बिजली की चमक हमें पहले दिखाई देती है। ध्वनि की गति प्रकाश की गति से कम होने के कारण बादलों की गरज हम तक देर से पहुँचती है।

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    बादलों में नमी होती है। यह नमी बादलों में जल के बहुत बारीक कणों के रूप में होती है। हवा और जलकणों के बीच घर्षण होता है। घर्षण से बिजली पैदा होती है और जलकण आवेशित हो जाते हैं यानि चार्ज हो जाते हैं। बादलों के कुछ समूह धनात्मक तो कुछ ऋणात्मक आवेशित होते हैं। धनात्मक और ऋणात्मक आवेशित बादल जब एक-दूसरे के समीप आते हैं तो टकराने से अति उच्च शक्ति की बिजली उत्पन्न होती है। इससे दोनों तरह के बादलों के बीच हवा में विद्युत-प्रवाह गतिमान हो जाता है। विद्युत-धारा के प्रवाहित होने से रोशनी की तेज चमक पैदा होती है। आकाश में यह चमक अकसर दो-तान किलोमीटर की ऊँचाई पर ही उत्पन्न होती है। इस चमक के उत्पन्न होने के बाद हमें बादलों की गरज भी सुनाई देती है। बिजली और गरज के बीच गहरा रिश्ता है। बिजली चमकने के बाद ही बादल क्यों गरजते है?

    वास्तव में हवा में प्रवाहित विद्युत-धारा से बहुत अधिक गरमी पैदा होती है। हवा में गरमी आने से यह अत्याधिक तेजी से फैलती है और इसके लाखों करोड़ अणु आपस में टकराते हैं। इन अणुओं के आपस में टकराने से ही गरज की आवाज उत्पन्न होती है। प्रकाश की गति अधिक होने से बिजली की चमक हमें पहले दिखाई देती है। ध्वनि की गति प्रकाश की गति से कम होने के कारण बादलों की गरज हम तक देर से पहुँचती है।

    बिजली चमकने का मुख्य कारण क्या है?

    बादलों के कुछ समूह धनात्मक तो कुछ ऋणात्मक आवेशित होते हैं। धनात्मक और ऋणात्मक आवेशित बादल जब एक-दूसरे के समीप आते हैं तो टकराने से अति उच्च शक्ति की बिजली उत्पन्न होती है। इससे दोनों तरह के बादलों के बीच हवा में विद्युत-प्रवाह गतिमान हो जाता है। विद्युत-धारा के प्रवाहित होने से रोशनी की तेज चमक पैदा होती है।

    बादलों के गरजने और बिजली चमकने का क्या कारण है?

    दरअसल जब आसमान में बारिश वाले बादल हवा के साथ यहाँ वहां घुमते हैं तो इनमे से विपरीत एनर्जी (+ व - ) वाले बादल आपस में तेज गति से टकराते हैं और इनके टकराने की आवाज हमें सुनाई देती है, साथ ही इनके टकराने पर जो घर्षण होता है उसी से बिजली पैदा होती है और धरती पर आ गिरती है।

    बिजली क्यों गिरती है और कैसे गिरती है?

    क्यों गिरती है बिजली : बिजली गिरना असल में स्थैतिक ऊर्जा का निकलना होता है जब धरती और बादलों के बीच विद्युत चार्ज बिगड़ जाता है, आसमान में बहुत बड़ा इलेक्ट्रिक स्पार्क है, मीनार, ऊंचे पेड़, घर या इंसान जब पॉजिटिव चार्ज हो जाते हैं तब उससे पॉजिटिव इलेक्ट्रिसिटी निकलकर ऊपर की ओर जाती है, इसे स्ट्रीमर कहते हैं बादल के ...

    बिजली चमकने पर क्या करना चाहिए?

    बाइक, बिजली या टेलीफोन का खंभा तार की बाड़ और मशीन आदि से दूर रहें। तालाब और जलाशयों से दूर रहें यदि आप पानी के भीतर हैं, अथवा किसी नाव में हैं तो तुरंत बाहर आ जाएं । यदि आकाशीय बिजली चमक रही है और आपके सिर के बाल खड़े हो जाएं व त्वचा में झुनझुनी होने लगे तो फौरन नीचे झुककर कान बंद कर लें।

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