रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा मूल रूप से बांग्ला में रचित जन-गण-मन गीत को 24 जनवरी, 1950 को भारत के राष्ट्रगान के रूप में संविधान सभा द्वारा इसके हिंदी संस्करण में अपनाया गया था। Show राष्ट्र गान - पूर्ण और संक्षिप्त संस्करणउपरोक्त राष्ट्र गान का पूर्ण संस्करण है और इसकी कुल अवधि लगभग 52 सेकंड है। राष्ट्रगान डाउनलोड करें Size-817 KB जन-गण-मन-अधिनायक जय हे राष्ट्र गान की पहली और अंतिम पंक्तियों के साथ एक संक्षिप्त संस्करण भी कुछ विशिष्ट अवसरों पर बजाया जाता है। इसे इस प्रकार पढ़ा जाता है: राष्ट्र गान और राष्ट्र गीत भारत के हर नागरिक को आना चाहिये। दोनो ही बचपने से ही स्कूलों मं सिखाए जाते हैं। स्वतंत्रता दिवस पर झंडा फहराने के बाद राष्ट्रीय गान गाया जाता है। भारत का राष्ट्रगानराष्ट्रगान को रविंद्र नाथ टैगोर ने लिखा था। टैगोर ने बांग्लादेश का राष्ट्रगान (अमार सोनार बांगला) भी लिखा है. राष्ट्रगान के हिंदी संस्करण को संविधान सभा द्वारा 24 जनवरी, 1950 को स्वीकार किया गया. 1911 में ही टैगोर ने राष्ट्रगान के शब्द और संगीत को लयबद्ध कर लिया था.“ जनगणमन-अधिनायक जय हे भारतभाग्यविधाता! पंजाब सिन्ध गुजरात मराठा द्राविड़ उत्कल बंग विन्ध्य हिमाचल यमुना गंगा उच्छलजलधितरंग तव शुभ नामे जागे, तव शुभ आशिष मागे, गाहे तव जयगाथा। जनगणमंगलदायक जय हे भारतभाग्यविधाता! जय हे, जय हे, जय हे, जय जय जय जय हे।। ” भारत का राष्ट्रगीतवंदे मातरम् भारत का राष्ट्रीय गीत है, जिसे राष्ट्रगान के बराबर सम्मान प्राप्त है. इसकी रचना बंकिमचंद्र चटर्जी द्वारा की गयी थी. वन्दे मातरम्। सुजलाम् सुफलाम् मलय़जशीतलाम्, शस्यश्यामलाम् मातरम्। वन्दे मातरम्।। शुभ्रज्योत्स्ना पुलकितयामिनीम्, कोटि-कोटि कण्ठ कल-कल निनाद कराले, तुमि विद्या तुमि धर्म, त्वम् हि दुर्गा दशप्रहरणधारिणी, श्यामलाम् सरलाम् सुस्मिताम् भूषिताम्, To read this in English click here वन्देमातरम् | राष्ट्रीय गीत (काव्य)वन्देमातरम् | राष्ट्रीय गीत (काव्य) रचनाकार:भारत-दर्शन संकलन | Collectionsवंदे मातरम्, वंदे मातरम्! - बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय (चटर्जी)
सनद रहे: 'राष्ट्रीय गीत वन्दे मातरम् ' किस बांग्ला साहित्यकार ने लिखा था? बंकिम चन्द्र चटर्जी ने
आनन्द मठ में
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में
24 जनवरी, 1950 को
[भारत-दर्शन] Back Post Comment Name:Email:Content: Captcha:चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। राष्ट्रगीत हमारा जन्मदिन मनाओ और जना गण मना यह नेशनल एंथम हमारा गाना नहीं है नेशनल एंथम है यह 24 जनवरी 1950 को अपनाया गया था और रविंद्र नाथ टैगोर द्वारा लिखा गया था उसके बाद में है वंदे मातरम लिखा गया था जो कि आनंदमठ के नोबेल से निकाला गया था आनंद मत की किताब से अट्ठारह सौ बयासी मेटरनिटी टू में तो ऐसा हुआ था और इसका इंग्लिश ट्रांसलेशन निकाला था श्री औरोबिंदो ने और सबसे पहले कांग्रेस सेशन में गाया गया था अट्ठारह सौ 8686 rashtrageet hamara janamdin manao aur pariyojna gan mana yah national Anthem hamara gaana nahi hai national Anthem hai yah 24 january 1950 ko apnaya gaya tha aur ravindra nath tagore dwara likha gaya tha uske baad mein hai vande mataram likha gaya tha jo ki anandamath ke nobel se nikaala gaya tha anand mat ki kitab se attharah sau bayasi metaraniti to mein toh aisa hua tha aur iska english translation nikaala tha shri aurobindo ne aur sabse pehle congress session mein gaaya gaya tha attharah sau 8686 राष्ट्रीय गीत के प्रथम गायक कौन थे?मूल गाना बंगाली में लिखा गया था और पूरे गाने में 5 छंद हैं। यह पहली बार 1905 में तत्त्वबोधिनी पत्रिका के एक अंक में प्रकाशित हुआ था। इस गीत को सार्वजनिक रूप से पहली बार 27 दिसंबर, 1911 में कलकत्ता में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सत्र में गाया गया था – और टैगोर ने इसे खुद गाया था।
भारत के राष्ट्रीय गीत को राष्ट्रीय गीत के रूप में कब अपनाया गया?Detailed Solution. सही उत्तर 24 जनवरी 1950 है।
राष्ट्रीय गीत कब और कहाँ गाया गया था?हमारा राष्ट्रीय गीत बकिम चंद्र चटर्जी द्वारा लिखा गया था | यह गीत बकिमचन्द्र चटर्जी के उपन्यास आनंदमठ से लिया गया था तथा इसका प्रकाशन सन् 1882 में हुआ था । यह सर्वप्रथम रबिन्द्र नाथ टैगोर ने सन 1896 को कलकत्ता कॉंग्रेस अधिवेशन (Calcutta congress session) में गाया था ।
राष्ट्रीय गीत पहली बार कहाँ गया गया था?सबसे पहले हम बात करते हैं राष्ट्रगान की
27 दिसंबर 1911 को पहली बार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की कोलकाता (तब कलकत्ता) सभा में गाया गया था. उस समय बंगाल के बाहर के लोग इसे नहीं जानते थे. संविधान सभा ने जन गण मन को भारत के राष्ट्रगान के रूप में 24 जनवरी 1950 को अपनाया.
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