18 मार्च को मुसलमान का कौन सा त्यौहार है? - 18 maarch ko musalamaan ka kaun sa tyauhaar hai?

स्टोरी हाइलाइट्स

  • नमाज का टाइम आधे घंटे बढ़ाने की अपील
  • लोगों से 5 बजे के बाद निकलने की भी अपील

18 मार्च को होली का त्यौहार पड़ रहा है तो उसी दिन शबेबरात भी है, साथ ही साथ उसी दिन जुमे की नमाज भी है. ऐसे में इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया ने शबेबरात,जुमे की नमाज और होली के सिलसिले में एक एडवाइजरी जारी की है. इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया ईदगाह ने लखनऊ में एडवाइजरी जारी करने से पहले उलमा की एक मीटिंग की, जिसमें इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के चेयरमैन मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली मौजूद रहे.

मुस्लिम धर्मगुरु खालिद रशीद ने बताया कि अबकी बार 18 मार्च को शबेबरात, जुमा और उसी दिन होली भी पड़ रही है, लिहाजा मेरी हिंदू और मुस्लिमों से अपील है कि वे एक दूसरे के मजहबी सेंटीमेंट का ख्याल रखते हैं, आप देश की गंगा-जमुनी तहजीब को अम्ल में लाएं और यह ध्यान में रखें कि किसी को भी उस दिन दिक्कत ना हो, लिहाज़ा इस बात को ध्यान में रखते हुए इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया ने एडवाइजरी जारी की है.

मौलाना फिरंगी महली ने कहा कि सभी हजरात से अपील की जाती है कि जुमे के दिन जिन मस्जिद में नमाज का वक्त 12:30 से 1:00 के बीच में है और वह सड़क पर है तो उनसे गुजारिश है कि वहां पर आधे घंटे का टाइम बढ़ा लें और आधे घंटे बाद करें और साथ ही साथ यह भी कोशिश की जाए की जुमे की नमाज अपने मोहल्ले की मस्जिद में ही अदा करें.

मौलाना फिरंगी महली ने कहा कि शबेबरात में जो लोग अपने बुजुर्गों और रिश्तेदारों के ईशाले सवाब के लिए शबेबरात के दिन शाम को कब्रिस्तान में तशरीफ ले जाते हैं, उनसे गुजारिश है कि वह शाम को 5 बजे के बाद ही कब्रिस्तान जाएं ताकि किसी को भी परेशानी और दिक्कतों का सामना ना करना पड़े. सभी आवाम की जिम्मेदारी है कि,वह अमन कायम रखें.

वहीं इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया की तरफ से जारी की गई एडवाइजरी में जिक्र किया गया कि उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने ईदगाह में आकर मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली से मुलाकात की और इत्मीनान दिलाया कि तीनों अवसरों पर उचित शांति व्यवस्था बनाई जाएगी और कोई अनहोनी नहीं होने दी जाएगी.

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मुस्लिम त्यौहार : दुनिया में मुस्लिम समूह, अलग अलग पर्वों को अलग अलग दिवसों में मनाते हैं। हर दिवस का अपना एक महत्व होता है। जैसे दीगर धार्मिक समूह विशेश पर्व दिन मनाते हैं, ठीक उसी तरह मुस्लिम समूह भी अनेक त्यौहार मनाता है। मास के अनुसार देखें तो मुस्लिम त्यौहार इस प्रकार हैं।

अनुक्रम

  • 1 इस्लाम में प्रमुख त्यौहार
  • 2 मुख्य तिथियाँ
  • 3 इन्हें भी देखें
  • 4 बाहरी कडि़याँ

इस्लाम में प्रमुख त्यौहार[संपादित करें]

रमजान महिने के लिए रंगीन दिया

  • इस्लामी नया वर्ष - 1 मुहरम
  • आशूरा 10 मुहरम - मूसा बनी इस्राईल को लेकर फ़िरौन से छुटकारा पाकर "रेड सी" पार करते हैं। और भी; हुसैन इब्न अली और उन के साथी कर्बला के युद्ध में शहीद होते हैं।
  • मीलाद उन-नबी - 12 रबीउल अव्वल - हज़रत मुहम्मद की जन्म तिथी। ध्यान रहे कि इसी तिथी को मुहम्मद साहब का देहांत भी हुआ था।
  • शब-ए-मेराज - 27 रजब - इस को लैलतुल मेराज भी कह्ते हैं। इस्रा और मेराज की रात को हज़रत मुहम्मद स.अ.व. मेराज की यात्रा किये।
  • शब-ए-बारात - इसको लैलतुल बारात भी कहते हैं। यह शाबान मास में आती है।
  • रमज़ान (महीना) - इस महीने में उपवास रखा जाता है, और परम पवित्र माना जाता है।
  • शब-ए-क़द्र या लैलतुल क़द्र - यह रात रमज़ान महीने की २७ तारीख को आती है।
  • जुमातुल विदा - रमज़ान महीने का आखरी जुमा (शुक्रवार)
  • ईद उल-फ़ित्र - यह ईद शव्वाल मास की पह्ली तारीख को मनाई जाती है।
  • ईद-उल-अज़हा या बकरा ईद - ज़ु अल-हज्जा के १० वीं तारीख़ को यह ईद मनाई जाती है।

इन के इलावा योम अल जुमा यानी साधारण शुक्रवार भी "ईद उल मोमिनीन" यानी विश्वासियों का पर्व कह्लाता है।

मुख्य तिथियाँ[संपादित करें]

बादशहा बाबर ईद के त्योहार पर दरबारी लोगोंको शुभकामना देते हुए वर्णीत चित्र

इस्लामी कालदर्शक की कुछ महत्वपूर्ण तिथियाँ हैं:

  • 1 मुहरम (इस्लामी नया वर्ष)
  • 10 मुहरम (आशूरा) मूसा बनी इस्राईल को लेकर फ़िरौन से छुटकारा पाकर "रेड सी" पार करते हैं। और भी; हुसैन इब्न अली और उन के साथी कर्बला के युद्ध में शहीद होते हैं।
  • 12 रबीउल अव्वल -- मीलाद उन-नबी या मीलाद ए नबी
  • 17 रबीउल अव्वल—शिया समूह "इस्ना अशरी" इस दिन ईद ए मीलाद मनाते हैं।
  • 13 रज्जब -- अली इब्न अबी तालिब का जन्म दिन
  • 27 रज्जब -- शब-ए-मेराज या इस्रा और मेराज
  • 22 रज्जब—मुस्लिम के थोडे समूहों में "कुंडों की नियाज़", "सफ़्रे के फ़ातिहा" के नाम पर मन्नतें और उन्के पूरे होने पर फ़ातिहा ख्वानी करते हैं। और यह फ़ातिहा ख्वानी हज़रत इमाम जाफ़र-ए-सादिक़ के नाम से जुडी है।
  • 1 रमज़ान -- उपवास रखने की शुरूआत का पहला दिवस
  • 21 रमज़ान -- अली इब्न अबी तालिब के देहांत का दिन।
  • 27 रमज़ान -- क़ुर'आन के अवतरण का दिन। और लैलतुल क़द्र
  • 1 शव्वाल -- ईद उल-फ़ितर या ईद उल-फ़ित्र
  • 8-10 ज़ु अल-हज्जा -- मक्का तीर्थ यात्रा या हज
  • 10 ज़ु अल-हज्जा -- ईद-उल-अज़हा या बकरा ईद

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

  • जुमा या

जुम्मा (शुक्रवार)

  • दे
  • वा
  • सं

मुस्लिम त्यौहार और पर्व्

दो ईदेंदीगर त्यौहार और पर्व

  • ईद उल-फ़ित्र
  • ईद-उल-अज़हा

  • अरफ़ात दिन
  • आशूरा
  • इस्लामी नव वर्ष
  • अरबईन1
  • मीलाद उन-नबी
  • इमाम मूसा अल काज़िम दिवस1
  • शब-ए-मेराज
  • शब-ए-बारात
  • चाँद रात
  • रमज़ान
  • लैलतुल क़द्र
  • हज
  • ईद अल गदीर1

  • 1 केवल शिया मुस्लिम

  • दे
  • वा
  • सं

धर्म और पौराणिक कथाओं में समय

समय एवं देवत्व शक्ति · अनन्त काल · Eschatology · स्वर्ण युग · पूर्वानुमान · Prophecy · नियति · कालदर्शक

बाहरी कडि़याँ[संपादित करें]

  • ईद
  • रमजान
  • लालातुल कद्र
  • सलाह नमाज अनुगणक

18 मार्च को मुसलमानों का कौन सा त्यौहार है?

होली और शब-ए-बरात एक ही दिन 18 मार्च को पड़ रहे हैं, वहीं ईद और अक्षय तृतीया 3 मई के साथ-साथ मनाए जाएंगे। ईद-मिलाद्दुनबी में हजरत मोहम्मद साहब (सल्ल.)

मुसलमानों का त्योहार कौन सा है?

रमज़ान (महीना) - इस महीने में उपवास रखा जाता है, और परम पवित्र माना जाता है। शब-ए-क़द्र या लैलतुल क़द्र - यह रात रमज़ान महीने की २७ तारीख को आती है। ईद उल-फ़ित्र - यह ईद शव्वाल मास की पह्ली तारीख को मनाई जाती है। ईद-उल-अज़हा या बकरा ईद - ज़ु अल-हज्जा के १० वीं तारीख़ को यह ईद मनाई जाती है।

आज कौन सा त्यौहार है मुस्लिम का 2022?

आज कौन-सा मुस्लिम त्यौहार है 2022, 2023.

मुसलमानों का सबसे बड़ा त्यौहार कौन सा है?

Eid ul-Fitr 2022 Date and Time In India: ईद मुस्लिम समुदाय का सबसे बड़ा त्योहार है. यह त्योहार रमजान के पाक महीने के आखिरी दिन मनाया जाता है. ईद उल-फितर, जिसे मीठी ईद के नाम से भी जाना जाता है, इस्लामिक कैलेंडर के दसवें महीने शव्वाल के पहले दिन मनाया जाता है.

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