आपने यह व्यंग्य पढ़ा। इसे पढ़कर आपको लेखक की कौन सी बातें आकर्षित करती हैं?
Solution
- प्रेमचंद की वेषभूषा देखकर लेखक उनकी पोशाक पर टिप्पणी करता है पर तुरंत ही अपनी टिप्पणी बदल लेता है।
- समाज में फैली दिखावे की प्रवृत्ति सच्चा चित्रण है।
- समाज में फैली रुढ़ियाँ, कुरीतियाँ व्यक्ति की राह में रोड़ा उत्पन्न करती हैं, इसे दर्शाया गया है।
- लेखक प्रेमचंद के जूते फटे होने के कारणों पर अनेक संभावनाएँ प्रकट करता है।
- कुंभनदास का प्रकरण एकदम सटीक बन पड़ा है।
Concept: गद्य (Prose) (Class 9 A)
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आपने यह व्यंग्य पढ़ा इसे पढ़कर आपको लेखक की कौन सी बातें आकर्षित करती हैं ?`?
मुझे इस व्यंग्य की सबसे आकर्षक बात लगती है -विस्तारण शैली तथा लेखक ने व्यंग्यात्मक शैली में महान साहित्यकार प्रेमचंद का चित्र प्रस्तुत किया है। इस पाठ की शुरुआत प्रेमचंद के फटे जूते से होती है और प्रेमचंद के पूरे व्यक्तित्व को उजागर कर देती है ।
प्रेमचंद के फटे जूते पाठ में लेखक ने आज की किस प्रवृत्ति पर व्यंग्य किया है और क्यों?
समाज की बुराइयों व रूढ़िवादी परम्पराओं को देखकर भी बहुत से विचारवान लोग कुछ नहीं करते, चुप रहकर मूकदर्शक बने रहते हैं। प्रेमचंद जी ने ऐसे लोगों पर व्यंग्य किया है, यह उनका ठोकर मारना था। प्रेमचंद ने समाज की कुरीतियों से जूझने की प्रवृत्ति न होने पर व्यंग्य किया है।
प्रेमचंद के फटे जूते पाठ में प्रेमचंद की कौन सी विशेषताएं बताई गई हैं?
NCERT Solutions for Class 9th: पाठ 6 - प्रेमचंद के फटे जूते क्षितिज भाग-1 हिंदी.
प्रेमचंद गांधी जी की तरह सादा जीवन जीते थे।.
प्रेमचंद के विचार बहुत ही उच्च थे वे सामाजिक बुराइयों से दूर रहे।.
प्रेमचंद एक स्वाभिमानी व्यक्ति थे।.
प्रेमचंद को समझौता करना मंजूर न था।.
वे हर परिस्थिति का डटकर मुकाबला करते थे।.
1 प्रेमचंद का जूता फटने के विषय में लेखक ने क्या क्या आशंकाएं प्रकट की है?
उत्तर: लेखक परसाई द्वारा लिखित पाठ 'प्रेमचंद के फटे जूते' में प्रेमचंद जैसे महान साहित्यकार, जिसे 'युग प्रवर्तक', 'महान कथाकार', 'उपन्यास सम्राट' आदि के रूप में जाना जाता है, की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी न थी। उनकी फटे जुते से अँगुली बाहर निकल आई थी। कुछ ऐसी समान स्थिति लेखक परसाई के जूते की भी थी।